Tuesday, March 28, 2023

आपको बताते चलें कि, 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में आज प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया.


कोर्ट ने बाहुबली अतीक अहमद समेत 3 आरोपियो को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने अपहरण के इस मामले में अतीक के अलावा हनीफ, दिनेश पासी को भी दोषी पाया है. जबकि अतीक के भाई अशरफ समेत 7 को बरी कर दिया गया. उमेश पाल 2005 में हुए राजूपाल हत्याकांड में मुख्य गवाह था. कोर्ट का यह फैसला इसलिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि उमेश की 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई.  इस मामले में भी अतीक, उसका भाई अशरफ, बेटा असद समेत 9 लोग आरोपी हैं. इससे पहले सोमवार को अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया. उसके भाई अशरफ को बरेली से प्रयागराज लाया गया. इसके अलावा एक अन्य आरोपी फरहान को भी यहीं लाया गया था. 

#Multani Samaj

8010884848

7599250450

Sunday, March 26, 2023

रोज़े के दौरान हमारे जिस्म का रद्देअमल क्या होता है? इस बारे में कुछ दिलचस्प मालूमात


पहले दो रोज़े:


पहले ही दिन ब्लड शुगर लेवल गिरता है यानी ख़ून से चीनी के ख़तरनाक असरात का दर्जा कम हो जाता है।

दिल की धड़कन सुस्त हो जाती है और ख़ून का दबाव कम हो जाता है। नसें जमाशुदा ग्लाइकोजन को आज़ाद कर देती हैं। जिसकी वजह से जिस्मानी कमज़ोरी का एहसास उजागर होने लगता है। ज़हरीले माद्दों की सफाई के पहले मरहले के नतीज़े में- सरदर्द सर का चकराना, मुंह का बदबूदार होना और ज़बान पर मवाद का जामा होता है।



*तीसरे से सातवे रोज़े तक:*


जिस्म की चर्बी टूट फूट का शिकार होती है और पहले मरहले में ग्लूकोज में बदल जाती है। कुछ लोगों में चमड़ी मुलायम और चिकना हो जाती है। जिस्म भूख का आदी होना शुरु हो जाता है। और इस तरह साल भर मसरूफ रहने वाला हाज़मा सिस्टम छुट्टी मनाता है। खून के सफ़ेद जरसूमे(white blood cells) और इम्युनिटी में बढ़ोतरी शुरू हो जाती है। हो सकता है रोज़ेदार के फेफड़ों में मामूली तकलीफ़ हो इसलिए के ज़हरीले माद्दों की सफाई का काम शुरू हो चुका है। आंतों और कोलोन की मरम्मत का काम शुरू हो जाता है। आंतों की दीवारों पर जमा मवाद ढीला होना शुरू हो जाता है।


*आठवें से पंद्रहवें रोज़े तक:*


आप पहले से चुस्त महसूस करते हैं। दिमाग़ी तौर पर भी चुस्त और हल्का महसूस करते हैं। हो सकता है कोई पुरानी चोट या ज़ख्म महसूस होना शुरू हो जाए। इसलिए कि आपका जिस्म  अपने बचाव के लिए पहले से ज़्यादा एक्टिव और मज़बूत हो चुका होता है। जिस्म अपने मुर्दा सेल्स को खाना शुरू कर देता है। जिनको आमतौर से केमोथेरेपी से मारने की कोशिश की जाती है। इसी वजह से सेल्स में पुरानी बीमारियों और दर्द का एहसास बढ़ जाता है। नाड़ियों और टांगों में तनाव इसी अमल का क़ुदरती नतीजा होता है। जो इम्युनिटी के जारी अमल की निशानी है। रोज़ाना नामक के ग़रारे नसों की अकड़न का बेहतरीन इलाज है।



*सोलहवें से तीसवें रोज़े तक:*


जिस्म पूरी तरह भूक और प्यास को बर्दाश्त का आदी हो चुका होता है। आप अपने आप को चुस्त, चाक व चौबंद महसूस जरते हैं।


