Monday, August 31, 2020

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है,

 


सोमवार शाम को 84 साल की उम्र में प्रणब मुखर्जी ने अंतिम सांस ली,वो पिछले कई दिनों से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे, बीते दिनों प्रणब मुखर्जी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, उनकी सर्जरी भी हुई थी, प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी के निधन की जानकारी दी

Sunday, August 30, 2020

कर्बला_का_ज़िक़्र_अपने_घरों_में_क्यो ? ताकि हमारे मरे हुवे ज़मीर जिंदा हो सके, ज़रूर पढ़े आपका ही भला होगा।


कर्बला महज एक जंग का मैदान ही नही था, यहां रिश्तों की भी बुनियाद अल्लाह रब्बुल इज्जत अपनी मख़लूक़ को सीखा रहा था।

सोचिये आज हमारे घरों में रिश्ते जिस तरह से खोखले होते जा रहे है इसकी एक वजह ये भी है के हमे मौलवियों ने हमेशा ज़िक्रे अहलेबैत से दूर रखा है और इसका बहुत बढ़ा खामियाजा आज उम्मत को भुगतना पड़ रहा है।

कर्बला में क्या हुआ था ? इस सवाल के जवाब में हम जंग के हालात बयान कर देते है लेकिन आज के समाज को जो जरूरत है वो बयान नही किया जाता है।

असल मे कर्बला का बयान सिर्फ मस्जिदों महफ़िलो और मजलिसों की मोहताज हो गई है जबकि इसकी सबसे ज्यादा जरूरत हमारे घरों में है, इसका जवाब नीचे देने जा रहा हु।

कर्बला में एक भतीजा अपने चाचा पर कुर्बान हो गया,

बेटे बाप पर कुरबान हो गए,

भांजे मामू पर अपनी जाने निछावर कर देते है,

सौतेले भाईयो ने अपनी गर्दन कटवा दी,

बहन ने भाई के लिए अपने बच्चे निछावर कर दिए बिना हिचकिचाते हुवे, 

बाप बेटो के लिए आँसू की बरसात कर देता है, 

छोटे छोटे मासूम अपने बड़ो के लिए जान दे देते है,

दोस्त अपने दोस्तों से पहले कुर्बान होने की गुज़ारिशे करते है,

इतनी शिद्दत की प्यास में चाचा अपनी भतीजी के लिए पानी लेने का खतरा उठाते है जबकि उनके खुद के मासूम प्यासे है, 

गुलाम अपने आकाओं के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार थे और उनके मालिक उनके जनाजे पर जार जार रोते है, 

माँ अपने बच्चो को अपने वक़्त के इमाम पे कुर्बान करने अपना फ़र्ज़ समझते है।

कर्बला हमे दर्स देती है के अगर ज़ालिम हुक़्मरान तुम्हारे सामने आ जाए तो अपना सर ज़ालिम के सामने ना झुकाओ भले ही अपनी नस्ले कुर्बान करना पढ़े।

मुनाफ़िक़ों को बेनकाब करने का नाम है कर्बला, 

रसुल्ल्लाह ﷺ और आले रसूल के कातिलों को बेनकाब करने का नाम है कर्बला, 

असली इस्लाम मर चुका था उसको हयात देने का नाम है कर्बला, झूठो को आइना दिखाने का नाम है कर्बला, 

जब भी इस्लाम पे मुसीबत आए खुद को अपने औलादों को कुर्बान करके इस्लाम को बचाने का नाम है कर्बला, 

दोस्तो ये है कर्बला जो आज के दौर में हमारे घरों में गूंजना चाहिए। आज इस मतलबी दुनिया मे सगे का सगा नही हो रहा है, अक्सीरियत घरों मे हिस्से बटवारे की लड़ाईयां हो रही, 

कोई किसी का नही सुन रहा है।

सोचिये हमारे इमाम हमे क्या देकर गए है ?

कर्बला यू तो सालभर हमारे घरों में सुनाई जाना चाहिए लेकिन कम से कम मुहर्रम में 10 दिनों तक इसका जिक्र हमारे पूरे परिवार ने बैठकर सुनना चाहिए, मुसलमानों अगर आज कर्बला हमारे ज़हनो से मिट गई तो समझ जाओ मुसलमान भी मिट गया।


लिखने में कोई गलती हुई तो माफ करे और इस पर गौर जरूर करे।


हुसैन सिर्फ एक नाम नहीं, हुसैन ज़िंदगी जीने का तरीका है...


🌹 اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى سَيِّدِنَا مُحَمَّدٍ وَعَلَى آلِ سَيِّدِنَا مُحَمَّد ﷺ 🌹

रविवार सुबह घरों में यौमे आशूरा की नमाज अदा की शाम को ताजियों पर जाकर मन्नत मांगी गई


 रविवार सुबह घरों में यौमे आशूरा की नमाज अदा की शाम को ताजियों पर जाकर मन्नत मांगी गई 


मुस्लिम द्वारा रविवार को योमें -ऐ

आशूरा और मातम का पूर्व मुहर्रम मनाया गया

कोरोना संक्रमण के कारण इस बार शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए प्रशासन ने ताजियों का सामूहिक चल समारोह निकालने की अनुमति नहीं दी

इसलिए सभी जगह ताजिये अपने स्थान पर रखे गए जहां पहुंचकर लोगों ने मन्नते उतारी ताजियों को मन्नत के सेहरे बांधे और दुआओं की रात में ताजिया कमेटी के सदस्य ताजीयो को वाहन में रखकर कर कर्बला ले गए 


मैदान ए कर्बला हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मुस्लिम समाज द्वारा रविवार को मातमी पर्व मुहर्रम मनाया गया कोरोना के कारण इस बार ताजियों का 

 सामूहिक चल समारोह नहीं निकला कैंट  बघाना नीमच सिटी मैं ताजी अपने मुकाम ऊपर ही रखे रहे

Saturday, August 29, 2020

यौमे आशूरा , नमाज़ का तरीक़ा व दुआ ए आशूरा


 


नमाज़े यौमे आशूरा – Ashura Ki Namaz Ka Tarika
दसवीं मुहर्रम आशूरा के दिन गुस्ल करें फिर दो रकअत नफ़्ल अदा करे !

आशुरा की नमाज़ का वक़्त Ashura Ki Namaz Ka Tarika – Waqt
आशुरा की नमाज़ इशराक या चास्त की नमाज़ के वक़्त पढ़ना बेहतर है ! अगर वक़्त नहीं मिले तो असर की नमाज़ से पहले जब भी वक़्त मिले पढ़ले ! बस ख्याल रहे मकरूह वक़्त में नहीं पढ़े !

यौमा आशुरा की नमाज़ की नियत – Ashura Ki Namaz Ka Tarika – Niyat

नियत की मैंने दो रकअत  नफ़्ल नमाज़ की ! वास्ते अल्लाह तआला के, मुंह मेरा ( या रुख मेरा ) काबे शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर !  अल्लाहु अकबर कहकर हाथ बाँध लेना है

नोट – नफ़्ल नमाज़ में वक़्त का नाम लेना ज़रूरी नहीं !

फिर सना पढ़ना है उसके बाद आऊज़ो बिल्लाहि मिनश्शेतवान निर्रज़ीम बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम  फिर हर रकअत में  सूरए फातिहा ( अल्हम्दुलिल्लाह ) के बाद सूरए इख़्लास ( कुल्हुवल्लाह शरीफ़ ) दस मरतबा पढे ।

नमाज़ के बाद आयलुल कुर्सी एक बार और दूरूदे इब्राहीमी ( अत्तहिय्यात के बाद वाली दुरूद शरीफ़) नौ बार पढ़ कर दुआए आशूरा पढे, यह दुआ सेहत व आफियत खैरो बरकत इल्मो अमल कामयाबी और हुसूले नेअमत के लिये तीर बहदफ़ है । ( बेहद फाएदे मन्द है । )

आशुरा की दुआ – Ashura Ki Dua In Hindi
अल्लाहुम्मा सल्लि अला सय्यिदिना मुहम्मदिंव व अला आलि सय्यिदिना मोहम्मदिंव व बारिक व सल्लिम 0 सुब्हानल्लाहि अदा दल ख़ल्क़ि व मिलअल मीज़ानि व मुन्तहल इल्मि व मब्लग़र रिदाइ वजिनतिल अर्शि वल हम्दु लिल्लाहि अदादल ख़ल्क़ि व मिलअल मीज़ानि व मुन्तहल इल्मि व मब्लग़र रिदाइ व ज़िनतल अर्शि वला इलाहा इल्लल्लाहु अदादल ख़ल्क़ि व मिलअल मीज़ानि व मुन्तहल इल्मि व मब-लग़र रिदाइ व ज़िनतल अर्शि वल्लाहु अकबर अदादल ख़ल्क़ि व मिलअल मीजानि. व मुन्तहल इल्मि व मब्लग़र रिदाइ व जिनतल अर्शि वला हौला वला कुव्वता इल्ला बिल्ला हिल अलिय्यिल अज़ीम अदादल ख़ल्क़ि व मिल अल मीज़ानि व मुन्तहल इल्मि व मब्लग़र रिदाइ व जिनतल अरशि ला मल्जा अ व ला मनजा अ वला ख़ला सा वला मनासा वला मग़रिबा वला मफ़ ज़ अ मिनल्लाहिं इल्ला इलैहि सुब्हानल्लाहि अ द दश्शफई वल वत्रि व अदादा कलिमा तिल्लाहित्त ताम्मति वला हौला वला कुव्वता इल्ला बिल्ला हिल अलिय्यिल अजीम 0

व हुवा हस्बी व निअमल वकील 0 व निअमल मौला व निअमन नसीर 0 गुफ़रा नका रब्बना व इलेक़ल मसीर 0 व सल्लल्लाहु अला खैरि खलकिहिं व नूरि अरशिहि सय्यिदिना मुहम्मदिंव व अला आलिहि व अस्साबिही अजमईना व हुवा अरहमुर राहिमीन0

अल्लाहुम्मा या काबिला तौबति आदमा अलैहिस्सलामु यौमा आशूरा अ,
व या राफिआ इदरीसा अलैहिस्सलामु यौमा आशूरा अ,

