Wednesday, September 30, 2020

बाबरी विध्वंस को लेकर 28 साल बाद 2300 पन्नों में आया फैसला, सभी 32 आरोपी हुए बरी


28 साल पुराने बाबरी विध्वंस केस में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने अंतिम फैसला सुनाते हुए सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया। सीबीआई कोर्ट के जज सुरेंद्र कुमार यादव ने 2300 पन्नों में इस ऐतिहासिक केस का फैसला लिखा। कोर्ट ने कहा कि बाबरी मस्जिद को साजिश के तहत नहीं गिराया गया था। यह अचानक हुई घटना थी। 06 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था। इस घटना में 49 आरोपी थे। हालांकि 28 साल तक चली सुनवाई के दौरान 17 आरोपियों की मौत हो गई। बाकी बचे 32 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया।

16 सितंबर को सुनवाई पूरी कर लेने के बाद सीबीआई कोर्ट के जज सुरेंद्र कुमार यादव ने अंतिम फैसले के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की थी। उन्होंने सभी 32 आरोपियों को कोर्ट में मौजूद रहने के लिए कहा था। हालांकि 6 लोग स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कोर्ट में पेश नहीं हुए और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट की कार्यवाही से जुड़े। कोर्ट नहीं पहुंचने वालों में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, सतीश प्रधान और नृत्य गोपाल दास शामिल थे।_

इन 32 लोगों पर थे आरोप

बाबरी विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुधीर कक्कड़, सतीश प्रधान, राम चंद्र खत्री, संतोष दुबे, ओम प्रकाश पांडे, कल्याण सिंह, उमा भारती, राम विलास वेदांती, विनय कटियार, प्रकाश शारना, गांधी यादव, जय भान सिंह, लल्लू सिंह, कमलेश त्रिपाठी, बृजभूषण सिंह, रामजी गुप्ता, महंत नृत्य गोपाल दास, चंपत राय, साक्षी महाराज, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, धर्मदास, जय भगवान गोयल, अमरनाथ गोयल, साध्वी ऋतंभरा, पवन पांडे, विजय बहादुर सिंह, आरएम श्रीवास्तव और धर्मेंद्र सिंह गुर्जर आरोपी थे, जिन्हें सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को बरी कर दिया।

सुनवाई के दौरान 17 आरोपियों की हो गई मौत

बाबरी विध्वंस केस के 17 आरोपियों की सुनवाई के दौरान ही मौत हो चुकी है. इनमें अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, मोरेश्वर सावें, महंत अवैद्यनाथ, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज, बैकुंठ लाल शर्मा, परमहंस रामचंद्र दास, डॉ सतीश नागर, बालासाहेब ठाकरे, तत्कालीन एसएसपी डीबी राय, रमेश प्रताप सिंह, महात्यागी हरगोविंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास, राम नारायण दास और विनोद कुमार बंसल शामिल हैं।

कोर्ट ने अपने फैसले में क्या-क्या कहा

फैसला सुनाते वक्त सीबीआई की विशेष अदालत के जज ने कहा कि बाबरी विध्वंस की घटना कोई पूर्व नियोजित नहीं थी। मस्जिद को ढहाए जाने की घटना आकस्मिक थी।

कोर्ट ने अखबारों को साक्ष्य नहीं माना है।  कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी।

कोर्ट ने कहा कि हम सिर्फ तस्वीरों के आधार पर ही किसी को दोषी नहीं बना सकते हैं। इस मामले में जिन्हें आरोपी बनाया गया, उन्होंने बाबरी के ढांचे को बचाने की कोशिश की।

कोर्ट ने कहा कि 12 बजे विवादित ढांचा के पीछे से पथराव शुरू हुआ। अशोक सिंघल ढांचे को सुरक्षित रखना चाहते थे, क्योंकि ढांचे में मूर्तियां थीं। कारसेवकों के दोनों हाथ व्यस्त रखने के लिए जल और फूल लाने को कहा गया था।

विशेष सीबीआई जज सुरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना में साजिश के प्रबल साक्ष्य नहीं हैं।

कोर्ट ने कहा कि वीडियो कैसेट के सीन भी स्पष्ट नहीं, कैसेट्स को सील नहीं किया गया और फोटोज की निगेटिव नहीं पेश की गई।

Monday, September 28, 2020

गलती कहाँ है?


अगर पानी का नल चालू हो और उसके नीचे कितना भी बड़ा बर्तन रखा हो वो कभी न कभी जरूर भर जाता है और अगर नहीं भरता तो समझ लीजिए कि बर्तन में छेद हो गया है जो बर्तन को भरने नहीं दे रहा, उसके लिए दो तारिके हैं या तो बर्तन बदल दो या छेद भर दो।


अगर आप गौर करेंगे तो इस्लामी कानून के हिसाब से हर साल हजारों करोड़ रुपए गरीबों के लिए सदका ज़कात के नाम पर निकलता है।


सवाल ये पैदा होता है कि हर साल हजारों करोड़ रुपए अगर गरीबों के लिए जा रहा है तो फिर मुसलमानों के अंदर से गरीबी खत्म क्यों नहीं हो रही आज भी सबसे ज्यादा भिखारी इसी कौम  से आते हैं।


और अगर ये पैसा दीनी तालीम पर खर्च हो रहा है तो लगभग 95% मुसलमानों को दीनी तालीम में काबिल हो जाना चाहिए था, जबकि हकीकत ये है कि दीनी तालीम तो छोड़ो 90% मुसलमानों को कुरान शरीफ पढ़ना भी नहीं आता तो आखिर ये पैसा जाता कहां है?


