Monday, August 30, 2021

मुल्तानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट ने वरिष्ठ समाजसेवी मेहरान अहमद को बनाया जिला चैयरमेन युवा प्रकोष्ठ जिला शामली

 


मुल्तानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट ( रजि0 ) संस्था देश के हर जिले पर जिला चैयरमेन युवा प्रकोष्ठ की नियुक्तियां करने में जी जान से जुटी जल्द से जल्द कार्य पूरा करने के आदेश | देश की राजधानी दिल्ली से संचालित एवं संपूर्ण भारतवर्ष में कार्यरत पैदायशी इंजीनियर मुल्तानी लोहार बिरादरी की देश की सबसे बड़ी व क्रांतिकारी संस्था मुल्तानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज़मीर आलम ,वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जनाब हाज़ी मोहम्मद इक़बाल काजी जी व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ज़नाब मोहम्मद आलम साहब ने ट्रस्ट के सभी प्रदेश चैयरमेन, मंडल चैयरमेन व अन्य पदाधिकारियों को आदेश दिये है

कि सभी राष्ट्रीय व प्रदेशों के पदाधिकारी जल्द से जल्द अपने अपने अपने प्रदेशों के सभी जिला मुख्यालयों पर जिला चैयरमेन युवा प्रकोष्ठ,  की अविलंब नियुक्तियां करके नाम मुख्यालय को भेजें।  आज दिनांक 30 अगस्त 2021 को शामली जिले के कस्बा थानाभवन निवासी वरिष्ठ समाजसेवी ज़नाब मेहरान अहमद वल्द जनाब शकूर अहमद जी को शामली जिले से जिला चैयरमेन युवा प्रकोष्ठ मनोनीत किया गया है। जिला चैयरमेन युवा प्रकोष्ठ जिला शामली , का प्रभार देते हुए मेहरान जी को शामली जिले के सभी कस्बों और ग्राम पंचायत चैयरमेन युवा प्रकोष्ठ व जनगणना अधिकारी की नियुक्तियां करनी है । इनको अभी  नगर चैयरमेन थानाभवन, नगर चैयरमेन जलालाबाद, नगर चैयरमेन बाबरी, नगर चैयरमेन गढ़ी-पुख़्ता, नगर चैयरमेन ऊन

नगर चैयरमेन झिंझाना, नगर चैयरमेन कैराना, नगर चैयरमेन कांधला, नगर चैयरमेन बनत, नगर चैयरमेन एलम, ग्राम चैयरमेन लुहारी, ग्राम चैयरमेन पेलखा, ग्राम चैयरमेन ताना, ग्राम चैयरमैन पुरमाफ़ी, ग्राम चैयरमेन मादलपुर, ग्राम चैयरमेन हाथी करोदा, ग्राम चैयरमेन पिण्डोरा, ग्राम चैयरमैन लिलोंन, ग्राम चैयरमेन खेड़ी, सहित अपनी जिला कार्यकारिणी बनाने पर पूरा बल दिया जाये !!  इन सभी स्थानों पर बिरादरी के  चैयरमैन बनने या बनवाने के लिये हमें आप सब की पूरी मदद चाहिये इसके लिये इच्छुक साहिबाबान मेहरान जी के मोबाइल न0 :- 7417465360 पर कॉल कर पूरी जानकारी लें सकते है। 


उत्तरप्रदेश के चैयरमेन अलीहसन मुल्तानी जी के मोबाइल न0 :- 9027004684 पर भी कॉल करके पूरी जानकारी ले सकते है। पूरे भारत में ट्रस्ट से जुड़ने के लिये राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष हाज़ी मोहम्मद इक़बाल काजी जी व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद आलम जी से भी जानकारी ली जा  सकती है । अधिक जानकारी के लिये ट्रस्ट की वेबसाइट www.multanisamaj.com को लॉगिन करके पूरी जानकारी ली जा सकती है। मेहरान जी जो को शामली जिले की  कार्यकारिणी बनाकर मुख्यालय को सौपनी है जिसके लिये इनको एक माह का समय दिया गया है। आशा है अपने एक साल के जिला चैयरमेन युवा प्रकोष्ठ जिला शामली के कार्यकाल में जिला शामली में बिरादरी के लिये अच्छे अच्छे कार्यक्रम होगें जो पूरे प्रदेश में मिशाल क़ायम करेगें।  ट्रस्ट मेहरान जी के अच्छे मुस्तकबिल की दुआ करती है।

@Multani Samaj News

8010884848

7599250450

Sunday, August 29, 2021

राजस्थान मुस्लिम यूथ के संस्थापक सचिव अब्दुल गफ्फार मुल्तानी SDPI में हुए शामिल

 


जिला अध्यक्ष अब्दुल रज़्ज़ाक अंसारी ने आज के हालात दलितों और मुसलमानों के साथ हो रहे अत्त्याचार के बारे में चर्चा की और sdpi सभी धर्मों को साथ लेके चलती है सबको सम्मान दिलाने की बात करती है शब्बीर कुरेशी ने पार्टी के बारे में बताकर। राजस्थान मुस्लिम यूथ  के राष्ट्रीय संस्थापक सचिव अब्दुल गफ्फार मुल्तानी इमरान गोरी, इकबाल मेव,इमरान मंसूरी को sdpi की सदस्यता दिलाई, इस दौरान  वार्ड नं 49 के पार्षद हाजी सलीम भी मौजूद रहे !! सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया भीलवाड़ा 

@Multani Samaj News

8010884848

7599250450

Saturday, August 28, 2021

______*फातिहा ख्वानी*______


बड़े ही रंजो गम के साथ यह इत्तिला दी जाती है हमारे छोटे भाई *मरहूम मोहम्मद इरफान मक्कड़* वल्द *मरहूम हाजी अब्दुल कादिर मक्कड़* (उर्फ बाबू भाई)का कजा ए इलाही से 30 जुलाई 2021 बरोज  जुम्मा इंतकाल हो गया था  हमारी वाल्दा ए मोहतरमा *मरहूमा हज्जानी नूरबानू मक्कड़* जोजा *मरहूम हाजी अब्दुल कादिर मक्कड़* (उर्फ बाबू भाई) का बरोज 27 मई 2021 बरोज जुम्मा कजाए इलाही से इंतकाल हो गया था इन्ना लिल्लाहे व इन्ना इलेही राजीउन अल्लाह  तआला अपने हबीब के सदके उन दोनों की मगफिरत फरमाए और जन्नतुल फिरदोस में आला से आला मक़ाम अता फरमाए मरहूम व  मरहूमा के ईसाले सवाब के लिए फातिहा ख्वानी 7 सितंबर 2021 बरोज मंगलवार चांद की तारीख 28 मोहर्रम उल हराम हिजरी 1443 शाम को 5:00 बजे रखी गई है।  (मरहूम मोहम्मद इरफान मक्कड़ की *सवा माह* की फातिहा और मरहूमा हज्जनी नूर बानो मक्कड़ की *साढ़े तीन माह* की फातिहा)

        *गमजदागान*

हाजी अब्दुल सत्तार मक्कड़ हाजी अब्दुल गफ्फार मक्कड़ हाजी मोहम्मद यूनुस मक्कड़ मोहम्मद शब्बीर मक्कड़

 मोहम्मद इब्राहिम मक्कड़

 मोहम्मद आरिफ मक्कड़

 मोहम्मद उस्मान मक्कड़ मोहम्मदऔजेर मक्कड़

 सलमान अली मक्कड़ मोहम्मद हैदर मक्कड़ मोहम्मद मुस्तफा मक्कड़ हसन अली मक्कड़ मोहम्मद आसिम मक्कड़ व अहले  मक्कड़ खानदान समिति वाला l 

(ईसाले सवाब के लिए इन नंबरों पर व्हाट्सएप कर देवे ) 

9001204999

9414473744

8209861630

8619604601

*7 सितंबर 2021  बरोज मंगल बाद नमाज मगरिब नियाज का प्रोग्राम रखा है*


*पता 25 26 लोहार कॉलोनी आयड़ उदयपुर राजस्थान*

@Multani Samaj News

8010884848

7599250450

Friday, August 27, 2021

एक अनोखा मुकदमा ( एक कहानी एक हकीकत )


न्यायालय  में एक मुकद्दमा आया ,जिसने सभी को झकझोर दिया |अदालतों में प्रॉपर्टी विवाद व अन्य पारिवारिक विवाद के केस आते ही रहते हैं|  मगर ये मामला बहुत ही अलग किस्म का था|

एक 60 साल के  व्यक्ति ने ,अपने 75 साल के बूढ़े भाई पर मुकद्दमा किया था|


 मुकदमा कुछ यूं था कि "मेरा 75 साल का बड़ा भाई ,अब बूढ़ा हो चला है ,इसलिए वह खुद अपना ख्याल भी ठीक से नहीं रख सकता |मगर मेरे मना करने पर भी वह हमारी 95 साल की मां की देखभाल कर रहा है |

 मैं अभी ठीक हूं, सक्षम हू। इसलिए अब मुझे मां की सेवा करने का मौका दिया जाय और मां को मुझे सौंप दिया जाय"।

 न्यायाधीश महोदय का दिमाग घूम गया और मुक़दमा भी चर्चा में आ गया| न्यायाधीश महोदय ने दोनों भाइयों को समझाने की कोशिश की कि आप लोग 15-15 दिन रख लो|


 मगर कोई टस से मस नहीं हुआ,बड़े भाई का कहना था कि मैं अपने  स्वर्ग को खुद से दूर क्यों होने दूँ |अगर मां कह दे कि उसको मेरे पास कोई परेशानी  है या मैं  उसकी देखभाल ठीक से नहीं करता, तो अवश्य छोटे भाई को दे दो।

 छोटा भाई कहता कि पिछले 35 साल से,जब से मै नौकरी मे बाहर हू  अकेले ये सेवा किये जा रहा है, आखिर मैं अपना  कर्तव्य कब पूरा करूँगा।जबकि आज मै स्थायी हूं,बेटा बहू सब है,तो मां भी चाहिए।

 परेशान  न्यायाधीश महोदय ने  सभी प्रयास कर लिये ,मगर कोई हल नहीं निकला|

आखिर उन्होंने मां की राय जानने के लिए उसको बुलवाया और पूंछा कि वह किसके साथ रहना चाहती है|

मां कुल 30-35 किलो की बेहद कमजोर सी औरत थी |उसने दुखी दिल से कहा कि मेरे लिए दोनों संतान  बराबर हैं| मैं किसी एक के  पक्ष में फैसला सुनाकर ,दूसरे का दिल नहीं दुखा सकती|

 आप न्यायाधीश हैं , निर्णय करना आपका काम है |जो  आपका निर्णय होगा मैं उसको ही मान लूंगी।

आखिर न्यायाधीश महोदय ने भारी मन से  निर्णय दिया कि न्यायालय छोटे भाई की भावनाओं से  सहमत है कि बड़ा भाई वाकई बूढ़ा और कमजोर है| ऐसे में मां की सेवा की जिम्मेदारी छोटे भाई को दी जाती है।

फैसला सुनकर बड़े भाई ने छोटे को गले लगाकर रोने लगा |

यह सब देख अदालत में मौजूद  न्यायाधीश समेत सभी के आंसू छलक पडे।

कहने का  तात्पर्य यह है कि अगर भाई बहनों में वाद विवाद हो ,तो इस स्तर का हो|

ये क्या बात है कि 'माँ तेरी है' की लड़ाई हो,और पता चले कि माता पिता ओल्ड एज होम में रह रहे हैं |यह पाप  है।

धन दौलत गाडी बंगला सब होकर भी यदि मा बाप सुखी नही तो आप से बडा कोई जीरो(0)नही।


निवेदन है इस पोस्ट को शेयर जरूर करें,ताकि मां बाप को हर जगह सम्मान मिले ....