# व या मुन्जि आ इस्माईला अलैहिस्सलामु यौमा आशूरा अ,

व या जामिआ शम्लि याक़ूबा अलैहिस्सलामु यौमा आशूरा अ,

# व या ग़ियासा इब्राहीमा अलैहिस्सलाम मिन नारि नमरूदा यौमा आशूरा अ,

व या मुख्लिसा यूसुफा अलैहिस्सलामु मिनस सिज्नि यौमा आशूरा अ,

# व या फारिजा कर्बि जिन्नूनि अलैहिस्सलामु यौमा अशूरा अ,

व या नाजिया युनुसा अलैहिस्सलामु मिन बतनिस स म कि यौमा आशूरा अ,

# व या सामिआ दावति मूसा व हारूना अलैहिस्सलामु यौमा आशूरा अ,

व या मासिका सफ़ीनति नूहि अलैहिस्सलामु अलल जूदी यौमा आशूरा अ,

# व या राफिआ ईसा अलैहिस्सलामु अलस्समाइर राबिअति यौमा आशूरा अ,

व काशि फ़ दुर्रि अय्यूबा अलैहिस्सलामु यौमा आशूरा अ,

# व गाफिरज़ ज़म्बि लि दाऊदा अलैहिस्सलाम फ़ी इलमिहि यौमा आशूरा अ,

व या नासिरा मुहम्मदिर रसूलिल्लाहि सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लमा फिल ग़ारि यौमा आशूरा अ,
# व मुअतिश शहादति लिल हुसैनि रजियल्लाहो अन्हो फिल अरदिल कर बलाइ यौमा आशूरा आ

व या खालिक़ल जन्नति वन्नारि यौमा आशूरा अ,

# व या खालिक़स समाइ वल अरदि यौमा आशूरा अ,

व खालिक़ल जिबालि वल बिहारि यौमा आशूरा अ,

# व या खालिक़ल अर्शि वल कुरसिय्यि यौमा आशूरा अ,

व या खालिक़ल जिबराईला व. मीकाईला. व इसराफ़ीला व इज़राईला वल मलाइकति अलैहिमुस्सलामु यौमा आशूरा अ,

# व या मुअतिया सुलैमाना अलैहिस्सलामुल मुल्का वल खातमा यौमा आशूरा अ,

व या मुग़रिका फ़िरऔना यौमा आशूरा अ,

# व या मुन्जि अ, बनी इस्राईला यौमा आशूरा अ,

व या गाफ़िरू लि मुहम्मदिन सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लमा  मा तक़दृमा मिन जंबिहि वमा तअख्ख़रा  यौमा आशूरा अ,

# या अल्लाहु या रहमानु या रहीमु या खालिक़ल लैलि वन्नहारि बिहक़्क़ि जद्दिल हसनि वल हुसैनि व बिहक़्क़ि हैदरि निल कर्रारि व बिहक़्क़ि फातिमति बिन्ति सैयिदिल अबरारि खल्लिस्ना मिनन्नारि 0

या अजीजु या ग़फ्फारू या कादियल हाजाति व या वलिय्यल हसनात  0 व या राफिअस सय्यिआति इरफ़अ सय्यिआतिना बिजाहि यौमा आशूरा अ,

# या हय्यु या क़य्यूमु या ज़ल जलालि वल इकरामि 0 व या मालिकि योमिद्दीन 0 इय्याका नअबुदु व
इय्याका नस्तईन 0 फ़ी उमुरिद्दुनिया वल आखिरति या रब्बल आलमीन 0 या अल्लाहु बि हक़्क़ि इज्जति रसूलिल्लाहि व हुरमतिहि व बर कतिहि व शानिहि व ज़लालिहिं व ज़मालिहि नज्जिना मिन शर्रि हासिदिन इजा हसद 0 व नज्जिना मिनत ताऊनि वल वबाइ व मिन शर्रि कुल्लिल बलाइ बिहुरमति यौमा आशूरा अ,

# ला इलाहा इल्लल्लाहु रब्बुस समावाति वल अर्दि वमा बैनहुमा वमा तहतस सरा 0 अलहम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन ! 0 व सल्लल्लाहु अला ख़ैरि खलकिहि मुहम्मदिंव व आलिहि व अस्हाबिहि  अज़मईना बिरहमति का या अरहमर राहिमीन ० आमीन 0 सुम्मा आमीन 0

Note- अल्लाह से रो-रोकर मुल्क की बेहतरी और मुसलमानो के बेहतर हालत के लिए के दुआ मांगिये ! अल्लाह अज्जवज़ल सभी की जायज़ दुआ कुबूल फरमाए ! आमीन या रब्बुल आलमीन !

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Thursday, August 27, 2020

मरहूम शब्बीर साहब की अहलिया/ बीवी का इंतेकाल


बेइंतहा ग़म के साथ लिखना पड़ रहा है कि बीवी जौहरा उम्र लगभग 60 साल शौहर मरहूम शब्बीर अहमद निवासी मोहल्ला कलंदर शाह शामली उत्तर प्रदेश हाल निवासी निकट शीशे वाली मस्जिद घोंडा , ( भजनपुरा ) दिल्ली-110053 का आज बा-तारीख 27 /08/2020 बरोज जुमेरात को इंतेकाल हो गया है। बीबी जौहरा काफी समय से दिल की बीमारी से ग्रस्त थी। इनके शौहर शब्बीर अहमद का भी इंतेकाल हो चुका है। इनका मायका शामली जिले के क़स्बा जलालाबाद में था।  मरहूम अपने पीछे 3 बेटे ( औलाद के नाम   जनाब वज़ीर साहब, अज़ीम साहब, वसीम साहब और 4 बेटियां शायदा, शाइना, रिहाना और शबाना सहित खानदान और रिश्तेदारों को बिलखता छोड़कर इस दुनिया से विदा हो गयी है। मय्यत को बाद मग़रिब सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा । अल्लाह मगफिरत फरमाये और ज़न्नत-उल-फिरदौस में आला मक़ाम अता फरमाये ......

जयपुर (राजस्थान) धार्मिक स्थल खुलने को लेकर आयी गाइड लाइन,

 


*सीएम प्रेस नोट*

  *7 सितम्बर से खुलेंगे धार्मिक स्थल*                                      प्रदेश में कोरोना  संक्रमण के कारण आमजन के लिए बन्द किए गए धर्म स्थल 7 सितम्बर से आमजन के लिए खुल सकेंगे। धार्मिक स्थलों पर मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने सहित कोरोना से बचाव के सभी सुरक्षात्मक उपायों की पालना करना अनिवार्य होगा। समय-समय पर इन धार्मिक स्थलों को सैनिटाइज भी करना होगा। सम्बन्धित जिलों के कलक्टर एवं एसपी बड़े धार्मिक स्थलों पर जाकर वहां व्यवस्थाएं देखेंगे एवं यह सुनिश्चित करेंगे कि पर्याप्त सुरक्षा उपाय हों तथा सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सही तरीके से की जाए।

कोरोना संक्रमण को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्णय किया गया।

अक्सर यह देखने में आया है कि जहां-जहां भीड़ इकट्ठी होती है, वहां कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते हैं। ऐसे में जिला प्रशासन, धर्म गुरूओं एवं धार्मिक स्थलों के संचालन के लिए गठित कमेटी के साथ-साथ दर्शनार्थियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने तथा अधिक भीड़ एकत्र नहीं करने सहित भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जारी हेल्थ प्रोटोकॉल की पूरी तरह से पालना हो। 

आमजन से अपील है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए जहां तक सम्भव हो पूजा, उपासना, प्रार्थना और नमाज घर पर रहकर ही की जाए ताकि धर्म स्थलों पर भीड़ नहीं जुटे।

जिला स्तर पर जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि बड़े मन्दिरों में विशेष दिनों पर दर्शनार्थियों की भीड़ नहीं जुटे और सोशल डिस्टेंसिंग की पूर्ण पालना होे। भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार प्रसाद, फूलमाला, अन्य पूजा सामग्री ले जाने एवं घण्टी बजाने पर प्रतिबंध है। ऐसे में धार्मिक स्थल इसका पूरा ध्यान रखें। धार्मिक स्थलों के संचालन के लिए बनी कमेटी/ट्रस्ट को वहां आने वाले दर्शनार्थियों को हेल्थ प्रोटोकॉल एवं कोरोना से बचाव के उपायों की अनुपालना सुनिश्चित करवानी होगी। 

बारिश के मौसम एवं कोरोना संक्रमण को देखते हुए मिठाई की दुकानों, ठेले एवं थड़ियों पर किसी तरह की भीड़ नहीं लगने देने एवं सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी अनुपालना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।  

प्राइवेट हॉस्पिटलों में भर्ती कोविड मरीजों से लाखों का बिल वसूलने की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग इसकी पर्याप्त मॉनिटरिंग करने के साथ ही यह सुनिश्चित करे कि कोई अस्पताल इलाज के लिए आए कोविड संक्रमित मरीजों को इलाज के लिए मना नहीं करे। कोविड संक्रमण से किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर निजी अस्पताल तुरन्त सीएमएचओ को इसकी सूचना दे तथा परिजनों द्वारा बिल नहीं चुका पाने की स्थिति में हॉस्पिटल द्वारा उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाए। 

मेडिकल कॉलेजों में गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू बेड बढ़ाने, हाई फ्लो ऑक्सीजन बेड बढ़ाने के साथ ही टरशरी केयर सेन्टर्स पर गंभीर मरीजों को ही भेजने की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिला अस्पतालों में भी कोविड मरीजों के इलाज की पर्याप्त व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। 


बैठक में प्रमुख शासन सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अखिल अरोरा ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों एवं जिला अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था की गई है। राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में अलग से कोविड केयर सेन्टर स्थापित किया जा रहा है ताकि ऐसे कोविड पॉजिटिव मरीजों को वहां रखा जा सके जिनकी स्थिति ज्यादा गंभीर नहीं है। 

बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक श्री भूपेन्द्र सिंह, अति. मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण श्रीमती वीनू गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव खान एवं पेट्रोलियम श्री सुबोध अग्रवाल, अति. मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, सचिव खाद्य आपूर्ति श्री हेमन्त गेरा, सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री वैभव गालरिया, सचिव गृह विभाग श्री एल.एन. मीना, सचिव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा श्रीमती शुचि शर्मा, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

           अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री राजस्थान




Wednesday, August 26, 2020

बिरादरी का एक और चिराग़ बुझा

 