आखिर छेद कहां पर है कि न ही गरीबी खत्म हो रही है और न ही जहालियत ।

जब तक इस छेद को ढूंढ कर इसे बंद नहीं किया जाएगा तब तक कौम के हालात नहीं सम्भलेंगे........गौर ज़रूर करना ....क्यूंकी बिना गौर किये हुये हमारे हालात नहीं बदलने वाले, और ना ही किसी भी तरह से हमारी नई नसलें सुधरने वाली, इसके लिए हमे अपने दीन और ईमान पर मेहनत करना पड़ेगी ......


# KadvaSach 👏🏼👏🏼👏🏼...

अजमेर :अफ़वाहों पर लगा अंकुश नहीं लगेगा लॉकडाउन


 

अजमेर: राजस्थान 28/9/2020

 अजमेर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने शहर में चल रही अफवाह पर अंकुश लगाते हुए लॉकडाउन नहीं लगाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि मास्क लगाना ही फिलहाल सभी के लिए अनिवार्य होगा. उन्होंने कहा कि लॉक डाउन लगाने के चलते अफरा-तफरी का माहौल बनता है.


ऐसे में खतरा और बढ़ने का अंदेशा है, जिसके चलते फिलहाल ऐसी अफवाहों पर ध्यान ना दिया जाए. इसके साथ ही अजमेर जिला कलेक्टर राजपुरोहित ने बताया कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर लगातार अंकुश लगाया जा रहा है और इसमें आम जनता की भागीदारी जरूरी है. तीन चीजें सभी को फॉलो करनी होगी. मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजिंग. 



इन सभी व्यवस्थाओं से ही कोविड-19 को हराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जिले में फिलहाल लॉकडाउन जैसी कोई व्यवस्था लागू नहीं की जाएगी, लेकिन धारा 144 और कोविड-19 की पालना सख़्ती से की जाएगी. लॉक डाउन के कारण बाजारों व अन्य स्थानों पर व्यवस्थाएं खराब  हो सकती है. ऐसे में आम जनता को कोविड-19 की गाइडलाइन पालना करनी होगी.

Wednesday, September 23, 2020

हज़रत बहाउद्दीन ज़करिया मुल्तानी रहमतुल्लाह अलैहि की नियाज़ हुई,

नागौर, राजस्थान, 24/9/2020 
हज़रत बहाउद्दीन ज़करिया मुल्तानी रेहमतुल्लाह अलैहि की नियाज़ लगाई गई 
हर साल 6 सफरुलमुज़फ्फर को लगाई जाती है नियाज़

जिस की शुरुआत घड़याल बजा कर की जाती है जो की क़दीम ज़माने से चली आरही है व यह एक ही खानदान बजाता आरहा है वही बजा सकता है दूसरा कोई भी बिना इजाज़त नहीं बजा सकता है


 यह नियाज़ बड़े पैमाने पर हर साल लगाई जाती है जिस में मुल्तानियों के अलावा नागौर व दूर दराज़ से लोग शरीक होते हैं, इस साल कोरोना महामारी की वजह से सिर्फ मुल्तानी ही शरीक हुए,


इस नियाज़ में नमकीन दलिया व हलुआ बनाया जाता है, अभी महामारी की वजह से सिर्फ हलुआ पर ही नियाज़ दीगई



*عمدہ فٹنس قائم، موٹاپا دور, تندرستی بھرپور بنانے والی مفت پانچ روزہ ورزشوں کی ورکشاپ لامحدود کامیابیوں کے ساتھ مکمل، مختلف شہروں کے بیشمار لوگ فیضیاب*


کیرانہ شاملی، یوگا مشقوں اور دیگر ورزشوں کے ذریعہ تندرستی کی گراوٹ میں ریلیف اور راحت فراہم کرانے والی *"ڈربک یوگا ایکسرسائز اینڈ اسپورٹس اکیڈمی کیرانہ"*  نے عیدگاہ کیرانہ سے صحت کو فروغ دینے کا فن سکھانے، تندرستی، چاق و چوبندی بڑھانے اور کورونا کو شکست دینے کی صلاحیت پیدا کرانے والی *"فٹنیس ورزشوں اور یوگا مشقوں"* کی مفت آنلائن اور آفلائن پانچ روزہ ورکشاپ لامحدود کامیابیوں کے ساتھ منعقد کی۔ اس ورکشاپ میں مقامی لوگوں کے

علاوہ ہندوستان بھر کے دور دراز کے علاقوں کے بے شمار لوگوں نے بھارت اسکاؤٹ گائیڈ کے تعاون سے آن لائن شرکت کی۔ ورکشاپ کی رہنمائی حکومت ہند کے سابق ٹریننگ کمشنر ، سرکاری یوگا کی کتابوں کے مصنف اور بین الاقوامی یوگاچاریہ، فٹنیس ورزشوں اور ڈربک یوگا مشقوں کے ماہر حکیم (ڈاکٹر) بدر الاسلام کیرانوی نے کی۔