@Multani Samaj News

8010884848

7599250450

Thursday, August 26, 2021

करामात व सवानेह हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती अजमेरी...........


 

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

  *👑ख्वाजा गरीब नवाज👑*

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹


👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻

🌹👉🏻 *जिस किसी को भी हिन्दुस्तान के राजा हजरत ख्वाजा गरीब नवाज  के बारे में जानना है की वो कितनी बड़ी शख्सियत है तो इस पोस्ट को जरूर अव्वल से आखिर तक पढ़े  पोस्टथोडी बड़ी जरूर है पर इसको पढ़ कर ईमान ताजा हो जाएगा .......!*🌹


🌹👉🏻 *हजरत ख्वाज़ा मोईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैही अलक़ाब:- ख्वाजा गरीब   नवाज* 🌹        

         

🌹👉🏻  *अता-ऐ-रसूल* 🌹

🌹👉🏻 *सल्ललाहो अलैहि वसल्लम आप की विलादत संजर जो मुल्क असफहान के शहर खुरासान के करीब में है, में 530 हिजरी (1136) में हुई..!*🌹


🌹👉🏻 *आपके वालिद का नाम ख्वाजा सैय्यद गयासुद्दीन बिन अहमद हसन रहमतुल्लाह अलैहि  है जो  हुसैनी सादात है और वालिदा का नाम बीबी उम्मुल वरा ( बीवी माहेनूर) बिन्ते हजरत सैय्यद दाऊद रहमतुल्लाह अलैहि है जो की हसनी सादात है 8 बरस की उम्र में आपके वालिद का इंतेक़ाल हो गया और 15 बरस की उम्र में आपकी वालिदा का इंतेक़ाल हो गया* 🌹


🌹👉🏻  *544 हिजरी में एक बार आप अपने फलो के बगीचे में काम कर रहे थे,तब हजरत इब्राहिम कंदोजी नाम के एक दरवेश वहाँ आये और बेठे. आपने उनको अपने बगीचे में से अंगूर का गुच्छा पेश किया और उन्हों ने उसे खाया और मेहमान नवाजी से खुश होकर अपने थैले में कुछ निकाला और उसको चबाकर ख्वाज़ा मोईनुद्दीन को खाने के लिए दिया आपने खुशी के साथ उसको खाया तो उनके फैजो बरकात से आपके लिए इल्मो हिकमत के दरवाजे खुल गए और आप ने अपना सब कुछ बेच दिया और उस रकम को गरीबो और मोहताजो को खैरात कर दिया और फिर आप समरकंद और बुखारा की तरफ इल्मे दीन सिखने के लिए रवाना हो गए*🌹


🌹👉🏻 *544 से 550 हिजरी तक आप वहाँ हजरत मौलाना हिसामुद्दीन और हजरत मौलाना शरफुद्दीन के पास इल्मे दीन सीखते रहे!*🌹


🌹👉🏻   *550* *हिजरी में आपकी मुलाकात हुजूर गौसे* *आजम रदियल्लाहो तआला अन्हो से हुई*


*🌺आप एक कामिल पीर तलाश रहे थे की आपने ख्वाज़ा उस्मान हारूनी रहमतुल्लाह अलैहि के बारे में सुना.*


*🌸552 हिजरी में आप उनके पास गए और उनके मुरीद हुए..! और इबादतें इलाही और खिदमते मुर्शिद करते रहे..!*


🌹👉🏻  *एक बार ख्वाज़ा उस्मान हारूनी ने आपसे कहा के मोईनुद्दीन नीचे देखो क्या दिखता है..??* 


*🌺आपने नीचे देखकर कहा की में जमीन के अंदर देख सकता हूं मुर्शिद ने फिर कहा की अब ऊपर देखो, क्या दिखता है ..???* *


*🌸आपने ऊपर देखकर कहा की में आसमान के अंदर देख सकता हूं..! मुर्शिद ने फिर फरमाया की में तुम्हे इससे भी आगे पहुँचाना चाहता हूं,*🌹 


🌹👉🏻 *फिर 22 साल मुर्शिद की खिदमत में गुजारने के बाद एक दिन मुर्शिद ने फिर बुलाकर अपनी दो उंगलिया आप की दोनों आँखों के बीच में रखी और फिर फरमाया मोईनुद्दीन नीचे देखो क्या दिखता है..?? आपने नीचे देखकर कहा में तहतुस्सरा तक देख सकता हूं यानी 7 तबक जमीन के नीचे तक ’ फिर मुर्शिद ने कहा ‘अब ऊपर देखो क्या दिखाई देता है..??’ आपने ऊपर देखकर कहा की ‘में अर्शे आज़म तक देख सकता हूं'.ख्वाज़ा उस्मान हारुनी ने खुश होकर आपको खिलाफत अता फरमाई*


🌹👉🏻 *एक बार आपके मुर्शिद ख्वाज़ा उस्मान हारुनी रहमतुल्लाह अलैहि ने अपने सब मुरीदो को जमा करके कहा के मेने तुम्हे जो इल्म सिखाया है उससे कुछ करामात पेश करो...!*


 *🌼सब मुरीदो ने बारी बारी करामात से कोई चीज़  पेश की किसी ने सोना, किसी ने चांदी, किसी ने हीरे जवाहरात,तो किसी ने दीनारों दिरहम पेश किये,ख्वाजा मोईनुद्दीन ने रोटी के टुकड़े पेश किये..!*


*💗सब मुरीद आप पर हंसने लगे., इतने में दरवाजे पर एक साइल ने आवाज़ दी के में कई दिनों से भूखा हूं मुझे खाने के लिए कुछ दे दो.’ सब ने अपनी अपनी चीज़े उसको देनी चाही. मगर उस साइल ने कहा के में इस सोने चांदी हीरे जवाहरात दीनारों दिरहम का क्या करुँ..?*

*मुझे तो खाने के लिए कुछ दे दो..! फिर ख्वाज़ा मोईनुद्दीन ने रोटी के टुकड़े उस साइल को दे दिए. उसने उसे लेकर आपको बहुत सारी दुआऐं दी.!*


*👑इसके बाद ख्वाज़ा उस्मान हारुनी ने फरमाया के ऐ मोईनुद्दीन तुम गरीब नवाज़ हो* 🌹


🌹👉🏻  *555 हिजरी में शेख जियाउद्दीन अबू नजीब अब्दुल कादिर सोहरवर्दी रहमतुल्लाह अलैहि से मुलाकात हुई..!* 🌹


🌹👉🏻 *563हिजरी में ख्वाज़ा उस्मान हारुनी ने आपको जुब्बा मुबारक अता किया और अपने साथ हज को लेकर गए.जब बैतुल्लाह शरीफ़ में हाजिर हुए तो आपके पीरों मुर्शीद ने आपका हाथ पकड़ कर दुआ क ऐ खुदावंद में अपने मोईनुद्दीन के लिए तुझसे 3 चीजो का तलबगार हूं !* *गैब से आवाज़ आई " ऐ उसमान मोईनुद्दीन के लिए जो कुछ तलब करोगे दिया जाएगा  ये हुक्म पाकर आपने अर्ज़ किया  ऐ खुदावंद तू मेरे मोईनुद्दीन को कुबूल फरमा इरशादे बारी हुआ "हमने कुबूल किया" फिर अर्ज़ किया "मेरे मोईनुद्दीन को मुझसे ज्यादा शोहरत अता फरमा ! इरशादे बारी हुआ " हमने कुबूल किया"* 🌹


"🌹👉🏻  *फिर अर्ज़ किया मेरे मोईनुद्दीन में अपने जलवे और अपने हबीब सल्ललाहो अलैहि वसल्लम की शान पैदा फरमा इरशादे बारी हुआ की ये दुआ भी मेने कुबूल की आखिर वक़्त में इस दुआ का इस तरह जहूर  हुआ कि आपके विसाल के बाद आपकी पेशानी मुबारक पर अरबी में लिखा हुआ था -*🌹


🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *हाजा हबीबुल्लाह वमा ता फी हुबिल्लाह*


🌹🌹🌹🌹🌹🌹

*💓यानी 👉🏻ये अल्लाह का हबीब है और इसका विसाल अल्लाह की मोहब्बत में हुआ*

🌹🌹🌹🌹🌹🌹


🌹👉🏻 *इसके बाद जब मदीना शरीफ पहुंचे और हुजूर सल्ललाहो अलैहि वसल्लम को सलाम पेश किया अस्सलातो वस्स्लामो अलैका या रसूलल्लाह'*


*🌼तो रोजा ऐ मुबारक से जवाब आया वालेकुम अस्सलाम या कुतबुल मशाइखे बहरो बर  (और तुम पर भी सलामती हो ऐ जमीन और समुन्दर के बुजुर्गो के कुतुब)* 🌹


🌹👉🏻  *580 हिजरी में गौसे आज़म रदियल्लाहो तआला अन्हो से दोबारा  मुलाकात हुई..!*


*🌺582 हिजरी में इस्फ़हान में ख्वाज़ा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी को मुरीद बनाया और 585*

*हिजरी में समरकंद में उनको खिलाफत अता फरमाई* 🌹

       