बेहद दुःख के साथ लिखना पड़ रहा है कि ज़नाब मोहम्मद शहज़ाद वल्द जनाब अब्दुल हमीद ( काकड़ा ) मुजफ्फरनगर वालो का आज बा-तारीख़ 27/08/2020 बरोज जुमेरात सुबह 6 बजे इंतेकाल हो  गया है। वो काफी समय से कैंसर जैसी ख़तरनाक बीमारी से जूझ रहे थे। जनाब शहज़ाद साहब ( उम्र लगभग 50 साल) गांव काकड़ा ( मुजफ्फरनगर )  से 2013 के दंगो में विस्थापित होकर ( निकट बाबैल चौक, मुर्गी फार्म, पानीपत जाकर वही बस गए थे। जनाब शहज़ाद साहब अपनी बीवी/अहलिया आमना मायका ( काकड़ा )  की औलाद शबनम ( बेटी ) मो0 नौशाद,  मो0 खालिद ( बेटे) शबाना ( लड़की ) मो0 दिलशाद , मो0आमिल मो0 इमरान ( बेटे ) सहित अपने खानदान,रिश्तेदारों और चाहने वालो को बिलखता छोड़कर  हमेशा हमेशा के लिये इस दुनिया से अलविदा हो गए है। जोहर की नमाज़ के बाद किये जायगे सुपुर्द-ए-खाक

मौहर्रम में मेहँदी व ताज़िये शरीफ की सवारी की रस्म को देखते हुए अजमेर एस पी साहब ने दौरा कर दिए दिशा निर्देश

 






अजमेर (राजस्थान)26/8/2020 को अजमेर  एस पी कुंवर राष्ट्रदीप साहब ने मौहर्रम को देखते हुए मेहँदी की रस्म और ताज़िये शरीफ की सवारी को लेकर आज दरगाह शरीफ पहुँच कर दिए दिशा निर्देश



ऑल इंडिया तन्ज़ीम उल्मा ए इस्लाम की तरफ से "एक शाम राहत इंदौरी के नाम"ताज़ियति नशिस्त मुनअक़िद हुई


शाहजहाँपुर (उ प्र)25/8/2020 को ऑल इंडिया तन्ज़ीम उल्मा ए इस्लाम की तरफ से "एक शाम राहत इंदौरी के नाम"ताज़ियति नशिस्त ख़ानक़ाहे पंजतनी हसनी चिश्ती में मुनअक़िद हुई


इस की सदारत प्रदेश अध्यक्ष मौलाना इंक़लाब हुसैन साहब (नूरी बाबा चिश्ती) ने की


इस मौके पर मेहमाने खुसूसी हज़रत अल्लामा क़ारी नासिर हुसैन साहब चतुर्वेदी दिल्ली, अल्लामा फरियाद हसन साहब लखीमपुर व मौलाना जाबिर हुसैन साहब नियाज़ी, क़ारी इस्लाम साहब बरकाती, क़ारी मोहम्मद आलम साहब नूरी, शाइरे इस्लाम क़ारी अली अहमद साहब , शाइरे इस्लाम क़ारी रिहान साहब व मक़ामी हज़रात शामिल हुए 






एक आदमी था, जो हमेशा अपने संगठन में सक्रिय रहता था उसको सभी जानते थे बड़ा मान सम्मान मिलता था, अचानक किसी कारण वश वह निश्क्रिय रहने लगा , मिलना - जुलना बंद कर दिया ,और संगठन से दूर हो गया।


 कुछ सप्ताह पश्चात् एक बहुत ही ठंडी रात में उस संगठन के मुखिया ने उससे मिलने का फैसला किया ।

        मुखिया उस आदमी के घर गया और पाया कि आदमी घर पर अकेला ही था। एक बोरसी में जलती हुई लकड़ियों की लौ के सामने बैठा आराम से आग ताप रहा था। उस आदमी ने आगंतुक मुखिया का बड़ी खामोशी से स्वागत किया।

           दोनों चुपचाप बैठे रहे। केवल आग की लपटों को ऊपर तक उठते हुए ही देखते रहे।

              कुछ देर के बाद मुखिया ने बिना कुछ बोले, उन अंगारों में से एक लकड़ी जिसमें लौ उठ रही थी (जल रही थी) उसे उठाकर किनारे पर रख दिया। और फिर से शांत बैठ गया।

                मेजबान हर चीज़ पर ध्यान दे रहा था। लंबे समय से अकेला होने के कारण मन ही मन आनंदित भी हो रहा था कि वह आज अपने संगठन के मुखिया के साथ है।

                 लेकिन उसने देखा कि अलग की हुए लकड़ी की आग की लौ धीरे धीरे कम हो रही है। कुछ देर में आग बिल्कुल बुझ गई। उसमें कोई ताप नहीं बचा। उस लकड़ी से आग की चमक जल्द ही बाहर निकल गई।

            कुछ समय पूर्व जो उस लकड़ी में उज्ज्वल प्रकाश था और आग की तपन थी वह अब एक काले और मृत टुकड़े से ज्यादा कुछ शेष न था।

              इस बीच.. दोनों मित्रों ने एक दूसरे का बहुत ही संक्षिप्त अभिवादन किया, कम से कम शब्द बोले।

           जानें से पहले मुखिया ने अलग की हुई  बेकार लकड़ी को उठाया और फिर से आग के बीच में रख दिया। वह लकड़ी फिर से सुलग कर लौ बनकर जलने लगी, और चारों ओर रोशनी और ताप बिखेरने लगी।

          जब आदमी, मुखिया को छोड़ने के लिए दरवाजे तक पहुंचा तो उसने मुखिया से कहा मेरे घर आकर मुलाकात करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

                  आज आपने बिना कुछ बात किए ही एक सुंदर पाठ पढ़ाया है। कि अकेले व्यक्ति का कोई अस्तित्व नहीं होता, संगठन का साथ मिलने पर ही वह चमकता है और रोशनी बिखेरता है संगठन से अलग होते ही वह लकड़ी की भाँति बुझ जाता है।

      संगठन से ही हमारी पहचान बनती है इसलिए संगठन हमारे लिए सर्वोपरि होना चाहिए!


Tuesday, August 25, 2020

शहीदाने कर्बला हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की याद में रक्तदान कैम्प का आयोजन,

 




दरगाह थाना में शहीदाने कर्बला इमाम हुसैन की याद में विशाल रक्तदान शिविर के पोस्टर का विमोचन किया गया 


अजमेर सूफ़ी संत ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के पास पहली बार मोहर्रम के इस पाक महीने में हज़रत इमाम हुसैन की याद में 
स्वच्छता से विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा हैं इसी क्रम में आज 
दरगाह थाना में ब्लड केम्प के पोस्टर का विमोचन किया गया 
दरगाह थाना अधिकारी रमेन्द्र सिंह हाड़ा ने सभी से अपील की हैं आप लोग ज्यादा से ज़्यादा अपना ( खून ) रक्त दान करे ये रक्त किसी मजलूम ( जरूरत मंद ) के काम आएगा 
इस नेक काम मे आकर अपनी सेवाएं दे 
इस अवसर पर पुलिस थाना अधिकारी रमेंद्र सिंह हाड़ा , दरगाह के ख़ादिम मुनव्वर चिश्ती , सैयद नोमान , नूर मोहम्मद , पप्पू इलाहाबादी , हाशम अली पवाँर , अफाक़ हुसैन , 

जवाहरलाल नेहरू अस्पताल की बल्ड बैंक की टीम अपनी सेवाएं देंगी

इस कार्यक्रम के सयोंजक नज़ीर क़ादरी हैं 

गरीब नवाज वेलफेयर सोसायटी व दरगाह थाने के सयुक्त तत्वावधान से किया जा रहा हैं 

स्थान :; सुकून होटल दरगाह बाज़ार अजमेर 
दरगाह के मुख्य निज़ाम गेट के बिल्कुल पास 

दिनांक :: 28 / 08/ 2020 
दिन :: शुक्रवार ( जुम्मा ) 
मोहर्रम :: 8 तारीख चाँद की 
समय :: 2 pm से 5 pm तक 
समय का ध्यान रखे 

निवेदन कर्ता समस्त 
ग़रीब नवाज़ वेलफेयर सोसायटी अजमेर 
दरगाह थाना पुलिस 

दरगाह थाना अधिकारी 
रमेन्द्र सिंह हाड़ा 
9929595090 


रक्तदान के रजिस्ट्रेशन के लिए सम्पर्क करें 

1 रियाज अहमद मंसूरी 9587194490 
2 दिलीप सिंह राठौड़ 9829145161 
3 पप्पू क़ुरैशी 97845 22786
4 सबा खान 7976925365 
5 गुफरान सिद्दीकी 6378615499 
6 सरदार भजन सिंह 8764008711
7 नासीर अली 8619736454 
8 मोहम्मद शाकिर 9828499475 
9 ऋषि घारू 9772720008
10 अफाक़ हुसैन 9521079077

Monday, August 24, 2020

जिन बच्चों ने 8th या 10th के बाद पढ़ाई छोड़ दी है वो अपने लिए बेहतरीन कैरियर चुन सकते है

Department of Training &Technical Education, GNCT of Delhi

*www.tte.delhigovt.nic.in

*www.itidelhiadmissions.nic.

