Wednesday, September 29, 2021

बाज़ार की ज़ीनत मुस्लिम यतीम औरतें कड़वा सच


मुस्लिम मर्दों की पेंट के नीचे पहने जाने वाला अंडरवियर भी इन बेग़ैरत मर्दों की औरतें ख़रीद कर लाती हैं...क्या आप जानते हैं कि हर बाज़ार, हर मेले और  तमाम सड़को पर आवारा जानवरों के जैसे झुंड बना कर घूमती ये मुस्लिम औरतें यतीम हैं, अनाथ हैं इनका कोई पुरसाने हाल नहीं है न इनके सर छुपाने को कोई जगह है न इनकी परवरिश न देखभाल करने वाला कोई है......लेकिन आप सोच रहे होंगे कि ऐसा तो नहीं है बल्कि इन सबके शौहर, बाप, भाई मौजूद हैं फिर ये यतीम कैसे हुईं.......?? तो सुनिए.. ये यतीम इसलिए हैं कि इनके मर्दों की ग़ैरत और शर्मो हया मर गई है और जिसकी ग़ैरत मर जाये उसका साँस लेना किसी काम का नहीँ होता...

अगर वाक़ई ये ज़िंदा होते तो आज उस क़ौम की ख़्वातीन बाज़ारों की ज़ीनत और बदतरीन लोगों के दिल बहलाने का ज़रिया न बन गई होतीं जिस क़ौम की ख़्वातीन की परछाइयाँ देखने को भी ज़माना तरसता था। मुस्लिम मर्दों की ग़ैरत के मर जाने का अंजाम ये निकल रहा है कि आज वो सबसे निचले दर्जे के लोग हमारी आंखों के सामने क़ौम की ख़्वातीन की इज़्ज़तें रौंद रहे हैं जिनके पुरखे कभी हमारे पुरखों की जूतियों में अपना सर रख कर अपनी औरतों की इज़्ज़त दूसरों से बचा लेने की गुहार लगाते थे.. आज उम्मत की बेटियों को देख कर मुशरिकों के दिल ख़ुश हो रहे हैं और वो उन में अपना शिकार तलाश ही नहीं रहे बल्कि खुलेआम शिकार कर रहे हैं...

आज मुस्लिम औरतों के बाज़ारों की ज़ीनत बन जाने का आलम ये है कि मुस्लिम मर्दों की पेंट के नीचे पहने जाने वाला अंडरवियर भी इन बेग़ैरत मर्दों की औरतें ख़रीद कर लाती हैं... अगर किसी को ये जानना हो कि आज ग़ैर क़ौमों में मुस्लिम ख़्वातीन की क्या हैसियत है तो कभी अपनी मुस्लिम पहचान छुपा कर उनके बीच बैठिए और मुस्लिम ख़्वातीन का ज़िक्र कर के देखिये अगर आप में ग़ैरत होगी तो उनके अल्फ़ाज़ से आपके कानों से ख़ून निकल आएगा। असल में हमने औरत के लिए एक बुर्क़ा को मुकम्मल दीन बना दिया है, यानि जिस ख़्वातीन ने बुर्क़ा पहन लिया उसके बाद हम उसको फ़रिश्ता मान लेते हैं फिर उस पर नज़र रखना तो छोड़िए उस से कोई सवाल करना भी हराम समझते हैं...

पता नहीं हम ये कौन सा इस्लाम ले आये हैं.. ये अल्लाह का दीन तो हरगिज़ नहीं है... जबकि आज के इन बुरको,हिजाबों की हालत ये है कि अगर कोई औरत बिकनी में खड़ी कर दी जाए तो इन बुरक़ों के मुक़ाबले वो ज़्यादा जिस्म ढकी महसूस होगी.. और उसी बुर्क़ा, हिजाब को आज की मुस्लिम ख़्वातीन ने बदतरीन गुनाह करने का सबसे आसान ज़रिया बना दिया है.. आलम ये है कि जो गुनाह वो बेहिजाबी में नहीं कर सकतीं उनको हिजाब में बेख़ौफ़ कर रही हैं.... कल तक जिन इदारों और मुहल्लों के क़रीब से गुज़रने में भी मुशरिकों के पावँ काँपते थे आज उन्ही जगहों पर वो खुलेआम क़ौम की की इज़्ज़ज़ रौंदी जा रही है और आज के बे-दीन नामर्द

मुसलमान सब देख कर भी अपाहिज बने हुए हैं क्योंकि वो ख़ुद सर से पावँ तक इसी बेहयाई में डूबे हुए हैं.. फिर वो किस मुँह से क़ौम की लुटती आबरू को बचाने की कोशिश करेंगे। दीन ईमान से ग़ाफ़िल बाज़ार बाज़ार घूमतीं ये मुस्लिम औरतें दुनिया में सबसे ज़्यादा झूँठ बोलती हैं.. ये किसी सामान पर 5 रुपये कम कराने के लिए 500 झूँठ बोलने में ज़रा गुरेज़ नहीं करतीं, बल्कि ये झूँठ(लानत) को अपना हुनर समझती हैं और दूसरी ख़्वातीन को भी ऐसा कर के बचत करने के मशवरे देती हैं, और उस मामूली सी बचत के लालच में ये कितने क़ीमती ईमान और इज़्ज़त का जनाज़ा निकाल रही होती हैं ये ख़ुद इन बे-दीनों को नहीं पता होता...