🌹👉🏻 *585 हिजरी में आप ख्वाज़ा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी के साथ हरमैन शरीफ़ेन गए तो सरकारे मदीना हुजूर सल्ललाहो अलैहि वसल्लम ने ख्वाब में तशरीफ़ लाकर फरमाया के ऐ मोईनुद्दीन तुम दीन के मददगार हो, तुम अब हिन्दुस्तान जाओ और वहाँ जाहिलियत को दूर करके लोगो को दीन ऐ इस्लाम का सही रास्ता दिखाओ*🌹


🌹👉🏻 *रास्ते में बहुत सारे सूफी औलिया से फैज़ो बरकात हासिल करते हुवे और हजारो लोगो को अपना फैज अता करते और दीन की सही राह दिखाते हुए  आप हिदुस्तान में लाहौर में कुछ अरसे के लिए रुके और फिर वहाँ से  587 हिजरी (1190.) में 52 बरस की उम्र में राजपुताना  (राजस्थान) के इलाके अजमेर में पहुंचे जहाँ पृथ्वीराज चौहान की हुकूमत थी..! एक बार आप अपने साथियो के साथ एक दरख्त के नीचे बैठे थे, इतने में राजा के सिपाहियों ने आकर कहा के तुम सब यहाँ से खड़े हो जाओ .*


*💓ये जगह राजा के ऊँटो के बैठने की जगह है..! आप ने फरमाया की ये ऊंट दूसरी कोई जगह पर भी तो बैठ सकते है  ‘ तो सिपाहियों ने कहा के नहीं ये ऊंट रोजाना यही पर बैठते है.!*

*🔮तो आप वहाँ से खड़े हो गए और फरमाया के ठीक है*  *अब ये ऊंट यही पर बैठेंगे, और आप दूर चले गए..!* *फिर कुछ वक़्त के बाद सिपाहियों ने ऊँटो को खड़ा करने की कोशिश की तो वो ऊंट वहाँ से खड़े ना हुवे, बहुत* 


*💝कोशिश करने के बाद नाकाम होकर वो सब राजा के दरबार में हाज़िर हुवे और सारा किस्सा बयान किया..!* *तो उस राजा ने कहा की तुम उस फकीर के पास जाओ और उससे माफ़ी मांगो..!*


*🍁वो सिपाही आपको तलाश करते हुवे वहाँ पहुंचे और माफ़ी मांगी आपने फरमाया की जाओ तुम्हारे ऊँट खड़े हो गए है, सिपाहियों ने जब जाकर देखा तो ऊंट अपनी जगह से खड़े हो गए थे*🌹


?🌹👉🏻  *इसके बाद आपने बहुत सारी करामते दिखाई जिसमे आना सागर को अपने कांसे में समा लेना और अजयपाल जादूगर के फेंके गए पत्थर को आसमान में ही रोक देना और उसको मुसलमान बनाना मशहूर है..! आपने अपने रूहानी फैज़ और करामात से हिन्दुस्तान में इस्लाम की बुनियाद मजबूत की, बुलन्दी और वक़ार अता फरमाया*🌹


?🌹👉🏻 *एक बार आप आना सागर की तरफ से गुजर रहे थे की आपने एक औरत के रोने की आवाज़ सुनी पहचानने पर पता चला की वो औरत बहुत गरीब थी और उसकी गाय मर गई थी, आप उसके साथ उस गाय के पास गए और अल्लाह से दुआ की तो वो मरी हुई गाय जिन्दा हो गई ये देखकर वो औरत आप के कदमो में गिर गई*🌹


🌹👉🏻 *589 हिजरी में शाहबुद्दीन गौरी आप के मुरीद बने 611 हिजरी में आप देहली तशरीफ़ ले गए आप 7 वीं सदी के मुजद्दिद भी है, आपने बहुत सारी किताबे भी लिखी है, जिस में अनीसुल अरवाह और दलाइलुल आरेफीन मशहूर है*

*आप फरमाते है :*

🌹👉🏻  *(1) किसी* *का दिल ना दुखाओ*

*हो सकता है की वो आंसू तुम्हारी सजा बन जाए*

🌹👉🏻 *2.दुखियो की मदद करना और उनकी फरियाद सुनना अफजल इबादत है.!*

🌹 *(3) झूटी कसम खाने से घर में से बरकत चली जाती है..!*

*हमेशा सच बात कहा करो*


🌹👉🏻 *आपकी 2 बीबियां है और 3 बेटे और 1 बेटी है..!*

*बीबी अमातुल्लाह से निकाह 590 हिजरी में हुआ आपके बतन से*

🌹 *(1) खवाजा फकरुद्दीन रहमतुल्लाह अलैहि*

🌹 *(2) ख्वाजा हिसामुद्दीन रहमतुल्लाह अलैहि*

🌹 *(3) बीबी हाफीजा जमाल रहमतुल्लाह अलेहिया हुवे*

*बीबी असमतुल्लाह से निकाह  620 हिजरी में हुआ और आपके बतन से हजरत खवाजा जियाउद्दीन अबू सईद रहमतुल्लाह* *अलैहि हुए आप खवाजा उसमाने हारुनी के मुरीद और* *खलीफा है, आप से हिन्दुस्तान में चिश्तिया सिलसिला जारी है..,*

*🌸आपके बहुत सारे मुरीदो ने हिन्दुस्तान में दीने इस्लाम की इशाअत का काम जारी रखा !*

🌹 *आप के 2 खलीफा मशहूर है :* 🌹

🌹 *(1). हजरत ख्वाज़ा कुतबुद्दीन बख्तियार काकी रहमतुल्लाह अलैहि (देहली)*

🌹 *(2).हजरत ख्वाज़ा हमीदुद्दीन नागौरी रहमतुल्लाह अलैहि*

*(नागौर)*

🌹 *इसके अलावा आपके सिलसिले (खलीफा के खलीफा) में बहुत सारे औलिया अल्लाह मशहूर है*🌹 🌹🌹🌹🌹🌹

🌹 *1.हजरत ख्वाज़ा फरीदुद्दीन गंजे शकर रहमतुल्लाह अलैहि (पाक पट्टन पाकिस्तान),*

🌹 *2.हजरत ख्वाज़ा अलाउद्दीन साबिर कलियरी रहमतुल्लाह अलैहि* 

🌹 *3.हजरत ख्वाज़ा शम्सुद्दीन तुर्क रहमतुल्लाह अलैहि पानीपती*

🌹 *4.हजरत ख्वाज़ा निजामुद्दीन औलिया रहमतुल्लाह अलैहि(देहली),*

🌹 *5.हजरत ख्वाज़ा नसीरुद्दीन चिराग देहलवी रहमतुल्लाह अलैहि*

🌹 *6. हजरत अमीर खुसरो (देहली)*

🌹 *7.हजरत बुरहानुद्दीन गरीब खुलदाबाद (महाराष्ट्र)*

🌹8 *हजरत* *जलालुद्दीन फतेहबाद* *(महाराष्ट्र),*

🌹 *9.हजरत मोहम्मद हुसैनी गेसू दराज बंदा नवाज रहमतुल्लाह अलैहि गुलबर्गा* *(कर्नाटक)*

🌹 *10.हजरत सैय्यद अहमद बड़े पा लांसर (हैदराबाद)*

🌹 *11. हजरत सिराजुद्दीन अकी सिराज (आइना ऐ हिन्द) रहमतुल्लाह अलैहि*

*(गौड़, वेस्ट बंगाल)*

🌹 *12.हजरत शाह नियाज अहमद रहमतुल्लाह अलैहि (बरेली),*

🌹 *13.हजरत मखदूम अशरफ सिमनानी रहमतुल्लाह अलैहि*

*(किछौछा)* 

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹


🌹 *आपका विसाल 6 रजब 633 हिजरी (मार्च 16,1236) को 97 बरस की उम्र में हुआ..!*

*👑आपका मजार अजमेर (राजस्थान) में है विसाल के बाद भी आपका फैज़ और करामात जारी है, आपके मज़ार पर हाज़िर होने वालो और आप के वसीले से दुआ मांगने वालो को अल्लाह तआला हर नेक जायज मुराद अता फरमाता है..!*

*जिस में ये किस्सा बहुत मशहूर है की*

💚 *एक बार बादशाह औरंगजेब रहमतुल्लाह अलैहि ख्वाज़ा गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैहि के मज़ार की जियारत के लिए अजमेर आये..!*

*👑अजमेर पहुँच कर औरंगजेब ने कहा के मानता हूं की ख्वाजा गरीब  नवाजरहमतुल्लाह अलैहि*

*🕋अल्लाह के वली है मगर में जब मज़ार पर उनको सलाम पेश करू तो मुझे जवाब मिलना चाहिये वरना में मज़ार को तोड़ दूंगा..!* 🌹 

 *🌼आप जब मज़ार पर पहुंचे तो वहाँ एक अँधा शख्स बैठकर इल्तेजा कर रहा था औरंगजेब ने उससे पूछा के ऐ शख्स क्या मामला है..??*🌹

🌹 *उस अंधे शख्स ने जवाब दिया की में बहुत अरसे से ख्वाज़ा के वसीले से दुआ कर रहा हूं की मेरी आँखों की बिनाई आ जाए मतलब रौशनी मिल जाए..!*🌹

🌹 *लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ..! तब औरंगजेब ने उससे कहा की मज़ार पर सलाम कर के आता हूं,अगर तब तक तुझे आँख की रौशनी नहीं मिली तो तलवार से तेरी गर्दन काट दूंगा..!*🌹

🌹 *वो अँधा शख्स परेशान हो गया की अब तो आँख के साथ साथ जान पर बन आई है..!  फिर उसने और जोर शोर से तड़प कर  ख्वाज़ा गरीब नवाज़ के वसीले से दुआ की..!*🌹

🌹 *जब औरंगजेब ने ख्वाजा गरीब नवाज़ को सलाम पेश किया तो उसका जवाब नहीं मिला, दोबारा सलाम किया तो जवाब नहीं मिला, फिर जब तीसरी मर्तबा सलाम किया तो मज़ार के अंदर सलाम का जवाब मिला..!*🌹

🌹 *फिर ख्वाज़ा गरीब नवाज ने कहा की ऐ औरंगजेब आइन्दा से फिर कभी ऐसी जिद मत करना, तुम्हारी जिद की वज़ह से उस अंधे शख्स की आँखों की रौशनी लाने के लिए में अर्शे इलाही पर गया था.. और इसलिए सलाम का जवाब देने में थोड़ी देर हो गई..!*🌹


🌹 *मुझ से जहां तक बन सका मेने सरकार गरीब नवाज़ की जिंदगी पर रौशनी डालने की कोशिश की है और आप तक इसको पहुँचाने की कोशिश की है,आखिर में बस यही कहूँगा की अल्लाह मेरी इस कोशिश को अपनी बारगाह में मंजूर फरमाये,*🌹