इन दिनों आप की ज़बान बिल्कुल साफ़ और सुर्ख़ हो जाती है। सांस में भी ताज़गी आजाती है। जिस्म के सारे ज़हरीले माद्दों का ख़ात्मा हो चुका होता है। हाज़मे के सिस्टम की मरम्मत हो चुकी होती है। जिस्म से फालतू चर्बी और ख़राब माद्दे निकल चुके होते हैं। बदन अपनी पूरी ताक़त के साथ अपने फ़राइज़ अदा करना शुरू कर देता है। 


बीस रोज़ों के बाद दिमाग़ और याददाश्त तेज़ हो जाते हैं। तवज्जो और सोच को मरकूज़ करने की सलाहियत बढ़ जाती है। बेशक बदन और रूह तीसरे अशरे की बरकात को भरपूर अंदाज़ से अदा करने के काबिल हो जाते हैं।


ये तो दुनिया का फ़ायदा रहा जिसे बेशक हमारे ख़ालिक़ ने हमारी ही भलाई के लिए हम पर फ़र्ज़ किया। मगर देखिए उसका अंदाज़े कारीमाना कि उसके एहकाम मानने से दुनिया के साथ साथ हमारी आख़िरत भी सवांरने का बेहतरीन बंदोबस्त कर दिया।


*सुब्हानल्लाहि व बिहमदिहि सुब्हानल्लाहिल अज़ीम*

#Multani Samaj News

8010884848

7599250450

आप मुसलमान है और इस्लाम मज़हब को मानते हैं तो आप पर फर्ज है कि आप इल्म सीखें


आपके पास कुरान ए मजीद है तो फिर आप क्यों किसी के चक्कर में पड़े हो कि जकात किस को दें या नहीं दें!

*कुरान शरीफ ,सुरह न - 9 ,सुरह तौबा आयत न. 60 तर्जुमा सहित तफ्शीर पढ़ें*

इस आयत में जो आठ मद बताएं गए हैं उन्हें अपनी जकात अदा करें!

*1 - फकीर/बहुत गरीब*

फकीर उस शख्स को कहा जाता है जिसके पास अपनी बुनियादी जरूरते पूरा करने का इंतजाम न हो जो कोई कोई काम करने लायक न सकता हो या ऐसा शख्स जो बहुत कम कमाता हो व उससे उसकी बुनयादी जरूरते पूरी न हो पा रही हों व इसके लिए मदद मांगे लेकिन जिस्मानी तौर पर तंदरुस्त पर काम न करने वाले पेशेवर मांगने वाले इस मद मे नहीं आते


*2- मिसकीन*

ऐसा शख्स जो मांगता न हो या अपनी ज़रूरत किसी को बताता न हो व मेहनत मजदूरी करने के बाद भी परिवार कि बुनियादी जरूरते पूरी न कर पाये तो ऐसा शख्स ज़कात का हकदार है ऐसे लोग चूंकि मांगते नहीं इसलिए इनकी तलाश करके इन्हे ज़कात दी जानी चाहिए बुनियादी जरूरतों का मतलब सिर्फ खाने से नहीं है अगर किसी के पास बच्चे को पढ़ाने के पैसे का इंतजाम न हो तो भी आप अपनी ज़कात उसे दे सकते हैं

*3- ज़कात जमा करने वाले*

ज़कात चुकी इज्तिमाई अमल है व इसके लिए बेतुलमाल का निज़ाम है तो जो शख्स बेतुलमाल के लिए ज़कात जमा करता है वह ज़कात का हकदार है लेकिन कमीशन पर या शर्तो पर ज़कात जमा करना गलत है


*4- गैर मुस्लिम को जो इस्लाम में दाखिल हो*

*5- गर्दन छुड़ाने के लिए - बेगुनाह जो जेलों में कैद है*

जेल मे कैद बेकसूर शख्स को छुड़ाने के लिए भी ज़कात का इस्तेमाल किया जा सकता है

*6- कर्जदार को*

अगर किसी शख्स ने कर्ज़ लिया है व वह उस कर्ज़ को चुका न पा रहा हो तो आप उसे कर्ज़ चुकाने के लिए ज़कात दे सकते हैं

*7- फी-सबिलिल्लाह/ अल्लाह के रास्ते मे*

अल्लाह के रास्ते मे भी आप ज़कात का पैसा दे सकते हैं

*8- मुसाफिर को*

अगर कोई शख्स सफर मे हैं ओर उसके पास किसी भी वजह से वापस जाने का इंतजाम न हो तो आप उस शख्स को ज़कात दे सकते हैं।

#multani_samaj

8010884848

7599250450

इंटरनेट पर परोसी जा रही अश्लीलता नशे से भी ज्यादा घातक,युवकों व मासूम कोमल बच्चों पर पढ़ रहा प्रभाव..!


