Friday, July 31, 2020

दरगाह शरीफ के मौरूसी अमले को ईदुल अज़हा का दिया तोहफा, जनाब सादिक़ हुसैन साहब शाही क़व्वाल अमेरिका निवासी की तरफ से दिया गय तोहफ़ा,


दरगाह हज़रत ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती अजमेर शरीफ के मौरूसी अमले को आज अमेरिका निवासी जनाब सादिक़ हुसैन साहब शाही क़व्वाल वल्द साबिर हुसैन साहब शाही क़व्वाल की जानिब से ईदुल अज़हा के मुबारक मौके पर  तोहफ़ा भिजाया गया.

 जिसमें सभी को  2100 रूपये नक़द के रूप में दिया गया इस मौके पर मौरूसी अमले के तमाम लोग मौजूद रहे
 व जनाब सादिक़ हुसैन साहब का तहेदिल से शुक्रिया अदा किया 
व बताया की इस महामारी के मौके पर आज हर तरफ सभी की आर्थिक इस्तिथि खराब हेे ऐसे मौके पर जनाब सादिक़ हुसैन साहब के इस तोहफ़े को सराहनीय क़दम बताया 


Thursday, July 30, 2020

*अलवर में 14 दिन का लॉकडाउन लगाया है, 30 जुलाई से 12 अगस्त तक👉 कोटा 31 जुलाई से 4 अगस्त तक कोटा में रहेगा लॉकडाउन* ।

*जो हमारे हिन्दू भाई कुर्बानी करने पर सवाल उठाते हैं वह अपनी धार्मिक किताब पढ़ें* 👇👇👇👇👇 ➖➖➖➖➖➖


*जो हमारे हिन्दू भाई कुर्बानी करने पर सवाल उठाते हैं  वह अपनी  धार्मिक किताब पढ़ें*
👇👇👇👇👇
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
1 👉 राम जी के पिता दशरथ भी शिकार के लिए जाया करते थे और एक दिन गलती से पानी पीता हुआ हाथी समझकर उन्होंने सरवन कुमार को अपने तीर से मार डाला अब सवाल ये उठता है क्या जंगल में शांति से पानी पीता हुआ हाथी हिंसक हो सकता है।

Reference

 *(वाल्मीकि रामायण जगदीश्वरानंद सरस्वती अयोध्या कांड,48/9-15)*

2 👉सीता जी के कहने पर राम हिरण को पकड़ने गए और जब हिरन ना पकड़े गए तो उन्होंने हिरण को जान से मारने के लिए तीर चलाया यहां भी वह सवाल उठता है कि भला हिरण हिंसक कैसे हो सकता है।

Reference

*(वाल्मीकि रामायण जगदीश्वरानंद सरस्वती अरण्यकांड 27/7-8)*

3 👉राम जी और लक्ष्मण जी दोनों ने मिलकर 4 किस्म के महा मुर्गों का तीर से प्रहार करके वध कर दिया।

Reference

 *(वाल्मीकि रामायण गीता प्रेस अयोध्या कांड 52/102)*

4 👉 साधु के भेष में रावण को सीता ने कहा कि उनके स्वामी आते होंगे  और जंगली सूअर को मारकर खाना लाते होंगे।

Reference

*( वाल्मीकि रामायण गीता प्रेस अरण्यकांड 47/23,24)*

5 👉 राम की सेना में निषाद लोगों को मुर्ग और मांस खाने को दिया गया।

Reference

*(वाल्मीकि रामायण गीता प्रेस 91/70)*

6 👉रामायण काल में पशु हत्या को बड़ी चीज नहीं थी असवा महंगा यज्ञ में राजा दशरथ ने कई पशुओं की बलि दी थी।

Reference

*( वाल्मीकि रामायण गीता प्रेस बाल कांड सर्ग ,14)*

 7 👉और यह बात कोई वेद विरुद्ध नहीं है शतपथ ब्राह्मण जो मध्याधीन वेद का ब्राह्मण ग्रंथ है मैं भी अश्वमेघ में पशु हत्या के बारे में लिखा है।

Reference

*(शतपथ ब्राह्मण 13/5/2/1,2)*

8 👉 और वैदिक कोष में भी यही चीज है कि आव मेघ में 300 पशुओं की हत्या किया जाता है।

Reference

*(वैदिक कौश पेज 29)*

9 👉 और हिंसक पशु सिर्फ मांस खाने वाले नहीं होते बल्कि घास खाने वाले भी होते हैं और उन दोनों को मारने का आदेश है और जो रूके उन लोगों को हिंसक जानवरों के मुंह में फेंकने का आदेश है|

Reference

 *(यजुर्वेद दयानंद भाषा 10 46 14))*

 इस पशुओं में हिंसक गौमाता भी आती है।

10 👉रामायण के अनुसार राम जी इंदिरा के तुल्य है।

 और ऋग्वेद संयम भाषा के अनुसार इंद्रा15 से 20 सांड और बेल पकाकर खा खा कर मोटा होता हैं।

Reference

 *(ऋग्वेद संयण भाष्य 10/ 86/14)*

Wednesday, July 29, 2020

5 अगस्त और 15 अगस्त को लेकर यूपी में हाई अलर्ट

केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के इनपुट के बाद यूपी में सभी जिलों को अलर्ट किया गया

 *5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर शिलान्यास पर आतंकी साजिश का इनपुट*

 *5 अगस्त से लेकर 15 अगस्त के बीच किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने का इनपुट* 

*सभी जिलों को महत्वपूर्ण स्थानों बस स्टेशन रेलवे स्टेशन पर सतर्कता बरतने के दिए गए निर्देश* 

*डीजीपी मुख्यालय ने आगरा मथुरा मेरठ कानपुर प्रयागराज गोरखपुर वाराणसी लखनऊ समेत दर्जनभर शहरों को हाई अलर्ट पर रहने को कहा* 

*प्रदेश भर के सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के दिए गए निर्देश*

 केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने यूपी में आतंकी हमले का भेजा था अलर्ट

*आईएसआई के इशारे पर अफगान ट्रेंड फिदायीन हमले की साजिश रची गई है*

*यूपी के साथ-साथ कश्मीर घाटी को लेकर भी अलर्ट किया गया*

*इंडो नेपाल बॉर्डर सीमा पर एसएसबी के साथ यूपी एटीएस सक्रिय की गई*

अब्दुल करीम न्याजपुरा वाले अब इस दुनिया में नही रहे

बड़े ही दुःख के साथ लिखना पड़ रहा है। कि ग्राम न्याजपुरा ( मुजफ्फरनगर ) उत्तर-प्रदेश निवासी ज़नाब अब्दुल करीम वल्द ज़नाब अमीर उल्ला साहब उम्र तकरीबन 62 वर्ष का आज दिनांक 29/07/2020 को अभी शाम लगभग 6 बजकर 45 मिनट पर इंतेक़ाल हो गया है। जनाब अब्दुल करीम साहब कई वर्षी से लकवे जैसी बीमारी से पीड़ित थे। कुछ दिनों पहले इनका एक दुर्घटना में पैर में भी काफी चोट आयी थी। पैदायशी इंजीनियर ज़नाब अब्दुल करीम साहब कोल्हू ( शुगर क्रेशर ) के नामी गिरामी मिस्त्री हुआ करते थे। जहां पर भी इन्होंने एक सीजन कार्य किया वो कोल्हू मालिक हमेशा यही चाहते थे। कि हर सीजन में अब्दुल करीम उनके कोल्हू पर ही रहे। इनके हुनर के मुरीद क़स्बा सरधना जिला मेरठ में ज्यादा रहे है। यही कारण रहा कि इनका सबसे ज्यादा वक़्त सरधना में ही बीता । अब्दुल करीम साहब के तीन लड़कियां क्रमशः शाइन, शाहिदा, व मुन्नी सहित एक लड़का शाहिद है। इनके जनाजे की नमाज़ अभी 11 बजे ग्राम न्याजपुरा में होगी। इनके इंतेकाल पर मुलतानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट का हर पदाधिकारी व सदस्य गमज़दा है। और अल्लाह से दुआ करता है कि मय्यत की मगफिरत फरमाये और इनको ज़न्नत-उल-फिरदौश में आला मक़ाम अता फरमाये और इनके घर वालो को सब्र दे

अनलॉक 3 की गाइड लाइंस जारी,


 *अनलॉक 3 की गाइडलाइन जारी...*       
      केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉक 3 की गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. इस गाइडलाइंस के मुताबिक बाहरी गतिविधियियों को काफी हद तक खोला जाएगा. साथ ही कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी हिस्सों में नाइट कर्फ्यू भी हटाया जाएगा. स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान 31 अगस्त तक बंद रहेंगे.

रात के दौरान आने- जाने पर प्रतिबंध (नाइट कर्फ्यू) हटा दिया गया है. योग संस्थानों और जिम को 5 अगस्त से खोलने की अनुमति दी जाएगी. इन जगहों पर मास्क और सामाजिक दूरी का पालन करते हुए लोग जा सकेंगे. स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में भी लोग सामाजिक दूरी का पालन करते हुए शामिल हो सकेंगे. 

वंदे भारत मिशन के तहत सीमित तरीके से यात्रियों की अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा की अनुमति दी गई है. निम्नलिखित गतिविधियों को छोड़कर बाकी सभी गतिविधियों के लिए बाहर निकलने की अनुमति रहेगी. 
- मेट्रो रेल
- सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल और इसी तरह के स्थान
- सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक कार्य और अन्य बड़ी मंडलियां इन सबको खोलने के लिए हालात के आधार पर फैसला लिया जाएगा.