   مذکورہ آنلائن اور آفلائن ورکشاپ کا کارنامہ* یہ ہے کہ شرکاء نے ہماری سلامتی کے ضامن اعضاء رئیسہ کے ساتھ ساتھ پیٹ کی گہرائیوں میں واقع رگوں، چھوٹے بڑے پٹھوں، معدہ، جگر، تلی، گردے، چھوتی بڑی آنتوں وغیرہ کی کار کردگی میں بہترین اضافہ اور ان اعضاء کو انتہائی مضبوط، نرم ملائم اور لچیلا  بنائے رکھنے والی خصوصی سائںٹفک اور پاکیزہ ورزشیں آسانی اور دلچسپی سے سیکھ لیں۔



   اس ورکشاپ میں مفت سکھائی گئیں ورزشوں کی ایک خوبی یہ بھی ہے کہ یہ پیٹ کی گہرائوں میں واقع اعضاء کی لطیف مالش کر وہاں جمے ہوئے ، پھنسے ہوئے زہریلے, غیرمفید اور غیرضروری مادوں، رکاوٹوں، چکنائیوں, چربی اور موٹاپے کی وجوہات سے نجات دلا کر پیٹ کو امراض سے مامون رکھنے والی ہیں۔



     ورکشاپ میں مفت سکھائی گئیں عمدہ ورزشیں وہ ہی ہیں جنہیں اکثر لوگ آج بھی غیرمفید، ناقابل عمل اور مشکل سمجھ کر چھوڈے ہوئے ہیں جبکہ دور حاظر کے تناظر میں یہ ورزشیں انتہائی مفید اور اپنے مقاصد میں کامیاب ہیں۔ یہ ورزشیں تندرستی کی تنزلی اورگراوٹ کو روکنے، ذہنی دباؤ سے بچانے، کرونا کے قہر سے پریشان دنیا جہاں


کے لوگوں کا حقیقی احساس فٹنس بڑھا کر اور سکوں دلا کر انہیں ذہنی اور جسمانی طور پر کرونا سے مقابلہ کر پانے کے لئے تیار کرنے، تندرستی کو عروج دلا کر دیرپا جوان رکھنے میں تسلیم شدہ ہیں  اور اس طرح اس ورکشاپ نے ان طبی ورزشوں کے ہنرکو فروغ دینے کی سمت میں ایک نیا ریکارڈ قائم کیا. 



     علاقائی شرکاء میں ماسٹر سلیم الدین, حاجی ندیم, محمد فہیم, محمد نعیم, عظیم, اسد بھائی, انس بھائی, ظفر الاسلام, عیان, انظر اور پروگرام کے روح رواں ماسٹر ضیاء الاسلام وغیرہ کے نام قابل ذکر ہیں. غیر علاقائی  آنلائن شرکاء میں آکاش بھارتی, ببلوگوسوامی, آلوک رنجن, ہرشارانی, ہارون ملک, نندنی داس, نیہا پاسوان اور شبھم سنگھ وغیرہ کے نام قابل ذکر ہیں.

Wednesday, September 16, 2020

*40 लोगों को लेकर जा रही नाव चंबल नदी में पलटी, अब तक 6 शव बरामद*


*40 लोगों को लेकर जा रही नाव चंबल नदी में पलटी, अब तक 6 शव बरामद*




राजस्थान के कोटा जिले में करीब तीन दर्जन से ज्यादा लोगों से भरी नाव के चंबल में डूब जाने से बड़ा हादसा हो गया है. नाव में करीब 40 लोग सवार बताये जा रहे हैं. हादसे की सूचना पर मौके पर पहुंचे बचाव दल ने 20 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. वहीं 6 लोगों के शव बरामद हुए हैं. बाकी लोग अभी लापता बताये जा रहे हैं. हादसे क गंभीरता को देखते हुये पूरा पुलिस और जिला प्रशासन मौके पर मौजूद है. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.




*लोग नाव से कमलेश्वर धाम दर्शन के लिए जा रहे थे*


जानकारी के अनुसार हादसा खातौली इलाके में बुधवार को सुबह-सुबह गोठड़ा कला गांव के पास हुआ. हादसे के शिकार हुये ग्रामीण नाव से कमलेश्वर धाम दर्शन के लिए जा रहे थे. इसी दौरान अचानक नाव पलट गई और सभी लोग नदी के पानी में बह गये. हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में प्रशासन पुलिस और राहत बचाव दल के साथ मौके पर पहंचा और पानी में डूबे लोगों की तलाश के लिये रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया.