दिल्ली सरकार की तरफ से इंजीनियरिंग और नॉन-इंजीनियरिंग कोर्सेज में दाखिला ले सकते है। ये दाखिले 10 अगस्त 2020 से शुरू हुए है जो अब 13 सिंतबर 2020 तक जारी रहेंगे। ये एक से दो साल के कोर्स है। इनमे बहुत से ITI  सराय, निज़ामुद्दीन में ही होने है। बाकी दिल्ली के 19 ITIs में कहीं भी Admission ले सकते है। इन कोर्सेज में कंप्यूटर हार्डवेयर, प्रोगर्ममिंग,* *Draughtsman सिविल और मैकेनिकल, इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, सेनेटरी इंस्पेक्टर, ऑटो पेंटिंग, रिपेयर, AC मैकेनिक, स्टेनोग्राफी, टर्नर, वेल्डर वगेरा वगेरा है।  इसकी सबसे बड़ी खूबी ये है कि आप आसानी से सरकारी नौकरी हासिल कर सकते है। पुलिस, मिलिट्री, BSF, CRPF, RAF, MCD, DDA, DJB etc. सब विभागों में ITI किये हुए बच्चों को ही नौकरी दी जाती है। ये सरकारी नौकरी हासिल करने का आसान तरीका है वरना तेरे-मेरी दुकान पर बरसों सीखने के बाद रोड के किनारे ठिया लगा कर पुलिस और सरकारी इंस्पेक्टरों के रहम व करम पर ज़िंदगी गुज़ारनी पड़ती है। इसलिए इस मौके का फायदा उठाएं। कोई मदद चाहिए तो ज़रूर बताएं।*

*कोर्स की फीस भी न के बराबर होती है।  अल्पसंख्यक (मुस्लिम) लड़कियों के लिए ITI नंदनगरी में अलग से एडमिशन मिल सकता है। इसमें बहुत से दूसरे कोर्सेज भी है जो आप ऊपर लिखी वेब साइट पर जा कर देख सकते है।*


*दरख्वास्त सिर्फ इतनी है इस इनफार्मेशन को ये समझकर न छोड़ दें कि आपके सब बच्चे फ़ारिग़ हैं हमे तो ज़रूरत नही लेकिन आपके पड़ोस, मिलने जुलने वाले और छोटे-छोटे काम करते दुकानों, ढाबों में गरीब बच्चों को आप सही राह दिखा सकते हो। ये बहुत बड़ी खिदमत है। दरअसल हम यही नही कर पा रहे जिसका खामियाजा हम भुगत रहे है। एक बार कुछ अलग करके देखें   ज़रूर अपको आस पास बदलता दिखेगा। बस आसपास की फिक्र शुरू कर दें। इंशा अल्लाह सब ठीक हो जाएगा।*


 **एमसीआई इन सभी ऑनलाइन फॉर्म को भरने तथा आपको* *योग्यता अनुसार क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए इसके लिए भी एक सेशन करने जा रही है इन कोर्सेज की रजिस्ट्रेशन फी मात्र 200 रूपए हे*  *जो आप खुद दे सकते या अगर आप चाहे तो आप एमसीआई को दे कर किसी एक बच्चे को जिसको आप रोजाना इन कामों को करते* *हुए देखते हे जैसे एसी रिपेयरिंग , पानी की फिटिंग , वेल्डर इत्यादि आप इन बच्चो को रजिस्ट्रेशन फीस दे कर इसके लिए आवेदन दिलवा सकते हे आवेदन के बाद इन कोर्सेज की फीस भी बोहोत कम होती है ।आप भी इन बच्चो के मुस्तकबिल को रोशन बनाने में एक कदम आगे बड़ा सकते हे और एक कदम अपने मुल्क की तरक्की के लिए भी बड़ा सकते हे ।किसी की मदद करे और खुद भी अगर कर सकते हे तो इन कोर्सेज को* **ज़रूर करे वक़्त के साथ चले कोई भी काम करे* *लेकिन एक प्रोफेशनल तरीके से करे जिससे आपको ज्यादा फायदा और नया सीखने को मिले।* 


 *शुक्रिया* 

 *मुस्लिम काउंसिल ऑफ इंडिया***


बलिया में गोली मारकर पत्रकार की हत्या, मचा हड़कम्प

बलिया। फेफना थाना क्षेत्र के फेफना निवासी सहारा समय चैनल के पत्रकार रतन कुमार सिंह (42) की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। घटना सोमवार देर शाम की है। पत्रकार की जानकारी मिलते ही जनपद में हड़कम्प मच गया। घटना की सूचना मिलते ही फेफना पुलिस मौके पर पहुंच गयी। कुछ देर बाद ही एसपी, एएसपी, CO समेत भारी पुलिस बल पहुंच गया। घटना फेफना गांव के प्रधान के घर के पास हुई है।

राजस्थान की वाइरल ख़बर

राजस्थान की वाइरल खबर कोई इसको माण्डल गढ़ का गोटा डेम बता रहा तो कोई राज समंद बाघेरी  का नाका  वाइरल सच के जरिये हम बता रहे  मांडलगढ़ बारिश के चलते   छलक गया.....  गोटा डेम को छलकता देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए...ऐसे में पुलिस ने लोगों समझाइश कर वहां से हटाने की कोशिश की...लेकिन जब लोग नहीं माने...तो पुलिस ने बल प्रयोग कर सभी को खदेड़ दिया 

-प्रसिद्ध शायर अशोक साहिल (मुज़फ्फरनगर) नहीं रहे

 

बेहद अफ़सोसनाक ख़बर

विश्वास नहीं हो रहा। बेहद उम्दा और बेहतरीन शायर थे साहिल साहब। बरसों पहले इंदौर के 

एक कार्यक्रम में पहली बार हमने एक दूसरे को सुना था। 

मुझसे भावनात्मक स्नेह रखते थे।अनेकों बार शेरो-शायरी पर फ़ोन पर उनसे लंबी गुफ्तगू भी हुआ करती थी।उनके कई शेर महफिलों में कोट किये जाते रहे हैं। 

कुछ प्रसिद्ध शेर-

उर्दू के चंद लफ़्ज़ हैं जब से ज़बान पर 

तहज़ीब मेहरबाँ है मिरे ख़ानदान पर दिल की बस्ती में उजाला ही उजाला होता 

काश तुम ने भी किसी दर्द को पाला होता 


बुलंदियों पर पहुंचना कमाल नही

बुलंदियों पर ठहरना कमाल होता है



Sunday, August 23, 2020

. . ❓ धर्म क्या है ❓एक दिल को छू लेने वाली कहानी,



.
          ❓  धर्म क्या है  ❓
  
      क्लास में आते ही नये टीचर ने 
   बच्चों को अपना लंबा परिचय दिया.

बातों ही बातों में उसने जान लिया कि
      लड़कियों की इस क्लास में 
      सबसे तेज और सबसे आगे 
          कौन सी लड़की है ?

       उसने खामोश सी बैठी 
        उस लड़की से पूछा ~

   बेटा, आपका नाम क्या है ?

   लड़की खड़ी हुई और बोली ~
     जी सर , मेरा नाम है जूही !

         टीचर ने फिर पूछा ~
           पूरा नाम बताओ बेटा ?
              जैसे उस लड़की ने 
          नाम में कुछ छुपा रखा हो.

    लड़की ने फिर कहा ~ जी सर , 
         मेरा पूरा नाम जूही ही है.

 टीचर ने सवाल बदल दिया ~ अच्छा ... 
      तुम्हारे पापा का नाम बताओ ?

    लड़की ने जवाब दिया ~ जी सर , 
       मेरे पापा का नाम है शमशेर.

            टीचर ने फिर पूछा ~
    अपने पापा का पूरा नाम बताओ ?

        लड़की ने जवाब दिया ~
          मेरे पापा का पूरा नाम 
            शमशेर ही है, सर जी !

    अब टीचर कुछ सोचकर बोले ~
अच्छा अपनी माँ का पूरा नाम बताओ ?

    लड़की ने जवाब दिया ~ सर जी , 
      मेरी माँ का पूरा नाम है निशा.

  टीचर के पसीने छूट चुके थे, क्योंकि 
 अब तक वो, उस लड़की की फैमिली के 
      पूरे बायोडाटा में जो एक चीज 
        ढूंढने की कोशिश कर रहा था ....
           वो उसे नहीं मिली थी.

    उसने आखिरी पैंतरा आजमाया. 
             और पूछा  ~ 
  अच्छा तुम कितने भाई बहन हो ?

            टीचर ने सोचा, कि
          जो चीज वो ढूँढ रहा है
     शायद इसके भाई बहनों के नाम में
             वो क्लू मिल जाये ?

लड़की ने टीचर के इस सवाल का भी 
     बड़ी मासूमियत से जवाब दिया ~

     बोली ~ सर जी , मैं अकेली हूँ.
        मेरे कोई भाई बहन नहीं है.

         अब टीचर ने सीधा और 
            निर्णायक सवाल पूछा ~
   बेटे, तुम्हारा धर्म और जाति क्या है ?

   लड़की ने इस सीधे से सवाल का भी 
          सीधा सा जवाब दिया ~

बोली ~ सर, मैं एक विद्यार्थी हूँ,
           यही मेरी जाति है, और
  ◆ ज्ञान प्राप्त करना ही मेरा धर्म है. ◆

     मैं जानती हूँ, कि अब आप मेरे 
    पेरेंट्स की जाति और धर्म पूछोगे.
          तो मैं आपको बता दूँ, कि 
  ★ मेरे पापा का धर्म है मुझे पढ़ाना ★
   और ... मेरी मम्मी की जरूरतों को
                     पूरा करना.
         और मेरी मम्मी का धर्म है ...
           मेरी देखभाल और मेरे 
★ पापा की जरूरतों को पूरा करना. ★

     लड़की का जवाब सुनकर
       टीचर के होश उड़ गये ...

        उसने टेबल पर रखे 
    पानी के गिलास की ओर देखा, 
               लेकिन 
      उसे उठाकर पीना भूल गया.

    तभी लड़की की आवाज ...
      एक बार फिर उसके कानों में 
        किसी धमाके की तरह गूँजी ~

 सर,
     मैं विज्ञान की छात्रा हूँ, और
    एक साइंटिस्ट बनना चाहती हूँ.
    जब अपनी पढ़ाई पूरी कर लूँगी,
   और अपने माँ-बाप के सपनों को
  पूरा कर लूँगी, तब कभी फुरसत में
    सभी धर्मों के अध्ययन में जुटूँगी.
      ❗ और जो भी धर्म ❗
       विज्ञान की कसौटी पर
   खरा उतरेगा, उसे अपना लूँगी.

   लेकिन अगर धर्मग्रंथों के उन पन्नों में
  एक भी बात विज्ञान के विरुद्ध हुई, त़ो
       मैं उस पूरी पवित्र किताब को
            अपवित्र समझूँगी.

      क्योंकि साइंस कहता है ~
        एक गिलास दूध में अगर
    एक बूंद भी केरोसिन मिली हो, तो 
         पूरा का पूरा दूध ही 
            बेकार हो जाता है.

     लड़की की बात खत्म होते ही 
 पूरी क्लास तालियों की गड़गड़ाहट से 
     👏👏   गूंज उठी.  👏👏

तालियों की गूंज टीचर के कानों में
 गोलियों की गड़गड़ाहट की तरह 
        सुनाई दे रही थी.

     उसने आँंखों पर लगे  😎
  धर्म और जाति के मोटे चश्मे को 
      उतार कर कुछ देर के लिए
           टेबल पर रख दिया.