- कंटेनमेंट जोन में 31 अगस्त तक लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया जाना जारी रहेगा. निर्माण गतिविधियां चलेंगी लेकिन सामाजिक दूरी और मास्क का पालन करना होगा.

- यह गाइडलाइंस सभी जिला कलक्टरों और राज्य सरकारों की वेबसाइटों पर जारी की जाएगी.

देश के सभी कंटेनमेंट जोन की निगरानी केंद्र सरकार करेगी. राज्य सरकारों को कंटेनमेंट जोन के बाहर की गतिविधियों पर फैसला लेना है.  राज्य और संघ राज्य क्षेत्र कंटेनमेंट जोन के बाहर की कुछ गतिविधियों को प्रतिबंधित कर सकते हैं.
किसी राज्य के अंदर और एक राज्य से दूसरे राज्य में लोगों व वस्तुओं के आने-जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा. इसके लिए अलग से अनुमति या ई-परमिट लेने की भी जरूरत नहीं होगी. अनलॉक 3 में कोविड- 19 पर केंद्र सरकार की ओर से जारी सभी 
प्रोटोकॉल पूरी तरह लागू रहेंगे. सभी दुकानें खुली रहेंगी. लेकिन दुकानदारों को ग्राहकों के बीच पर्याप्त सामाजिक दूरी का ध्यान रखना होगा. लोगों को आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल करना होगा. बीमार व्यक्तियों, बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को जहां तक हो सके. अपने घरों पर रहना होगा।

कह दो कि मेरी नमाज़ मेरी क़ुरबानी 'यानि' मेरा जीना मेरा मरना अल्लाह के लिए है जो सब आलमों का रब है -कुरआन 6:162

बकरा ईद का असल नाम ईदुल अज़हा है, मुसलमानों में साल में दो ही त्यौहार मजहबी तौर पर मनाए जाते हैं एक ईदुल फ़ित्र और दूसरा ईदुल अज़हा, ईदुल फ़ित्र जहाँ रमज़ान के पूरा होने पर मनाई जाती है वहीं वह कुरआन के नाज़िल होने के शुरू होने की ख़ुशी भी अपने अन्दर रखती है. ऐसे ही ईदुल अज़हा जहाँ हज के पूरा होने पर मनाई जाती है वहीं इन्ही दिनों में कुरआन 23 साल में नाज़िल हो कर पूरा हुआ था, और दीन के मुकम्मल होने का ऐलान कर दिया गया था. (सूरेह मायदा 3)
ईदुल अज़हा असल में हज से जुड़ी हुई है कुर्बानी हज का अहम एक हिस्सा है, पूरी दुनियां के मुसलमान तो हर साल हज नहीं कर सकते इस लिए ईदुल अज़हा के ज़रये वो हज से जुड़ते हैं उन्ही की तरह क़ुरबानी करके अल्लाह के लिए क़ुरबानी के ज़ज्बे का इज़हार करते हैं और हाजी की तरह ही हज के दिनों में नमाज़ के बाद तकबीर पढ़ते और बाल वगैरह के काटने से परहेज़ करते हैं. 
हज इसलाम में एक अहम इबादत है यह इस्लाम की पांच बुन्यादों में से एक है, हज की हिकमत जानने के लिए यह पोस्ट भी पढ़ें.


क़ुरबानी का लफ्ज़ ''क़ुर्ब'' से बना है जिसका मतलब होता है 'करीब होना'. यानि ईदुल अज़हा को अपने जानवर को ज़िबह करने का मकसद अल्लाह का क़ुर्ब हासिल करना होता है, यानि अल्लाह से अपनी नजदीकियों को बढ़ाना. 
ईद की क़ुरबानी के बारे में उलेमा में इख्तिलाफ है कुछ इसे वाजिब कहते हैं और कुछ इसे सुन्नत कहते हैं.
लेकिन यह बात दर्जनों हदीसों से साबित है कि बिना हज के मदीने में अल्लाह के रसूल (स) पाबन्दी से क़ुरबानी किया करते थे और सहाबा भी करते थे.
मिसाल के लिए देखये मुसनद अहमद 4935, सुन्न तिर्मज़ी 1501 अब्दुल्लाह बिन उमर बयान करते हैं कि नबी (स) दस साल मदीने में रहे और हर साल क़ुरबानी किया करते थे.
सही बुखारी 5545 - अल्लाह के रसूल (स) ने फ़रमाया जिसने भी ईद की नमाज़ के बाद जानवर ज़िबह किया उसकी क़ुरबानी हो गई और उसने मुसलमानों की सुन्नत पर अमल कर लिया.
सही बुखारी 5553 हज़रत अनस (र) फरमाते हैं कि अल्लाह के रसूल (स) दो मैंढो की क़ुरबानी किया करते थे और मैं भी दो मैंढो की ही क़ुरबानी किया करता था.

वैसे तो इसलाम में कुर्बानी का ज़िक्र आदम (अ) के ज़माने से मिलता है, लेकिन इसलाम में बुनयादी तौर पर कुर्बानी हज़रत इब्राहीम (अ) के ज़माने से है जब उन्होंने अपने बेटे को कुर्बान करने की कोशिश की तो अल्लाह ने उनके बेटे के बदले एक जानवर की कुर्बानी ली तब से यह अपनी जान की कुर्बानी के निशान के तौर पर हर साल दी जाती है.

क़ुरबानी में कई हिकमते हैं लेकिन इस का सबसे अहम् फलसफा यह है कि अल्लाह बन्दे के लिए सबसे बढ़ कर है.
इस बात को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि इसलाम में क़ुरबानी एक इबादत की हेस्यत रखती है और जैसा की आप जानते हैं कि इबादतें जितनी भी हैं वो सब बन्दे का अल्लाह से ताल्लुक का इज़हार होती हैं. जैसे बदन से बंदगी का इज़हार नमाज़ में होता है और माल से इबादत करने का इज़हार ज़कात और सदके से होता है, ठीक ऐसे ही क़ुरबानी जान से बंदगी करने का इज़हार है.
क़ुरबानी में अपने जानवर की जान को अल्लाह के नाम ज़िबह करके असलन बंदा इस जज़्बे का इज़हार कर रहा होता है कि मेरी जान भी अल्लाह की दी हुई है और जिस तरह आज मैं अपने जानवर की जान अल्लाह के लिए दे रहा हूँ अगर अल्लाह का हुक्म हुआ तो अपनी जान भी मैं देने के लिए तैयार हूँ. यही वह जज़्बा है जो क़ुरबानी की असल रूह है अगर हमारे अन्दर अपने जानवर की क़ुरबानी के साथ यह जज़्बा नहीं है तो यह असल क़ुरबानी नहीं है फिर यह ऐसे ही है जैसे रोज़ लोग अपने खाने के लिए जानवर ज़िबह करते हैं.
पहले ज़माने में अपने जानवरों को दो ही वजह से ज़िबह किया जाता था, एक उसका गोश्त खाने के लिए और दूसरा कुछ मजहबों में अपने देवताओं की मूर्ती को जानवर का खून देने का रिवाज था, उससे यह समझा जाता था कि यह देवता खून पीते हैं और उससे खुश होते हैं.
लेकिन क़ुरबानी में यह दोनों वजह सिरे से पाई ही नहीं जाती, क़ुरबानी के पीछे जो जज़्बा होता है वह यही है कि मेरी जान मेरे लिए नहीं अल्लाह के लिए है, यही जज़्बा क़ुरबानी का मकसद है और यही जज़्बा अल्लाह को मतलूब है. चुनाचे कुरआन में फ़रमाया - (अल्लाह के पास ना तुम्हारी कुर्बानियों का गोश्त पहुँचता है और ना उनका खून, अल्लाह को सिर्फ तुम्हारा तक़वा पहुँचता है.....सूरेह हज 37)

क़ुरबानी इस नेमत का शुक्र भी है कि अल्लाह ने जानवरों को हमारे काबू में कर दिया है, हम तो शायद इसका अहसास ऐसे नहीं कर सकते लेकिन हमारे पूर्वज जानवरों ही के सहारे पले बढ़े हैं. कई जानवर के हमसे ज़्यादा ताक़तवर होने के बावजूद अल्लाह ने उन्हें हमारे काबू में ऐसे किया कि बिना किसी मजदूरी के वह हमारे लिए काम करते रहे, हमने उन्हें खूंटे से बंधा, उन्हें ख़रीदा बेंचा, उनसे खेतों में मुश्किल काम लिए, उन पर सवारी की और भारी सामान ढोया और बिना कीमत दिए उन से दूध लिया. यह सब कुछ हमारे लिए सिर्फ इस लिए मुमकिन हुआ क्यों कि अल्लाह ने उन्हें हमारे काबू में कर रखा है.
क़ुरबानी इसका भी शुक्र अदा करना है कि उसमे आप अपने जानवर को अल्लाह के लिए कुर्बान करते हैं. इसी लिए कुरआन में इरशाद है -
और हमने हर उम्मत के लिए क़ुरबानी मुक़र्रर की है ताकि अल्लाह ने उनको जो चौपाए बख्शे हैं उन पर वो (ज़िबह करते हुए) उसका नाम लें. पस तुम्हारा मअबूद एक ही मअबूद है इसलिए तुम अपने आप को उसी के हवाले कर दो,
और खुश खबरी दो उन लोगों को जिनके दिल अल्लाह के आगे झुके हुए हैं. (सूरेह हज 34)
...ख़ुदा ने जानवरों को (इसलिए) यूँ तुम्हारे क़ाबू में कर दिया है ताकि जिस तरह खुदा ने तुम्हें बनाया है उसी तरह उसकी बड़ाई करो और नेक लोगों को (आने वाली ज़िन्दगी की) खुश खबरी दो. (सूरेह हज 37)