और दुनिया की तारीख़ ये बताती है कि जो औरतें बाज़ारों व सड़कों की ज़ीनत बनती हैं वो ही दुनिया के बदतरीन लोगों की हवस का सामान बनती हैं और हम ये अपनी आँखों से होता देख रहे हैं कि आज आवारा कुत्ते क़ौम की आबरू की बोटियाँ नोंच रहे हैं और मुसलमान जागना तो छोड़िए इधर से उधर करवट बदलने को भी तैयार नहीं हैं... आप सड़क चलती सौ मुस्लिम लड़कियाँ देख लीजिए आपको उनमें 80% फ़ोन पर बात करती मिलेंगी और उनका वो फ़ोन घर से निकलते ही दो चार घर पहले  घर में घुसते वक़्त ही ख़त्म होता है.. या फिर कोने कोने में फ़ोन पर लगे हुए मुस्लिम अय्याश लड़के दिखेंगे। 

सिर्फ़ एक सुअर खाने को छोड़ दिया जाए तो मुसलमानों की हालत ये है कि अल्लाह ने उनको जिस अमल से जितनी सख़्ती से मनाही की वो उस अमल को उतनी ही शिद्दत से अपना रहे हैं... क़ौम के ज़्यादातर नौजवानों को देख कर लगता है कि जैसे इनका दीन ख़ुदा का फ़रमान न हो कर अब शैतान का फ़रमान हो गया है। मगर रुकिए क्या आप जानते हैं कि आज हर तबके की 80% मुस्लिम ख़्वातीन मुशरिकीन से सीधे सीधे राब्ते में हैं..?? उन्ही मुशरिकों से जो मुस्लिम मर्दों को कुत्ते की नज़र से देख रहे हैं और उनको पास खड़ा करना तो छोड़िए उनके मुँह पर भी थूकना पसंद नहीं कर रहे..

क्यों यक़ीन नहीं हो रहा न..?? यक़ीन इसलिए नहीं हो रहा कि हम ख़ुद इतनी हरामकारी में डूबे हुए हैं कि न हमारी अक़्ल काम कर रही है ना आँखे देख पा रही हैं ना कान सुन पा रहे हैं.. तो अब आँखे और अक़्ल खोल कर पढ़ लीजिये और समझ जाइये कि आपकी जड़ें किस हद तक खोखली की जा चुकी हैं और अब आपका ये दीन ईमान का हरा भरा दरख़्त किसी भी वक़्त गिर सकता है। ग़रीब तबके के जिस सलमान को ये फल, चूड़ियाँ, चांट नहीं बेचने देते उसी सलीम की बीवी सुल्ताना को घर जा कर आसान किस्तों पर तीस हज़ार का लोन दे आते हैं, उसी सुल्ताना के कागज़ लेते हैं फ़ोन नम्बर लेते हैं और किस्त लेने को उसी से राब्ता करते हैं.. पहले सुल्ताना को सूद खिला कर ईमान लूटा जाता है फिर किस्त में देरी होने पर उसको रियायत दे कर ख़ुश कर दिया जाता है..

इसी बहाने सुल्ताना उनको घर भी बुलाती है और बाहर भी मिल आती है और अपनी बेटी से भी उनका दिल बहलाने में गुरेज़ नहीं करती.. और उस रियायत के बदले में अपने शौहर से उनकी तारीफ़ करती है और ये समझती है कि ये रियायत मेरी वजह से है वरना उसका शौहर तो किसी काम का नहीं है। आज क़ौम की ज़्यादातर लड़कियाँ पढ़ रही हैं और ज़्यादातर लड़के नहीं पढ़ रहे, बहुत लड़कियाँ जॉब कर रही हैं और बहुत कम लड़के जॉब कर रहे हैं.. और ज़्यादातर लड़कियों की पढ़ाई और जॉब ग़ैर इस्लामी मुआशरे में है जहाँ उनको देखने वाले क़ौम के लोग भी नहीं होते..और अपने मुआशरे में उनको अपने लेवल के लड़के भी नहीं दिखते..

इसलिए उनके दोस्त और पार्टनर सब मुशरिक हैं और वो सीधे उन से राब्ते में हैं.. कुछ लड़कियां और औरतें सोशल मीडिया के ज़रिए तो कुछ बाज़ारों के ज़रिए मुशरिकों से राबिते में हैं , कुछ अपने किसी टेलेंट के नाम पर तो कुछ अपनी आज़ाद ख़्याली के नाम पर, अब बचता है अमीर तबक़ा.. अमीर तबके की ख़्वातीन दावतनामा पा कर बड़े बड़े होटलों में हर तीसरे दिन मुशरिक मर्द औरतों के साथ कभी महिला दिवस कभी कोई पार्टी कभी कोई उत्सव मना रही हैं और उन्ही पार्टियों में मुस्लिम मर्दों को फटकने भी नहीं दिया जाता.. तो मियाँ जी अब आई कोई बात समझ में..??

क्यों होश उड़ गए न...?? अब आलम ये है कि इन 80% राब्ते वाली ख़्वातीन से मुशरिक बहुत शहद शहद बातें करते हैं, उनके हर काम को फ़ौरन कर देते हैं, उनको फ़ायदे भी पहुँचाते हैं, फिर बीच बीच में उनको मर्दों और इस्लाम की ग़ुलाम भी बता देते हैं..और रही सही कसर शैतानी मीडिया पर मुस्लिम औरतों पर जुल्म के नाम पर होते दिन रात के प्रोपगेंडे पूरी कर देते हैं... और आज हालात यहाँ तक आ पहुँचे हैं कि मुसलमानों की 25-30% ख़्वातीन ख़ुद को इस्लाम और मुसलमानों की क़ैद में समझ रही हैं और वो जिन मुसलमानों की बदौलत ज़िन्दगी के उस मुकाम तक आई हैं उन्ही को अपना दुश्मन समझ रही हैं और मुशरिकों को अपना सच्चा हमदर्द...

और ये कड़वा सच मुसलमान जितनी जल्दी समझ कर अपने घरों को संभाल लेंगे उतना ही नुक़सान बचा लेंगे.. इसलिए आज मुर्तद होती ये लड़कियाँ एक दो दिन के खेल से नहीं है बल्कि हमारी दस बीस साल की बेहयाई और बेशर्मी की नींद से पैदा हुई हैं।  और जानते हो ये जड़े क्यों खोखली हुई हैं..?? क्योंकि हम मुसलमान मर्दों ने न अपना मुहाफ़िज़ होने का फ़र्ज़ निभाया, न इन औरतों तक दीन पहुंचाया, और अल्लाह के हुक्मों को नजरअंदाज़ कर के दुनिया के प्रोपगेंडों में फंस कर अपनी औरतों को आवारा छोड़ दिया, छोटे छोटे लालचों के लिए हम उनको इस्तेमाल करने पर उतर आए... भले ही आज हम कलफ़ और ख़ुशबू लगे कुर्ते पहन कर, ऊँची टोपी लगा कर, लंबी दाढ़ी रख कर ख़ुद को इस्लाम का अलम्बरदार समझ रहे हैं लेकिन हक़ीक़त ये है