🌹 *अल्लाह तआला रसूल सल्ललाहो अलैहि वसल्लम के सदके में और ख्वाज़ा गरीब नवाज़ अता ऐ रसूल के सदके में हम सबको पक्का और सच्चा आशिके रसूल बनाये, और सबके ईमान की हिफाजत फरमाये, और सबको दुनिया और आख़िरत में कामयाबी अता फरमाये*🌹


🌹 *आमीन* 🌹


🌹 *हजरत ख्वाजा गारीब नवाज (रहमातुललाहै अलैय) की चौखट पर शहनशॉहो की हाजरी...*🌹


🌹👉🏻  *अज़मेर फ़तेह होने पर सुल्तान शहाबुद्दीन मोहम्मद ग़ौरी हज़रत ख़्वाजा गरीब नवाज़ की ख़िदमत मे हाजिर हुआ और मुरीद भी बन गया।...*🌹

🌹👉🏻  *सुल्तान शम्सुद्दीन अतमश हज़रत कुत्बुद्दीन बख्तियार काकी रहमतुल्लाह अलैह का मुरीद था। अपने दादा पीर हज़रत ख़्वाजा गरीब नवाज़ के दरबार में हाज़िरी देता रहता।...*🌹

🌹👉🏻  *सुल्तान महमूद ख़िल्जी ने 1455 ई. में दरबारे ख़्वाजा में हाज़िरी दी और अक़ीदत के तौर पर एक मस्जिद और एक दरवाजा तामीर करवाया।...*

👉🏻  *सुल्तान शेरशाह सूरी ने 1544 हिजरी में आस्तानए आलिया पर हाज़िरी देकर अक़ीदत के फूल पेश किए...*🌹

🌹👉🏻 *बादशाह अकबर महान चितौड़ का क़िला फ़तह होते ही 975 हिजरी में और बेटे जहांगीर की पैदाइश की खुशी में 996 में आगरा से पैदल चलकर अजमेर शरीफ़ आया और नज़रानए अकीदत पेश किया।...*🌹

🌹👉🏻  *शहंशाह जहांगीर बादशाह बनने के 8 साल बाद 1022 हिजरी में अजमेर आया। शहर से 3 मील दूर ही सवारी से उतर गया और पैदल चलकर दरबारे ख़्वाजा में हाजिरी दी।...*🌹

🌹👉🏻  *बादशाह शाहजहां ने 21 साल तक हिन्दुस्तान पर हुकूमत की। इस दौरान वह तीन बार अजमेर शरीफ़ आया। उसने अक़ीदत में जो इमारतै तामीर कराई वह आज भी बाकी व सलामत है।...*🌹

🌹👉🏻  *1068 हिजरी में औरंगजेब आलमगीर ने एहतराम के साथ दरबारे ख़्वाजा में हाजिरी दी।...*🌹

🌹👉🏻  *बाबा गुरु नानक हज़रत ख़्वाजा गरीब नवाज से बड़ी अक़ीदत रख़ते थे। बड़ी अक़ीदत से अजमेर आतgे और काफ़ी दिनों तक ठहरा करते। यही वजह है कि उनके मानने वाले आज भी दरबारे ख़्वाजा में अक़ीदत व एहतराम से हाज़िरी देते हैं।...*🌹

🌹👉🏻  *1902 ई. में हिन्दुस्तान का वाएसराय लार्ड कर्जन जब आपके दरबार में हाज़िर हुआ और वहां सभी धर्मो के लोगों को मौजूद पाया तो दिल पर बड़ा गहरा असर लिया। जिसे उसने अपनी किताब मैं युं लिखा है - मैंने एक कब्र को हिन्दुस्तान में हुकूमत करते देखा।...*🌹

🌹👉🏻  *अफ़गान के बादशाह अमीर हबीबुल्लाह ख़ान सन् 1907 ई. में दरबारे ख़्वाजा में हाजिरी दी ...*🌹

🌹👉🏻  *मीर उस्मान अली ख़ान निज़ाम हैदराबाद 16.10.1912 और 3.11.1914 ई. को दरबारे ख़्वाजा में आए और अपनी अक़ीदत के नज़राने तामीर की शक्ल में पेश किया जो आज भी मौजूद है। निज़ाम गेट उन्ही की यादगार है।...🌹*

🌹👉🏻  *गांधीजी तहरीके आज़ादी में कामयाबी की दुआ के लिए 1942 ई. में दरबारे ख़्वाजा में आए।...*🌹

🌹👉🏻  *नेहरु जी ने 1945, 1947 और 1954 ई.  में तीन बार हाज़िरी देने का शरफ़ हासिल किया।...*🌹

🌹👉🏻 *आज भी वक़्त की बड़ी - बड़ी हस्तीया हाज़िरे दरबार होती है 👈🏻*🌹


🌹 *या ख़्वाजा तेरी चौख़ट है इतनी प्यारी ये सर खुद ब खुद झुक जाता है*🌹

🌹 *गरीब तो गरीब पर बादशाह भी तेरे दर पर ज़ोली फ़ेलाता है*🌹

🌹 *ख़्वाजा तु है बड़ा गरीब नवाज़ तेरे दर से ख़ाली कोन जाता है* 🌹


🌹 *सुब्हान अल्लाह* 🌹

Tuesday, August 24, 2021

मुझे बर्गर नहीं पसंद ( कहानी जो दिल को छू गई )


आज फिर घर पर सब्ज़ी पकी थी और मेरा दिल बर्गर खाने को था,घर से निकला मेकडोनाल्ड पर लम्बी लाइन में मैं खड़ा अपनी बारी का इंतज़ार कर रहा था कि अचानक पास वाली दीवार के साये में एक शख्स आ बैठा जो गालिबन मज़दूर था, और एक रुमाल से दो सूखी रोटियां निकालीं, रोटियां खोलीं तो अंदर हरी मिर्च का अचार था.. सामने रोटी खोलकर रखी और हाथ उठा कर दुआ मांगी और निवाला तोड़ा.. मैं उसे गौर से देखने लगा.. उसके हर लुक़्मे पर उसके चेहरे पर एक अजीब खुशी और शुक्र महसूस हो रहा था, इतने में एक और मज़दूर आकर उसके पास दीवार के साये में बैठ गया और अपने रुमाल से रोटी निकाली लेकिन उसकी रोटी में अचार भी ना था तब उस पहले मज़दूर ने खाते हुए अपनी रोटी का अचार उसकी रोटी में रख कर कहा:  "मेरा पेट फुल हो गया था अच्छा किया जो तुम अचार नहीं लाए,वरना मेरा ज़ाया हो जाता था-"बस ये वो आखरी अल्फाज़ थे जो मैंने गौर से सुने भी और देखा भी.... इतने में आवाज़ आई: "जी सर आपका ऑर्डर क्या है?"मैंने मेकडोनाल्ड के स्टॉफ की तरफ देखा तो मेरी आंखों से आंसू निकल रहे थे और मुंह में एक लफ्ज़ नहीं था,बस इतना कहा कि "मुझे बर्गर नहीं पसंद-" और खिड़की छोड़ कर उन मज़दूरों के पास जाकर रुक गया, मुझे सर पर खड़ा देखकर वो दोनों बौखला गए... एक ने कहा: "बाऊ जी अभी चले जाते हैं बस रोटी खाने छांव में बैठ गए.."और मेरी आंखों से टप टप आंसू बहने लगे, मैंने उनके पास घुटनों के बल बैठ कर कहा: "अपनी रोटी से एक निवाला दोगे?" उसने पूरी रोटी मेरी तरफ बढ़ा दी, और झट से एक पुरानी सी बोतल खोल कर अपना पानी भी मेरे आगे कर दिया...मैंने एक निवाला अचार के साथ जो मुंह में लिया काश मेरे पास अल्फाज़ होते कि इस दुनियां के सब खानों से लज़ीज़ लुक़्मा था मैंने रोते हुए ही पूछा "ये खाना इतना लज़ीज़ कैसे हैं?" "वो भी अचार के साथ?"मज़दूर ने कहा: "बाऊ जी हलाल कमाने की कोशिश करते हैं,शायद तभी मज़ा आता है रूखे सूखे खाने का भी.." मुझे नहीं याद मैंने कितने लुक़्मे लगाए उसके बाद उसकी रोटी के और अपनी कमाई पर ध्यान लगा कर सोचता रहा..खुद का गिरेबां हराम से भरा लगा..वो दिन है और आज का दिन है..मुझे अब बर्गर नहीं पसंद.. सादा रोटी खाता हूं जो बहुत लज़ीज़ होती है..!!

@Multani Samaj News

8010884848

7599250450

Monday, August 23, 2021

मैं डाक्टर फातिमा हूं : कल एक ख़ुदकशी का इमरजेंसी केस आया , मरीज का नाम मुंतहा था