थोड़ी हिम्मत जुटा कर ...
लड़की से बिना नजर मिलाये ही 
         बोला ~ बेटा.....
       ★  I Proud of you. ★

    * 🙏🏻🙏🏻जातियता का जहर देखो अपनी आंखें खोलें और एक मानवतावादी के पुजारी बनकर, इस जाति के बीज को खत्म करने की कोशिश करें।🙏🏻🙏🏻*

शिया धर्मगुरुओ की नाराज़गी के बाद सरकार ने उत्तर प्रदेश मे मुहर्रम की अज़ादारी पर स्थित को साफ किया

1. घरो मे ताज़िया/ज़री रखने पर कोई  प्रतिबंध नही है और ना ही घरो मे मातम मजलिस की कोई रोक टोक है|

2. इमामबाड़ों मे मजलिस कर सकते हैं मगर बिलकुल कम लोगों मे सोशल डिसटेंसिंग और मासक का इस्तेमाल करना होगा|

3. हिस्सा तबर्रूक केवल सूखा बटेगा

4. पानी केवल बोतल का होगा|

5. ताज़िया/ ज़री गली चौराहों चौकों पर नही रखे जा सकेगी|

6. कोई जुलूस या सामुहिक कार्यक्रम नहीं होंगे|

7. ताज़िया/ज़री के दफन की प्रक्रिया पर अभी शासन से बातचीत जारी है जल्द आप तक जानकारी दे दी जाएगी.. 

इस संबंध मे सभी ज़िलों के डीएम एस एस पी को आदेश भेजे जा चुके हैं 


अपने ज़िले के ज़िम्मेदार लोग आज ही इन अधिकारियों से मिल कर सभी बातों को सुनिश्चित कर लें


मशहूर समाजसेवी हाजी ज़रीफुद्दीन साहब भी दुनिया को अलविदा कह गए बिरादरी ने आज एक और हीरा खो दिया

बे-इंतहा ग़म के साथ लिखना पड़ रहा है कि जिला मुजफ्फरनगर क़स्बा जानसठ ( कोतवाली के पास ) रहने वाले मशहूर समाजसेवी ज़नाब ज़रीफुद्दीन साहब उम्र लगभग 70 साल का आज ब-तारीख़ 23 अगस्त 2020 को लगभग 1.30 बजे दोपहर में इंतेकाल हो गया है। मूल रूप से मेरठ जिले के क़स्बा फलावदा निवासी हाजी ज़रीफुद्दीन साहब लगभग 40 साल पहले जानसठ आकर बस गए थे। ज़नाब ज़रीफुद्दीन साहब ने अपनी ज़िंदगी में लगभग 6 मर्तबा हज सफ़र किया था। बताया जाता है । कि 4-5 दिन पहले अचानक तबियत खराब होने पर इनको फरीदाबाद एशियन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। हॉस्पिटल में ही ईलाज के दौरान इनका इंतेकाल हो गया। मरहूम अपने पीछे अपनी अहलिया / बीवी रफीकन ( मायका सरधना ) सहित 4 बेटे ( औलाद के नाम )

 मिर्ज़ा वसीउद्दीन ( फरीदाबाद ) मिर्ज़ा मिसबाहुद्दीन ( ग़ाज़ियाबाद ) व मिर्ज़ा फसीहुद्दीन, मिर्ज़ा फखरुद्दीन ( जानसठ ) और 2 बेटियां महजबी ( (सहारनपुर ) जोहरा जबी ( मेरठ ) सहित 4 भाई मिर्ज़ा फहीमुद्दीन (खतौली ) मिर्ज़ा हसीमुद्दीन ( हमदम ) फलावदा , मिर्ज़ा नसीमुद्दीन-फिरौज़ा बिल्डिंग हापुड़, मिर्ज़ा शरीफुद्दीन फलावदा व रिश्तेदारों को बिलखता छोड़कर हमेशा-हमेशा के लिये इस दुनिया से विदा हो गए । जैसे ही इनके इंतेक़ाल की खबर चाहने वालो को मिली इनके घर की और दौड़ पड़े । बिरादरी सहित सभी समाज के चहेते रहे ज़नाब मिर्ज़ा ज़रीफुद्दीन साहब को आसानी से भुला पाना हर किसी के लिये बहुत ही मुश्किल होगा , क्योकि अपने मुल्क, कौम और दीन के लिये ना-क़ाबिल-ए-फरामोश काम किये । इनको मग़रिब के वक़्त सुपुर्द-ए-खाक किया गया है। लॉक डाउन के नियमों का पूर्ण पालन करते हुए इनके जनाज़े में चुनिंदा लोग ही शरीक हो सके । अल्लाह इनके चाहने वालो और परिजनों को सब्र अता फरमाये । मरहूम की मगफिरत फरमाये और ज़न्नत-उल-फिरदौस में आला मकाम अता फरमाये। आमीन

Saturday, August 22, 2020

सिद्धार्थ नगर।जाने माने इस्लामिक स्कॉलर मौलाना अब्दुल मन्नान सल्फी अब हमारे बीच नही रहे।शनिवार देर रात उनका इंतेक़ाल हो गया।पिछले कुछ दिनों से वो बीमार चल रहे थे।शनिवार रात को सांस में तकलीफ की वजह से उन्हें बुटवल के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।जहां इलाज के दौरान उनका इंतेक़ाल हो गया।

अब्दुल मन्नान सल्फी नेपाल के प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्थान जामिया सिराजुल उलूम झंडा नगर नेपाल में  करीब तीन दशकों से अपनी सेवाएं दे रहे थे।सिद्धार्थ नगर जिले के शोहरतगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम अतरी के मूल निवासी मौलाना अब्दुल मन्नान सल्फी शिक्षण कार्य के साथ साथ  आप नेपाल की प्रतिष्ठित इस्लामिक मासिक पत्रिका "अल सेराज "के एडिटर थे। इसके अलावा आप जमीअत अहले हदीस सिद्धार्थ नगर के अध्यक्ष भी थे।मौलाना को इस्लामिक जगत में बड़ा मुकाम हासिल था।दीनी खिदमात के अलावा समाजिक कार्यों में दिलचस्पी की वजह  मौलाना सल्फी सभी धर्मों के अनुयायियों में खासे लोक प्रिय थे।वो युवाओं को सामाजिक कार्यों और चरित्र निर्माण के लिए प्रेरित करते थे।उनका मानना था कि इस्लाम की पहचान मुसलमानों के किरदार से होती है।इसलिए मुसलमानों को अपने किरदार में अच्छा होना चहिए।नेपाल में बाढ़ राहत सामग्री बांटने का काम हो या भूकंप पीड़ितों की मदद बात हो मौलाना युवाओं की रहनुमाई इन कामों में खुद फरमाते थे।नेपाल के सुदूर पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में राहत सामग्री बाँटने खुद जाते थे।

      मौलाना अब्दुल मन्नान सल्फी ज़रूरत मंदों की मदद के लिए हर मुमकिन कोशिश करते थे। इनका यह किरदार उन्हें बाकी लोगों से अलग करदेता है।मौलाना के वालिद मुफ़्ती हन्नान साहब ने भी सिराजुल उलूम में अपनी ताउम्र सेवाएं दी थीं।मौलाना के साहबज़ादे सऊद अख्तर भी अपनीं खिदमत इसी इदारे में दे रहे हैं।इस तरह मौलाना की तीसरी पीढ़ी सिराजुल उलूम की खिदमत में लगी हुई है।

मौलाना अपने इस्लामिक उपदेशों के लिए भी जाने जाते थे।वो एक अच्छे खतीब थे।उनके निधन से इस्लामिक जगत में सन्नाटा पसर गया है। मौलाना के निधन पर मरकज़ी जमीअत अहले हदीस हिन्द के अध्यक्ष असगर अली इमाम मेहंदी ने कहा कि मौलाना मन्नान सल्फी साहब का व्यक्तित्व बहुत ही शानदार था ।वो एक सच्चे ,अच्छे और नेक इंसान थे।उनका दामन हमेशा पाक साफ रहा वो किसी से ईर्ष्या नहीं करते थे। जामिया सिराजुल उलूम के प्रबंधक मौलाना शमीम अहमद नदवी ने अपने खिराजे अकीदत में कहा कि मौलाना अब्दुल मन्नान सल्फी की खिदमात काबिले तारीफ रही है।उनके जाने से मुझे जाती तौर पर सदमा पहुंचा है।यकीन नही हो रहा है कि वो हम सब से रुखसत हो गए हैं।मौलाना की खिदमात को फरामोश नही किया जासकता।उनके निधन पर मौलाना हारून,मौलाना अब्दुल अज़ीम मदनी,मौलाना असलम,मौलाना खुर्शीद,मौलाना जमाल शाह,मास्टर हसीब,मौलाना अब्दुर्रशीद, मो इब्राहिम मदनी,इंजीनियर इरशाद अहमद खान,मो जमाल खान,रियाज़ खान,अफ़ज़ल अहमद, डॉ फैजान अहमद,मौलाना शब्बीर,मौलाना अब्दुल वाहिद मदनी,अब्दुल मोईद खान,ज़ाहिद आज़ाद झंडानगरी, अब्दुल तौवाब,सग़ीर ए ख़ाकसार, मो जमील सिद्दीकी, मो इब्राहिम,चेयरमैन निसार बागी, मौलाना अब्दुल गनी अलकूफ़ी, मौलाना मशहूद नेपाली, दिनेश चंद्र गुप्ता, सुशील श्रीवास्तव, राहुल मोदनवाल,मेयर रजत प्रताप शाह, शाकिर अली,किफ़ायतुल्लाह खान,अकिल मियां, सफर अली,अरशद मिर्ज़ा,जावेद खान,तुफैल खान,अनीस ज़ैदी,डॉ सईद असरी,साकिब हारूनी,सेराज फारूकी, मौलाना सत्तार आदि ने खिराजे अकीदत पेश की है।

भारतीय रेलवे स्टेशन बोर्ड पर ‘समुद्र तल से ऊंचाई’ क्यों लिखा होता है ?

आप सभी ने कभी न कभी ट्रेन का सफ़र किया होगा और सफ़र करते समय रेलवे स्टेशन भी गए होंगे. क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि रेलवे स्टेशन पर बोर्ड लगा होता है जिस पर रेलवे स्टेशन का नाम और समुद्र तल से ऊंचाई (Mean Sea Level, MSL) जैसे की 200 मीटर, 310 मीटर आदि लिखा होता है.