सोशल मीडिया पर बच्चों को कुछ ऐसा दिख जाता छाप उसके दिमाग पर लंबे समय तक रह जाती..! अश्लील वीडियो और सामग्री को सोशल मीडिया पर करना चाहिए प्रतिबंधित..! माता पिता को भी समझनी होगी अपनी जिम्मेदारी,देना होगा बच्चो पर पूरा ध्यान..!बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया के सकारात्मक और खतरनाक प्रभाव बड़ी तेजी के साथ फेल रहें हैं और सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल ने हर किसी को सोशल मीडिया का मुरीद बना दिया है आजकल हर उम्र के लोगों के साथ साथ सोशल मीडिया का मासूम कोमल बच्चों पर प्रभाव भी देखा जा रहा है! अलग अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की वजह से बच्चों पर नजर रखना मां-बाप के लिए बड़ी मुसीबत बन चुका है!मासूम कोमल बच्चे गीली मिट्टी की तरह होते हैं व दुनिया और समाज की सच्चाई से पूरी तरह परिचित नहीं होते और किसी के बहकावे में आ सकते हैं! उन्हें उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है! इसलिए माता पिता को चाहिए कि व अपने बच्चों पर पूरी निगरानी और जरूरत भर नियंत्रण रखें! साथ ही बच्चों को अच्छी शिक्षा और संदर्भों से परिचित करा कर यह समझाने का प्रयत्न करना होगा कि इंटरनेट पर परोसी गई अश्लीलता नशे से भी ज्यादा घातक है!

बच्चों के मन में अच्छे-बुरे की समझ विकसित करनी होगी।वर्तमान में सोशल मीडिया का चलन तेजी से बढ़ा है!फेसबुक इंस्टाग्राम पर दोस्त बनाने की होड़ सी मची रहती है इस दौरान कई बार गलत व्यक्ति भी मित्र सूची में शामिल हो जाते हैं जो परेशानी का कारण बन जाते हैं! बच्चों को समझना होगा कि व सोशल मीडिया पर गलत लोगों को मित्र न बनाएं!अगर कोई फेसबुक या वाट्सऐप पर उन्हें असहज करने वाली टिप्पणी करता है तो उसे तत्काल अपनी सूची से हटा देना चाहिए और इसकी जानकारी माता पिता को और हेल्पलाइन नंबर पर देना चाहिए!

विद्यालयों में और अन्य मंचों के माध्यम से बाल यौन शोषण व अपराध के प्रति बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में संवेदनशील तरीके से जानकारी देनी चाहिए अक्सर देखने में आता है की बच्चों को बच्चों का यौन शोषण करने वाला अपराधी उसके अपने ही परिवार का सदस्य है या कोई नजदीकी होता है!

ऐसे में अगर बच्चा अपने माता पिता या किसी बड़े से इसकी कोई शिकायत करता है तो उसकी बात पर विश्वास करके उसकी जांच करनी चाहिए और दोषी व्यक्ति कितना भी नजदीकी क्यों न हो उसे सजा दिलाने से पीछे नहीं हटना चाहिए सरकार को भी ऐसी तकनीक विकसित करनी होगी जिससे अश्लील वीडियो और सामग्री को सोशल मीडिया के हर मंच पर प्रतिबंधित किया जा सके।

#Samjho Bharat

8010884848

7599250450

Thursday, March 23, 2023

रमज़ान का महीना क्यों खास है...