 वो एक बहुत ख़ूबसूरत लड़की थी । बेहोशी में थी। उसको उठा कर उसके मां बाप ही लाए थे, मां बाप भी माशा अल्लाह बेहतरीन पर्सनैलिटी के मालिक थे मगर उस वक़्त बेटी के इस अमल ने उनकी हालत को क़ाबिल ए रहम बना रखा था। ट्रीटमेंट के बाद लड़की की हालत ख़तरे से बाहर थी। लड़की की मां को मैंने अपने ऑफिस में बुलवाया।लड़की की मां ने जो मुख़्तसर कहानी सुनाई वो कुछ यूं थी - मुंतहा ने टेक्सटाइल इंजीनियरिंग कर रखी है, पढ़ाई के बाद मुंतहा से शादी के मामले में उसकी पसंद के मुताल्लिक़ पूछा तो मुंतहा ने बाक़ी लड़कियों की तरह फैसले का अख़्तियार मां बाप को दे दिया। मुंतहा के मां बाप ने कहीं रिश्ते की बात चलाई तो एक फ़ैमिली मुंतहा को देखने आइई । नाश्ता पानी और ख़िदमात से मुस्तफीद होने के बाद औरतें  मुंतहा के कमरे में आईं ,किसी ने मुंतहा को चलकर देखने की फरमाइश की, किसी ने बोलने और किसी ने उसकी हाथ की चाय पीने की ख्वाहिश जाहिर की, इसके बाद कुछ रोज़ बाद बिना कोई बात बताए रिश्ते से इंकार कर दिया । मुंतहा के लिए ये पहली बार थी जब वह रिजेक्ट हुई। एक रोज़ फिर मुंतहा को देखने के लिए एक फ़ैमिली आई। उन्होंने भी खाने से फ़ारिग़ होने के बाद मुंतहा के हाथ से चाय पीने की फरमाइश ज़ाहिर की और चाय के बाद इजाज़त चाही , तीन दिन इंतज़ार में रखने के बाद ये कहते हुए इनकार कर दिया कि लड़की को मेहमान नवाजी नहीं आती  उसने लड़के की मां को टेबल से उठाकर हाथ में  चाय पेश नहीं की बल्कि आम मेहमानों की तरह टेबल पर रख दी । इस इनकार पर मुंतहा के साथ साथ इस बार वालिदैन भी अंदर टूट गए। फिर एक नई फ़ैमिली आई। उस फ़ैमिली की ख़वातीन के बैठते ही मुंतहा ने उनके जूते तक अपने हाथ से उतारे। वहीं बैठे बैठे हाथ धुलवाए और फिर चाय पेश की। उस फ़ैमिली ने हफ्ते भर बाद ये कहते हुए इनकार कर दिया कि  बेटी पर जिन्नात का साया है वरना कोई मेज़बान पहली बार घर आए मेहमान की इतनी ख़िदमात कहां करता है ? इस तरह आठ साल गुजर गए। कल एक फ़ैमिली आई उन्होंने मुंतहा को बाक़ी हर लिहाज़ से ठीक क़रार दिया मगर ये कहते हुए इनकार कर दिया कि मुंतहा की उमर ज़्यादा हो गई है और एहसान जताते हुए कहा के अगर आप ज़्यादा मजबूर हैं तो हमारा एक 38 साला बेटा जिसकी अपनी दुकान है उसके लिए मुंतहा को क़ुबूल कर लेते है । इतना कहते हुए मुंतहा की मां सिसकियां लेकर रोने लगी। उसके बाद से सारा दिन मुंतहा सीने से लगकर रोती रही , कहती रही इन लोगों के मेयार तक आते आते मेरी उमर ज़्यादा हो गई है और वह कहती थी कि मेरा मनहूस साया मेरी बहन को भी वालिदेन की दहलीज़ पर बूढ़ा कर देगा" । होश में आने पर सिसकते हुए मुंतहा ने कहा :- " पापा बेटियां बोझ होती हैं आपने क्यूं बचाया मुझे ?? मुझे मरने देते मेरा मनहूस साया इस घर से निकलेगा तो गुड़िया की शादी होगी, नहीं तो वह भी आपकी दहलीज़ पर पड़ी पड़ी बूढ़ी हो जाएगी" मुंतहा का बाप चुपचाप आंसू बहा रहा था जब मैंने हालात आउट ऑफ कंट्रोल होते देखे तो मुंतहा को नींद का इंजेक्शन दे दिया और मुंतहा के मां बाप को लेकर ऑफिस में आ गई। मैंने मुंताहा और उसकी छोटी बहन का रिश्ता अपने दोनो भाइयों  के लिए मांग लिया । मुंतहा के मां बाप की आंखें अचानक बरसने लगी मगर इस बार आंसू खुशी के थे। मेरे दोनों भाई पेशे से लंदन में डॉक्टर हैं, मैंने भाइयों और वालदेन की रज़ामंदी लेकर उनको अपना फ़ैसला सुना दिया  है और वह इसे क़ुबूल कर चुके हैं , आखिर में आप लोगों से गुज़ारिश करती हूं आप शादी लड़की से कर रहें होते हैं , हूर से नहीं , ख़ुदारा किसी की बेटी को रिजेक्ट करने से पहले उसकी जगह अपनी बेटी रख कर सोचें, मैं डॉक्टर होने कि हैसियत से कहती हूं अगर ऐब की बिना पर रिजेक्ट करना हो तो लड़कियों से दुगनी तादाद में लड़के रिजेक्ट हों, मुझसे दुनिया के किसी भी फोरम पर कोई भी बन्दा बहस कर ले मैं साबित कर दूंगी, मर्द में ऐब औरत से ज़्यादा है, मैं गुज़ारिश करती हूं अल्लाह के लिए किसी को बिला वजह ऐब ज़दा कह कर रिजेक्ट ना करो, आप अल्लाह की मखलूक के एबों पर पर्दा डाले, अल्लाह आख़िरत में आपके ऐबों पर पर्दा डालेगा ।

( क़ाज़ी इज्जतुल्लाह साहब की वाल से )

@Multani Samaj News

8010884848

7599250450

Sunday, August 22, 2021

दिल्ली की 2 विधानसभा पर प्रभारी नियुक्त 68 विधानसभा पर शीघ्र नियुक्ति : मुल्तानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट ( रजि0 ) संस्था दिल्ली की प्रत्येक विधानसभा पर नियुक्त करेगी बिरादरी के विधानसभा चैयरमैन : राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मो0 आलम


देश की राजधानी दिल्ली से संचालित एवं संपूर्ण भारतवर्ष में कार्यरत पैदायशी इंजीनियर मुल्तानी लोहार बिरादरी की देश की सबसे बड़ी व क्रांतिकारी संस्था मुल्तानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जनाब मोहम्मद आलम साहब को ट्रस्ट के राष्ट्रीय चैयरमेन ज़मीर आलम  मुल्तानी जी व वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाजी मोहम्मद इक़बाल काज़ी जी ने दिल्ली और उत्तरप्रदेश राज्यों का अतिरिक्त प्रभार देते हुए इन दोनों राज्यों के प्रभारी की भी कमान सौपते हुए

मोहम्मद आलम साहब को दिल्ली में सभी 70 विधानसभाओं पर बिरादरी के  विधानसभा चैयरमैन और उत्तरप्रदेश के हर जिलो पर जिला चैयरमैन बनाये जाने का दायित्व सौपा था । जिनमें से 2 विधानसभा करावल नगर,सीलमपुर विधानसभा प्रभारी नियुक्त किये गए है।



जनाब फहीम मुल्तानी  ( सीलमपुर विधानसभा प्रभारी ) व अक़ील मिर्ज़ा जी को ( करावल नगर विधानसभा प्रभारी ) विधानसभा से प्रभारी बनाये गए है। अब दिल्ली की बाकी 68 विधानसभाओं पर विधानसभा चैयरमेन की नियुक्तियां की जानी है। जिन विधानसभाओं पर नियुक्तियां होनी है उनके नाम :- नरेला, बुराड़ी, तिमारपुर, आदर्शनगर, बादली, रिठाला, बवाना, मुंडका, किरारी, सुल्तानपुर, नांगलोई, मंगोलपुरी, रोहिणी, शालीमार बाग, शकूर बस्ती, त्रिनगर, वज़ीरपुर, मॉडल टॉउन, सदर बाजार,
चाँदनी चौक, मटिया महल, बल्लीमारान, करोलबाग, पटेलनगर, मोती नगर, मादीपुर, राजौरी गार्डन, हरि नगर, तिलकनगर, जनकपुरी, विकासपुरी, उत्तम नगर, द्वारका, मतीला, नजफगढ़, बिजवासन, पालम, दिल्ली कैंट, राजेंद्र नगर, न्यू दिल्ली, जंगपुरा, कस्तूरबा नगर, मालवीय नगर, आर0के0पुरम, महरौली, छतरपुर, देवली, अंबेडकर नगर, संगम विहार, ग्रेटर कैलाश, कालकाजी, तुग़लकाबाद, बदरपुर, ओखला, त्रिलोकपुरी, कोंडली, पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, विशवास नगर, कृष्णानगर, गाँधी नगर, शाहदरा, सीमापुरी, रोहताश नगर, सीलमपुर, घोंडा, बाबरपुर, गोकलपुर है। 



इन सभी विधानसभाओं पर बिरादरी के विधानसभा चैयरमैन बनने या बनवाने के लिये हमें आप सब की पूरी मदद चाहिये इसके लिये आप ट्रस्ट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद आलम साहब के मोबाइल न0:- 7503296786 , महासचिव फ़रीद अहमद जी के मोबाइल न0 :- 9810337271 व ट्रस्ट के दिल्ली प्रदेश के चैयरमेन हाजी सग़ीर हसन साहब के मोबाइल न0 :- 9210647786 पर कॉल करके जानकारी दे सकते है।

इसके अलावा ट्रस्ट ने मोहम्मद आलम साहब को चूंकि उत्तरप्रदेश का भी प्रभारी नियुक्त किया है उत्तरप्रदेश के हर जिले पर जिला चैयरमेन की नियुक्तियों के लिये भी आप इनसे संपर्क करें , इनके अलावा उत्तरप्रदेश के चैयरमेन अलीहसन मुल्तानी जी के मोबाइल न0 :- 9027004684 पर भी कॉल करके पूरी जानकारी ले सकते है।

पूरे भारत में ट्रस्ट से जुड़ने के लिये राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष हाजी मोहम्मद इक़बाल काजी जी के मोबाइल न0 :- 9414111124 पर कॉल करके

जानकारी ले सकते है । अधिक जानकारी के लिये ट्रस्ट की वेबसाइट www.multanisamaj.com को लॉगिन करके पूरी जानकारी ली जा सकती है।

दिल्ली के दोनोँ नवनियुक्त विधानसभा प्रभारियों को ट्रस्ट की और से जल्द से जल्द अपनी विधानसभा की कार्यकारिणी बनाकर मुख्यालय को सौपनी है जिसके लिये दोनोँ प्रभारियों को एक माह का समय दिया गया है।

@Multani Samaj News

8010884848

7599250450



हमारा "अल्लाह" एक है : हमारा "इस्लाम" एक है : हमारा "दीन" एक है : हमारा "काबा" एक है : हमारा "क़ुरआन" एक है : हमारे "नबी" एक है।


देवबंदी :- नमाज़ के पाबंद और लिबास व शक्ल से ईमान का जिंदा नमूना हें। अहले-हदीस :- कुरआन मजीद और सहीह हदीस की तालीम पर ज़ोर डालने वाले। शिया :- उम्दा अखलाक़ और उम्दा ज़ुबान के मालिक और आम तौर पर पढ़े-लिखे होते हैं। बरेलवी :- इस्लाम के लिए किसी से भी लड़ने की हिम्मत रखते हैं। इस्लाम के लिए चंदा देने में सबसे आगे। और सबसे बड़ी बात आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से बेपनह मुहब्बत करते हैं ओर अपने इमाम की इज्जत करते हैं। तब्लीगी जमाअत के लोग घर घर तक बहुत मेहनत करते और नमाज़ सिखाते हैं, और अपनी व्यस्त ज़िन्दगी में भी 40 दिन बड़े आराम से निकाल देते हैं।

