जिस की शुरुआत घड़याल बजा कर की जाती है जो की क़दीम ज़माने से चली आरही है व यह एक ही खानदान बजाता आरहा है वही बजा सकता है दूसरा कोई भी बिना इजाज़त नहीं बजा सकता है
यह नियाज़ बड़े पैमाने पर हर साल लगाई जाती है जिस में मुल्तानियों के अलावा नागौर व दूर दराज़ से लोग शरीक होते हैं, इस साल कोरोना महामारी की वजह से सिर्फ मुल्तानी ही शरीक हुए,
इस नियाज़ में नमकीन दलिया व हलुआ बनाया जाता है, अभी महामारी की वजह से सिर्फ हलुआ पर ही नियाज़ दीगई
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