Wednesday, September 9, 2020

पैदायशी इंजीनियरो की संस्था मुलतानी समाज चैरिटबल ट्रस्ट ( रजि0 ) संस्था अति आधुनिक माध्यमों का इस्तेमाल करके बिरादरी की देश की पहली " डिजिटल डारेक्टरी " की लॉन्चिंग में जुटी

 


पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम लौहार, बढई, मुगल मिर्ज़ा व मुलतानी बिरादरी की देश की सबसे बड़ी संस्था " मुलतानी समाज चैरिटबल ट्रस्ट ( रजि0 )" द्वारा लॉक डाउन की अवधि में अपनी बिरादरी को सभी डिजिटल सेवाएं प्रदान कराने वाली मुस्लिम लौहार, बढई बिरादरी की 

अग्रणी संस्थाओ में स्थान प्राप्त किया है। संस्था द्वारा जहां बिरादरी के शादी लायक लड़के लड़कियों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से



 रिश्तों को सरल बनाया गया है। वही प्रतिभाशाली शख्शियतों को रास्ट्रीय व गौरव अवार्ड व सम्मान - पत्र देने की शुरुआत भी इसी संस्था द्वारा की गई यह आवर्ड उन शख्सियतो को दिये जा रहे है।   जिन्होंने बिरादरी का मान -सम्मान समाज सहित जिले व प्रदेश सहित देश -विदेश में नाम 

रोशन किया हो । इसके अलावा संस्था द्वारा पूरे भारत में बिरादरी का सर्वे भी ऑनलाइन शुरू करके एक अनोखी पहल की गई है। मुलतानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट ( रजि0 ) संस्था द्वारा लगभग 1200 कोरोना योद्धाओ को सम्मान-पत्र बांटे व हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में सर्वोच्च अंक प्राप्त 

करने वाले लगभग 400 छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र दिए गए । ये सब सम्मान सोशल साइट्स व भारतीय पंजीकृत डाक के माध्यम के माध्यम से घर -घर पहुँचाने का कार्य किया गया । ट्रस्ट के चैयरमेन मुलतानी 

ज़मीर आलम ने बताया ने बताया कि देश में मुस्लिम लौहार, बढईयो की बिरादरी की आजादी से लेकर आज तक किसी भी तंजीम द्वारा डिजिटल इंडिया की और कदम नही बढ़ाया , इसलिये मुस्लिम लौहार, बिरादरी की

कोई भी संस्था डिजिटल नही हो पायी , जबकि मुलतानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट ( रजि0 ) अति आधुनिक माध्यमों का इस्तेमाल करके बिरादरी की देश की पहली " डिजिटल डायरेक्टरी " की लांचिंग की तैयारी में जुटी हुई है। अति आधुनिक तकनीकों से तैयार हो रही " डिजिटल डायरेक्टरी " की शुरुवात दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाज़ियाबाद , फ़रीदाबाद व गुरुग्राम की बिरादरी की जानकारी से होगी। ट्रस्ट के चैयरमेन मुलतानी ज़मीर 

आलम ने ट्रस्ट के उपाध्यक्ष पद पर हाजी मो0 इकबाल काज़ी ( राजस्थान ) सहित 8 राज्यों में मुस्लिम लौहार, बढई बिरादरी के अध्यक्षों का चुनाव भी वर्चुअल मीटिंग करके मनोनीत किये है। जिनमें दिल्ली से हाजी सग़ीर हसन मुलतानी, उत्तर-प्रदेश से अली हसन मुलतानी, उत्तराखंड से मो0
इरफान मुलतानी, हरियाणा से महबूब खान मुलतानी, पंजाब से मो0 अंसार अहमद मुलतानी, राजस्थान से मो0 रफ़ीक मुलतानी व 


मध्य-प्रदेश से सत्तार बोस मुलतानी, एवं गुजरात से मो0 असलम मुलतानी, को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौपी है।संस्था द्वारा समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने व आपसी सौहार्द बनाये रखने के साथ-साथ संस्था द्वारा सम्पूर्ण भारत में बिरादरी में " एकजुटता बढ़ाओ अभियान " की शुरुआत भी की है।

#ताबूते सकीना # क्या है, क़ुरआन व हदीस की रौशनी में,

 


#ताबूते_सकीना_क्या_है??


यह शमशाद की लकड़ी का एक सन्दूक था, जो #हज़रत_आदम عليه السلام पर नाज़िल हुआ था, यह आपकी आख़री ज़िन्दगी तक आपके ही के पास रहा, यहाँ तक कि यह #हज़रत_याकूब عليه السلام को मिला और आप के बाद आपकी औलादे बनी इस्राईल के क़ब्ज़े में रहा और #हज़रत_मूसा عليه السلام को मिल गया तो आप उस में तौरात शरीफ और अपना ख़ास-ख़ास सामान रखने लगे।


#ताबूते_सकीना_में_अन्दर_क्या_था?? 


इस मुक़द्दस सन्दूक में #हज़रते_मूसा عليه السلام का अ़सा और इनकी मुक़द्दस जूतियां और #हज़रत_हारून عليه السلام का इमामा, #हज़रत_सुलेमान عليه السلام की अंगूठी, तौरात की तख्तियां के चन्द टुकड़े, कुछ मन्न व सलवा, इसके अलावा हज़राते अम्बियाए किराम عليهم السلام की सूरतों के हुलिए वगैरह सब सामान थे।