हमारी अगली नस्ल मस्जिदों में नमाज़ नहीं बल्कि सड़कों पर सिर्फ़ नाच गाना कर रही होगी.. क्योंकि आज हमारी ख़्वातीन को दीन ईमान से गुमराह कर के हमारी जड़ें खोखली कर दी गई हैं.. और इसके ज़िम्मेदारा हम बेग़ैरत मर्द हैं।  लेकिन ये तय है कि हश्र के मैदान में हमारी दाढ़ियाँ नोंच ली जाएंगी, हमारी शेरवानियाँ, कुर्ते फाड़ दिए जाएंगे, हमारी टोपियाँ उछाल दी जाएंगी और ये सजे धजे चहरे काले कर दिए जाएंगे.. .. और तब ख़ुदा कहेगा कि देखो तुम वो नहीं थे जो दुनिया को दिखाते थे तुम ये थे, जो अब हो.. यानि तुम नंगे थे, बेहया थे, बेशर्म थे, बेग़ैरत थे,... हमने तुमको दीन में औरतों का रहनुमा बनाया था लेकिन तुमने उन तक दीन नहीं पहुंचाया जिस से वो हराम हलाल, शिर्क और ईमान को पहचान पातीं,

हमने तुमको औरतों का मुहाफ़िज़ बनाया था ताकि वो पाकीज़गी इख़्तियार कर सकें लेकिन तुमने उनको बाज़ारों की ज़ीनत बना दिया.... यक़ीनन हमारी इबादतें हमारे मुँह पर मार दी जाएंगी और ख़ुदा कहेगा कि जब ये औरतें दो दो रुपये के लिए बाज़ारों में ईमान और इज़्ज़त का सौदा कर रही थीं तब तुम इसको बड़ा नफ़ा समझ कर ख़ुश होते थे.. जिन औरतों को तुम्हे शहज़ादी बना कर पालना था वो तुम्हारी सुस्ती और ना-अहली की वजह से बाज़ारों में मुशरिकों के दिल बहलाने का ज़रिया बन रही थीं..ख़ुदा कहेगा कि जब तुमको अपनी मस्तुरात की जाइज़ ख़्वाहिशात पूरा करने को पसीना बहा कर दौलत कमानी थी तब तुम किसी कोने में नशा करते थे जुआ खेलते थे और आवारागर्दी में वक़्त ज़ाया करते थे,

जब तुमको इन औरतों को दीन की बातें सिखानी थीं तब तुम मुसलमानों को फ़िरक़ों में बांटने की बातें करते थे, हमने तुमको मज़बूत बनाया था ताकि तुम मुक़ाबला कर सको लेकिन तुम अपनी औरतों को ढाल बना कर उनके पीछे छुप गए थे... तुम इतने बुज़दिल थे कि तुम्हारे रब के महबूब के दीन का क़त्ल किया जा रहा था और तुम ख़ामोश तमाशाई थे हालांकि तुम लिख सकते थे बोल सकते और तुमको सब ख़बर थी... और तुम दीन से इतने ग़ाफ़िल थे कि अपने मफ़ाद व दुनिया परस्ती के आगे दीन को ख़ुद ख़त्म करने में लगे थे.. और यक़ीनन हम मुस्लिम मर्द वो गुनाहगार हैं जो हरगिज़ बख़्शे नहीं जाएँगे क्योंकि हमने तारीख़ का बदतरीन जुर्म किया है।

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इफ़्तेख़ार हुसैन सिद्दीक़ी बने मोर्चा के राजस्थान प्रदेश संगठन महामंत्री,प्रदेश अध्यक्ष ने किया मनोनीत,

 


जयपुर :  प्रदेश अध्यक्ष शहबाज अहमद सिद्दीकी ने इफ्तेखार हुसैन सिद्दीकी को राजस्थान का संगठन महामंत्री मनोनीत किया है और इफ्तेखार हुसैन सिद्दीकी से आशा व्यक्त की है की इफ्तेखार हुसैन जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में संगठन और आगे बढ़ेगा।  

इस अवसर पर इफ्तेखार हुसैन सिद्दीकी ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शहबाज अहमद सिद्दीकी


 को यकीन दिलाते हुए कहा कि उनके द्वारा शीघ्र ही प्रदेश में संगठन को मज़बूती प्रदान करवाई जाएगी एंव संगठनात्मक गतिविधियों की जानकारी समय समय पर प्रदेश अध्यक्ष शहबाज अहमद सिद्दीकी जी को देते रहेंगे ।                             

 इफ्तेखार हुसैन सिद्दीकी को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा का राजस्थान प्रदेश संगठन महामंत्री मनोनीत किए जाने पर सैकड़ों लोगों ने बधाई दी l

Sunday, September 26, 2021

नौकर आ गया : और उसी घर के एक कमरे में बाप को फर्श पर गद्दा लगा दिया गया


और नौकर को कहा कि इसका पूरा ख्याल रखना , हमें कोई शिकायत ना मिले, बेटों की शादियां हुई एक ने गर्मी की छुट्टियां गुजारने फ्रांस का प्रोग्राम बनाया, और दूसरे ने लंदन का, और तीसरे ने पेरिस का,और हर जगह अपना तअल्लुक मेजर जनरल के बेटे होने से शुरु करते .......नौकर को ताकीद की, कि हमारी तीन माह के बाद वापसी होगी तुम बाबा का पूरा ख्याल रखना.और वक्त पर खाना देना, नौकर  अच्छा साहब जी! सब चले गए वह बाप अकेला घर के कमरे में लेटा सांस लेता रहा, ना चल सकता था ना खुद से कुछ मांग सकता था नौकर घर को ताला लगाकर बाजार से ब्रेड लेने गया, तो उसका एक्सीडेंट हो गया ,लोगों ने उसे हॉस्पिटल पहुंचाया और वह कोमे से होश में ना आ सका, बेटों ने नौकर को सिर्फ बाप के कमरे की चाबी देकर बाकी सारे घर को ताले लगाकर चाबियां साथ ले गए थे,