एक अहम हिकमत क़ुरबानी की यह भी है कि इसके ज़रिये हज़रत इब्राहीम (अ) और उनके परिवार की तौहीद के लिए की जाने वाली महनते, मशक्कतें और कुरबानियों को याद किया जाए. उस लम्हे को ख़ास कर याद किया जाए जब हज़रत इब्राहीम (अ) को ख्वाब में हुक्म दिया गया कि वह अपने बेटे हज़रत इस्माइल (अ) को अल्लाह के लिए कुर्बान करें, तो उन्होंने इस हुक्म पर अमल करने की ठानी और फिर अपने बेटे हज़रत इस्माइल (अ) से मश्वरा किया तो उन्होंने भी ख़ुशी से अल्लाह पर कुर्बान होने की इच्छा ज़ाहिर की. इस घटना में जहाँ एक तरफ हज़रत इब्राहीम (अ) के सब्र, वफादारी और अल्लाह ही का होने की तालीम है क्यों कि एक बाप के लिए अपने बच्चे की गर्दन पर छूरी चलाना खुद को मार डालने से कहीं ज़्यादा मुश्किल काम है, वहीं उनके बेटे ने भी अल्लाह के आगे झुकने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, कुरआन में उन बाप बेटों की बात चीत कुछ इस तरह नक़ल हुई है -(....इब्राहीम ने कहा - ऐ मेरे बेटे मैं ख्वाब में तुम्हे कुरबान करते हुए देखता हूँ तो तुम बताओ कि इस बारे में तुम्हारी क्या राय है ? बेटे ने जवाब दिया - अब्बू जान आप को जो हुक्म दिया जा रहा है उसे ज़रूर पूरा कीजये, अगर अल्लाह ने चाहा तो आप मुझे सब्र करने वालों में पाएँगे. सूरेह साफ्फात 102) सच है कि यह जवाब इब्राहीम के बेटे का ही हो सकता था. इसमें हज़रत इस्माइल (अ) का कमाल यह ही नहीं कि कुरबान होने के लिए तैयार हो गए बल्कि कमाल यह भी है कि अपनी अच्छाई को अल्लाह की तरफ मंसूब किया कि ''अगर अल्लाह ने चाहा तो आप मुझे सब्र करने वालों में पाएँगे'' 

इसी हवाले से एक और हिकमत इस हदीस में बयान हुई है - 
अल्लाह के रसूल (स) से सहाबा ने पूछा कि ऐ अल्लाह के रसूल (स) यह कुरबानियां क्या हैं ?
आप (स) ने जवाब दिया कि तुम्हारे बाप इब्राहीम का तरीका. (मुसनद अहमद 18797, इब्ने माजा 3127)
इस हदीस से क़ुरबानी की हिकमत समझ में आती है, वो है हज़रत इब्राहीम (अ) के तरीके को ज़ाहिरी तौर पर अंजाम दे कर उसको अमली तौर से अपनी ज़िन्दगी में शामिल करना.
इब्राहीम सिर्फ एक नाम नहीं है बल्कि इब्राहीम एक सिंबल है तौहीद पर ईमान का, इब्राहीम एक सिंबल है सच्चाई को अकली बुन्यादों पर पा लेने का, इब्राहीम एक सिंबल है सच्चाई के लिए कुरबानियों का, इब्राहीम एक सिंबल है अपनी और अपने परिवार की पूरी ज़िन्दगी अल्लाह के हवाले कर देने का.
हम जानते हैं हज़रत इब्राहीम (अ) ने तौहीद के मामले में अपने बड़ों से अपने बाप दादाओं के दीन से कोई समझोता नहीं किया, उन्होंने अल्लाह के बारे में सच के सिवा कोई बात ज़रा क़ुबूल नहीं की, हज़रत इब्राहीम (अ) वो हैं जिन्होंने आज़माइश के इम्तिहान को 100% से पास किया, जिनके बारे में कुरआन ने फ़रमाया (और जब इब्राहीम को उनके रब ने कई बातों से आज़माया तो उन्होंने उन्हें आखरी दर्जे में पूरा कर दिखाया...-सूरेह बक्राह 124)
इसी लिए अल्लाह ने फ़रमाया - 
(सलाम हो इब्राहीम पर. सूरेह साफ्फात 109)
(बेशक वो हमारे मोमिन बन्दों में से था. सूरेह साफ्फात 111)
(बेशक इब्राहीम 'अपनी जगह' एक अलग उम्मत थे, अल्लाह के फर्माबरदार, सब बातिल खुदाओं से कट कर सिर्फ एक अल्लाह के होने वाले थे और वो अल्लाह के साथ किसी को शरीक करने वाले हरगिज़ नहीं थे. सूरेह नहल 120)
लिहाज़ा सिर्फ अपने एक जानवर को कुर्बान कर लेने से हम इब्राहीम के नक़्शे कदम पर नहीं कहलाए जा सकते, उसके लिए तो हमें ''हनीफ'' होना पड़ेगा और हनीफ कहते हैं जो सिर्फ एक अल्लाह का हो जाए, उसकी नाराज़गी से डरे, उस से सबसे बढ़ कर मुहब्बत करे. कुरआन ने फ़रमाया -
(बेशक सब लोगों में इब्राहीम से करीब वो लोग हैं जो उनकी पैरवी करते हैं, और यह नबी (हज़रत मुहम्मद स.) हैं और वो लोग जो ईमान लाए (यानि सहाबा) और अल्लाह मोमिनों का साथी है. सूरेह आले इमरान 68)  
 
एक तरफ क़ुरबानी के यह अज़ीम मकसद और हिकमतें हैं और दूसरी तरफ ईदुल अज़हा को हमारा रवय्या.... आगे मुझे कुछ कहने की ज़रूरत नहीं हम में से हर एक खुद अपने गिरेंबान में झांक कर देख सकता है कि क्या वाकई ईदुल अज़हा को मेरे दिल की कैफयत वही होती है जो क़ुरबानी का मकसद है, या हम क़ुरबानी सिर्फ खाने और दिखाने के लिए करते हैं ? 

जान दी....... दी हुई उसी की थी.
हक़ तो यह है कि हक़ अदा ना हुआ.

Tuesday, July 28, 2020

नीमच जिले के लिए एक बार फिर राहतभरी खबर

नीमच जिलें के लिए एक बार फिर राहतभरी खबर सामनें आई है, जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेशों में संसोधन किया गया है, जी हां, जानकारी के अनुसार जिला कलेक्‍टर जितेंद्र राजें की अध्‍यक्षता में एक बैठक आयोजित कर अहम निर्णय लिया गया है, जिसके बाद पूर्व में पारित किए गए आदेशों में संसोधन किया गया है  संसोधन के दौरान आज यानिं की 28 और कल यानिं की 29 जुलाई को संपूर्ण बंद रहेगा, जिसके बाद आगामी 30 जुलाई से लगातार बाजार गुलजार होंगे, आगामी दिनों में किसी तरह का कोई बंद का आह्वान नहीं है, साथ ही शनिवार को भी बाजार सुचारू रूप से खुल सकेंगे, यानिं की कुल मिलाकर अब रविवार को जिला संपूर्ण बंद रहेगा  गौरतबल है कि गत दिनों जिला कलेक्‍टर जितेंद्र राजें की अध्‍यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया था, जिसके बाद आगामी 28 और 29 जुलाई को बाजार बंद, 30 और 31 जुलाई को बाजार खोलनें एवं 1 से 3 अगस्‍त तक बंद के आदेश दिए गए थे, जिसकें आज फिर पुनः संसोधन किया गया है जिलें के लिए एक बार फिर राहतभरी खबर सामनें आई है, जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेशों में संसोधन किया गया है, जी हां, जानकारी के अनुसार जिला कलेक्‍टर जितेंद्र राजें की अध्‍यक्षता में एक बैठक आयोजित कर अहम निर्णय लिया गया है, जिसके बाद पूर्व में पारित किए गए आदेशों में संसोधन किया गया है  संसोधन के दौरान आज यानिं की 28 और कल यानिं की 29 जुलाई को संपूर्ण बंद रहेगा, जिसके बाद आगामी 30 जुलाई से लगातार बाजार गुलजार होंगे, आगामी दिनों में किसी तरह का कोई बंद का आह्वान नहीं है, साथ ही शनिवार को भी बाजार सुचारू रूप से खुल सकेंगे, यानिं की कुल मिलाकर अब रविवार को जिला संपूर्ण बंद रहेगा  गौरतबल है कि गत दिनों जिला कलेक्‍टर जितेंद्र राजें की अध्‍यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया था, जिसके बाद आगामी 28 और 29 जुलाई को बाजार बंद, 30 और 31 जुलाई को बाजार खोलनें एवं 1 से 3 अगस्‍त तक बंद के आदेश दिए गए थे, जिसकें आज फिर पुनः संसोधन किया  गया है