यह बड़ा ही मुक़द्दस और बाबरकत सन्दूक था, बनी इस्राईल जब कुफ़्फ़ार से जिहाद करते थे और कुफ़्फ़ार के लश्करों की कसरत और उनकी शौकत देखकर सहम जाते और उनके सीनों में दिल धड़कने लगते तो वह इस सन्दूक को अपने आगे रख लेते थे तो इस सन्दूक से ऐसी रहमतों और बरकतों का ज़ुहर होता था कि मुजाहिदीन के दिलों में सुकून व इत्मिनान पैदा हो जाता था और मुजाहिदीन के सीनों में लरज़ते हुए दिल पत्थर की चट्टानों से ज़्यादा मज़बूत हो जाते थे और जिस कदर सन्दूक आगे बढ़ता था आसमान से ﻧَﺼْﺮٌ ﻣِّﻦ ﺍﻟﻠَّﻪِ ﻭَﻓَﺘْﺢٌ ﻗَﺮِﻳﺐٌ की बिशारते उज़मा नाज़िल हुआ करती और फ़तहे मुबीन हासिल हो जाया करती थी।


बनी इस्राईल में जब कोई इख़्तिलाफ़ पैदा होता था तो लोग इसी सन्दूक से फैसला कराते थे, सन्दूक से फैसले की आवाज़ और फ़तह की बिशारत सुनी जाती थी, बनी इस्राईल इस सन्दूक को अपने आगे रखकर और इसको वसीला बनाकर दुआएँ मानते थे तो इसकी दुआएँ मक़बूल होती थी और बलाओं, मुसीबतों और वबाओ कि आफ़ते टल जाया करती थी, अलगर्ज़ यह सन्दूक बनी इस्राईल के लिए ताबूते सकीना, बरक़त व रहमत का ख़ज़ाना और नुसरते खुदावन्दी के नुज़ूल का निहायत मुक़द्दस और बेहतरीन ज़रिया था, मगर जब बनी इस्राईल तरह-तरह के गुनाहों में मुलव्विस हो गए और इस लोगो में मुआशी व तुगयानी और सरकशी व गुनाहों का दौर दौरा हो गया तो इनकी बदआमालीयो की नहूसत से इन पर #अल्लाह का यह ग़ज़ब नाज़िल हुआ कि क़ौमें अमालका के कुफ़्फ़ार ने एक लश्कर के साथ इन लोगो पर हमला कर दिया, उन काफ़िरो ने बनी इस्राईल का क़त्लेआम करके इनकी बस्तियों को तबाहो-बर्बाद कर डाला, इमारतों को तोड़ फोड़ कर सारे शहर को तहस नहस कर डाला और इस मुबारक सन्दूक को भी उठा कर ले गए, इस मुक़द्दस सन्दूक को नजासतो के कूड़े खाने में फेंक दिया, लेकिन उस बेअदबी का क़ौमें अमालका पर यह बवाल आया कि यह लोग तरह तरह की बीमारियों और बलाओं के हुजूम में झोंक दीए गए, चुनाँचे क़ौमें अमालका के पाँच शहर बिल्कुल बर्बाद और वीरान हो गए, यहाँ तक कि उन काफ़िरो को यक़ीन हो गया कि यह मुक़द्दस सन्दूक की बेअदबी का अज़ाब हम पर पड़ गया है, तो उन काफ़िरो की आँखे खुल गई और उन लोगो ने इस मुक़द्दस सन्दूक को एक बैलगाड़ी पर लादकर बेलों को बनी इस्राईल की बस्तियों की तरफ हांक दिया।


फिर #अल्लाह_तआला ने चार फरिश्तों को मुक़र्रर फ़रमा दिया जो इस मुबारक सन्दूक को बनी इस्राईल के नबी #हज़रत_शमवील عليه السلام की ख़िदमत में लाए, इस तरह फिर बनी इस्राईल को खोई हुई नेअमत दोबारा इनको मिल गई और यह सन्दूक ठीक उस वक़्त #हज़रते_शमवील عليه السلام के पास आया जबकि #हज़रते_शमवील عليه السلام ने तालूत को बादशाह बना दिया था और बनी इस्राईल तालूत की बादशाही तस्लीम करने पर तैय्यार नही थे और यह शर्त ठहरी थी कि मुक़द्दस सन्दूक आ जाए तो हम तालूत की बादशाही तस्लीम कर लेंगे, चुनाँचे सन्दूक आ गया और बनी इस्राईल तालूत की बादशाही पर राज़ी हो गए।


(तफ़्सीर रूह-उल-बयान, ज़िल्द 1, सफ़ा 386)


क़ुरआन मजीद में #अल्लाह_रब्बुल_इज़्ज़त ने सूरह बक़रह में इस सन्दूक का तज़किरा फरमाते हुए इरशाद फ़रमाया:-


وَ قَالَ لَهُمْ نَبِیُّهُمْ اِنَّ اٰیَةَ مُلْكِهٖۤ اَنْ یَّاْتِیَكُمُ التَّابُوْتُ فِیْهِ سَكِیْنَةٌ مِّنْ رَّبِّكُمْ وَ بَقِیَّةٌ مِّمَّا تَرَكَ اٰلُ مُوْسٰى وَ اٰلُ هٰرُوْنَ تَحْمِلُهُ الْمَلٰٓىٕكَةُؕ-اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً لَّكُمْ اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِیْنَ۠