मुलाजिम उस कमरे को ताला लगाकर चाबी साथ लेकर गया था कि अभी वापस आ जाऊंगा! अब बूढ़ा रिटायर्ड मेजर जनरल कमरे में बन्द हो चुका था और वह चल फिर नहीं सकता था किसी को आवाज नहीं दे सकता था यहां  3 माह बाद जब बेटे वापस आए और ताला तोड़कर कमरा खोला गया तो लाश की हालत वह हो चुकी थी जो तस्वीर में दिखाई दे रही है| मोहतरम खवातीन हजरात इबरत का मकाम यह है कि यह वाक्या हमे बता रहा है

किस तरह अपनी औलाद के लिए हलाल हो हराम की परवाह किए बगैर उनका मुस्तकबिल संभालने की के लिए तन मन धन खपाते हैं और ज्यादा से ज्यादा दौलत जायदादें बनाकर उनका मुस्तकबिल महबूब करने संवारने  की कोशिश करते हैं और सोचते  हैं, कि यह औलाद कल बुढ़ापे में मेरी खिदमत करेगी आला तरीन  स्कूलों में दुनियावी तालीम दिलवाते हैं और दीन ए इस्लाम की तालीम दिलवाने को तोहीन समझते हैं जिसमें सिखाया जाता है कि वालिदैन की खिदमत में अजमत है, हर इंसान जो बौता है उसी का ही फल पाता है हमें भी सोचना  समझने की अशद जरूरत है| कि हम अपनी औलाद को क्या सहि तालीम दिलवा रहे हैं । हमारा हाल भी ऐसा तो नहीं होने वाला|सोचिए जरूर जजाक अल्लाह खैर| नोट: यह एक हकिकी  वाकीए की तस्वीर है।

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Friday, September 24, 2021

🌹अन निकाहो मिन सुन्नति 🌹एहले मुलतानी बिरादरान 🌹

 



✨🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹✨
*🌹  *بسم اللّٰہ الرحمٰن الرحیم🌹* 
 
 🌹 *अन* *निकाह मिन सुन्नति* 🌹

 🌹 *एहले मुल्तानी* *बिरादरान* 🌹

 🌷अस्सालामु अलैकुम वरेहमतुल्लाही वा बरकातुहु🌷

बड़ी खुशी के साथ तहरीर है की हमारे छोटे भाई 

आबिद हुसैन अत्तारी_ वल्द मरहुम मोहम्मद हुसैन मांदरी वाले 

मोटीयार की नूरे नजर 

                🌹*आयशा सिद्दीका* 🌹 
                            
                             हमराह 
                     
                    🌹नुरुल आबेदीन 🌹

नूरे ऐन जनाब _हाफिज कुतुबुद्दीन साहब_ पुंवार अजमेर वालों के 

फरजंद के साथ हस्बे ज़ेल प्रोग्राम के मुताबिक तय है...

                 🌹 *इंशाअल्लाह प्रोग्राम* 🌹

 *🎆निकाह* :- 18 रबीउल अव्वल 1443 हीजरी, 
बा मुताबिक, 25 अक्टूबर 2021 ईसवी, 
बारोज़ पीर सुबह 11 बजे...🎆

 *बा मुक़ाम* :- उस्मानिया मस्जिद कमेटी हॉल चंदन नगर इंदौर...🏤

🌹अद्दाईयान :- अब्दुल रशीद, मोहम्मद सलीम मोटीयार मांदरी वाले...🌹

🌹अलमुकल्लेफीन :- अब्दुल अजीज़, हाजी ज़ाहिद हुसैन, मोहम्मद अनवर, अब्दुल गफ्फार, अब्दुल सलाम,मोहम्मद ईमरान, शोएब नूर...🌹

🌹चश्मे बराह:- मोहम्मद हसन, कामिल हुसैन, मोहम्मद अज़ीम, मोहम्मद तौफीक,  मोहम्मद हन्नान, मोहम्मद उबैद, मोहम्मद आरिश, मोहम्मद शादान...🌹

👑 *एहले मोटीयार खानदान व अजीज़ो अकारीब* 👑

🏠पता:- 34-H ,ग्रीन पार्क कॉलोनी,धार रोड इंदौर...🏠

मोबाइल नम्बर : 8602685034,9826056876,7869342592......📱📱📱
        
✨🌹🌹🌹🌹🌹🌹✨

Wednesday, September 22, 2021

आबिद अली एडवोकेट को खतौली टैक्स बार का दूसरी बार अध्यक्ष मनोनीत होने पर स्वागत सम्मान कार्यक्रम किया गया

 


खतौली मुजफ्फरनगर मिर्जा मुल्तानी वेलफेयर कमेटी (रजि.) के बैनर तले आज नगर के थानेश्वर मंदिर के निकट एक भव्य आयोजन में मिर्जा आबिद अली एडवोकेट को खतौली टैक्स बार का दूसरी बार अध्यक्ष

मनोनीत होने पर स्वागत सम्मान कार्यक्रम किया गया इस दौरान खतौली व दूरदराज से आए कमेटी से जुड़े गणमान्य लोगों व पदाधिकारियो ने भी भागीदारी की और मिर्जा आबिद अली एडवोकेट का फूल मालाओं से

जोरदार स्वागत किया।  संचालन शाज़ेब इक़बाल एडवोकेट ने किया  । कार्यक्रम मे अरहम अली, इंजीनियर उस्माँन, अतिफ अली, एहसान

मुल्तानी , मिर्ज़ा इस्माइल , ज़मीरुद्दीन आदि सैकडों लोग उपस्थित रहे

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Friday, September 17, 2021

अजमेर, अकबर हुसैन बने राष्ट्रिय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के प्रदेश महासचिव...... ..... .....