 


मेरी नज़र में रमज़ान का महीना बहुत खास महीना है,इसमें 30 के 30 दिन बार बार आपको भुख और प्यास का एहसास होता है जो आपको ये बताती है कि सोचो उनके बारे मे जिन्हें भर पेट खाने को नहीं मिल पाता है। प्यास आपको याद दिलाती है पैगम्बर मुहम्मद का वो बयान जिसमे उन्होंने कहा "अगर तुम्हारे पास बहता हुआ दरिया भी हो तो भी पानी को ज़ाया न करो"।


तब मुझे पानी की एक बूंद बूंद की अहमियत का एहसास होता है। जब मैं अपने सामने खाने को देखता हूँ और उसे खा नहीं पाता हूँ तो समझ मे आती है उस गरीब की बेबसी जिसके पास इतना पैसा नही  होता है कि वो भर पेट खाना देखता है लेकिन उसे चाहते हुए भी नहीं खा पाता है।


रमज़ान का महीना त्याग का महीना है,दान का महीना है आजिज़ी का महीना है, जो हमे सिखाता है कि बेशक हम उस सर्वशक्तिमान के हुक्म से दुनिया मे आये हैं और उसी ने हम सभी को बनाया है और हम उसी के पास लौट कर जाएंगें भी,और दुनिया की तमाम नेमतें,तमाम खाने और तमाम ज़रूरत की चीज़ें उसी की है और हम उसके हुक्म पर दिन निकलने से पहले और दिन ढलने तक उसके हुक्म के बिना न ही खायेंगें और न ही पीएंगे।


ये महीना हमे अपनी दौलत,अपनी कमाई हुई दौलत में से "ज़कात" देने की याद दिलाता है उन ज़रूरतमंद लोगों की जो हमारे बीच हैं,हमारे पड़ोस में हैं और हमारे अपने हैं। ये महीना हमें ये ध्यान कराता है कि आप अपनी दौलत का एक हिस्सा उन्हें दें,उनके पास जो नहीं है वो उसे पूरा कर सकें। रमज़ान का महीना इंसान को इंसान से जोड़ने का महीना है।


पिछले कुछ सालों के रोज़े बहुत अलग तरह के रहे हैं जिसमे दो साल कोरोना के रहे हैं मैंने उसमें ये जाना और समझा है कि रोज़ा इंसान से इंसान को जोड़ता है। मैंने बीते दो सालों में रोज़े बहुत सख़्त पाए हैं और इस बार के दो रोज़े उससे भी सख़्त, तब मैंने ये जाना कि जिसके पास नहीं है वो कैसे वक़्त गुज़ारता होगा हमें सोचना चाहिए और समझना चाहिए उनकी तकलीफ़ जो हमसे कम हैं।


ये महीना आपके अंदर आजिज़ी लाता है, आपको हर बुराई से रोकता है।❤️


#RamadanMubarak 

#ramzan2023

#multanisamajnews

8010884848

7599250450

Wednesday, March 22, 2023

आठ-आठ बार हज करने वाले और बार बार ज़ियारत व उमरह करने वाले और ख़ुद को अलहाज लिखने वाले इस पैगा़म को ज़रूर पढ़ें


एक नौ साल का बच्चा मस्जिद के कोने में छोटी बहन के साथ बैठा हाथ उठाकर अल्लाह पाक से न जाने क्या माँग रहा था ।

कपड़ों में पेवन्द लगा था मगर निहायत साफ़ थे।

उसके नन्हे- नन्हे से गाल आँसुओं से भीग चुके थे 

कई लोग उसकी तरफ़ मुतवज्जेह थे।

और

वह बिलकुल बेख़बर अल्लाह पाक से बातों में लगा हुआ था।

जैसे ही वह उठा

एक अजनबी ने बढ़कर उसका नन्हा सा हाथ पकड़ा

और पूछा

अल्लाह पाक से क्या मांग रहे थे ? 

उसने कहा कि मेरे अब्बू मर गए हैं।

उनके लिए जन्नत 

मेरी अम्मी हर वक्त रोती रहती हैं

उनके लिए सब्र

मेरी बहन माँ  से कपड़े माँगती है उसके लिए रक़म

अजनबी ने सवाल किया

क्या स्कूल जाते हो? 

हाँ जाता हूँ

किस क्लास में पढ़ते हो? 

नहीं अंकल पढ़ने नहीं जाता, 

माँ चने बना देती हैं

वो स्कूल के बच्चों को फ़रोख़्त करता हूँ ।बहुत सारे बच्चे मुझसे चने ख़रीदते हैं 

हमारा यही काम धन्दा है

बच्चे का एक एक लफ़्ज़ मेरी रूह में उतर रहा था।

तुम्हारा कोई रिश्तेदार ? 