जमाअते इस्लामी* के लोग पूरे के पूरे इस्लाम को लेकर चलती है, और जो मिशन अल्लाह के नबी का था उसे पूरा करने की कोशिश करते हैं। जमीयत उलमा हिन्द के लोग मुसलमानों के मसले मसाईल क़ुरआन,हदीस और फिक़्ह की रौशनी में हल करने की कोशिश करते हैं ! सब में कुछ न कुछ खासियत जरूर है। किसी में कोई कमी या गलती दिखे तो अपने हबीब स0 के तरीके से अख़लाक़ पर अमल करते हुए प्यार से समझाएँ, न कि उस पर तंज कसें।किसी को बुरा भला न कहें। हम लोगों में आपस मे थोड़े बहुत इख्तिलाफ़ हैं लेकिन ये सब लोग अल्लाह का ही काम कर रहे हैं, मेरे प्यारे भाईयों हम मुसलमान हैं। और मुसलमान दिल तोड़ता नही दिलों को जोड़ता है।इस्लाम हमें नफरत से नहीँ  मोहब्बत से रहना सिखाता है। हमारा "अल्लाह" एक है। हमारा "इस्लाम" एक है। हमारा "दीन" एक है। हमारा "काबा" एक है। हमारा "क़ुरआन" एक है। हमारे "नबी" एक है। इसलिए एक रहो, इसी में कामयाबी है।

@Multani Samaj News

8010884848

7599250450

चैयरमेन हाज़ी सग़ीर साहब की फूफी का शामली में हुआ इंतेकाल


अभी अभी मुल्तानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट के दिल्ली स्टेट के चैयरमेन हाज़ी सग़ीर हसन जी ने मुल्तानी समाज न्यूज़ को बताया कि उनकी एक फूफी शरीफ़न बी0  शौहर इब्नेहसन मरहूम निवासी कस्बा चरथावल जिला मुजफ्फरनगर, उत्तरप्रदेश का आज लगभग 100 साल की उम्र में इंतेकाल हो गया वो काफ़ी समय से बीमार चल रही थी।

शामली के मोहल्ला आजाद चौक ,निवासी   मरहूम इब्नेहसन की बीवी शरीफ़न बी का मायका (खेड़ा , सरधना ) का था 5 भाई बहनों में एक यह ही बहन बची हुई थी। कस्बा चरथावल के मूल निवासी इब्नेहसन साहब काफ़ी समय पहले कस्बा चरथावल से परिवार सहित शामली आकर बस गए थे। मरहूमा के 3 लड़के अलीहसन ( मरहूम ) मोहम्मद इक़बाल, मोहम्मद उस्मान 2 लड़की शाहजहां सहारनपुर शायरा नागल को हमेशा हमेशा के लिये रोता बिलखता छोड़कर इस फ़ानी दुनिया को अलविदा कह दिया अल्लाह इनकी मग़फिरत फरमाये और ज़न्नत-उल-फिरदौश में आला मक़ाम अता फरमाये 


नोट :- मय्यत को बाद नमाज़ असर सुपुर्दे-खाक किया जायगा

Thursday, August 19, 2021

मुल्तानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट बिरादरी में होने वाली हर शादी में , जनगणना कैम्प लगाने की करेगा पहल, 28 अगस्त को मनाया जाएगा पूरे भारत में जनगणना दिवस !!


वर्षों से पूरे भारत के पैदायशी इंजीनियर मुल्तानी लोहार बिरादरी अपने समाज का इतिहास खंगालने में लगी हुई है। बिरादरी के ज़िम्मेदार लोगों ने हमें जिस शहर और जिस भी बंदे के पास बताया हमने उनके क़ई क़ई चक्कर लगाये उनकी मिन्नतें करने में कोई कोर कसर नही छोड़ी, फिर भी उन्होंने ना तो कभी बिरादरी के सिजरे को देने से इंकार किया, कि उनके पास बिरादरी का इतिहास है नही ,और देना तो दूर की बात दिखाया तक नही , सच बात तो यह है कि उनके पास भी है ही नही बिरादरी के इतिहास की बात करें तो हम दिल्ली, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और यहाँ तक कि राजस्थान व गुजरात तक इतिहास की तलाश में इन राज्यों के क़ई शहरों में 10 साल तक जूते घिस कर हताश और निराश होकर शांति से घर बैठ गए क्योंकि जहाँ भी

जाओ नई नई बाते निकलकर सामने आयी क़ई स्टेट में तो कुछ गंदी मानसिकता वाले लोगों ने हम पर ही सवाल दागने शुरू कर दिये कि आप हो कौन ? और मुलतानी लोहार बिरादरी का इतिहास क्यों खंगालने पर तुले ही कईयों  ने तो हम पर ही आरोप जड़ने शुरू कर दिए कि आप हमारी जात के हो ही नही क़ई स्टेट के लोगों को तो यह भी नही मालूम कि दिल्ली, उत्तरप्रदेश और हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में हमारी बिरादरी है भी कि नही और इन सब स्टेट वालों को यही नही मालूम कि, राजस्थान, गुज़रात व मध्यप्रदेश में भी हमारी बिरादरी  भारी तादाद में है। ऐसा इसलिये कि आजादी के बाद से अब तक हमारी बिरादरी की कोई ऎसी तंजीम नही बनी जो पूरे देश की बिरादरी को एक प्लेटफॉर्म पर

इकट्ठा कर सके । अल्लाह ने यह काम " मुलतानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिये कराना था, हम तो ऐसा ही समझेंगे । ट्रस्ट ने पूरे भारत के सभी राज्यों में बिरादरी के लोगों को ढूंढने का काम युद्ध स्तर पर किया बिरादरी जुड़ती गई, और कारवाँ बनता गया इस काम में राजस्थान के भीलवाड़ा से ज़नाब हाजी मोहम्मद इक़बाल काज़ी साहब, मध्यप्रदेश से जनाब अब्दुल सत्तार साहब , पंजाब से मोहम्मद अंसार साहब, हरियाणा से जनाब महबूब साहब, उत्तराखंड से जनाब इरफान साहब, उत्तरप्रदेश से ज़नाब अलीहसन मुलतानी साहब, दिल्ली से जनाब हाजी सग़ीर हसन, व मोहम्मद आलम साहब, अक़ील साहब,फ़हीम मुल्तानी साहब, अज़मेर से अब्दुल क़ादिर मुल्तानी, नीमच से शाहरुख़ मुलतानी साहब ने मिलकर संगठन को पूरी मजबूती के साथ खड़ा किया जिसका जीता जागता सबूत आप सबके सामने है।

संस्था ने पूरे देश में  बिरादरी को साल में दो इवेंट ( त्यौहारों की सौगात भी दी ) 12 नवंबर *मुल्तानी-डे* और 17 जून *मुल्तानी स्थापना दिवस* जिनको बिरादरी ने बड़े ही जोश और धूमधाम से मनाया । 28 अगस्त को तीसरा त्यौहार जनगणना दिवस मनाएं जाने की तैयारियां जोश-ओ-खरोश के साथ चल रही है।



संस्था ने क्या किया

देश भर में पहले लॉकडाउन में 10वीं और 12वीं के 1500/ छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति-पत्र सभी सोशल मीडिया और हार्ड कॉपी उनके पते पर डाक के जरिये भेजी गयी। देशभर में कोरोना महामारी के समय ख़िदमत में लगें लगभग 4500/- लोगों को कोरोना योद्धा सम्मान से नवाज़ा गया। संस्था की और से तीन बिरादरी की शख्सियतों को *मुलतानी गौरव-सम्मान* से नवाजा गया ।



संस्था द्वारा हासिल की गई उपलब्धियां

मुलतानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट का पंजीकरण कराने के बाद आपकी यह संस्था आज तक की बिरादरी की सबसे पहली ISO प्रमाणित संस्था है जो अपने आप ही नही हुई करानी पड़ती है। ट्रस्ट ने भारत सरकार से *मुलतानी समाज* के नाम से त्रिमासिक पत्रिका का पंजीकरण कराया, नीति आयोग , MSME , सहित भारत सरकार के 29 मंत्रालयों में संस्था का पंजीकरण कराने के बाद डिजिटल जमाने में संस्था को वेबसाइट, न्यूज़ पोर्टल से लेकर सभी भारत की हर छोटी बड़ी सोशल साइट्स से जोड़कर संस्था का आधुनिकीकरण कराया, हाल ही में भारत सरकार द्वारा हर संस्था के लिये जरूरी किये गए CSR- 01, में पंजीकरण कराया व 12A और 80G रजिस्ट्रेशन का कार्य प्रगति पर है। 



संस्था ने अपने सभी प्रोजेक्ट जिन पर कार्य करना है सभी की डिटेल और फार्म संस्था की वेबसाइट पर दिए हुए है। उनमें जो सबसे ज़रूरी है जिनकी शुरुआत की जा रही है बिरादरी की जनगणना और शादी लायक बच्चों के रिश्तों को आसान बनाना इस दिशा में बहुत ही तेजी से काम चल रहा है। जिसके लिये संस्था ने अपनी बिरादरी के *जनगणना अधिकारी* और *मीडिया प्रभारियों* की डयूटी लगानी शुरू कर दी है। ट्रस्ट बिरादरी के हर उस शख्स से मिलेगी जिनके यहाँ शादी होगी उनसे शादी घर के आसपास जनगणना स्टॉल लगाने कि इजाजत लेकर जनगणना के कार्यो में तेजी लाई जाएगी संस्था इस काम के लिये एम्बुलेंस टाइप एक गाड़ी भी बनाने पर विचार कर रही है जो हर शहर, गली व मोहल्लों में जाकर जनगणना के कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके । आज आपको संस्था के खास खास  उपलब्धियो की जानकारियां दी गई यह सब आपके सहयोग , दुआओ और मेहनत का असर है जो हम यहां तक पहुँचे संस्था को और मजबूत बनाने के लिये इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि सबकों इसका लाभ पहुँचे।


आज के इस मैसेज से उन सबको समझओ आया गया होगा ( जो संस्था बड़ी और छोटी कैसी होती है जैसे सवाल करते रहते है ) हम मुल्तानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट को पैदायशी इंजीनियर लोहार बिरादरी की देश की सबसे बड़ी और क्रांतिकारी संस्था क्यों लिखते है। 28 अगस्त को संस्था द्वारा मनाएं जा रहे " "जनगणना दिवस " के बारे में बताते हुए हमें बेहद खुशी हो रही है। 28 अगस्त से मुल्तानी समाज अपनी बिरादरी की जनगणना का कार्य अपने मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर के जरिये पूरे भारत में एक साथ अपने "जनगणना अधिकारियों" के जरिये शुरू करने जा रही है। इस मुहिम में आप भी हमारे साथ जुड़े और बिरादरी के डिजिटल सर्वे कराने में हमारा सहयोग करें। इस सर्वे की शुरुआत करने से पहले अपने ज़िले के आला अधिकारियों को लिखीत जानकारी देनी आवश्यक होगी जिसकी सूचना प्रधान- कार्यालय द्वारा भी भेजी जा रही है।

@Multani Samaj News

8010884848

7599250450

इस्लाम में मायूस होना हराम क्यों है...?