अकबर हुसैन को मोर्चा ने राजस्थान प्रदेश महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी 



जयपुर :  राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री परवेज सिद्दीकी ने  प्रदेश अध्यक्ष शहबाज अहमद सिद्दीकी 



के आग्रह पर अकबर हुसैन को राजस्थान का महासचिव मनोनीत किया है 

और अकबर हुसैन से आशा व्यक्त की है की वह जल्द ही दबे , कुचले , निचले , स्तर के लोगों के हितो की आवाज बुलंद करेंगे ।


इस अवसर पर अकबर हुसैन ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री परवेज सिद्दीकी 



को यकीन दिलाते हुए कहा कि उनके द्वारा शीघ्र ही प्रदेश के दबे ,कुचले , निचले स्तर के लोगों के हितों की आवाज बुलंद  की जाएगी । अकबर हुसैन को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा का राजस्थान का महासचिव मनोनीत किए जाने पर सैकड़ों लोगों ने बधाई दी l




Thursday, September 16, 2021

हाजी वहीद साहब ने भी इस फ़ानी दुनिया को अलविदा कह दिया


हाजी अब्दुल वहीद वल्द हाजी अब्दुल रहमान मोहल्ला खैरादियान शामली, उत्तरप्रदेश का आज आज बा तारिख़ 16 सितंबर को शाम लगभग साढ़े 5 बजे इंतेकाल हो गया वो लगभग 75 साल के थे । हाजी अब्दुल वहीद साहब की आज अचानक तबियत खराब होने पर घरवाले उनको शामली के मशहूर डॉ0 खुर्शीद अनवर के नर्सिंग होम पर ले गए कुछ ही देर बाद उनकी तबियत सुधरने के बजाये और बिगड़ती चली गयी और कुछ ही देर बाद उनकी मौत हो गयी । कड़क मिजाज़ और उसूलों वाले हाजी अब्दुल वहीद साहब मन के बहुत ही नरम इंसान थे। बच्चो में बच्चें और बड़ो में बड़े बनने का हुनर उनको विरासत में मिला था ।

5 भाईयों में अब्दुल हनीफ़, अब्दुल मजीद, अब्दुल हमीद के बाद अब अब्दुल वहीद का भी हुआ इंतेकाल एक भाई अब्दुल रसीद हयात है जो जिला मुजफ्फरनगर के कस्बा बुढ़ाना में रहते है। मरहूम हाजी वहीद साहब अपने पीछे अपनी बीवी हसीना सहित 4 लड़के सईद, शहजाद,गुलज़ार व अफजाल सहित 4 लड़की नसरीन, कमरजहां, समरजहाँ, और कौसर सहित पोते पोतियों , यार दोस्तों और रिश्तेदारों को रोता बिलखता छोड़कर इस फ़ानी दुनिया से हमेशा हमेशा के लिये विदा हो गए है। अल्लाह मरहूम की मग़फिरत फरमाये और ज़न्नत में आला से आला मक़ाम अता फरमाये आमीन..मुल्तानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट के राष्ट्रीय सलाहकार जनाब हाजी शकील अहमद ने बताया कि आज बिरादरी ने एक कोहिनूर हीरा हमेशा हमेशा के लिये खो दिया है। जिसकी भरपाई करना मुश्किल ही नही बल्कि नामुमकिन है। 10 बजे सुबह ( कल ) बा तारिख 17 सितंबर 2021 को तैमूरशाह,मदरसे में नमाज़ अदा की जाएगी ।

17 जून मुल्तानी स्थापना दिवस कार्यक्रम में इन्होंने भी की थी शिरकत उसी कार्यक्रम के फोटो खबर में लगाये गए है। 

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Wednesday, September 15, 2021

सरकार की तरफ से जो भी सहायता होगी उसे दिलाने कि कोशिस करेंगे


अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुह ,बाद सलाम के गुजारिश है कि आप सब को इत्तला दी जाती है कि अभी तक इजतेमाइ शादी मे 6  जोड़ों के नाम आ चुके हैं । जो भाई अपनी बच्चियों की शादी कर रहे हैं वो नाम लिखाना चाहते है, वो जल्दी से जल्दी नाम दर्ज कराए, सरकार की तरफ से जो भी सहायता होगी उसे दिलाने कि कोशिस करेंगे,

मिन जानिब

रायल मुल्तानी सोसायटी इंदौर 

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Tuesday, September 14, 2021

इंसानियत का दूसरा नाम ही लोगों की मदद करना है

 


लखनऊ स्थित निवासी 337/9 मंसूरनगर के रहने वाले प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल कार्यरत पत्रकार शरफुद्दीन खान का 3 दिन पहले सड़क हादसे में भयानक एक्सीडेंट हो गया, गोमती नगर, इकाना स्टेडियम के पास प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते पत्रकार हॉस्पिटल का खर्चा नहीं उठा पाया और दूसरे दिन पत्रकार को लोहिया अस्पताल लाया गया, लेकिन लोहिया अस्पताल की हालत तो बद से बदतर है, आज जब मेरी मुलाकात शरफुद्दीन भाई से हुई तो उन्होंने बताया, कि मान्यता प्राप्त पत्रकार होने के बाद मेरी यह दुर्गति है तो आम जनता के साथ क्या व्यव्हार होता होगा ? लोहिया अस्पताल के बाहर 4 घंटे  स्ट्रेचर पर धूप में पड़े रहे अंदर आने तक नहीं दिया, अस्पताल की हालत देख मेरे बीवी और दो बच्चे चीख चीख कर रोने लगे मेरी हालत परिवार से देखी नहीं जा रही थी,

पत्रकार शरफुद्दीन के एक बेटी 7 वर्ष और एक बेटा 8 वर्ष का है, जिसकी जिम्मेदारी पत्रकार के कंधों पर है, लेकिन अब वह सब बेसहारा जैसे हो गए हैं, लेकिन पत्रकार साथियों ने और परिवार वालों ने हिम्मत कर मुझे फिर बालागंज में स्थित प्राइवेट अस्पताल यूनिक एंड ट्रामा सेंटर के ICU में भर्ती कराया है, यहां का भी खर्चा नहीं उठा पाने में असमर्थ हैं, आप सभी पत्रकार साथियों समाज सेवकों,एवं अधिकारियों से अनुरोध है, कि मैंने अपनी पूरी जिंदगी समाज सेवा में बिता दी,  कोरोना काल से लेकर अब तक सभी छोटी बड़ी खबरों से समाज को रूबरू कराने वाला पत्रकार आज खुद बेसहारा पड़ा है, आप सभी से अनुरोध है, कि जिसको भी मदद करनी हो शरफुद्दीन भाई से मिलकर उनकी मदद कर सकता है, 