Sunday, July 26, 2020

हनीफ़ डायमंड भी इस दुनिया को अलविदा कह गए

जी हाँ आप सही समझे शामली ( उत्तर-प्रदेश ) के मौहल्ला खरादियाँन निवासी ज़नाब हनीफ़ ( डायमंड वाले ) वल्द मरहूम अब्दुल रहमान साहब का आज दिनांक 27/07/20 को प्रातः 7 बजे के आसपास इंतेकाल हो गया है। वो पिछले काफी समय से दिमागी तौर पर बीमार चल रहे थे। अपने पांच भाइयों क्रमशः अब्दुल हमीद , अब्दुल मजीद ( दोनों मरहूम ) अब्दुल वहीद, अब्दुल रसीद के बाद सबसे छोटे जनाब हनीफ़ ही थे। इनको बिरादरी में इनकी फर्म डायमंड की वजह से हनीफ़ डायमंड का खिताब मिला हुआ था। इनके इंतेक़ाल की खबर बिरादरी में आग की तरह फैल गयी  जिसने भी इनके इंतेक़ाल की खबर सुनी सुनकर हक्का बक्का रह गया। जोहर की नमाज़ के फौरन बाद किये जा सकते है सुपुर्द-ए-खाक किसी भी  जानकारी के लिये इनके भतीजे हाजी अफजाल के मोबाइल न0 - 80771-76408 पर ली जा सकती है।

मो. युसुफ अली समालका दिल्ली (मुजाहिद पुर वाले) की वालिदा (मीना)का इतंकाल हो गया है|

जिनके शौहर (जनाब हाजी इकराम मरहूम) का इंतकाल लगभग 3 महीने पहले हो गया था|      
इशांअल्ला ज़ौहर की नमाज़ के बाद 1.30 pm 27/07/2020 ( आज) की जाएगी सुपुर्द-ए-खाक
इनकी  उम्र-78  साल थी| 
जिनके दो लड़के और 1 लड़की क्रमशः
नाम-      
1.मो.युसुफ अली  9811277975            
2.मो. युनुस         8810650721             
3. जायदा                       
समालका नई दिल्ली-37 आप सभी से दुवाओं की दरखास्त है| 
(अल्लाह उनकी मगफिरत फरमाऐं) 
                                                    .........आमीन

मुल्तानी आहँग्रान सेवा सोसायटी भीलवाड़ा द्वारा किया गया रक्तदान शिविर का आयोजन, काफ़ी संख्या में समाज के लोगों ने किया रक्तदान, कोविड 19 के मापदंड के अनुसार हुआ आयोजन,

भीलवाड़ा (राजस्थान)26/7/2020 

  मुल्तानी आहँग्रान सेवा सोसायटी मेंबर व राजस्थान मुस्लिम यूथ सेवा संस्थान के संस्थापक सदस्य अब्दुल गफ्फार साहब  मुल्तानी ने बताया कि मुल्तानी आहँग्रान सेवा सोसायटी का तीसरा रक्तदान शिविर आज मुल्तानी जमात खाने में रखा गया 

जिसमें 31 युनिट रक्तदान हुआ , एवं 15 युवाओं ने फोन कॉल पर रक्तदान  करने का रजिस्ट्रेशन करवाया ,

रक्तदान शिविर में हाजी अब्दुल हफीज साहब ने रक्तदान करने वाले युवाओं को प्रेरित किया,

हाजी साहब से प्रेरित  होकर कर रक्तदान में युवा पीढ़ी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया 

रक्तदान के बाद सभी रक्तदाताओं को जहूर मुल्तानी साहब, मोहम्मद अल्ताफ़ साहब, मोहम्मद फ़ारूक़ साहब,अब्दुल समद साहब उस्ता ने प्रशस्ति पत्र देकर सभी रक्तदाताओं का आभार व्यक्त किया, 

इस प्रोग्राम में 
मोहम्मद नाजिम, मोहम्मद वसीम, अब्दुल गफ्फार,अशफाक हुसैन,  मोहम्मद इरफान, मोहम्मद अकरम,व समाज के अन्य लोग मौजूद रहे, 



मुस्लिम महिलाएँ गैर मुस्लिम से शादी कर रही हैं और हम गफलत में पड़े हुवे हैं !

चेन्नई- 5,180
कोयंबटूर 1,224
तिरुचि- 1,470
मदुरै- 2,430
सलेम- 740
हैदराबाद- 3500

कुल 20,000 और अधिक मुस्लिम लड़कियों ने पिछले 3 वर्षों से गैर मुस्लिम पुरुषों से शादी की है !

यह दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है !
निम्नलिखित कारण हैं :

1- अपने बच्चे को गैर इस्लामी तरीके से लाना, इस्लाम का कम ज्ञान ! इसके द्वारा वे अन्य धर्मों को बेहतर देख रहे हैं !

2- अपने बच्चे की बहुत लाड़ करना !

3- उन्हें बहुत महंगा मोबाइल देना या उन्हें स्मार्टफोन देना !

4- उन्हें दूर के कॉलेजों में भेजना या उन्हें कॉलेजों में भेजना !

5- बेटी की शादी में देरी !

6- बेटी की दोस्ती की निगरानी नहीं करना !

7- चिड़चिड़ापन या अपने बच्चों पर बहुत अधिक विश्वास कि वे ऐसा नहीं करेंगे !
याद रखें जिन्होंने किया वो भी अपने माता-पिता के पालतू बच्चे 

8- लड़कियां अपनी मर्जी से भागती हैं कि वे शादी नहीं करती हैं या वे अपनी मर्जी से शादी नहीं करती हैं !

9- सिनेमा, टीवी, शो, ऑनलाइन, फेसबुक, मैसेंजर आदि में डूबे हुए हैं जो प्यार और जुनून को बढ़ाते हैं !
जो सब नकली है वह सब झूठ है

इस तरह की 90% शादियाँ विफल हो जाती हैं और इन महिलाओं का जीवन बर्बाद हो जाता है !!

हमारी इस्लामी बहनों को जागरूकता की जरूरत है

हमारे ही मआशरे का असूल है जितनी ज्यादा कीमती चीज़ होती है उतना ज्यादा उसका ख्याल किया जाता है !
अब आप ही बताइए औलाद से कीमती कोई चीज़ होती है
लेकिन अफसोस लोग दुआएं मन्नते मांग मांग कर औलाद जैसी कीमती चीज़ लेने में तो कामियाब हो जाते हैं !
मगर औलाद मिलने के बाद उनके हक़ूक़ पूरे नहीं करते
सिर्फ मिठाई की टोकरियों से हक़ूक़ अदा किए जाते हैं !
जो जितने ज्यादा लड्डू तक़सीम करता वह समझता उसने औलाद से मुहब्बत का उतना ज्यादा हक़ अदा कर दिया !
और जो जितने ज्यादा महंगे शॉपिंग सेंटर से कपड़े खरीद कर लाता वह उतना ज्यादा अच्छे हक़ूक़ अदा करने वाला मां बाप कहलाता !
सुबह शाम बिज़नेस और जॉब में मगन रहने वाले मां बाप को ज़रा अंदाज़ा नहीं होता कि उसकी सबसे कीमती चीज़ औलाद को सिर्फ महंगे कपड़े और महंगे खिलौनों की नहीं बल्कि वालदैन की तवज्जह और उनके वक़्त उनकी तरबियत की ज़रूरत होती है !

अल्लाह के अज़ीम नेअमत की देख भाल और उनकी तरबियत की बजाए अपने कारोबार में मसरूफ रहते !!
बच्चे कहां आ रहे" कहां जा रहे" क्या कर रहे" दिन में कितने पैसे खर्च किये" घर कब आये" कब गए" स्कूल गए" या कहीं और" कोई खबर नहीं !

बेटी ने" बेटे ने" सुबह शाम" रात दिन" कहां कैसे गुज़ारा" उसके दोस्त कैसे" उसका उठना बैठना किन के साथ" कोई खबर नहीं
पहले तो डिश एंटेना की लानत" और फिल्मों ड्रामों की बेहूदा इश्किया कहानियां" फिर गंदे नॉविल" और मैगज़ीन का घरों में आकर बच्चों के दिमाग मे एक घटिया और बाज़ारु औरत को हेरोइन ओर एक कंजर आदमी को हीरो बना कर पेश किया जाता है !
जो अपनी हवस की तस्कीन के लिए ना अपने मज़हब की पाबंदियों का ख्याल करते
ना वालदैन की इज़्ज़त का ख्याल होता है !
तो भला वह इस्लाम का ख्याल क्यों और कैसे करेंगे !
इस गंदे मॉडल रोल को अमली जामा पहनाने के लिए मुआशरे को तशकील देने वाले वालदैन पहले बेटी / बेटे को 50 हज़ार का लैपटॉप दिलवा देते हैं !
फिर मज़ीद आसानी के लिए कीमती स्मार्ट फ़ोन भी हाथ मे थमा देते हैं !
और फिर इंटरनेट का कनेक्शन दे कर और एक अलग कमरा की चाबी देकर उसको गुनाह करने का लाइसेंस दे देते हैं !
ताकि वह जो मर्जी करते रहें
बच्ची ने सारी रात किस के साथ फोन पर बातें की !
बेटे ने इंटरनेट पर बैठ कर कौन कौन से सब्जेक्ट की स्टडी की  किस को पता ?

