सउदी अरेबिया को हिंदी मुसलमानों से कोई लेना देना नही हे, इसका एक नमुना आप मयान्मार मे देख चुके हैं , कश्मीर ,फिलस्तीन ढ़के-छुपे नहीं है , क्या फिजूल में अरब से क्या मदीना से हवा आई !का झुनझुना बजा रहे हो ! वाकई मदीना से शिफा़ आई है ?अरे औक्सीजन का आना और शफी ऐ मुज़नेबीन की निस्बत शिफा का मानना अलग बात है ,अल्लाह जाने आप समझते क्यों नहीं !आप लोग ज्यादा ही जज़्बाती हैं या आपने सोचने-समझने की सलाहियत पूरी तरह से खो दी है , मैं कुछ कहूँगा तो दिल में चुभेगा ! किन हक़ बताना ज़रूरी है
सऊदी अरब से ऑक्सीजन आई, मुसलमान लग गए उसे 'मदीने' की हवा बताने में, शिफा़ बताने में ! अव्वल बात तो आपको ये मालूम होना चाहिए की सऊदी अरब में सिर्फ़ दो (२) शहर नहीं हैं, ऑक्सीजन प्लांट ना मक्का में है और ना मदीने में, वो दूसरे शहरों में बना है ,ऑक्सीजन भी हवा है ,लेकिन आपको हवा और मेडीकल ऑक्सीजन की बनने की प्रोसेस में फर्क़ नहीं पता तो आप बहुत ला'इल्म हो ! मदीने की हवा नहीं आ रही, सऊदी हुकूमत के ऑक्सीजन प्लांट से बनी ऑक्सीजन आ रही है ,उसे बस मेडीकल मदद के तौर पर देखें ! कारोबार ,मूहायदे और पोलीसी के मातेहत देखे ! वहाँ की हुकू़मत ने हमारे मुल्क की हुकूमत से ताल्लुका़त के चलते मदद भेजी है* ✅ *अय आशीकाने रसुल ﷺ !भूल गये २००२ से २०२० में भी मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगलने वाला ,हजारों बे-गुनाहो के कातील को रेड कार्पेट ओनर और हाईऐस्ट ओनर मेडेलीयन से नवाजा़ गया ! तब भी यही हुक्मरान थे ! सऊदी हुकूमत ने वहाँ बुतखाना बना दिया, शराब खाना बना दिया, जुआँ खाना बना दिया, थियेटर , कलब ,अय्याशी के अड्डे बनाकर आवक के ज़रीये ख़़डे किये है ,,उन्हे उनकी फिक्र है ,दुनियाभर के मुसलमानों की नहीं ! कब आवाज़ उठाई उन्होने ? फिलस्तीन , मिसर , ईराक , सिरीया , यमन , अफ़गान , कश्मीर , बोसनीया , चेचन्या , उयघर , लबनान किसके हक़ में ? * शर्ली हैब्दो का कार्टून ,फ्रांस में सेम्युअल पेटिट की खुलेआम गुस्ताखी पर उसको फिन्नार करनेवाले गाज़ी की जुर्रत और उसकी शहादत की बर्बरी करतूत करनेवाले फ्रांसीसी हुकूमत की हिमायत ,नोर्वे बेल्जियम में मुकद्दस कुरान को जलाने की ना-पाक हरकत पर खामौशी ,मस्जिद अल अक्सा व अल कुद्दस में होते जुल्म पर चुपकी ,तल-अवीव से हटाकर यरुशलम में अमरीकी सिफारतखाना खोलने पर गुप-चुप रज़ामंदी ! क्या ये सब करतूत करनेवाले सलमान और मोहम्मद बिन सलमान मुसलमानों के लिए फि़करमंद है ? हरगिज़ नहीं अय आशीकाने रसूल ﷺ !सउदी हकुमत का मुहायदा हिस्सा है रिलायन्स में ,वैसे ही अंबानी का आरामको मे ! तो जाहिर है ,मदद मुहय्या होगी ! अब यू.ऐ.ई ने भी पैशकश की है , कुवैत ने भी ! ये बताओ ? ईनके किन शहर को शिफा के मरकज़ मानोगे ? बंद करो !ये फालतू के ख्याली जुमले ! हमारी निस्बत , अकी़दत , अल्लाह سُبْحَانَهُ وَ تَعَالَى से है, मुहम्मद ﷺ और उनकी आल ,अजवाज़ असहाबे मुहम्मद ﷺ से है ,अरब की सरजमीं पर खा़सकर दो (२) शहर हमें प्यारे हैं, इसलिए नहीं की वो अरब है बल्कि इसलिए की वहाँ काबातुल्लाह है, वहाँ मेरे आका़ मुहम्मद सल्लललाहु तआला अलैहे व आलिही व सल्लम और अम्मा फातिमा सलामुल्लाह अलैहा और उनके बेटे-औलादे पाक व गुलाम आराम फरमा हैं*
गौर तलब आखरी बात जो आपको सोचना चाहिए ! सऊदी हुकूमत ने ऑक्सीजन देते वक्त एक मुहायदा किया होगा जो किसी भी दो देशों के बीच लेन-देन के वक्त होता है , क्या सउदी ने नरसिंहआनंद के लिए सजा की माँग की ? क्या सउदी ने मुसलमानों पर जुल्म के लिए कोई कदम उठाने की माँग की ? क्या उसने मुसलमान देशों के लिए ऑक्सीजन भी भेजी ? शिफा़ आई, हवा आई जैसी जज्बाती बातों से बाहर निकलकर हकी़क़त को तस्लीम करना सीखें और अपनी सोच के दायरे को भी थोड़ा बढा़एँ ! हाँ चूंकि आप भारत मुल्क़ में रहते हैं और खराब हालात में सऊदी अरब हुकूमत ने हमारे मुल्क़ में मदद भेजी है, इसके लिए उसका शुक्रिया अदा किया जा सकता है अगर सियासत पढी़ हो और देशों के बीच के संबंध और सियातस को समझते हो तो ये आम बात है,अफ़सोस की! तुम अरब और अरब की हुकूमत में भी फर्क ना समझ सके।