क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में समुद्र तल से ऊंचाई के बारे में रेलवे स्टेशन बोर्ड पर क्यों लिखा होता है, इसका क्या मतलब होता है, क्या ये यात्रियों की जानकारी के लिए लिखा जाता है या फिर कोई और वजह है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

सबसे पहले यह अध्ययन करते है कि समुद्र तल से ऊंचाई (Mean Sea Level) का क्या मतलब होता है

जैसा कि हम जानते हैं कि पृथ्वी गोल है, जिसके कारण पृथ्वी की सतह पर थोड़ा-थोड़ा कर्व आता है. अत: दुनिया को पृथ्वी की सतह से नापने के लिए एक ऐसे पॉइंट की जरुरत थी जो हमेशा एक समान रहे और समुद्र से बेहतर ऐसा कुछ नहीं था.


इसे ऐसे भी कह सकते है कि वैज्ञानिकों को दुनिया की एक समान ऊंचाई नापने के लिए एक ऐसे पॉइंट की जरुरत होती है, जो एक समान रहे. इसके लिए समुद्र सबसे अच्छा विकल्प है और MSL की मदद से ऊंचाई की गणना करना बेहद सहज है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि समुद्र तल या समुद्र का पानी एक समान रहता है. MSL का इस्तेमाल सिविल इंजीनियरिंग में ज्यादातर किया जाता है, किसी बिल्डिंग या जगह की ऊंचाई नापने के लिए.


रेलवे से जुड़े ऐसे नियम जिन्हें आप नहीं जानते होंगे

‘समुद्र तल की ऊंचाई’ (Mean Sea Level, MSL) भारतीय रेलवे स्टेशन बोर्ड पर क्यों लिखा होता है

क्या ये यात्रियों को बताने के लिए होता है. ऐसा बिलकुल नहीं है. ये जानकारी रेलवे ट्रेन के गार्ड और ड्राईवर के लिए होती है. उदाहरण से समझते है: अगर ट्रेन 200 मीटर समुद्र तल की ऊंचाई (MSL) से 250 मीटर समुद्र तल (MSL) की  ऊंचाई पर जा रही है. तो ड्राईवर आसानी से यह निर्णय ले सकता है कि इस 50 मीटर की अधिक चढ़ाई को चढ़ने के लिए उसे इंजन को कितने torque की जरुरत पड़ेगी यानी इंजन को कितनी पॉवर देनी पड़ेगी. इससे ड्राईवर अंदाज़ा लगा सकता है. इसी प्रकार से अगर ये ट्रेन नीचे की और जाएगी तो नीचे आते वक्त ड्राईवर को कितना फ्रिक्शन लगाना पड़ेगा, या ड्राईवर को कितनी स्पीड बनाए रखने की जरुरत पड़ेगी. ये सब जानने के लिए समुद्र तल की ऊंचाई (MSL) लिखा जाता है.


इसके अलावा इसकी मदद से ट्रेन के ऊपर लगे बिजली के तारों को एक सामान ऊंचाई देने में भी मदद मिलती है. ताकि बिजली के तार ट्रेन के तारों से हर समय टच होते रहें अर्थात बिजली के तारों से कनेक्शन बनाए रखने में मदद करता है.

तो आप समझ गए होंगे की भारतीय रेलवे स्टेशन बोर्ड पर ‘समुद्र तल की ऊंचाई’ या Mean Sea Level, MSL का मतलब।

Wednesday, August 19, 2020

सरकार ने लिया बड़ा फैसला नीमच।बस मालिक अपनी मांगों को लेकर 3 दिन।


नीमच।बस मालिक अपनी मांगों को लेकर 3 दिन। इसमें भी परिवहन मंत्री ने रात को सीएम से चर्चा करने के बाद बुधवार सुबह या अधिकतम 3 दिन में समाधान करने की बात कही। वहीं उन्होंने सामान्य रूप से बसों का संचालन करने पर भी सहमति बनाई। ऐसे में संभावना जताई जा रही कि शुक्रवार से बसों का संचालन शुरू हो सकता है । इसमें बस संचालकाें काे यात्रियों को अनिवार्य रूप से मास्क लगाकर बैठाना होगा। आर्थिक तंगी से परेशान बस मालिकों ने सोमवार से बसों के साथ टैक्सियों के संचालन को भी बंद कर रखा है। इससे आम लोग परेशान हो रहे हैं। बस मालिक अपनी मांगों को लेकर सोमवार रात को नीमच से भोपाल के लिए रवाना हुए थे। इन्हीं के साथ मंदसौर रतलाम व  उज्जैन जिलों से भी बस मालिक परिवहन मंत्री गोविंदसिंह राजपूत से मुलाकात करने भोपाल पहुंचे। सुबह परिवहन मंत्री से इनकी मुलाकात हुई लेकिन कोई विशेष चर्चा या समाधान नहीं निकला। मंत्री ने चर्चा करने के बाद बस मालिकों से बात करने की बात कही। मंगलवार दोपहर में परिवहन मंत्री ने मामले में अधिकारियों की बैठक ली। रात करीब 8.30 बजे परिवहन मंत्री ने बस मालिकों से चर्चा की। करीब एक घंटे चली बैठक के बाद परिवहन मंत्री ने केवल टैक्स माफी की मांग को मानने का आश्वासन दिया। किराया वृद्धि, बीमे की समय सीमा बढ़ाने जैसे मामलों पर परिवहन मंत्री ने असहमति जता दी। परिवहन मंत्री ने मंगलवार-बुधवार की रात को ही सीएम से चर्चा कर जवाब देने या अधिकतम तीन दिन में समाधान की बात कही। इसके बाद बस मालिकों ने बस संचालन पर सहमति दे दी।


*बात मानी है - परिवहन मंत्री ने केवल टैक्स माफी की बात मानी है। उन्होंने बुधवार की सुबह सीएम से बात की है । सीएम ने इस मामले में जल्द ही टैक्स माफी की घोषणा करने की बात कही है। इसके बाद बसों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। पहले की तरह सामान्य रूप से बसें चलेंगी।*


*मुकेश गुप्ता,संरक्षक,नीमच जिला बस ऑपरेटर एसोसिएशन*


इन बात पर भी बनी सहमति


बसों का संचालन पहले की तरह सामान्य रूप से हाेगा।

सीटों के अतिरिक्त यात्रियों को बसों में खड़ा नहीं रखा जाएगा।

बस में सभी यात्रियों को मास्क लगाकर रखना अनिवार्य होगा।

मास्क लगवाने के बाद ही यात्रियों को बैठाने की जिम्मेदारी बस मालिक की होगी।

टैक्स माफी की सहमति मिलते ही शनिवार तक शुरू होगा बसों का संचालन।

बसों के किराये में अभी नहीं होगी कोई वृद्धि, डेढ़ माह बाद हो सकता है विचार।

शासन जल्द जारी करेगा नई एडवायजरी।

Tuesday, August 18, 2020

गुजरात में एक बड़ी फैक्ट्री का निर्माण हो रहा था और उस प्लांट को बनाने के दौरान एक बड़ी समस्या थी.

वो समस्या ये थी कि एक भारी भरकम मशीन को प्लांट में बने एक गहरे गढ्ढे के तल में बैठाना था

लेकिन मशीन का भारी वजन एक चुनौती बन कर उभरा

मशीन साईट पर आ तो गयी पर उसे 30 फीट गहरे गढ्ढे में कैसे उतारा जाये

 ये एक बड़ी समस्या थी !!

अगर ठीक से नहीं बैठाया गया तो फाउंडेशन और मशीन दोनों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता।

आपको बता दें कि ये वो समय था जब बहुत भारी वजन उठाने वाली क्रेनें हर जगह उपलब्ध नहीं थीं. 

जो थीं वो अगर उठा भी लेतीं तो गहरे गढ्ढे में उतारना उनके बस की बात नहीं थी।

आखिरकार  हार मानकर इस समस्या का समाधान ढूढ़ने के लिए प्लांट बनाने वाली कम्पनी ने टेंडर निकाला और इस टेंडर का नतीज़ा ये हुआ कि बहुत से लोगो ने इस मशीन को गड्ढे में फिट करने के लिए अपने ऑफर भेजे 

उन्होंने सोचा कि कहीं से बड़ी क्रेन मंगवा कर मशीन फिट करवा देंगे

इस हिसाब से उन्होंने 25 से 30 लाख रुपये काम पूरा करने के मांगे

लेकिन उन लोगो के बीच एक मुलतानी ( लौहार ) था जिसने कंपनी से पूछा कि अगर मशीन पानी से भीग जाये तो कोई समस्या होगी क्या ? ।

इस पर कंपनी ने जबाव दिया कि मशीन को पानी में भीग जाने पर कोई फर्क नहीं पड़ता

उसके बाद उसने भी टेंडर भर दिया ।

जब सारे ऑफर्स देखे गये तो उस मुलतानी ने काम करने के सिर्फ 15 लाख मांगे थे

जाहिर है मशीन बैठाने का काम उसे मिल गया. 

लेकिन अजीब बात ये थी कि उस मुलतानी ने ये बताने से मना कर दिया कि वो ये काम कैसे करेगा, 

बस इतना बोला कि ये काम करने का हुनर और सही टीम उसके पास है

उसने कहा – कम्पनी बस उसे तारीख और समय बतायें कि किस दिन ये काम करना है।

आखिर वो दिन आ ही गया. 

हर कोई उत्सुक था ये जानने के लिए कि ये मुलतानी काम कैसे करेगा? 

उसने तो साईट पर कोई तैयारी भी नहीं की थी

तय समय पर कई ट्रक उस साईट पर पहुँचने लगे. 

उन सभी ट्रकों पर बर्फ लदी थी, जो उन्होंने गढ्ढे में भरना शुरू कर दिया।

जब बर्फ से पूरा गढ्ढा भर गया तो उन्होंने मशीन को खिसकाकर बर्फ की सिल्लियों के ऊपर लगा दिया।

इसके बाद एक पोर्टेबल वाटर पंप चालू किया गया और गढ्ढे में पाइप डाल दिया जिससे कि पानी बाहर निकाला जा सके. 

बर्फ पिघलती गयी, पानी बाहर निकाला जाता रहा, मशीन नीचे जाने लगी।

4-5 घंटे में ही काम पूरा हो गया और कुल खर्चा 1 लाख रुपये से भी कम आया

मशीन एकदम अच्छे से फिट हो गयी और उस मुलतानी ने 14 लाख रुपये से अधिक मुनाफा भी कमा लिया।

वास्तव में बिज़नेस और हुनर बड़ा ही रोचक विषय है. 