जब किसी ने नसीहत करने की गुस्ताखी की !
तो फौरन डांट कर चुप करवा दिया
नहीं नहीं मेरा बेटा ऐसा नहीं 
मेरी बेटी ऐसी नहीं
अल्हम्दुलिल्लाह मुझे पूरा यकीन है उन पर
फिर जब बच्चा बड़ा होकर नाफरमानी करने लगता 
गालियां देने लगे
अय्याशी करने लगे
बेटी पसंद की शादी के लिए धमकियां देने लगे
और यह कहने लगे आप कौन होते मेरी पर्सनल लाइफ में इंटरफेयर करने वाले
मैं जिस ज़ात जिस मज़हब के लड़के से चाहूं शादी करूँ
जैसी मर्ज़ी वैसा लिबास पहनू 
मेरी लाइफ है मेरा जिस्म मेरी मर्ज़ी है !
तब सीना पीटने लग जाते हैं
इज़्ज़त की परवाह होने लगती है

आखिर आप तब कहां होते हैं जब इन्हें सही सिम्त देना होता है
जब तुमने उसे वक़्त दिया ही नहीं
जब उसकी तरबियत की ही नहीं
उसकी उंगली पकड़ कर उसे मस्जिद छोड़ कर आये ही नहीं
कभी उन्हें इस्लामी तालीमात से रूबरू करवाया ही नहीं 
कि वह क़ुरआन पढ़ते
दीन सीखते
वह जानते कि दीन और दुनियां में फ़र्क़ क्या है
दीन की अहमीयत क्या है

अमीरुल मोमिनीन हज़रत उमर रज़ि० के पास एक शख्स आया कि मेरा बच्चा गुनाहों में लतपत है
मेरी बात नहीं मानता 
वह बड़ा नाफरमान है 
मुझ से बत्तमीजी करता है 
मेरे हक़ूक़ अदा नहीं करता
उमर रज़ि० ने उसके बच्चे को बुलवाया' और पूछा क्या तेरा बाप सच कह रहा है !
उसने कहा जी हां वह सच कह रहा है !
उमर रज़ि० ने उसको मारने के लिए कोड़ा उठाया !
जब मारने लगे तो बच्चे ने कहा ज़रा रुकिए..
मेरे कुछ सवाल हैं 
उमर रज़ि० ने फरमाया पूछो ?
उसने कहा मैं मानता हूं मेरे बाप के मुझ पर हक़ूक़ हैं !
मगर मेरा सवाल यह है क्या मेरा भी मेरे बाप पर कोई हक है
उमर रज़ि० ने फरमाया, हाँ 
तेरे भी तेरे बाप पर हक़ूक़ हैं
पूछा मेरा क्या हक़ है मेरे बाप पर
फरमाया सब से पहला हक़ तेरा यह था कि तेरा बाप तेरी मां के इंतेखाब के वक़्त एक अच्छी और नेक औरत को तेरी माँ बनाता !
किसी नेक औरत से शादी करता 
उसने कहा मेरे बाप ने एक रकासा से शादी की है !

पूछा दूसरा हक़ 
फरमाया दूसरा हक़ यह था कि यह तेरा नाम अच्छा रखता !
उसने कहा इसने मेरा नाम भी अच्छा नहीं रखा !

पूछा तीसरा हक़ 
फरमाया तीसरा हक़ यह है कि तुझे क़ुरआन सिखाता याद करवाता !
लड़के ने कहा मेरे बाप ने मुझे क़ुरआन का एक लफ्ज़ नहीं पढ़ाया !
तो अमीरुल मोमनीन हज़रत उमर फ़ारूक़ रज़ि० ने जो कोड़ा बेटे को मारने के लिए उठाया था वही कोड़ा उसके बाप को मारा
कि जब औलाद की तरबियत ही अच्छी नहीं हुई तो फिर शिकवह कैसा
मुजरिम कौन ? जिम्मेदार कौन

जो हो रहा है उस पर चिल्लाने से बेहतर है मुस्तक़बिल में एक पाक मुआशरे की तरफ क़दम बढ़ाएं
और फैसला लें कि हम अपने नस्लों को नाम का नहीं बल्कि काम का मुस्लिम बनाएंगे
लेकिन उसके लिए भी आप को जानना होगा कि शुरुआत कहां से करें
तो सुनिए एक शख्स पैदा होते ही अपने बच्चे को गोद मे उठाकर एक अल्लाह के वली के पास ले गया 
और कहने लगा कि मुझे नसीहत करें कि मैं अपने बच्चे की तरबियत कैसे करूँ 
उसने कहा वापस चले जाओ तुम ने आने में देर कर दी
वह शख्स बड़ा हैरान हुआ कि अभी तो बच्चा पैदा हुआ
और मैं लेकर आ गया
और आप कह रहे हैं कि देर कर दी
उन्हों ने कहा तुझे मेरे पास तब आना चाहिए था जब तू इस बच्चे की माँ का इंतेखाब करने लगा था
तब मुझ से मश्वरा लेता कि मैं कैसी औरत से शादी करूँ
जिसने कल को मेरी बच्चों की माँ बनना है
मगर अब देर हो चुकी है

जी हां बच्चों की अच्छी तरबियत के लिए माँ का अच्छा होना ज़रूरी है

आज हमारे मआशरे का सबसे बड़ा अलमिया यह है कि निकाह के लिए सिर्फ माल व दौलत" बिरादरी" हुस्न व जमाल ऊंचा खानदान तो देखा जाता
लड़की लड़के ने दुनयावी डिग्रियां कितनी हासिल कर रखी हैं
यह तो पूछा जाता हैं
मगर अफशोस कभी किसी ने यह नहीं पूछा कि लड़की नमाज़े कितनी पढ़ती
लड़के ने क़ुरआन कितना पढ़ा
हदीस का इल्म पढ़ा या नहीं
पर्दा करती या नहीं
बच्चो की तरबियत कर सकेगी या नहीं
औलाद पर जुल्म तो यह कि उसको दीनदार माँ के बजाय एक बेदीन और बेसमझ माँ लाकर दी जाये
जो घर एक बच्चे की पहली दरसगाह थी
जो माँ एक बच्चे की पहली टीचर थी
उसको खुद अपनी इस्लाह की ज़रूरत होती
उसको खुद नहीं पता बच्चों की परवरिश करनी कैसे हैं

जिस माँ ने बेटी को सिखाना था कि जिस्म ढाँप के रखते
जिस माँ ने इज़्ज़त की हिफाज़त के लिए जान देना सिखाना था
वही माँ जब बेपर्दा लोगों में फिरेगी
वही माँ जब तंग व बारीक शर्ट्स और टाइट पजामा पहनेगी
खुशी व गम में हंस हंस कर गैर महरमों से मिलेगी
तो फिर बेटी कैसे शोरई लिबास पहनेगी
बेटी कैसे महरम और गैर महरम में फर्क करेगी

जिस बाप ने बेटे को सच पर चलने की तालीम देनी थी !
जिस बाप ने बेटे को ईमानदारी सिखानी थी !
जिस बाप ने बेटे को हयादार बनाना था !
जब वही बाप सरे आम झूट बोलता 
बेईमानी करके पैसे कमा कर लाता 
जब वही बाप बच्चों के सामने मुलाज़िमों को बिलावजह गालियां देता 
उनको हक़ीर समझता 

जब वही बाप बेटी और बेटे के साथ बैठकर क़मीज़ उतरी और शलवार उतरी लड़कियों की एड्ज़ tv स्क्रीन पर देखते नही शर्माता
इश्किया फिल्में ड्रामे इकट्ठे बैठ कर देखे जाते !
तो कल को औलाद को बेशर्मी के ताने कैसे दे पाएगा !
जब बचपन से औलाद को आधा नंगे रहने वाले टार्ज़न की कहानियां सुनाईं जाएंगी 
जब सीरियल्ज़ में प्यार मोहब्बत के नाम पर घर से भागने वाली कहानियां !
और किरदार अदा करने वालों को हीरो हेरोइन बना कर पेश किया जाएगा !
तो क्या बच्चे उन्ही कहानियों
और किरदारों को अपने अंदर तलाश नहीं करेंगे !

दूसरा ज़ुल्म औलाद पर यह करते कि वालदैन बच्चों की तरबियत के लिए उन्हें दीन नहीं सिखाते
क़ुरआन नहीं पढ़ाते
और औलाद को नेक बनाने के लिए सिर्फ दुआ का सहारा लेते
तो भाई मेरे सिर्फ दुआ करके बच्चे से भलाई की उम्मीद लगाना ऐसे ही है जैसे कोई सुबह शाम रो रो कर दुआ करे या अल्लाह इस अमरूद की दरख़्त पर आम लगा दे
या अल्लाह दुआ क़बूल कर ले
इस अमरूद की दरख़्त पर आम लगा दे
क्या आम लग जाएंगे

अफसोस😢

लोग कहते हमने मस्जिद भेज कर बच्चों को मौलवी थोड़ी बनाना 
हमें तो अपने बच्चों को इंजीनियर बनाना
जज बनाना हैं
वकील बनाना हैं
बिज़नेस मैन बनाना हैं
तो भाई मेरे बनाएं जज 
बनाएं वकील 
इंजीनियर बनाइये
किसने रोका हैं
मगर मेरे भाई उस से पहले इंसान तो बनाएं !
उसे इंसानियत की पहचान तो करवाएं
उसे जिस मक़सद के लिए पैदा किया गया वह मक़सद तो समझाएं
एक सच्चा मुसलमान तो बनाएं
फिर जो मर्ज़ी बना देना 
कसने मना किया

अल्लाह फरमाता है खुद को और अपने घर वालों को उस आग से बचा लो जिसका ईंधन इन्शान और पत्थर होंगे !