इस की सब से बड़ी वजह नज़र आती है कि अल्लाह ने दुनिया में हर जगह मौक़े ही मौक़े रखें है " This World is Full of Opportunity "... एक रास्ता बंद होता है तो दूसरा रास्ता अपने आप खुल जाता है...। 

क़ायनात की हर चीज इंसान की मदद में लगी हुई है... सूरज, चांद, समुद्र, हवा पानी, ज़मीन सब कुछ जो बुनियादी चीज़ें ज़िन्दगी के लिए...। बिना अल्लाह की नेमतों के ज़मीन-ओ-आसमान पर एक पल बिताना नामुमकिन है...।  

जहां इतनी नेमतें, इतनी Opportunity और Hope हों वहां मायूस होने का कोई हक़ नहीं बनता...।

जैसे किसी को नदी के किनारे प्यासा मरने का हक़ नहीं होता...। 

जब हालात मन मुताबिक़ न हों और कोई उम्मीद नज़र न आए तो मायूसी छा जाती है...  इसकी वजह है कि बिना सभी पहलुओं को समझे एक नकारात्मक राय बना ली जाती है...।

इतनी नेमतों 1और मोक़ों को देखने के बजाय उस का ध्यान सिर्फ़ एक चुनिंदा ख़्वाहिश को पाने में लग जाता है... जिस को पाने में वह नाकाम हो जाता है...। 

इंसान ऐसी चाहत रखता है जो दुनिया के नियम के ख़िलाफ़ होती है...। जैसे मन मुताबिक़ हालात का मिलना या ख़्वाहिश के मुताबिक़ चीज़ों को पाना...। यह दोनों बातें ख़ुदा के तख़्लिक़ी प्लान के ख़िलाफ़ हैं... ‌क्योंकि उसने  यह दुनिया इम्तिहान के लिए बनाई है... ना कि सारी ख़्वाहिश पूरी करने के लिए... उस के लिए जन्नत है...।

मायूसी कड़वी सच्चाई से भागने और बिना सारे पहलुओं को जाने राय बनाने से और ऐसी चीज़ की तमन्ना करने से जो उसके लिए बनी ही ना हो या कोई चीज़ मिलना मुमकिन ना हो तब मायूसी आती है...। जबकि दूसरे  दरवाज़े हमेशा खुले रहते हैं...। जहां अल्लाह तआला की बेशुमार नेमतें को भूलकर सिर्फ़ एक चीज़ पर इंसान अटक जाता है...। यह ख़ुदा के नेमतों की नाशुक्री जैसा है... जिस का इंसान को कोई हक़ नहीं...।

मिसाल के तौर पर कोई बाग़ हो जिस में हर दरख़्त पर आम ही आम लगे हों, नीचे खीरा ककड़ी से भरी बेल लटकी हों, अनार के वजन से उसका दरख़्त झुका हुआ हो... लेकिन आपकी नज़र सिर्फ़ खजूर पर अटकी हो जहां आपका हाथ नहीं जा रहा... और वह ज़िद पर अड़ा हो कि खाएगा तो खजूर ही वरना भूख़ा मर जाएगा...। ऐसे शख़्स को कोई भी बेवकूफ़ कहेगा...।‌

ठीक यही हाल उस इंसान का है जो मायूस होता है वह  किसी एक चीज़ पर नज़रें गड़ा कर ख़ुदा की तमाम नेमतों को नज़र अंदाज़ कर देता है...।  

قالَ وَمَن يَقنَطُ مِن رَحمَةِ رَبِّهِ إِلَّا الضّالّونَ

इब्राहिम ने कहा अपने रब तआला की रहमत से नाउम्मीद तो सिर्फ़ गुमराह और बहके हुए लोग ही होते हैं...।

(क़ुरआन मजीद 15:56)

@Multani Samaj News

8010884848

7599250450


लड़की का फोटो सिर्फ़ ख़बर ध्यान से पढ़ने के लिये लगाया गया है।

Wednesday, August 18, 2021

हम अपने मुद्दे पर बात करें, हमारा मुद्दा अफगानिस्तान और तालिबान नहीं है,हम अपना घर देखें, ज्यादा जज़्बाती न बनें,


हमारे नौजवान जेलों में हैं,हमें भीड़ जब चाहती है लिंचिंग कर के सुला देती है,हमारी बेटियां मुर्तद हो रही हैं,हमारे कूकर चेक हो रहे हैं!  

हमे संविधानीक तरीके से कानून के दायरे मे रह कर अपने मसलों का हल निकालना है

इसके लिये हमे सबसे पहले अपना सियासी

वजुद कायम करना है ज्यादा से ज्यादा सांसद विधायक जीता कर हमे संसद मे अपनी आवाज बुलन्द करना है  

रौने से कौई हमे कुछ देने वाला नही है 

हमारा हक देश का संविधान देगा 

 दो दिन से हजारों कमेंट भारत के मुसलमानो को भडकाने के लिये पुछे जारहे हैं  हम उनसे साफ कह देते हैं हम अपने 

मुल्क के साथ खडे हैं ओर मरते दम तक खडे रहेंगे हम गद्दारों कि नस्लें नही हैं 

हमारा इतिहास गवाह है  जब जब मुल्क पर 

किसीने मैली आँख से देखा है हम वीर अब्दुल हमीद अशफाक उल्लाह खान बनके सामने खडे रहे हैं  आगे भी हम अपने मुल्क के लिये तैयार मिलेंगे जब जान देने का वकत आया हमने पीठ नही दिखाई है जलियावाला  बाग हमारा इतिहास गवाह है 

हम इसी खाक से पैदा हुये इसी मे दफन होंगे 

हमने अपना रूख साफ उसी दिन कर दिया था जिस दिन मौलाना आजाद ने दिल्ली कि जामा मस्जिद कि सिढीयों पर खडे हो कर कहा था हम उसी दिन यह फैसला कर चुके थे यह हमारा मुल्क है हमे यहीं रहना है यहीं मरना है 

सियासी पार्टीयों के मुनाफिक दो दिन से भारत के मुसलमानों को उकसा रहें हमे बहुत सौच समझ कर इस बात को समझना होगा  हमे किसी कि बातों मे नही आना है

हमारी हुकूमत का रूख अभी साफ नही हुआ है जो देश हित मे होगा हुकूमत फैसला लेगी हम अपने मुल्क अपनी हुकूमत के साथ हैं  

जय हिन्द

@Multani Samaj News

8010884848

7599250450

Tuesday, August 17, 2021

हाजी मोहम्मद यूसुफ़ खान ने दर्ज की ऐतिहासिक जीत, लगातार पाँचवी बार बने वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य....

 


जयपुर। मंगलवार को जयपुर में वक़्फ़ बोर्ड के चुनाव सम्पन्न हुए जिसमे सरवाड़ दरगाह मुतवल्ली मोहम्मद यूसुफ खान व भीलवाड़ा के शब्बीर शेख ने जीत हासिल की ओर राजस्थान वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य चुने गए 


उल्लेखनीय है कि राजस्थान वक़्फ़ बोर्ड का कार्यकाल मार्च 2021 में समाप्त हो गया था जिसमें दो सदस्य चुनावी प्रक्रिया के माध्यम से चुने जाते है जिसके चलते राज्य सरकार द्वारा जयपुर कलेक्टर को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया था जिसपर मंगलवार को चुनाव सम्पन्न हुए 

ओर सरवाड़ दरगाह मुतवल्ली हाजी मोहम्मद यूसुफ लगातार पांचवी बार बोर्ड के सदस्य चुने गए जहाँ भारी संख्या में उनके समर्थकों ने माला ओर साफा पहनाकर जीत की बधाई दी 

ज्ञात रहे कि मोहम्मद यूसुफ खान द्वारा हज़रत ख्वाजा फकरुद्दीन चिश्ती (र.अ.) की दरगाह में उनके द्वारा ऐतहासिक विकास कार्य कराए गए थे

जिसमें मुख्य रूप से सोने का गुम्बद शरीफ जो उनके पिछले कार्यकाल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा की मौजूदगी में चढ़वाया गया और ऐतिहासिक बुलंद दरवाजा महफिल खाना व अन्य कई कार्य उनके सराहनीय रहे है

यही परिणाम है जिस पर हाजी मोहम्मद यूसुफ खान लगातार पांचवी बार बोर्ड के सदस्य चुने गए 

प्रदेश भर से आये उनके समर्थकों में काफी खुशी की लहर दिखाई दी ओर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होने कहा ये मेरे मतदाताओं की जीत है में उनका आभारी हूँ 

उन्होंने अपना दुख जाहिर करते हुए कहा के हम अठ्ठारह हज़ार करोड़ की संपत्ति होने के बावजूद भी हम असहाय महसूस करते है 

सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए ना कि पैरा शूट द्वारा चैयरमेन बनाने पर जो संपत्तियों का नुकसान होता है उसका हम दर्द महसूस करते आये है और सरकार इस ओर ध्यान देकर जो वक़्फ़ सम्पतियों से जमीन से जुड़े है उनको आगे आने का मौका देना चाहिए ।

Monday, August 16, 2021

लोकप्रिय विधायक महेंद्र हार्डिया जी और हर दिल अजीज बीजेपी नेता अनीस खान जी के सहयोग से व प्रोटेक्शन एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी इंदौर कि जानिब से तीसरा कैम्प भी मुक्कमल हुवा,


जिसमें करीब 275 के आसपास वेक्सीन लगाई गई है, जेन्ट्स व लेडीज मे वेक्सीन लगाने कि जागरुकता देखी गई है, प्रोटेक्शन एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी कि पूरी टीम कि मेहनत व लगन से इस काम को अंजाम दिया गया है,

प्रोटेक्शन एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष जाकिर खान साहब, राष्ट्रीय अन्त्योदय आदर्श मन्च के प्रदेश अध्यक्ष पंकज शाक्या, मीडिया प्रभारी गय्यु भाई, मोहम्मद यूनुस मुल्तानी,

इंदौर जिला सचिव अनवर खान, वकार भाई, सानू भाई, डॉ अरीब जोया, सरफराज भाई, अय्याज़ भाई, हाजी उस्मान गनी मुल्तानी ने अपनी मेहनत से इस काम को अंजाम दिया है ।

इंशा अल्लाह अगला कैम्प जल्दी ही लगाया जाएगा, जिसकी तारीख बता दी जाएगी, इंदौर शहर को अगर कोरोना से बचाना है तो वेक्सीन जरूर लगाना हे,

मास्क लगाए, दो गज दूरी बना के रखना है। तीसरे कैम्प कि कामयाबी व हर एक को वेक्सीन लगाना ही हमारा मकसद है, आप सब कि दुआओं से ही ये कामयाबी हासिल हुई है। प्रोटेक्शन एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी इंदौर।

@Multani Samaj News

8010884848

7599250450

क्या आप को माअलूम है ?