तर्जुमा:- "और इनसे इनके नबी ने फरमाया: इसकी बादशाही की निशानी यह है कि तुम्हारे पास वो ताबूत आ जाएगा जिसमे तुम्हारे रब की तरफ से दिलों का चैन है और मुअज़्ज़ज़ मूसा और हारून की छोड़ी हुई चीज़ों का बकिया है, फ़रिश्ते इसे उठाए हुए होंगे, बेशक़ इसमें तुम्हारे लिए बड़ी निशानी है अगर तुम ईमान वाले हो।


(#सूरह_बक़रह, आयत 248)

Tuesday, September 8, 2020

बिरादरी का एक और चिराग बुझा जवान लड़के की मौत से घर में कोहराम मचा


दिलशाद उर्फ़ दिल्लू वल्द मरहूम नसीर मिर्ज़ा उमरपुर वाले हाल निवासी गाँव तावली ब्लॉक शाहपुर, तहसील बुढ़ाना जिला मुजफ्फरनगर का आज बा-तारीख 08/09/20 को दोपहर 3 बजे आंनद हॉस्पिटल मेरठ में इंतेक़ाल हो गया उनकी उम्र लगभग 30-32 साल की थी और अभी शादी नही हुई थी। 

मिली जानकारी के अनुसार दिलशाद मिर्ज़ा उर्फ दिल्लू को एक हफ़्ता पहले पेशाब की शिकायत हुई तो इनको मुजफ्फरनगर के मशहूर चिकित्सक राजवंशी के यहां दिखाया गया। डॉ0 राजवंशी ने इनके गुर्दों में पथरी बतायी और ईलाज शुरू कर दिया। लेकिन कोई आराम न होने पर इनको आनंद हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया लेकिन फिर भी आराम नही हुआ तो इनको परिवार वाले बेगराज पुर मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती कराया लेकिन फिर भी आराम न लगा और प्रॉब्लम बढ़ती चली गयी तो इनको फिर से मेरठ ले जाना पड़ा जहाँ आज इन्होंने दम तोड़ दिया 05 भाई नसीम, ज़ाकिर, शाक़िर, नोशाद, इरशाद और 02 बहने रुकसाना व गुल्लो में सबसे छोटे दिलशाद उर्फ दिल्लू के इंतेकाल से घर में कोहराम मचा हुआ है। समाचार लिखे जाने तक मय्यत घर पर नही पहुँची थी। इसलिये इनको सपुर्द-ए-खाक का टाइम मुक़र्रर नही किया गया है। इनकी बारे में पूरी मालूमात करने के लिये आसिफ़ मिर्ज़ा के मोबाइल न0- 9997275787 पर राब्ता क़ायम किया जा सकता है। अल्लाह इनकी  मगफिरत फरमाये और घर वालो  को सब्र अता फरमाये आमीन । मुलतानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट ( रजि0 ) का हर पदाधिकारी और सदस्य गमज़दा हैं।

Sunday, September 6, 2020

फ़ारुख मिर्ज़ा की अहलिया का इंतेकाल


बेइंतहा गम के साथ लिखना पड़ रहा है कि फ़ारुख मिर्ज़ा वल्द जनाब महमूद मिर्ज़ा  मुज़ाहिदपुर वाले हाल निवासी मोहल्ला लद्दावाला मुजफ्फरनगर ( उत्तर-प्रदेश ) की अहलिया खुर्शीदा बेगम उम्र लगभग 50 साल का आज बा-तारीख 06 सितंबर 20 को लगभग 10.30 रात में इंतेकाल हो गया है। यह कई सालों से टीबी की मरीज़ थी। और 5 दिनों से आईसीयू में भर्ती थी। आज हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने इनको मेरठ के लिये रेफर कर दिया मेरठ जाते वक्त रास्ते में ही इन्होंने दम तोड़ दिया। इनके शौहर मिर्ज़ा फ़ारुख काफी अर्से से सऊदी अरब में रह रहे हैं। लेकिन पूरी दुनिया में फैली बबा के चलते वो अपने वतन लौट आये थे। मरहूम अपने पीछे अपने शौहर सहित 4 बेटे क्रमशः मोंटू, जीशान,शोएब, फैसल सहित 3 बेटियां समरजहाँ, नर्गिस, शाहीन सहित परिवार वालो को बिलखता छोड़कर इस दुनिया से हमेशा हमेशा के लिये विदा हो गयी है। इनका मायका क़स्बा सरधना जिला मेरठ का था। इनके वालिद मरहूम यामीन साहब चांदने वालो के नाम से मशहूर थे। इनके 3 भाई ज़नाब ज़मीर साहब,ज़नाब करीमू , ज़नाब इरशाद साहब है। इनका दफीना बा-तारीख 07 सितंबर 20 ( आज ) 10-11 बजे किया जाना है। जिन सहाब को जनाज़े की नमाज़ में शामिल होना हो वें साहब मिर्ज़ा शहज़ाद के मोबाइल न0 74549-55900 पर कॉल करके मालूमात कर ले। अल्लाह इनकी मगफिरत फरमाये आमीन ।

नीमच *कर्बला में युवक की डुबने से युवक की मौत


  नीमच *कर्बला में युवक की डुबने से युवक की मौत, पुलिस जुटी जांच में, गोताखोर की मदद से बालक को ढूंढने का काम शुरू*