क्या हमने उस आग से खुद को और घर वालों को बचा लिया
आज हमारे बच्चे जज तो बन गए
इंजीनियर तो बन गए
डॉक्टर तो बन गए
मगर नहीं बन पाए तो मुसलमान नहीं बन पाए
सच्चे इंसान नहीं बन पाए 
नेक औलाद नहीं बन पाए

ए लोगो मेरी इस बात को गौर से दिमाग के किसी कोने में बैठा लो बच्चों की तरबियत पर तवज्जह दें
यही औलाद ज़िन्दगी का सबसे कीमती सरमाया है
पैसा" दौलत" जायदाद" कार" कोठी" बंगला" तुम्हारे किसी काम का नहीं
इनको वरासत का नाम दे दिया जाएगा
यह तो दुनियां में रह जाएंगी
तुम्हारे काम नहीं आएगी

नबी सल्ललाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया मरने के बाद तमाम आमाल मुनक़ता हो जाएंगे !
सिवाये 3 चीजों के

(1) सदक़ा ए ज़ारिया
(2) दूसरों को पढ़ाया हुआ इल्म
(3) नेक औलाद

जब एक आदमी का जन्नत में दर्जा बुलन्द होगा
उसको जन्नत के आला मक़ाम पर पहुंचाया जाएगा !
तो वह पूछेगा अल्लाह मेरा दर्जा बुलन्द कैसे हुआ !
उसको बताया जाएगा कि दुनिया मे तेरी औलाद तेरे लिए दुआ कर रही हैं !
उनकी दुआ की वजह से तेरा दर्जा बुलन्द हुआ

ए लोगो खुदा के लिए अभी वक़्त है
अगर यह वक़्त गुज़र गया तो फिर रोने धोने के अलावाह कुछ हाथ ना आएगा
दुनियावी रस्म व रिवाज को भूल कर शादी के लिए दीनदार नेक औरत का इंतेखाब करें
बच्चो की अच्छी तरबियत करें
उनको बचपन से क़ुरआन हदीस का इल्म पढ़ाएं !
अल्लाह रसूल की मुहब्बत और इताअत की अहमीयत उनके ज़हनों में बिठायें !
उनको गंदे उरियाँ इश्किया फिल्मों ड्रामों से दूर रखें !

इंटरटेन यूज करें तो 
सीरते रसूल स० सुना कर
सहाबा ए किराम की सीरत सुना कर
अबु बकर की सदाक़त सुना कर
उमर की शान सुना कर
उस्मान की सखावत सुना कर
अली की बहादुरी सुना कर
आएशा की पाकीज़गी सुना कर
फातिमा की हया सुना कर
ताकि उनके ज़हनों में अच्छे किरदार बैठ जाएं !

जब सहाबा व सहाबियात के उनके ज़हनों में किरदार बैठेंगे
उन्हें वह अपना मॉडल और आइडियल समझेंगे
तो फिर उनकी तरह बनने की कोशिश करेंगे
फिर दुनिया का इल्म व फन भी सिखाएं !

अपने औलाद को ऐसा माहौल दीजिये की वह आपको वालदैन कम और अच्छा दोस्त ज़्यादा समझें !
उनकी नाजायज़ ख्वाहिशों पर उनको डांट कर चुप ना करवाएं
बल्कि उनको प्यार से समझाएं
उनके दोस्तों पर खास नज़र रखें
बच्चों के मिजाज और रवैये और गैर मामूली हरकात पर पूरी तवज्जह दें !
फिर अल्लाह से औलाद स्वालह होने की दुआ भी करें !
ए अल्लाह पाक इन बच्चों को दुनिया के फ़ितने से महफूज़ फरमाये

सबसे अहम और ज़रूरी बात याद रखें बच्चे वह नहीं करते जो सुनते हैं !
बच्चे वह करते हैं जो देखते हैं
अब यह आप पर है 
आप उन्हें क्या दिखाते हैं 

जब कभी मेरी शादी हो तो ए अल्लाह पाक हम सबको एक बेहतर वालदैन जो एक पाक और बेहतर मुआशरा बनाने में अपना किरदार अदा करने वाला हो बनने की तौफ़ीक़ अता फरमाये____अमीन

जयपुर का #राजमंदिर #सिनेमाहॉल बिका, प्राइड ऑफ राजस्थान का मिला था ख़िताब... #



*#एशिया के सबसे बड़े राजमन्दिर में अब कभी नहीं देख पाएंगे फिल्में था खिताब #*

*#राजस्थान की राजधानी जयपुर में  स्थित इस हाल में सिनेमा देखने वाले भी इसकी खुबियों  के हो जाते थे मुरीद...#*


विश्वभर में एक से बढ़कर एक सिनेमा हॉल तो जी है। लेकिन,
राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित राजमन्दिर सिनेमा हॉल एक ऐसा है जो एशिया में भी अपनी छाप छोड़े हुए था...लेकिन , अब उस ऐतिहासिक सिनेमा हॉल में आप सभी देशी-विदेशी सिनेमा प्रेमी सिनेमा यानी फिल्में नहीं देख पाएंगे। जी हां, जयपुर के विश्व प्रसिद्ध सिनेमा हॉल राजमन्दिर का सौदा हो चुका है। 

सूत्रों के अनुसार,शुक्रवार को हुए इस सौदे को मिराज ग्रुप ने 1 अरब 30 करोड़ रुपये में खरीदा है। वर्तमान में इसके मालिक भूरामल-राजमल सुराणा ज्वेलर्स के ऑनर थे। 

गौरतलब है कि खूबसूरत शहरों में शुमार राजस्थान की राजधानी जयपुर अपने पर्यटन स्थल और विविध शाही इतिहास के बारे में जाना जाता है। यहां स्थापत्यकला, संस्कृति और आधुनिकता का अनूठा संगम है। जयपुर शहर में सिनेमा हॉल तो कई है लेकिन उनमें से एक ऐसा है जो एशिया में भी अपनी छाप छोड़े हुए है। 


मल्टीप्लेक्स के दौर में भी जयपुर शहर की शान माने जाने वाले इस सिनेमा हॉल का नाम है ‘राजमंदिर‘।
राज मंदिर सिनेमा हॉल अपनी पुरातन वास्तुकला के लिए जाना जाता है और जयपुर का गौरव है। इसकी शानदार वास्तुकला के चलते इसे ‘प्राइड ऑफ एशिया‘ की उपाधि से सम्मानित किया गया है। इस हॉल में अब तक हजारों लोग पुरानी क्लासिक फिल्मों का मजा ले चुके हैं।


*#अंदर ओर बाहर है बारीक नक्काशी#*
 इसमें अंदर और बाहर दोनों ओर बारीक नक्काशी की गई है। इसमें बना हॉल किसी शाही महल से कम नहीं है जिसमें बड़े-बड़े झूमर लगे हैं। इसका लाइटिंग सिस्टम भी लोगों के लिए आकर्षण है।
*#नवग्रह के प्रतीक नो सितारे थे आकर्षण#*
बाहर से सिनेमा हॉल को देखने पर नौ सितारे चमकते दिखाई देते हैं जो नौ रत्नों के प्रतीक हैं। अंदर की दीवारों पर भी एक घूमने वाली पैनल लगी हुई है साथ ही दीवारों पर कलात्मक काम किया हुआ है।

*# एशिया का सबसे बड़ा सिनेमा हॉल था राजमन्दिर #*
राजमंदिर में बैठक क्षमता 1300 लोगों की है जिसकी वजह से यह एशिया का सबसे बड़ा सिनेमा हॉल है। इसकी बैठक को चार भागों में बांटा गया है, जिनके नाम भी बड़ी खूबसूरती से रखे गए हैं- पर्ल, रुबी, एम्राल्ड, और डायमंड। हॉल में लगे मखमल के परदे इसके शाही प्रभाव को दर्शाते हैं।
*#गजब का रहा है इतिहास...#*
एशिया के इस सबसे बड़े सिनेमा हॉल का इतिहास भी शानदार रहा है। कई सफल फिल्मों ने इस प्रतिष्ठित हॉल में सिल्वर जुबली की है। राजमंदिर का उद्घाटन 1 जून 1976 को श्री #हरिदेवजोशी ने किया था जो उस समय राजस्थान के मुख्यमंत्री थे। यहां प्रदर्शित पहली फिल्म ‘चरस‘ थी। जिसमें धर्मेंद और हेमा मालिनी मुख्य भूमिका में थे। इसका डिजाइन श्री डब्ल्यू एम नामजोशी ने बनाया। राजमंदिर की नींव 1966 में राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मोहनलाल सुखाडिय़ा ने रखी थी। इस शाही हॉल को बनने में दस साल का समय लगा।
*# मेहताब गोलछा का था ड्रीम प्रोजेक्ट...#*
जयपुर का लोकप्रिय आकर्षण केंद्र राज मंदिर सिनेमा की अवधारणा 1960 के दशक के अंत में मेहताब चंद्र गोलछा द्वारा की गई थी। जो उनका एक उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था जिसे वह एक स्टाइलिश और सुरुचिपूर्ण सिनेमा हॉल के रूप में निर्माण करना चाहते थे। इमारत की राजसी वास्तुकला में एक कलात्मक गुण शामिल है जो रहस्य और भ्रम की भावना देता है जो आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आकर्षक लगता है।
*# जयपुर ही नहीं,देश का था प्राइड...#*
राज मंदिर सिनेमा अपनी शानदार वास्तुकला के लिए “प्राइड ऑफ एशिया” का हकदार है,और जो वर्तमान में महाद्वीप के सबसे बड़े हॉलों में से एक है। आपको बता दे कि राज मंदिर सिनेमा पारंपरिक सिनेमा की सीमा को पार करने और फिल्मों के साथ एक पूरा अनुभव प्रदान करने के इरादे से बनाया गया था। जो जयपुर में घूमने के लिए सबसे आकर्षक जगहों में से एक माना जाता है।