#बुजुर्गों का कथन है देने से कम नहीं होता


मानवता के नाते जो लोग मदद कर सकते हैं अवश्य करें, सब कुछ यहीं मिलता है ईश्वर के यहां ना देर है ना अन्धेर ,आप सभी भाइयों से निवेदन है, जिसको अल्लाह (ईश्वर ) ने नवाजा है, वह इंसानियत के नाते आगे बढ़कर शर्फुद्दीन भाई की मदद करें ताकि किसी की जान बचाई जा सके।जो लोग मदद करना चाहते हैं, इस अकाउंट नंबर पर मदद कर सकते हैं। 

ACC No.3854995649


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#परिवार का संपर्क नंबर

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Sunday, September 12, 2021

अजमेर नगर निगम के उप महापौर नीरज जैन का किया स्वागत, समाज सेवीयों द्वारा हुआ स्वागत

 


सलामत रहे दोस्तों की दोस्ती सलामत रहे भाई जैसे दोसतों की मोहब्बत ये दुनिया मोहब्बत इन्सानियत से अच्छी लगती है रात के बाद उजाला होता है दुनिया मालिक की बनाई हुई है वो चाहे जैसे दुनिया चलाये सब कुछ ऊपर वाले मालिक के हुकुम चलता है



 जब इन्सान कोशिश करे तो क्या नहीं मिलता है कुछ तो नसीब से मिलता है कुछ दोस्तों की दुआ से मिलता है तक़दीर भी बदल जाती है जब कोई किसी के लिये सच्चे दिल से दुआ करे तो मालिक उस पर रहम करता है मालिक उस बन्दे की दुआ ज़रूर सुनता है 



जो सदक़ दिल से दुआ करे नसीब जब बदलता है तो वक़्त नहीं लगता है सही कहा किसी ने वक़्त से पहले और वक़्त से ज़्यादा कभी किसी को नहीं मिलता है इज़्ज़त भी मालिक का इनाम है ख़ल्क़ की ख़िदमत मालिक का अजर है आज नही तो कल ज़रूर मिलता है भरोसा मालिक पर हो तो हम सब कामयाब ज़रूर होंगें अगर मालिक आपको कुछ ज़िम्मेदारी समाज की भलाई फलाई ख़िदमत की दे तो ये फ़र्ज़ बड़ी ज़िम्मेदारी से पूरा करें जैसे हमारे शहर के हर दिल अज़ीज़ दोस्त भाई सभी के दिलों को जीतने वाले हर वक़्त अपनी ख़िदमात को अन्जाम देने हमारे ख़ूबसूरत दिल वाले भाई अजमेर नगर निगम के उप महापौर जनाब नीरज जैन साहब जो एखलाक़ भाई के पहले थे वही एखलाक़ आज भी हैं सभी समाज का ख्याल रखने वाले हमारे भाई को गरीब नवाज़ के ख़िदमत गार ख़ादिम अन्जुमन मेम्बर जनाब सैय्यद मुनव्वर चिश्ती साहब ने जनाब नीरज जैन साहब के दस्तारबन्दी की शौल उड़ाया और शहर की अच्छी ज़िम्मेदारी निभाने की मुबारक बाद दी अच्छी ज़िम्मेदारी और अपने फ़र्ज़ को बड़ी ज़िम्मेदारी से निभाये तरक्की कामयाबी की दुआ की अपनी दुआओं से परिवार की खुशहाली सलामती की भी दुआ की समाज सेवी खालिद खान और वकील राजेन्द्र सिँह रावत साहब ने भी फूलों का गुलदस्ता दिया और मुबारक बाद दी 


Saturday, September 11, 2021

20 रबीउल अव्वल1443 हिजरी मुताबिक 27 ओकटुबेर 2021 बरोज बुध सुबह 10 बजे पारोली के लिए : निकाह ख्वानी

 


💐*بسم اللہ الرحمٰن الرحیم*💐 


*बिरादराने अहले मुल्तानी लोहार*


*السلام علیکم ورحمۃ اللہ و برکاتہ*

 अल्लाह तआला के फजलौ करम से सरवरे कायनात 🌺हुजूर मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम 🌺 के सदके तूफैल 

हाजि अब्दुल कादर सा. पटेल के भतीजे मरहूम अब्दुल हाकिम सा.  पटेल बीगोद वाले के लड़के और लड़की की शादी हस्बे जैल के मुताबिक होना करार पायी है 

     

               *सानिया नूर*

(बिन्त-मरहूम अब्दुल हकीम पटेल बीगोद वाले उदयपुर) 

          🌹हमराह 🌹

          

             *मोहम्मद इलियास*

   (बिन्ते-अब्दुल कय्यूम सा. मक्कड़ पारोली)

प्रोग्राम इंशाल्लाह 18 रबीउल अव्वल 1443हिजरी मुताबिक 25 ऑकटुम्बर 2021 बरोज पीर

       

             *मोहम्मद इमरान*

(बिन्ते-मरहुम अब्दुल हकिम पटेल बीगोद वाले उदयपुर )

              🌹 हमराह 🌹


                *नूर बानो*

(बिन्ते -अब्दुल कय्यूम सा. मक्कड़ पारोली)


              *मोहम्मद इदरीस*

       बिन्ते-मरहुम अब्दुल हकिम पटेल बीगोद वाले उदयपुर )

              🌹 हमराह 🌹

               *नाज़िया नूर*      

(बिन्ते -अब्दुल कय्यूम सा. मक्कड़ पारोली)

           *प्रोग्राम इंशाल्लाह*

               बारात रवानगी:-

 20 रबीउल अव्वल1443 हिजरी मुताबिक 27 ओकटुबेर 2021 बरोज बुध सुबह 10 बजे पारोली के लिए ।