ये एक कला है, जो व्यक्ति की सूझबूझ, चतुराई और व्यवहारिक समझ पर निर्भर करता है।


मुश्किल से मुश्किल समस्याओं का भी सरल समाधान खोजना ही एक अच्छे बिजनेसमैन ( हुनरबाज़ ) की पहचान है


 और ये मुलतानी ने साबित कर दिया कि मुलतानियो की सोच सबसे अलग और आगे रहती है 

पत्नी को निशाना बनाकर चलाई गोली सास को लगी, हालत गंभीर

जनपद के नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला शिव नगर में आपसी विवाद को लेकर दामाद ने अपनी ही सास को गोली मारकर घायल कर दिया और मोके से फरार हो गया। बताया जा रहा है कि लंबे समय से पति पत्नी में किसी बात को लेकर विवाद चला आ रहा था। उसी विवाद के चलते आज दोनों के बीच कुछ कहासुनी हो गई जिसके चलते युवक ने अपनी ही सास को गोली मार दी, जिसे पुलिस ने मौके पर पहुंच कर तुरंत जिला चिकित्सालय भिजवाया जहां से उसे गंभीर हालत के चलते मेरठ रैफर कर दिया गया।सहारनपुर के थाना देवबंद क्षेत्र के गांव का एक परिवार मोहल्ला शिवनगर में रहता है। इसी परिवार की युवती की शादी उत्तराखण्ड के थाना झबरेड़ा क्षेत्र निवासी राहुल नाम के युवक से हुई थी। बताया जाता है कि शादी के वक्त तो आरोपी राहुल ने अपने पास 80 बीघा जमीन होना बताया था, लेकिन शादी के बाद उसकी कलई खुल गई। आरोपी है कि वो ना तो कुछ काम धंधा ही करता था और ना ही उसके पास जमीन-जायदाद थी, जिसकी वजह से घर में कलह रहने लगा। रोजाना के झगड़े से आजीज आकर पत्नी नेहा मुजफ्फरनगर के शिव नगर में अपने परिवार में आकर रहने लगी। पीड़िता ने अपने पति के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करा रखा है, मगर उसमें भी अभी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। आज आरोपी अपने साथियों के साथ आया और बीवी को निशाना बनाते हुए फायर झौंक दिया, जिसमें नेहा तो बाल-बाल बच गई, लेकिन गोली उसकी सास को जा लगी। गोली लगते ही वो लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ी। वारदात के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। हालांकि इस दौरान आरोपी की बाइक मौके पर ही छूट गई। सूचना पर पहुंच पुलिस ने बाइक को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।

क्या आप मदरसे से हैं और डॉक्टर बनना चाहते है तो आइए जानें आप कैसे बन सकते हैं एक BUMS डॉक्टर ?

खास कर मदारिस के तलबा के लिए 

*क्या आप मदरसे से हैं और डॉक्टर बनना चाहते हैं????*


तो आइए जानें आप कैसे बन सकते हैं एक  BUMS डॉक्टर ?

 

आपने  BUMS का नाम तो सुना होगा जो डॉक्टरी का एक बहुत ही अहम और मशहूर Course है, जिसको हासिल करने के लिए लाखों रुपयों की Fees का बंदोबस्त करना पड़ता है। तब कहीं जाकर कोई इस डिग्री को हासिल कर पाता है, जाहिर है मदरसे का एक आम तालिब-ए- इल्म बहुत ज्यादा फीस अदा नहीं कर सकता, इसीलिए उसके डॉक्टर बनने का ख्वाब भी पूरा नहीं हो पाता।

 

इस सिलसिले में मदरसे के तालिब इल्मों के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी हर साल डॉक्टर बनने का एक सुनहरा मौका फराहम करती है, और इसके लिए Pre Tib का टेस्ट पास करना जरूरी है। जिसमें कामयाब होने के बाद बहुत ही कम फीस में आप BUMS डॉक्टर बन सकते हैं।

 

*कैसे करें BUMS*

अगर वाकई आप इस कोर्स में एडमिशन के ख्वाहिशमंद हैं तो पहले एक वर्षीय कोर्स  Pre-Tib के टेस्ट में कामयाबी हासिल करना जरूरी होगा, फिर आप 1 वर्ष बाद बगैर किसी टेस्ट के BUMS में एडमिशन ले सकते हैं।

अहम बात ये है कि CCIM की तरफ से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में Pre- Tib के लिए  10 seats मदारिस के तलबा के लिए   Reserved रहती हैं, जो उनके सेलेक्शन में काफी हद तक मुफीद साबित होती हैं।

 

BUMS में दाखिला लेने के लिए  CCIM से मुलहिक मदारिस में से फज़ीलत की मार्कशीट का होना जरूरी है, या  UP Lucknow Mdarsa Board की फाज़िल की मार्कशीट से भी एडमिशन ले सकते हैं।

*फॉर्म भरने से पहले देख ले कि साथ मे दी गई लिस्ट में जिन मदारिस के नाम है सिर्फ वहीं से फ़ाज़िल की डिग्री 50% या इससे ज्यादा मार्क्स के साथ पास की हो।*

  

अगर वाकई कोई मदरसे का तालिब ए इल्म *अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बी0यू0एम0एस0* करना चाहता है तो एक बार हमारे हर दिल अजीज एहबाब,  BUMS डॉक्टर्स से जरूर मिले इंशाल्लाह वह उसकी तैयारी कराने और वहां तक पहुंचाने में हर मुमकिन कोशिश करेंगे।

*प्री तिब्ब के फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 21-08-2020 है।*

 

*नोट*: *मदरसे के हर तालिब ए इल्म तक यह पैगाम पहुंचाएं ताकि वक्त पर उनकी रहनुमाई की जा सके।*


*किसी भी तरह की मजीद जानकारी के लिए नीचे दिए गए नम्बर पर रात को 9:00 बजे के बाद राब्ता कायम कर सकते हैं।*


मुहम्मद उमर रज़ा मंज़री  

Department of Urdu 

9927674962


डॉक्टर मुहम्मद शमीम अकरम मिसबाही  BUMS 

8791256169


डॉक्टर मुहम्मद ज़ाहिद आलम मिसबाही  BUMS 

7500858452


*अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी*

Monday, August 17, 2020

दृश्यम’ और ‘मदारी’ जैसी बेहतरीन फिल्में बनाने वाले फिल्म निर्देशक निशिकांत कामत का निधन हो गया है वे दर-ब-दर’ नामक एक हिंदी फिल्म के निर्देशन की तैयारी में थे, जिसे 2022 में रिलीज किया जाना था

उन्होने हैदराबाद के हॉस्पिटल के गचीबोलवी के एक प्राइवेट हॉल्पिटल में आखिरी सांस लीं। निशिकांत कामत 50 वर्ष के थे।बता दें कि निर्देशक निशिकांत कामत लीवर सिरोसिस नामक बीमारी से ग्रस्त थे। इसी बीमारी के चलते उन्हें पिछले  दिनों हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उनकी हालत बेहद गंभीर चल रही थी वे आईसीयू में थे। 

निशिकांत कामत ने पांच साल पहले अजय देवगन और तब्बू को लेकर चर्चित फिल्म‌ ‘दृश्यम’, इरफान खान को लेकर ‘मुम्बई मेरी जान’ व ‘मदारी’, जॉन अब्राहम को लेकर ‘फोर्स’ व ‘रॉकी हैंडसम’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया था। मराठी फिल्मों में ‘डोम्बिवली फास्ट के अलावा उन्होंने रितेश देशमुख और राधिका आप्टे के साथ हिट फिल्म ‘लय भारी’, ‘फुगे’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया था। उन्होंने मराठी फिल्म ‘सातच्या आत घरी’ का लेखन करने के अलावा इस फिल्म में अभिनय भी किया था।

 यहीं नहीं निशिकांत कामत ने विक्रमादित्य मोटवाने निर्देशित ‘भावेश जोशी’ और ‘रॉकी हैंडसम’ में नकारात्मक भूमिकाएं भी निभाईं थीं।

अब निशिकांत कामत दुनिया को अलविदा कह गये हैं। एक काबिल निर्देशक जिसने फिल्मों की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई, उसके यूं चले जाने से बॉलीवुड एक बार फिर गम और शोक में

दरगाह सम्पर्क रोड पर शराब दुकान के विरोध में क्षेत्रवासियों ने जताया विरोध, प्रशासन से की हटाने की मांग

 

अजमेर (राजस्थान) 17/8/2020

अंदरकोट के क्षेत्रवासियों द्वारा दरगाह सम्पर्क रोड पर कुछ दिनों पूर्व बनी शराब की दुकान को यहाँ से हटाने  की माँग को लेकर आज कलेक्ट्रेट में ज्ञापन दिया 


 व मुख्यमंत्री व अन्य उच्चाधिकारियों को अवगत करवाकर इस मामले में जल्द से जल्द कार्यवाही करने की मांग की,


Thursday, August 13, 2020

*अजमेर से बड़ी खबर।* मोहर्रम को लेकर कलेक्ट्रेट में बैठक संपन्न। नही दी जाएगी किसी भी कार्यक्रम की अनुमति।

  *अजमेर से बड़ी खबर।*


मोहर्रम को लेकर कलेक्ट्रेट में बैठक संपन्न।

नही दी जाएगी किसी भी कार्यक्रम की अनुमति।

कलेक्टर एसपी ने दिया निर्देश।

मोहर्रम में नही होंगे कोई भी धार्मिक कार्यक्रम।

दरगाह शरीफ, अंदर कोट और तारागढ़ के पदाधिकारी रहे मौजूद।
*राज्य सरकार की गाईडलाईन के अनुसार मनाया जाएगा मोहर्रम*