*# 44 साल पहले लगी पहली फ़िल्म लगी चरस...#*
 जिसमे सबसे पहली 1976, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित चरस नामक एक हिंदी एक्शन मूवी दिखाई गई थी।
*# राजसी वैभव की लॉबी के दीवाने थे दर्शक..#*
 राज मंदिर सिनेमा को प्रसिद्ध वास्तुकार डब्ल्यू एम नामजोशी द्वारा डिजाइन किया गया है जिसकी राजसी वास्तुकला में एक कलात्मक गुण शामिल है जो रहस्य और भ्रम की भावना देता है जहा राज मंदिर सिनेमा का स्थापत्य बाहर से एक शानदार मृग के आकार जैसा दिखता है। जो आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आकर्षक लगता है। सिनेमा प्रवेश द्वार सामने की ओर बिस्तृत पार्किंग स्थान है जो गोलाकार लॉबी की ओर जाता है,जो कालीन वाली फर्श से सुसज्जित है।और एक अर्ध-गोलाकार सीढ़ीयां मूवी हॉल तक जाती है। दर्शक शो का इंतजार करते हैं तो उनके आराम करने के लिए लॉबी में कुछ बैठने की व्यवस्था भी है। इसके सिनेमा हॉल में शाही मखमली पर्दे के साथ एक विशाल स्क्रीन है। और अंदरूनी हिस्सों में एक केंद्रीय एयर कंडीशनिंग प्रणाली, मूड लाइट और एयर फ्रेशनर लगे हुए हैं।
*# बड़े झूमर व लाइटिंग थे आकर्षण #*
 सिनेमा का इसका हाल आपको किसी शाही महल की याद दिलाता है जिसमें बड़े बड़े झूमर लगे हों। इसका लाइटिंग सिस्टम भी अपने आप में एक आकर्षण है और हर शो से पहले लाॅबी में उत्तम प्रकाश व्यवस्था की जाती है।

Saturday, July 25, 2020

نگینہ میں لاک ڈاؤن کا سختی سے پالن

نگینہ میں لاک ڈاؤن کا سختی سے سے پالن کراتے ہوئے  کرائم اسپیکٹر 

ونے کمار اور ایس آئ نگینہ دھرم پال سنگھ اور نگینہ تھانہ کے سپاہی 

اشیش کمار شبھاش ناگر نے ڑبل پھا ٹک نگینہ پر لاک ڑاأون کی خلاف

 ورزی کرہے لوگوں کے اور گاڑیوں کے چالان کا ٹے اور سختی سے لوگوں کو لاک ڈاؤن کا پالن کرنے کو کہا

Friday, July 24, 2020

भीलवाड़ा।लगातार कोरोना संक्रमित मिलने से जिला हॉट स्पॉट बनता जा रहा है। इसका असर राखी बाजार पर भी है। बहनें भाइयों को राखी भेजने से कतरा रही हैं। उनका मानना है कि राखियां कई हाथों से गुजरेंगी। एेसे में संक्रमण का खतरा हो सकता है। बहुत से भाइयों ने बहनों से राखियां नहीं भेजने का आग्रह किया कि वे बाजार से खरीद कर बंधवा लेंगे। रक्षा बंधन पर्व 3 अगस्त को मनाया जाएगा।थोक विक्रेता पीयूष सोडानी ने बताया कि हरियाली तीज राखियां खरीदने के लिए अन्तिम कार्य दिवस माना जाता है। इस दिन से खुदरा बिक्री बढ़ जाती थी। इस बार ऐसे हालात नहीं हैं। हरियाली तीज पर ठाकुरजी े लिए राखी खरीदने का प्रचलन था, लेकिन मंदिर बंद है। अब आखिरी तीन-चार दिन में सेल निकलने की संभावना है। राखियों के थोक विक्रेता 10 से ज्यादा है। करीब एक करोड़ रुपए का व्यापार होता है।चाइनीज राखियां नदारदबाजार में चाइना के बायकॉट का असर दिख रहा है। इसका फायदा भारत के अन्य राज्यों में राखी बनाने वाले कारीगरों को मिला है। बाजार में बच्चों के लिए चाइनीज लाइटिंग फैंसी राखियां न के बराबर हैं। सीमा पर संकट के कारण विक्रेताओं का मालूम था कि बाजार में चीन के खिलाफ आक्रोश है। इसलिए सभी ने ग्राहकों के मूड को भांपते हुए चाइनीज राखियों का स्टाक नहीं किया। उसकी जगह मेटल, छोटा भीम और ग्रीटिंग वाली राखियां उपलब्ध हैं। व्यापारियों का कहना है कि हर साल 20 प्रतिशत चाइनीज राखियों की बिक्री होती थी। चाइनीज राखियों की क्वाालिटी इतनी अच्छी नहीं होती है। स्थानीय राखियों की क्वालिटी अच्छी होती है और उनके दाम भी कम हैं। देसी राखियों में चूड़ा और लूंबा राखी की ज्यादा मांग है।डाक विभाग में भी नहीं आ रही राखियांडाक अधीक्षक का कहना है कि इस बार बाहर भेजने के लिए राखियों के लिफाफे भी नहीं आ रहे हैं। इस दौरान डाक विभाग में राखियों की रजिस्ट्री कराने वलों की कांउंटर पर भीड़ रहती है।

غازی آباد میں ہوئے وکرم جوشی کے موت کے کے خلاصے کو لے کر کر آج آج جن شکتی کمیٹی کے

 کے سبھی اخبار نمائندوں نے ایک مکتوب گورنر اتر پردیش کے  ناا ڈی ایم نگینہ وریندر موریے کو سونپا مکتوب  دینے والو میں  جناب لیاقت ملک جناب وسیم وارثی وسیم  منصوری ارشد  صدیقی  ندیم احمد اور اور  بھی حضرات  صحافیوں نے  شرکت کی

मुल्तानी आहँगरान सेवा सोसायटी भीलवाड़ा द्वारा 26जुलाई को किया जाएगा विशाल रक्तदान शिविर, पी एम ओ ने जारी किये मेडिकल टीम व सम्बंधित वाहन के निर्देश

मुल्तानी आहँगरान सेवा सोसायटी भीलवाड़ा द्वारा 26/7/2020 को विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन मुल्तानी जमात खाना गुल अली नगरी में किया जाएगा,
जिस के लिए श्रीमान पी एम ओ साहब महात्मा गाँधी हॉस्पिटल 

भीलवाड़ा द्वारा आज मेडिकल टीम भिजाने व सम्बंधित वाहन भिजाने के निर्देश दिये व रक्तदान शिविर हेतु कोविड 19 के मापदंड के अनुसार आयोजित करने को निर्देशित किया, 




नीमच जिले में कई इलाकों में सम्पूर्ण लॉक डाउन

नीमच जिले में जिला कलेक्टर ने कल शाम को  कोरोना आंकड़े को देखते हुए जिले के कई इलाकों में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की थी जिसके बावजूद भी आज जिला कलेक्टर ने शहर के संपूर्ण इलाकों में भ्रमण 

किया इस दौरान कई दुकानें खुली पाई जाने पर  खाद्य अधिकारी संजीव मिश्रा को निर्देश दिए। जिसमें मुख्य खाद्य अधिकारी संजीव मिश्रा को मूलचंद मार्ग में बनी होटल गरीब नवाज  जो खाना सप्लाई कर रहे थे वही एमएस फैब्रिकेशन जो दुकान खोलकर जाली फाटक का का माल तोल रहे थे  वह बिना मास्क के घूम रहे लोगों पर 188 मे प्रकरण दर्ज कर  कार्रवाई की अगर शहर में कोई लॉकडाउन का उल्लंघन करता पाया जाता है तो उसके साथ सख्त कार्यवाही की जाएगी

Thursday, July 23, 2020

नीमच जिला कलेक्टर ने संपूर्ण लॉकडाउन के आदेश जारी इन क्षेत्रों में रहेगा लॉकडाउन यदि कोई भी लॉक डाउन का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके ऊपर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी

नीमच कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव हेतु लॉकडाऊन प्रभावशील किया गया था ।


*समय-समय पर जिला आपदा प्रबंधन*

*समूह द्वारा लिये गये निर्णयों के तारतम्य में जिले में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के संचालन की अनुमति दी गई है यह देखा गया है कि जिले में अधिकांश गतिविधियां खुल जाने से कोरोना संक्रमण से बचने हेतु आवश्यक सावधानियां वरतने में उपेक्षा की जा रही है*,

*सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हो रहा है तथा लोगों द्वारा मास्क आदि की सावधानियां भी नहीं रखी जा रही है*
*विगत् कुछ समय से नीमच नगरपालिका की सीमाओं के अधीन पुनः बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव केसेस मिल रहे हैं। अतः लोक स्वास्थ्य एवं लोक हित में नोवेल कोरोना वायरस*
*उससे जनित बीमारी के संभावित खतरे की रोकथाम के उद्देश्य से मैं विनय कुमार धोका, अतिरिक्त कलेक्टर एवं अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, जिला नीमच एतद् द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए नीमच नगरपालिका की सीमा के अधीन स्थित निम्नानुसार क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव केस मिलने*
*एवं लोगों द्वारा अपेक्षित सावधानी नहीं बरती जाने से आगामी आदेश तक संपूर्ण लॉक डाऊन घोषित किया जाता है*
*नीमच नगरपालिका की सीमा के अधीन स्थित क्षेत्र जिनमें संपूर्ण लॉकडाऊन प्रभावशील होगा* -
*संपूर्ण मूलचंद मार्ग का क्षेत्र*
*संपूर्ण विकास नगर का क्षेत्र*
*पुरानी नगरपालिका बंगला नंबर 59एवं 60 का संपूर्ण क्षेत्र*
*बघाना पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित*
*संपूर्ण नगरपालिका नीमच का क्षेत्र नीमच सिटी पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित संपूर्ण नगरपालिका नीमच का क्षेत्र*
*इन क्षेत्रों में दुग्ध डेरियां एवं घर-घर जाकर दुध वितरण करने वाले विकेता केवल प्रातः 07.00 बजे से 10.00 बजे तक दुध वितरण कर सकेंगे तथा मेडिकल दुकानें एवं अस्पताल प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे । इसके अतिरिक्त अन्य सभी दुकानें/प्रतिष्ठान/संस्थान एवं गतिविधिया पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगी । उपरोक्त क्षेत्रों की सीमाओं को पूरी तरह से सील किया जाता है । अर्थात् इन क्षेत्रों में रहने वाले नागरिक अपने क्षेत्र से बाहर आवागमन नहीं कर सकेंगे और न ही बाहर से कोई भी व्यक्ति इन क्षेत्रों में प्रवेश कर सकेगा*
*यह आदेश सर्व साधारण को संबोधित है और चूंकि इसकी तामिली प्रत्येक व्यक्ति पर सम्यकरूपेण करना और उसकी सुनवाई संभव नहीं है, अतः दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (2) के तहत् यह आदेश एकपक्षीय रूप से पारित किया जाता है । इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा-51 से 80 के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी*
*यह सूचना सर्व साधारण जनता को समाचार पत्रों/इलेक्ट्रॉनिक मिडिया या अन्य माध्यम से की जाए। यह आदेश दिनांक 23.7.2020 से आगामी आदेश तक के लिए प्रभावशील रहेगा