  

नीमच बघाना थाना क्षैत्र के झांझरवाडा स्थित कर्बला से बड़ी खबर आ रही है जहां एक युवक की डुबने से मौत हो गई है,



Saturday, September 5, 2020

अजमेर से बड़ी खबर, दरगाह शरीफ 7सितम्बर से ज़ायरीन के लिए खुलेगी, प्रशासन ने जारी की गाइड लाइन

अजमेर (राजस्थान)दरगाह शरीफ  हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती 7सितम्बर से आम ज़ायरीन के लिए खोली जारही है,

 : दरगाह शरीफ खोलने को लेकर कलेक्टरेट पर मिटिंग हुई जिस में दी गई गाइड लाइन के अनुसार ही प्रवेश दिया जाएगा

: चेहरे पर मास्क लगा होना ज़रूरी है बिना मास्क के प्रवेश नहीं दिया जायगा

: गेट पर ही सेनिटाइज़ किया जाएगा

: सोशल डिस्टेंसिंग के साथ होंगी सभी रस्में अदा

: 60साल से ज़्यादा उम्र के बुज़ुर्ग व 10साल से कम उम्र के बच्चों को लाने से परहेज़ करें 

Friday, September 4, 2020

मुलतानी बिरादरी के ही एक अध्यापक शिक्षको की समस्याओ के लिये संघर्ष करते हुए दुखियो की भी सेवा कर रहे है राज्यपाल पुरुस्कार प्राप्त हारुन अली मनव्वर


बडौत।सन 2015 मे 25 वर्षो के कार्यकाल मे उल्लेखनीय सेवा के शिक्षा क्षेत्र,समाज सेवा मे योगदान के लिये राज्यपाल पुरुस्कार प्राप्त शिक्षक हारुन अली मनव्वर जो दस वर्षो से प्रधानाध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय बडका है। प्रदेश के ज्वलन्त समस्याओ को लेकर उल्लेखनीय समाज सेवा भी कर रहे है।

सन 1966 मे मलकपुर गांव मे गरीब परिवार मे जन्मे हारुन अली मनव्वर गरीब परिवार मे जन्म लिया। पिता श्री यामिन मिस्त्री का कार्य करते थे।उन्होने जेसे तेसे उनकी शिक्षा गांव की प्राईमरी पाठशाला मे पूरी की और उन्होने कक्षा 5 मे ब्लॉक मे प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिसमे उनके गुरु मामचंद,तेजपाल,इल्मचंद शर्मा ने पुर सहयोग दिया।इसके पश्चात दसवी तक की शिक्षा हीरोज कॉलेज व इंटर की शिक्षा जनता वेदिक कॉलेज बडौत से की,सन 1985 मे बी,एस,सी प्रथम वर्ष मे जनता वेदिक कॉलेज बडौत मे प्रवेश लिया और छात्र राजनीति शुरु की और एन,सी,यू,आई,मेरठ के जिला उपाध्यक्ष बने,बाद मे तहसील एन,एस,यू,आई के बागपत अध्यक्ष बने और अनेक छात्र आंदोलनो मे हिस्सा लिया सन 1986 मे डा,अजय त्यागी युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने उन्हे मेरठ जनपद का जिला उपाध्यक्ष मनोनीत किया।सन 1986 मे ही उन्होने दैनिक हमारा युग अखबार से पत्रकारिता मे प्रवेश किया और तहसील बडौत के प्रभारी बने और उपजा जिला मेरठ के उपमन्त्री बने बाद मे दैनिक जागरण अखबार मे बडौत के संवाददाता बने परंतु सन 1989 मे जूनियर हाईस्कूल  जिवाना मे उर्दू अध्यापक बने उस समय स्कूल छात्र संख्या सौ थी।परंतु उन्होने वहा पांच साल तक कार्य किया और बच्चो की संख्या तीन सौ के पहुचा दी।दलित व अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चो का विधालय मे प्रवेश कराया और उर्दू शिक्षण के साथ कला शिक्षण मे बच्चो को  अच्छी शिक्षा दी और जिस जगह रहे अधिकारियो व जनप्रतिनिधियों को बच्चो के कार्यक्रम मे बुलाकर बच्चो का उत्साह वर्धन किया।छपरोली मे छात्रो को सन्चायिका के क्षेत्र मे जागरुक किया और  छात्रो के सन्चायिका विवरण मे बेसिक शिक्षा सचिव उत्तर प्रदेश रूबी सिंह सरोजनी अग्रवाल को बुलाया। सन 2015 मे उन्हे शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए राज्यपाल पुरुस्कार द्वारा सम्मानित किया गया।उन्हे अधिकारियो द्वारा जिला व प्रदेश स्तर पर कई बार सम्मानित किया गया। इसके अलावा वह समाजिक संस्था पब्लिक चैरिटेबल फंड के सचिव रह्ते हुए उन्होने सभी वर्गो की विधवाओ, गरीब बच्चो की फीस,हर सर्दी मे रजाई, कम्बल वगेरह का विवरण किया कई गरीब कन्याओ की शादी मे मदद की,उनका अधिकारियो द्वारा समाज की ज्वलन्त समस्याओ पर सहयोग लिया गया,जब मुस्लिम समाज मे प्लस पोलियो का विरोध हो रहा था।जिलाधिकारी कामनी चौहान रतन द्वारा उन्हे जिला टास्क फोर्स समिति का सदस्य बनाया गया और मुस्लिम समाज के उन क्षेत्रो मे भेजा गया जहा प्लस पोलियो ड्रोप्स का विरोध हो रहा था उम्होने अप्ने बच्चो को साथ ले जाकर पोलियो ड्रोप्स पिलवाई और जिलाधिकारियो के कार्यक्रम स्वंय के खर्च उठा कर मुस्लिम बाहुल्य इलाके मे कराये।मनव्वर जिला स्काऊट गाईड कार्यक्रम आयोजित कराये,वह क्रिकेट के शानदार तेज गेंदबाज रहे  और विश्विद्यालय स्तर के क्रिकेट खिलाडी रहे वह अब  भी अप्ने विधालय बडका मे छात्रो को क्रिकेट खिलाते है, और स्वंय उनका खेल समान व प्रतियोगीता मे आने जाने का खर्च उठते है एक बार उन्के विधालय की टीम मंडल स्तर व दो बार जिला स्तर पर विजयी रही। जिसके लिए अधिकारियो द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

