अब्दुल क़ादिर मुल्तानी
राजस्थान में परिवहन विभाग की ओर से वाहनों में लगवाई जा रही हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट (एचएसआरपी) पर विभाग के ही परिवहन मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने सवाल खड़े कर दिए हैं। मंत्री ने परिवहन विभाग की एसीएस को पत्र लिखकर वाहनों में नम्बर प्लेट लगवाने की प्रक्रिया को बंद करने के निर्देश दिए हैं
मंत्री ने कहा है कि जिन वाहनों की बुकिंग हो चुकी है, आगामी पांच दिन में अधिक से अधिक वाहनों में नम्बर प्लेट लगाकर प्रक्रिया को बन्द कर दिया जाए। इसी के साथ जिन वाहन मालिकों ने स्लॉट ले रखे हैं और नम्बर प्लेट नहीं लगी है, उनके बुकिंग का भुगतान वापस किया जाए।
मंत्री बैरवा ने नए सिरे से विभाग स्तर पर वाहनों में नम्बर प्लेट लगवाने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं, आदेश की अवहेलना करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करने के लिए कहा है।
*इसीलिए बन्द करने के निर्देश*
मंत्री ने पत्र में कहा है कि वर्तमान में परिवहन विभाग सियाम पोर्टल के जरिए वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगवा रहा है। सियाम राष्ट्रीय स्तर का पोर्टल है, जिसका इस्तेमाल हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के ऑनलाइन आवेदन करने के लिए किया जाता है।
राजस्थान में इस पोर्टल के जरिए नम्बर प्लेट लगवा रहे हैं। वाहन कंपनियां इस पोर्टल के जरिए आने वाले एप्लिकेशन के आधार पर नंबर प्लेट लगाती हैं। मंत्री का तर्क है की इस प्रक्रिया के तहत वाहन मालिकों को कई महीनों आगे के स्लॉट बुक किए जा रहे हैं और अधिक राशि की वसूली की जा रही है। इससे आमजन को परेशानी हो रही है। मंत्री ने विभाग स्तर पर अपनी अलग प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं
*15 लाख से अधिक वाहनों मालिकों ने बुक किए स्लॉट*
परिवहन विभाग ने दिसंबर 2023 से वाहनों ने हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगवाने की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन जून 2024 तक राज्य में महज 3.33 लाख वाहन चालकों ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए आवेदन किया।
इसके बाद विभाग ने 31 जुलाई तक आवेदन की तिथि बढ़ा दी। कम आवेदन आने के कारण मंत्री के निर्देश पर 10 अगस्त तक और तिथि बढ़ाई थी। इस दिन तक करीब 15 लाख वाहन मालिकों ने नम्बर प्लेट के लिए अवेदन किया
जबकि करीब 25 लाख वाहनों में एचएसआरपी लगनी हैं। लेकिन धीमी प्रक्रिया के कारण कम वाहनों में ही प्लेट लगवाई गई। मंत्री ने 5 दिन के बाद वाहन मालिकों को बुकिंग के पैसे वापस करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में 10 लाख से अधिक वाहनों को पैसे रिफंड करने होंगे