Wednesday, July 22, 2020

बकरीद की नमाज़ को लेकर UP पुलिस ने जारी की एडवाइज़री, जानिए क्या कहा

लखनऊ: ईद-उल-अज़हा का त्योहार इस साल एक अगस्त को मनाया जाएगा। त्योहार को नज़दीक देखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने एडवाइज़री जारी कर दी है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग अपने घरों में रहकर ही बकरीद का त्योहार मनाएं, किसी एक जगह पर लोगों की भीड़ इकट्ठा करने से परहेज़ करें। इसके अलावा पुलिस ने यह भी कहा है कि हस्सास इलाकों की वीडियाग्राफी भी की जाएगी।

एडवाइज़री के मुताबिक कुर्बानी के गोश्त को गैर मुस्लिम इलाकों से खुले तौर पर ले जाने पर भी पांबदी रहेगी। साथ ही गैर मुस्लिम मज़हबी इदारों के नज़दीक कुर्बानी का बकाया पड़े होने पर तनाज़ा न हो इसके लिए भी पुलिस ने सख्त हिदायात जारी की हैं।

ईद को मौके पर थाना सद्र और ईलाकाई अफसरों को सख्त हिदायात दी गई हैं कि वो छोटी से छोटी वारदात को संजीदगी से लें और वारदात वाली जगह पर फौरी तौर पर पहुंकर मामले को हल करें। साथ ही फिरकावाराना दंगे न हों इसके लिए भी तैयारी करने की हिदायात पुलिस थानों को दी गई हैं।

इससे पहले दारुल उलूम देवबंद ने एसडीएम के ज़रिए वज़ीरे आला योगी आदित्यनाथ को एक खत भेजा था। इस खत में दारुल उलूम ने हुकूमत से ईदगाह में नमाज़ अदा करने की और कुर्बानी का इंतेज़ाम करने की मांग के अलावा 5 मुतालबात किए थे।

वेल्डिंग मशीन के करंट से युवक की मौत

मिली जानकारी के अनुसार ज़नाब उमरदीन साहब के फरजंद मौ0 राशिद का आज सुबह लगभग 10 बजे करंट लगने से जुंडला ( करनाल ) हरियाणा में इंतेकाल हो गया है।
     ऊन तहसील जिला शामली के ग्राम पिण्डोरा निवासी ज़नाब उमरदीन साहब पिछले काफी वर्षो से जुंडला ( हरियाणा ) में रह रहे थे। आज सवेरे इनका लड़का मौ0 राशिद उम्र लगभग 35 वर्ष अपनी दुकान पर वेल्डिंग का कार्य कर रहा था। अचानक वैल्डिंग मशीन में करंट आ जाने से राशिद उसके लपेटे में आ गया और करंट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गयी । राशिद के इंतेक़ाल की खबर जंगल में आग की तरह फैल गयी तो कोरोना महामारी में अत्यधिक भीड़भाड़ न होने पाए इसलिये परिजनों ने सूचबूझ का परिचय देते हुए मृतक राशिद का शव अपने पुशतैनी गाँव पिण्डोरा ले आये बिरादरी में अचानक हुई जवान मौत पर हर कोई सदमे में है। जनाब उमरदीन साहब के 4 बेटे क्रमशः अमीर ,सलीम,राशिद,साहिल है। मृतक राशिद तीसरे नंबर पर था। और अभी दो वर्ष पूर्व ही इनकी चौसाना गांव में शादी हुई थी। असर की नमाज़ के फौरन बाद किये जा सकते है सुपुर्द-ए-खाक। इस मामले में किसी भी भाई को किसी भी तरह की मालूमात करनी हो तो मृतक के पारिवारिक बड़े भाई मौ0 हनीफ़ के मोबाइल न0 97589-57336 पर कॉल करके ले सकते है।

Tuesday, July 21, 2020

ज़हीर मुगल को NCWU INDIA में राष्ट्रीय सचिव का पदभार सौपा

ज़हीर मुग़ल को Ncwu India राष्ट्रीय सचिव का दायित्व सौंपा गया है

। ज़हीर ने कहा कि मैं शुक्रगुजार हूं राष्ट्रीय नेतृत्व का मुझे इस काबिल समझा और खास तौर से मेरे छोटे भाई Dhaataa Mishra III जी का आभार व्यक्त किया।

कलियर पुलिस ने एक मकान में छापा मारकर 200 किलो गोमांस किया बरामद

पिरान कलियर नगर पंचायत क्षेत्र में बड़े पैमाने पर  गोकशी की सूचना पर थाना पुलिस ने जवाईखेडा में एक मकान पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान मौके से भारी मात्रा में गौमांस हुआ बरामद । मौके पर आरोपी मांस छोड़कर फरार । पुलिस ने मौके से गौमाँस व अन्य सामान बरामद किया। मकान स्वामी सहित दो अज्ञात पर मुकदमा दर्ज। फरार आरोपियों की तलाश शुरू कर दी । पुलिस को मौके पर मिले गौमांस को जांच के लिए भेज दिया गया। शेष मास को नष्ट कर दिया।
घटना दिन रविवार को देर रात पिरान कलियर जवाईखेड़ा में पुलिस को मुखबिर ने गोकशी की सूचना दी । मुखबिर की सूचना पर कलियर पुलिस ने एक मकान पर छापेमारी की इस दौरान पुलिस ने मौके पर 200 किलो गौमांस बरामद किया हैं।पुलिस को आता देख आरोपी हुए फरार। पुलिस ने पीछा किया,लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। पुलिस ने मकान स्वामी सहित दो अज्ञात लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज ।फरार आरोपियों की तलाश शुरू कर दी हैं।थानाध्यक्ष जगमोहन रमोला ने बताया जमाईखेड़ा एक मकान पर छापेमारी में 200 किलो अवैध गौमांस और 2 कुल्हाड़ी ,2 छुरी ,रस्सी लकड़ी का गुटका व एक तराजू बाट बरामद कर सलीम पुत्र मंजुरा व मंसूर पुत्र रशीद निवासी पिरान कलियर और दो अज्ञात के खिलाफ गौवंश सरक्षण अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर लिया ।आरोपीयो की तलाश शुरू कर दी। टीम में मौके पर शामिल थानाध्यक्ष जगमोहन रमोला, एसआई नीरज मेहरा ,कोस्टबल मोहम्मद हनीफ , संजयपाल ,अरविंद तोमर रईस खान आदि मौजूद रहे।

Monday, July 20, 2020

आज ईद उल अजहा का चाँद दिखाई देगा हिंदुस्तान में

*सऊदी अरब में नज़र आया ईद-उल-अज़हा का चाँद*

सऊदी अरब ने ऐलान किया कि ईद उल अज़हा 2020 का चांद आज सऊदी अरब में देखा गया है। हज साल के बारहवें महीने में होता है। इसे ज़िलहिज्जा कहा जाता है।

सऊदी मीडिया ने बताया कि सऊदी अरब में ईद उल अज़हा का चाँद दिखाई दिया। यूएई, कतर, मिस्र, तुर्की और अन्य अरब देशों में सऊदी सुप्रीम कोर्ट और धार्मिक प्राधिकरण सलात अल मग़रिब के बाद आज बैठक की और ये ऐलान किया। ईद अल अज़हा 31 जुलाई को मनाई जाएगी।


1अगस्त को हिन्दुस्तान मे भी ईद उल अज़हा मनाई जाने की पूरी उम्मीद है।  

तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के ससुर का सहारनपुर में निधन

जामिया मज़ाहिर उलूम मदरसा सहारनपुर के प्रधानाचार्य मौलाना सलमान मज़ाहिरी का निधन 

-तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के ससुर हैं मौलाना सलमान 

 सहारनपुर। इस्लामिक संस्था जामिया मज़ाहिर उलूम सहारनपुर के प्रधानाचार्य हज़रत मौलाना सलमान का सोमवार को निधन हो गया। वह करीब 75 साल के थे। जानकारी के अनुसार मौलाना सलमान 25 साल से मदरसा मजाहिर उलूम जदीद के नाजिम की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। सोमवार को अचानक उनकी तबीयत खराब हुई। परिवार के लोग उन्हें चिकित्सक के पास ले गए लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। वह सहारनपुर शहर के मोहल्ला मुफ्ती में रहते थे। उनका निधन होने पर दारुल उलूम देवबंद के नायब मोहतमिम सहित तमाम लोगों ने दुख जताया है।