अजमेर, 13 अगस्त। राज्य सरकार की गाईडलाईन के अनुसार आगामी मोहर्रम का त्यौहार मनाया जाएगा। इस संबंध में गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला मजिस्ट्रेट श्री प्रकाश राजपुरोहित की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। इसमें पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने आपसी समझाइश के साथ नियमों की पालना के लिए कहा। 
जिला कलक्टर श्री प्रकाश राजपुरोहित एवं पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना महामारी के संक्रमण से बचने के लिए गाईड लाईन एवं दिशा निर्देश जारी किए गए है। इन मानक नियमों की पालना करना अति आवश्यक है। वर्तमान में सरकार द्वारा सार्वजनिक गतिविधियों को प्रतिबंधित किया गया है। धार्मिक स्थलों पर व्यक्तियों का एकत्र होना तथा आना प्रतिबंधित है। राजस्थान सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों  को भी बंद किया गया है। इस संबंध में पूर्व में जारी निर्देशों के अनुसार ही मोहर्रम को मनाया जाएगा। साथ ही मोहर्रम के संबंध में विभिन्न संगठनों द्वारा दिए जाने वाले प्रस्तावों से उच्च स्तर पर अवगत कराया जाएगा। सरकार द्वारा जारी आदेशों एवं निर्देशों के अनुसार ही त्यौहारों का आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट श्री विशाल दवे, दरगाह दीवान प्रतिनिधी एस.एन. चिश्ती, सचिव गुलाम नजम फारूखी, दरगाह कमेटी के कार्यवाहक नाजिम डॉ. मोहम्मद आदिल, अंजुमन सैय्यद जादगान के अध्यक्ष सैय्यद मोईन हुसैन चिश्ती, सचिव वाहिद हुसैन, अंजुमन यादगार के अध्यक्ष श्री सदाकत अली चिश्ती, सचिव श्री एहेतशाम चिश्ती, तारागढ दरगाह के अध्यक्ष मोहसीन अली सुल्तानी, हाजी शाकिर हुसैन, अंदरकोट पंचायत के अध्यक्ष श्री मंसूर खान, ऑडिटर श्री एस.एम. अकबर, पार्षद आमाद चिश्ती एवं तारीक चिश्ती उपस्थित थे।

Wednesday, August 12, 2020

हिंदू धर्म में सिर्फ़ 73 नहीं बल्कि लाखों फ़िरके मौजूद हैं मगर धर्म के आधार पर वो नहीं लड़ते

 

सिखों में अकाली व निरंकारी हें पर एक दूसरे के मतभेद के बावजूद कभी नहीं लड़ते ।

दिगम्बर जैन और श्वेतामबर जैन दोनों समुदायों में बहुत ज़बरदस्त मतभेद है कि दिगम्बर मुनि नंगे रहते हैं और श्वेताम्बर सिर से पैर तक श्वेत वस्त्र धारण करते हैं, मगर क्या मजाल है कि अपने प्रवचनों के दौरान एक दूसरे की आलोचना करें या कभी गालियों से नवाज़ें ।

ईसाइयों में रोमन कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट फ़िरकों के बीच प्रारम्भ में कड़वाहट रही मगर जल्द ही दोनों को अक्ल आ गयी और उन्होंने लड़ना बंद कर दिया ।

पूरी दुनिया में सिर्फ़ मुसलमान ही एक ऐसी कौम है जिसने अपने दीन की छोटी छोटी बातों पर बड़े बड़े विवाद खड़े किये हें और बेशुमार फ़िरके बना डाले। हर फ़िरका अपने आप में एक दीन बन गया और उसने सिर्फ़ खुद को मुसलमान और दूसरे फ़िरकों को काफ़िर कहना और समझना शुरू कर दिया।

जिस कौम का दीन एक, रब एक, रसूल एक, कुरआन एक, और किबला एक हो फिर भी हज़ारों तरह के मज़हबी झगड़े क्यू ?

आखिर अल्लाह हम पर अपनी रहमतें क्यों नाज़िल फ़रमाये ? और क्यों न मुसीबत में डाले, आज जो हालात पूरी दुनिया में मुसलमानों की हैं वो हमारी खुद की गलती और पागलपन का नतीजा है ।

अभी भी वक्त है कि मुसलमान सुधर जायें और अल्लाह की रस्सी (कुरआन) को मज़बूती से थाम लें और एक ठोस उम्मत बन जायें एंव पिछली बेवकूफ़ियाँ न दोहरायें।

मुत्तहिद हो जाओ, तालीम हासिल करो, हर शोबे में अपनी जगह बनाओ, तालीम हासिल करने में क़ौम के हर बच्चे की मदद करो। तभी तुम अपनी क़ौम की फलाह के लिए कुछ कर पाओगे।

आपसी तफर्केबाज़ी से बाहर निकलिए, जहालत छोड़िये, चाहे खुद भूखे रह लीजिये लेकिन अपने बच्चों को आला दर्जे की तालीम दीजिये। क़ौम को मुत्तहिद और मज़बूत करने में अपना योगदान दीजिये।

तुम सय्यद भी हो, मुगल भी हो, मिर्जा भी हो, पठान भी हो,जरा ये तो बताओ, के क्या तुम मुसलमान भी हो ।।।

अल्लाह हम सबको नेक हिदायत दे।

आमीन

नही निकला रामडोल जुलूस नगीना कोरोना महामारी के कारण इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन बुधवार को निकलने वाला नगीना का ऐतिहासिक रामडोल का जुलूस नहीं निकाला जा सका

  नगीना। कोरोना महामारी के कारण इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन बुधवार को निकलने वाला नगीना का ऐतिहासिक रामडोल का जुलूस नहीं निकाला जा सका।

एसडीएम घनश्याम वर्मा व कोतवाल संजय धीर द्वारा शासन की गाइडलाइन का पालन करवाने के चलते मंदिर मुक्तेश्वरनाथ के पुजारी पंडित डॉ. विपिन चंद्र त्रिपाठी ने केवल भगवान श्री कृष्ण जी के पोतड़े धोने की रस्म पूरी की।


नगीना में प्राचीन काल से श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन भव्य रामडोल का जुलूस निकाला जाता रहा है। जुलूस को लेकर बुधवार को स्थानीय प्रशासन अलर्ट था और कोतवाल ने सुबह से ही बड़ा मंदिर पर पुलिस बल तैनात कर रखा था। दोपहर करीब ढाई बजे बर्फानी सेवा समिति के अध्यक्ष शीतांशु अग्रवाल एक कार सजवा कर लाए और उस कार में भगवान श्री कृष्ण जी के डोले को पूरी सादगी से पुजारी विपिन त्रिपाठी के साथ ले जाना चाहते थे। लेकिन सूचना मिलते ही कोतवाल संजय धीर मंदिर में पहुंच गए और एसडीएम घनश्याम वर्मा को भी बुला लिया। अधिकारियों ने पुजारी डॉ विपिन चंद्र त्रिपाठी, आयोजन समिति के साहू कपिल अग्रवाल, शीतांशु अग्रवाल, भाजपा नेता प्रमोद चौहान, लाला हरि गोपाल अग्रवाल आदि जिम्मेदार लोगों को कोरोना संक्रमण काल में शासन की गाइडलाइंस का हवाला देकर बताया कि कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं किया जा सकता है।

Tuesday, August 11, 2020

मशहूर शायर राहत इंदौरी नहीं रहे, अरबिंदो अस्पताल में ली आखरी सांस

 


*ब्रेकिंग न्यूज़*

*मशहूर शायर राहत इंदौरी जी का कोरोना संक्रमण के चलते 70 साल की उम्र में दुःखद निधन*

*अरविंदो अस्पताल में ली आखिरी सांस*

इन्तेकाल के सम्बन्ध में डॉ मोहक भंडारी, अरबिंदो अस्पताल का स्टेटमेंट


Saturday, August 8, 2020

शामली के मशहूर चिकित्सक खुर्शीद अनवर के छोटे भाई अब इस दुनिया में नही रहे

 

शामली के अनवर नर्सिंग होम के मालिक व मशहूर चिकित्सक खुर्शीद अनवर के छोटे भाई और हम सब के प्यारे मो0 क़वर सेफ़ी का आज तड़के पानीपत ( हरियाणा ) के अस्पताल में इंतक़ाल हो गया यह पिछले  कुछ माह से बीमार चल रहे थे। क़ुदरत ने इस नेकदिल , हरदिल अजीज मिलनसार रहमदिल इंसान को हम सब के साथ रहने का इतना कम समय दिया था अल्लाह इस नेक रूह को ज़न्नत-उल-फिरदौश  में आला से आला मुक़ाम अता फ़रमाए और घर वालों, कुनबे, क़ाबिले सहित इनके  साथियों को इस इंतहाई दुःख को सहन करने की ताकत व सब्र अता फरमाये ।

*01 सितंबर को नियमों के साथ खुलेगी दरगाह शरीफ,* *मोर्हरम के आयोजन को लेकर जल्द बनाई जाएगी रूपरेखा।*

 

अजमेर 08 अगस्त। महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रह. की प्रबन्ध कमेटी, दरगाह कमेटी, दरगाह ख्वाजा साहब की दो दिवसीय बैठक का पहला चरण शनिवार  को सम्पन्न हुआ। दरगाह कमेटी सदर अमीन पठान की अध्यक्षता में शाम 5 बजे ग़रीब नवाज अतिथि गृह में बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्य तौर से 01 सितंबर से दरगाह शरीफ को आम जायरीन के लिए खोले जाने और 20 अगस्त से प्रारंभ होने वाले माहे मोर्हरम पर आयोजित होने वाले मिनी उर्स को लेकर चर्चा हुई। बैठक में नायब सदर सैयद बाबर अशरफ, सदस्य सैयद शाहिद हुसैन रिज़्वी, क़ासिम मलिक, सपात खान, मुनव्वर खान और वसीम राहत अली और नाज़िम शकील अहमद बतौर सचिव शामिल रहे। बैठक का दूसरा चरण आज रविवार को भी जारी रहेगा। 
*देर शाम दोनों अंजुमनों के साथ आयोजित हुई समन्वय बैठक।*दरगाह शरीफ के विकास कार्यो और आगामी दिवसों में मोर्हरम व दरगाह शरीफ को खोले जाने को लेकर देर शाम दरगाह शरीफ से जुड़ी दोनों अंजुमनों सैयदज़ादगान और शेखज़ादगान के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के साथ चर्चा की गई। चर्चा में तय पाया कि इस सम्बन्ध में शीध्र ही एक प्रारूप बना कर जिला प्रशासन से चर्चा की जाएगी, प्रारूप में कोविड -19 के नियमों की पालना की जाएगी। बैठक के समापन पर अंजुमन सैयदज़ादगान के सदर सैयद मोईन हुसैन सरकार ने मुल्क में अमन-चैन, खुशहाली और साथ ही कोरोना महामारी से पूरी दुनिया को निजात दिलाने की दुआ की।