हमारी नाफ़ अल्लाह तआला की तरफ से एक खास तोहफा है, 62 साल की उम्र के एक बूढ़े आदमी को लेफ्ट आंख से सहीह नज़र नही आ रहा था, खास तौरपर रात को तो और नज़र खराब हो जाती थी। डॉक्टरों ने उन्हें बताया के आप की आंखे तो ठीक है बस एक प्रॉब्लम है के जिन रगों से आंखों को खून फरहाम होता है वह सुख गई है। साइंस के मुताबिक सबसे पहले अल्लाह की तख़लीक़ इंसान में नाफ़ बनती है जो फिर एक कार्ड के जरिए मां से जुड़ जाती है। और येही खास तोहफे से जो बज़ाहिर एक छोटी सी चीज है एक पूरा इंसान फरहाम हो जाता है।नाफ़ का सुराख एक हैरान कुन चीज़ है साइंस के मुताबिक एक इंसान के मरने के तीन घँटे बाद तक नाफ़ का ये हिस्सा गर्म रहता है वजह इसकी ये बताई जाती है के यहां से बच्चे को मां के जरिए खोराक मिलती है, बच्चे पूरी तरह से 270 दिन में तैयार हो जाता है यानी 9 महीने में। ये वजाह है के हमारी तमाम रगें इस मकाम से जुड़ी होती है, उसकी अपनी एक खुद की जिंदगी होती है। न्यूक्लियस नाफ़ के इस सुराख के पीछे मौजूद होती है जहां तक़रीबन 72,000 रगें मौजूद होती है, हमारे जिस्म में मौजूद रगें अगर फैलाई जाए तो ज़मीन के गिर्द दो बार घुमाई जा सकती है।

इलाज:

आंखे अगर सुख जाए सहीह नज़र ना आता हो, पत्ता सहीह काम ना कर रहा हो, पाऊं या होंट फट जाते हो, चहरे को चमक दार बनाने केलिए, बाल चमकाने के लिए घुटनो की दर्द, सुस्ती, जोड़ो में दर्द स्किन का सुख जाना।

तरीकाए इलाज:

आंखों के सुख जाना सहीह नज़र नही आना, खाल और बाल के लिए रोज़ रात को सोने से पहले तीन क़तरे खालिस देसी "घी" के या "नारियल" के तेल को नाफ़ की सुराख में टपकाए और तक़रीबन डीरख इंच सुराख के इर्द गिर्द लगाए। घुटनों की तक़लीफ़ दूर करने के लिए तीन क़तरे "अरेंडी" के तेल के तीन क़तरे सुराख में टपकाए और इर्द गिर्द लगाए जैसे ऊपर बताया है। कपकपी और सुस्ती दूर करने के लिए और जोड़ो के दर्द में इफाकी के लिए औऱ स्किन के सुख जाने को दूर करने के लिए "सरसो" के तेल के तीन क़तरे ऊपर बताए गए तरीके के मुताबिक इस्तिमाल करें।

नाफ़ के सुराख में तेल क्यों डाला जाए ?

नाफ़ के सुराख में अल्लाह ने ये खासियत रखी है के जो रगें जिस्म में अगर कही सुख गई है तो नाफ़ के जरिए उनतक तेल पहुंचाया जा सकता है जिससे वह दोबारा खुल जाती है। बच्चे के पेट मे अगर दर्द हो तो हींग पानी और तेल में मिक्स करके नाफ़ के इर्द गिर्द लगाए चंद ही मिनिटों में इंशाअल्लाह अल्लाह के करम से आराम आ जाएगा !!

@Multani Samaj News

8010884848

7599250450

Sunday, August 15, 2021

मौलाना हुसैन अहमद मदनी’ ने अंग्रेज़ी हुकूमत के खिलाफ फतवा दिया कि अंग्रेज़ों की फौज में भर्ती होना हराम है।


अंग्रेज़ी हुकूमत ने मौलाना के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया। सुनवाई में अंग्रेज़ जज ने पूछा, “क्या आपने फतवा दिया है कि अंग्रेज़ी फौज में भर्ती होना हराम है?” मुझे सिखाया जाता था, “मुसलमानों से मत उलझना, काटकर फेंक देंगे”मौलाना ने जवाब दिया, ‘हां फतवा दिया है और सुनो, यही फतवा इस अदालत में अभी दे रहा हूं और याद रखो आगे भी ज़िन्दगी भर यही फतवा देता रहूंगा।’ इस पर जज ने कहा, “मौलाना इसका अंजाम जानते हो? सख्त सज़ा होगी। जज की बातों का जवाब देते हुए मौलाना कहते हैं कि फतवा देना मेरा काम है और सज़ा देना तेरा काम, तू सज़ा दे। मौलाना की बातें सुनकर जज क्रोधिए हुए और कहा कि इसकी सज़ा फांसी है। इस पर मौलाना मुस्कुराते हुए अपनी झोली से एक कपड़ा निकाल कर मेज पर रखते हैं। अब जज पूछते हैं, “यह क्या है मौलाना?” मौलाना उनका जवाब देते हुए कहते हैं कि यह कफन का कपड़ा है। मैं देवबंद से कफन साथ में लेकर आया था। अब जज कहते हैं, “कफन का कपड़ा तो यहां भी मिल जाता। इस पर मौलाना जवाब देते हैं कि जिस अंग्रेज़ की सारी उम्र मुखालफत की उसका कफन पहनकर कब्र में जाना मेरे ज़मीर को गंवारा नहीं। गौरतलब है कि फतवे और इस घटना के असर में हज़ारों लोग फौज़ की नौकरी छोड़कर जंग-ए-आज़ादी में शामिल हो गए। एक सावरकर था जो माफी मांग आया।।

@Multani Samaj News

8010884848

7599250450

झंडा आरोहण🇮🇳झंडा फहराने में अंतर समझने का कष्ट करें।

 


जय भारत साथियों, आपकी जानकारी के लिए बताया जा रहा है कि 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज को फहराने से तुरन्त पहले ऊपर की ओर चढ़ाया जाता है और फिर हाथोंहाथ फहराया दिया जाता है जिसे *झंडारोहण (Flag Hoisting)* कहा जाता है और 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस* को राष्ट्रीय ध्वज को पहले से ही ऊपर चढ़ाकर बांध दिया जाता है और फिर उसे खोलकर बाद में फहराया जाता है जिसे *झंडा फहराना (Flag Unfurling)* कहा जाता है। कृपया यह जानकारी आप समस्त व्हाट्सएप ग्रुपों में पोस्ट करके हमारे साथियों को जानकारी देने का कष्ट करें।

@Multani Samaj News

8010884848

7599250450

*धन्यवाद।*🌷🙏

Saturday, August 14, 2021

अब सभी आवेदकों को दरगाह कमेटी को मांग के अनुरूप सूचनाएं देनी होगी : सूचना नहीं देने से दरगाह कमेटी के प्रस्ताव को केंद्रीय सूचना आयोग ने अवैध बताते हुए खारिज किया।


केन्द्रीय सूचना आयोग ने अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह की प्रबंध कमेटी के उस प्रस्ताव को अवैध मानते हुए खारिज कर दिया है, जिसमें सूचना के अधिकार अधिनियम कानून के अंतर्गत सात व्यक्तियों को सूचना नहीं देने का निर्णय लिया था। आयोग ने अजमेर निवासी काजी मुनव्वर अली ने द्वितीय अपील दायर कर बताया कि दरगाह कमेटी के लोक सूचना अधिकारी और नाजिम के निर्णय के बाद भी दरगाह कमेटी के कामकाज से जुड़ी सूचनाएं नहीं दी जा रही है।

काजी की इस अपील के जवाब में दरगाह कमेटी की ओर से कहा गया कि कुछ लोग सूचनाएं मांग कर बेवजह परेशानी खड़ी करते हैं, इसलिए दरगाह कमेटी ने अपनी 31 जनवरी 2020 की बैठक में एक प्रस्ताव पास कर सात व्यक्तियों सूचनाएं नहीं देने का निर्णय लिया है। इन सात व्यक्तियों में काजी मुनव्वर अली भी शामिल हैं। दरगाह कमेटी के इस जवाब पर केंद्रीय सूचना आयोग ने सख्त नाराजगी प्रकट की। आयोग की आयुक्त अमिता पांडव ने अपने 19 जुलाई 2021 के आदेश में लिखा है कि दरगाह कमेटी को सूचना नहीं देने का प्रस्ताव पास करने का कोई वैधानिक अधिकार नहीं है।

यह प्रस्ताव सूचना के अधिनियम कानून की भावनाओं के विपरीत है। यह प्रस्ताव सूचनाओं को छुपाने वाला है। आयुक्त ने दरगाह कमेटी के प्रस्ताव को अवैध मानते हुए खारिज किया और निर्देश दिए कि अपीलकर्ता काजी मुनव्वर अली को सभी वांछित सूचनाएं उपलब्ध करवाई जाए और इस संबंध में एक रिपोर्ट आयोग को भी भिजवाई जाए।

यहां यह उल्लेखनीय है कि ख्वाजा साहब की दरगाह की प्रबंध कमेटी केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय के अधीन काम करती है। इसलिए कमेटी पर सूचना का अधिकार कानून विधिवत तौर से लागू होता है।

लेकिन कमेटी ने सरकार के कानून और नियमों के विपरीत जाकर सोचनाएं नहीं देने का प्रस्ताव पास कर लिया। इस प्रस्ताव की आड़ में ही पिछले एक वर्ष से दरगाह कमेटी सूचना के अधिकार अधिनियम में आवेदकों को सूचनाएं नहीं दे रही है। लेकिन केंद्रीय सूचना आयोग के निर्णय के बाद कमेटी को सभी आवेदकों को वांछित सूचनाएं देनी पडेगी

@Multani Samaj News

Website-www.msctindia.com