 

             *निकाह ख्वानी*

 20 रबीउल अव्वल 1443 हिजरी मुताबिक 27 ओकटुम्बर 2021 बरोज बुध बाद नमाज असर मगरिब पारोली ।

         

                   *सरपरस्त*

    हाजी अब्दुल कादर सा. पटेल      


              *अलमुकलेफीन*

अब्दुल जलील,अब्दुल अजीज,अब्दुल गफ्फार,मोहम्मद इब्राहिम,अब्दुल हमीद, अब्दुल वाहिद


               *चश्मे बराह*

अब्दुल रशीद,अब्दुल मजीद,अब्दुल सलाम,मोहम्मद फारूक, मोहम्मद इमरान,मोहम्मद इदरीस,मोहम्मद इलियास व अहले पटेल खानदान

      🌹 *बमुकाम प्रोग्राम* 🌹

       *रूप नगर कच्छी बस्ती* 

         *उदयपुर राजस्थान*


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Friday, September 10, 2021

शाही इमाम पंजाब हजरत मौलाना के जनाज़े की वीडियो देखकर इनके चाहने वालों का अंदाजा भी नही लगा पाओगें

 


शाही इमाम पंजाब हजरत मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी जी का आज दिनांक 10 सितंबर को निधन (इंतकाल) हो गया है

उनकी जनाजे की नमाज जामा मस्जिद लुधियाना के बाहर आज रात 8:30 बजे अदा की गयी । हजरत के जनाज़े में मौजूद अवाम से आप ख़ुद ही अंदाजा लगा सकते है। कि उनके चाहने वाले कितने होगें ।।

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अब्दुल हमीद भी फर्जी निकला..मुस्लिम सैनिकों की गहरी साजिश का खुलासा? ऐसे बदला जा रहा इतिहास

 


हमें इतिहास में पढाया गया कि अब्दुल हमीद ने पैटन टैंक उड़ाए थे, जबकि ये सरासर झूठ है, और कांग्रेस का हिन्दुओं से एक और विश्वासघात है...!हरियाणा निवासी भारतीय फौज के बहादुर सिपाही "चंद्रभान साहू" ने पैटन टैंक  को उड़ाया था, ना कि किसी अब्दुल हमीद ने...! परमवीर चक्र भी उसी हिंदू सैनिक चंद्रभान साहू ने जीता था ना कि किसी अब्दुल हमीद ने...! बात सन् 1965 के भारत-पाक युद्ध की है...जब अमेरिका द्वारा प्राप्त अत्याधुनिक पैटन टैंकों के बूते पाकिस्तान अपनी जीत को पक्का मान रहा था, और भारतीय सेना इन टैंकों से निपटने के लिये चिंतित थी...भारतीय सेना के सामने, भारतीय सेना ने ही एक मुसिबत खडी कर दी।

युद्ध के वक़्त भारतीय सेना की मुस्लिम बटालियन के अधिकांश मुस्लिम सैनिकों द्वारा पाकिस्तान के खेमे में चले जाने व बाकी मुस्लिम सैनिकों द्वारा उसके समर्थन में हथियार डाले जाने से भारतीय खेमे में आत्मविश्वास की बेहद कमी व घोर निराशा थी...उस घोर निराशा व बेहद चिंताजनक स्थिति के वक़्त आशा की किरण व पूरे युध्द का महानायक बनकर आया था, भारतीय सेना का एक बीस वर्षीय नौजवान, सैनिक *चंद्रभान साहू...(पूरा पता-- चंद्रभान साहू सुपुत्र श्री मौजीराम साहू, गांव रानीला, जिला भिवानी, वर्तमान जिला चरखी दादरी, हरियाणा) रानीला गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि सैनिक चंद्रभान साहू का शव बेहद क्षत-विक्षत व टुकड़ों में था। शव के साथ आये सैनिक व अधिकारी अश्रुपूर्ण आंखों से उसकी अमर शौर्यगाथा सुना रहे थे कि किस तरह एक के बाद एक उसने अकेले पांच पैटन टैंक नष्ट कर दिये थे।

इसमें बुरी तरह घायल हो चुके थे, और उन्हें जबरन एक तरफ लिटा दिया गया था कि आप पहले ही बहुत बड़ा कार्य कर चुके हैं, अब आपको ट्रक आते ही अन्य घायलों के साथ अस्पताल भेजा जायेगा। लेकिन सैनिक चंद्रभान साहू ये कहते हुए उठ खड़े हुए कि मैं एक तरफ लेटकर युद्ध का तमाशा नहीं देख सकता, घर पर माता-पिता की बुढ़ापे में सेवा के लिये और भाई हैं, मैं अन्तिम सांस तक लडूंगा, और दुश्मन को अधिकतम हानि पहुँचाऊँगा...कोई हथियार न दिये जाने पर साक्षात महाकाल का रूप धारण कर सबके मना करते करते भी अभूतपूर्व वीरता व साहस दिखाते हुए एंटी टैंक माइन लेकर पास से गुजरते टैंक के नीचे लेटकर छठा टैंक ध्वस्त कर युद्ध में प्राणों का सर्वोच्च बलिदान कर दिया...उनके इस सर्वोच्च व अदभुत बलिदान ने भारतीय सेना में अपूर्व जोश व आक्रोश भर दिया था व उसके बाद हर जगह पैटन टैंकों की कब्र खोद दी गई। ग्रामीणों ने नई पीढ़ी को प्रेरणा देने के लिये दशकों तक उसका फोटो व शौर्यगाथा रानीला गांव के बड़े स्कूल में टांग कर रखी और आज भी स्कूल में उनका नाम लिखा हुआ बताते हैं...बार्डर फिल्म में जो घायल अवस्था में सुनील शेट्टी वाला एंटी-टैंक माइन लेकर टैंक के नीचे लेटकर टैंक उड़ाने का दृश्य है, वो सैनिक चंद्रभान साहू ने वास्तव में किया था।