वह उत्तर प्रदेश उर्दू टीचर एसोसिएशन के बीस वर्षो से प्रांतीय उपाध्यक्ष है और शिक्षको की समस्याओ के लिए संघर्ष करते है। एक बार उन्होने दिल्ली मे  जन्तर मन्तर पर पुरानी पेंशन बहाली और उत्तर प्रदेश के शिक्षको को मैडिकल कैशलेश भत्ते को धरना दिया था।जिसमे हजारो शिक्षको ने भाग लिया।तत्कालीन जिलाधिकारी भवानी सिंह खागरोत ने उनकी समाज सेवा के लिए उनका नाम पद्मश्री पुरुस्कार के लिए भारत सरकार को भेजा था।

Wednesday, September 2, 2020

मिर्जा/मुल्तानी वैल्फेयर सोसायटी की एक मीटिंग खतौली मे हुई।मीटिंग मे बिरादरी मे शादी ब्याह के नाम पर आपस मे बढती तल्खी,सामाजिक मूल्यो और दूसरे अहम मसलो पर विचार विमर्श हुआ।

 


इस मीटिंग मे सहारनपुर से हाजी ,सरसावा से शकील अहमद ऐडवोकेट, देवबंद से मुन्ना भाई,दिल्ली से हाजी सगीर अहमद,सरधना से नेताजी मौ इस्माईल साहब,साजिद साहब,सलीम अहमद,मिर्जा इम्तियाज अहमद,भाई हसीनुद्दीन साहब,भूड से नसीर अहमद साहब,खतौली से डा.अथर साहब,मिर्जा आबिद अली एडवोकेट, मिर्जा जमीरउद्दीन


साहब,डा.मौ.हारुन साहब,शाहजेब ऐडवोकेट साहब,हाजी इकबाल साहब(चैयरमैन),रतनपुरी से जनाब इकराम साहब इंजीनियर उस्मान अहमद साहब,मिर्जा मौ.अहसान साहब,लियाकत अली मुल्तानी


साहब,जमीर अहमद ऐडवोकेट साहब,पप्पू भाई प्रोपर्टी डीलर आदि बडी तादाद मे इकट्ठे हुए और हर सामाजिक व बिरादरी के मुद्दो पर अपने 

अपने विचार रखे।आखिर मे डा.अथर साहब को खतौली व मुजफ्फरनगर का बिरादरी से सम्बंधित मामलात का प्रभारी बनाया गया.

Tuesday, September 1, 2020

मुलतानी बिरादरी का एक और चिराग़ बुझा


बेइंतहा गम के साथ लिखना पड़ रहा है कि मिर्ज़ा शराफत वल्द जनाब हमीद साहब निवासी निकट मैटाडोर स्टेण्ड गंगोह जिला सहारनपुर ( उत्तर-प्रदेश ) का आज बा-तारीख़ 01 सितंबर 2020 को रात 8 बजे लगभग  (रात में ) इंतेकाल हो गया है वो लगभग 50 साल के थे। जनाब शराफत साहब 3 साल से दिल की बीमारी से पीड़ित थे। कुछ टाइम पहले इनकी बाईपास सर्जरी भी हुई थी। ज़नाब शराफ़त साहब बेहद मिलनसार और खुशमिजाज क़िस्म के थे। हर किसी को पल भर में अपना बना लेना इनकी आदतों में शुमार था। यह अपने पीछे बीवी शमीम ( मायका 

नानुपुरा शामली ) के अलावा एक बेटी गुड़िया सहित 4 लड़के नाम मो0 इरफान, मो0 फैजान, मो0 फ़रमान, मो0 सलमान सहित खानदान और रिश्तेदारों को बिलखता छोड़कर हमेशा हमेशा के लिये इस दुनिया से चले गए। इनको कल बा-तारीख़ 02/09/20 को सुबह लगभग साढ़े नो बजे सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। अल्लाह इनकी मगफिरत फरमाये और घर वालो को सब्र दे । आमीन