इन्ना लिल्लाहि वा इन्ना इलैहि राजिऊन
निहायत ही अफ़सोस और ग़मगीन माहौल में यह इत्तिला दी जाती है कि जनाब हाफ़िज़ नज़ीर साहब के चिराग़, मासूम मिर्ज़ा का इंतिक़ाल 05 सितंबर 2025 दिन जुमा की रात तक़रीबन 8 बजे फरीदाबाद (हरियाणा) में हो गया। मरहूम मूल निवासी गांव बीदपुर, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश थे।
अल्लाह तआला मरहूम की मग़फ़िरत फ़रमाए और अहल-ए-ख़ाना को सब्र-ए-जमील अता करे। आमीन या रब्बुल आलमीन।
शादी के कुछ ही महीने बाद यह बड़ा सदमा
सबसे ज्यादा अफ़सोस की बात यह है कि मरहूम मासूम मिर्ज़ा की शादी अभी 27 मई 2025 को मोहल्ला गुलशन नगर, टायर मार्किट, शामली (उत्तर प्रदेश) में हुई थी। महज़ 24 साल की उम्र में, शादी के सिर्फ़ 4-5 महीने बाद ही यह दर्दनाक हादसा पेश आया। मासूम मिर्ज़ा का अभी कुछ दिन पहले “अपेंडिक्स का आपरेशन हुआ था, बीपी लो होने से इंतकाल हो गया।”
नमाज़-ए-जनाज़ा और दफ़्न
मरहूम अपने पीछे वालिद, वालिदा, 5 भाई – मुन्तज़िर, मुनीर, मोबीन, मोहसिन, मंसूर, आमिर – और पूरा कुनबा व रिश्तेदारों को ग़म में छोड़कर हमेशा के लिए रुख़्सत कर गए।
मरहूम की नमाज़-ए-जनाज़ा आज दिन शनिचर बा तारीख़ 06 सितंबर 2025 को दोपहर एक बजे उनके पैतृक गांव बीदपुर, सहारनपुर में अदा की जाएगी और दफ़्न उसी गांव के कब्रिस्तान में किया जाएगा।
लिहाज़ा तमाम बिरादराना हज़रात से दरख़्वास्त है कि ज़्यादा से ज़्यादा तादाद में शरीक होकर सवाबे दारेन हासिल करें।
एक ज़रूरी ऐलान
अकसर देखा गया है कि इंतिक़ाल की ख़बर अधूरी या देर से पहुंचती है, जिसकी वजह से बहुत से लोग जनाज़े में शामिल नहीं हो पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतिक़ाल की खबर भेजें, तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:
1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और उनकी वल्दियत/शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (मूल और मौजूदा)।
3️⃣ दफ़ीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स के फ़ोन नंबर।
5️⃣ मर्द के इंतिक़ाल पर मरहूम का फ़ोटो।
6️⃣ इंतिक़ाल की वजह (अगर मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम।
👉 इन जानकारियों से ख़बर मुकम्मल होगी और बिरादरी तक सही वक़्त पर पहुँच सकेगी।
ज़्यादा मालूमात के लिए
मरहूम के मामा जनाब इंतज़ार बेग साहब से मोबाइल नंबर 9634349088 पर संपर्क किया जा सकता है।
💐 अल्लाह तआला से दुआ है कि मरहूम की क़ब्र को रोशन करे, उसे जन्नतुल फिरदौस में आला मुक़ाम अता करे और घरवालों को सब्र दे।
आमीन या रब्बुल आलमीन।
✍️ रिपोर्ट – मुल्तानी समाज राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
No comments:
Post a Comment