ऐसे रोम रोम से राष्ट्रभक्त महायोद्धा सिर्फ भारतभूमि पर जन्म ले सकते हैं...मुस्लिम रेजिमेंट द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने से मुस्लिमों की हो रही भयानक किरकिरी को रोकने व मुस्लिमों की छवि ठीक रखने के लिये इंदिरा गाँधी की कांग्रेस सरकार ने परमवीर चंद्रभान साहू की अनुपम वीरगाथा को पूरे युद्ध के एकमात्र मुस्लिम मृतक अब्दुल हमीद के नाम से अखबारों में छपवा दिया व रेडियो पर चलवा दिया, और अब्दुल हमीद को परमवीर चक्र दे दिया व इसका असली अधिकारी सैनिक चंद्रभान साहू गुमनामी के अंधेरे में खो गया...! ऐसे ही अनेक काम कांग्रेस ने पिछले 75 सालों में हर क्षेत्र में किये, जिनका खुलासा होना बाकी है।

#सभी इतिहास के जानकार मुस्लिम भाईयों से रिकवेस्ट है कि ऐसी कोई भी पोस्ट, वीडियो सोशल मीडिया पर दिखाई दे तो उसको हमें शेयर करें हम अपने चैंनल पर सही और बदली गयी सच्चाई को चैंनल व पोर्टल के जरिये पहुचायेंगे आप तक ।।।

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Thursday, September 9, 2021

शाही इमाम पंजाब हजरत मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी जी का आज दिनांक 10 सितंबर को निधन (इंतकाल) हो गया है

 


शाही इमाम पंजाब हजरत मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी जी का आज दिनांक 10 सितंबर को निधन (इंतकाल) हो गया है उनकी जनाजे की नमाज जामा मस्जिद लुधियाना के बाहर आज रात 8:30 बजे अदा की जाएगी। ਸ਼ਾਹੀ ਇਮਾਮ ਪੰਜਾਬ ਮੌਲਾਨਾ ਹਬੀਬ ਉਰ ਰਹਿਮਾਨ ਸਾਨੀ ਲੁਧਿਆਣਵੀ ਜੀ ਦਾ ਅੱਜ  ਮਿਤੀ 10 ਸਤੰਬਰ ਨੂੰ ਦੇਹਾਂਤ ਹੋ ਗਿਆ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਨਮਾਜ਼ ਏ ਜਨਾਜ਼ਾ ਜਾਮਾ ਮਸਜਿਦ ਲੁਧਿਆਣਾ ਦੇ ਬਾਹਰ ਅੱਜ ਰਾਤ 8:30 ਵਜੇ ਅਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇਗੀ।

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फातेहा ख्वानी , मुकर्रमी जनाब ,अस्सलामु अलैयकुम


बाद सलाम वाजेह हो के हमारे चाचा मोहम्मद उमर साहब खैरादी 7 मोहर्रम 1443 हि. मुताबिक 17 अगस्त 2021 बरोज मंगल को कजा ए ईलाही से ईन्तकाल हो गया है! आप दुआ फरमाए के अल्लाह तआला मरहूम को जन्नतुल फिरदोस  मे आला मुकाम अता फरमाए आमीन मरहूम की रूह को ईसाले सवाब के लिए सवा माह की फातेहा 17 सफर मुताबिक 25 सितम्बर 2021 बरोज शनिवार को बाद नमाजे असर रखी गयी है! लिहाजा आप से गुजारिश है कि तशरीफ लाकर मरहूम की रुह को ईसाले सवाब पहुँचाए! अलमुकल्लफीन ! मोहम्मद सद्दीक, मोहम्मद शफी, अब्दुल हमीद , अब्दुल रशीद  कोटा वाले ! 9214993114, 9950207502 , गमजदगान : मोहम्मद रफीक, मोहम्मद शफी, अबरार हुसैन, मोहम्मद इमरान, मोहम्मद सद्दाम  कोटा वाले : प्रोग्राम ए मुकाम टाकीज रोड दरगाह के पास, शाहपुरा, भीलवाड़ा, राजस्थान 9414687174, 9660832475, 9928315986

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Wednesday, September 8, 2021

दरगाह कमेटी को मय्यत गाड़ी की डोनेट, सुन्नी दावते इस्लामी और उम्मत फाउंडेशन ने की डोनेट......

 

सुन्नी दावते इस्लामी अजमेर शरीफ और उम्मत फ़ाउन्डेशन की और से दरगाह कमेटी को मय्यत गाड़ी डोनेट की गई,


यह मय्यित गाड़ी ई रिक्शा पर बनवाई गई, अजमेर की तंग गलियों में बङी गाड़ी पहूंचना दुशवार होता है इस लिए ई रिक्शा पर बनवाई गई, ताकी लावारिस मय्यतों को लाने में भी तकलीफ ना हो, व इनसान मरने के बाद अपने आखिरी घर जाऐ तो एहतराम और अदब के साथ जाऐ,और खिदमते ख़ल्क यह बहूत बङी नैकी है, इस से पहले सुन्नी दावते इस्लामी अजमेर शरीफ ने जनाना अस्पताल में एक वार्ड गोद लिया हुवा है,और उम्मत फाउंडेशन अंदर कोट स्थित 9वीं क्लास से 12वीं तक फ्री कोचिंग सेंटर चला रही है, जहाँ से इन्सानों की ख़िदमत होती है अल्लाह के नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम ने फरमाया "सारी मख़्लूक़ अल्लाह का कुन्बा है, इस लिए अल्लाह तआला के नज़दीक तमाम मख़्लूक़ में सब से ज़्यादा पसन्दीदा वोह आदमी है जो उस की मख़्लूक़ के साथ नैकी करे,इसी निय्यत से यह कार्य किया गया है, 

इस मय्यत गाड़ी की चाबी अशफाक हुसैन नाज़िम दरगाह कमेटी, दरगाह ख़्वाजा साहब के हाथों दी गई, इस मोक़े पर असिस्टेंट नाज़िम मोहम्मद आदिल, ख़्वाजा माॅडल स्कूल के प्रिंसिपल अरोड़ा जी और संस्था के मेम्बारान मौलाना मुईनुद्दीन रज़वी, अलीमुद्दीन, शेख़ मुस्तक़ीम, सफदर अली मोजूद थे