अजनबी न चाहते हुए भी बच्चे से पूछ बैठा।

अम्मी कहती हैं ग़रीब का कोई रिश्तेदार नहीं होता।

अम्मी कभी झूठ नहीं बोलतीं लेकिन अंकल

जब हम

खाना खा रहे होते हैं

और मैं कहता हूँ

अम्मी आप भी खाना खाओ तो

वोह कहती हैं मैंने खालिया है

उस वक्त लगता है वोह झूठ बोल रही हैं।

बेटा अगर घर का खर्च मिलजाए तो तुम पढ़ोगे ?  

बच्चा: बिलकुल नहीं

क्योंकि अकसर तालीम हासिल करने वाले ग़रीबों से नफ़रत करते हैं

हमें किसी पढ़े हुए ने कभी नहीं पूछा

पास से गुज़र जाते हैं

अजनबी हैरान भी था और परेशान भी

फिर बच्चे ने कहा कि 

हर रोज़ इसी मस्जिद में आता हूँ कभी किसी ने नहीं पूछा यहाँ तमाम आने वाले मेरे वालिद को जानते थे

मगर

 हमें कोई नहीं जानता

बच्चा जो़र ज़ोर से रोने लगा

अंकल जब बाप मर जाता है तो सब अजनबी बन जाते हैं

मेरे पास बच्चे के सवालों का कोई जवाब नहीं था।

ऐसे कितने मासूम होंगे

जो हसरतों से ज़ख़्मी हैं -----

बस एक कोशिश कीजिए

और

अपने आसपास ऐसे ज़रूरतमन्द, यतीमों और बे सहारा को ढूंढिये

और

उनकी मदद कीजिए

मद्रसों और मस्जिदों में सीमेंट या अनाज की बोरी

देने से पहले अपने आसपास किसी ग़रीब को देखलें

शायद उसको आटे की बोरी की ज़ियआदह ज़रूरत हो? 

क्योंकि

 बन्दों पर बन्दों का ये वोह ह़क़ है जिसको ख़ुदा भी मुआ़फ़ नहीं करेगा ।

तस्वीरें, चुटकुले या मज़ाहिया वीडियो भेजने की जगह इस मैसेज को कम से कम एक या दो ग्रुप्स में ज़रूर शेयर करें

ख़ुद में और मुआ़शरे में तबदीली लाने की कोशिश जारी रखें

जज़ाक'अल्लाह

#Multani_Samaj_News


8010884848

7599250450

Tuesday, March 21, 2023

पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर जयपुर में इकट्ठा हुए सभी पत्रकार साथी, सुरक्षा बिल लाने की मांग को लेकर विधानसभा का घेराव किया ।

 


अब्दुल क़ादिर मुलतानी 

जयपुर,जर्नलिस्ट प्रोटेस्ट एक्ट पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग लेकर मंगलवार को जयपुर में प्रदेशभर से जुटे पत्रकारों ने विधानसभा तक पैदल मार्च किया। पिंकसिटी प्रेस क्लब से शुरू किया गया मार्च विधानसभा के पूर्वी गेट तक पहुंचा। सैकड़ों पत्रकारों ने पत्रकार सुरक्षा कानून लागे करने की मांग की। सड़क पर बैठकर कर इसमें हा रही ढिलाई के खिलाफ अपना विरोध प्रकट किया। पत्रकारों के सभी संठगन इस मुहिम में एक जुट होकर साथ आए ।


मँत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने दिया आश्वासन

विधानसभा तक शांति मार्च लेकर गए पत्रकारों के एक प्रतिनिधि मंडल को विधानसभा में ले जाकर ज्ञापन दिलवाया गया। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने पत्रकारों के इसी प्रतिनिधिमंडल के साथ धरना स्थल पहुंच कर आश्वासन दिया कि | उनकी मांग सीएम तक पहुंचाएंगे।

पत्रकारों ने हाथों में तख्तियां लेकर अशोक गहलोत को याद दिलाया वादा

पत्रकारों ने सीएम अशोक गहलोत को याद दिलाया कि 'भाजपा सरकार के समय पत्रकारों ने लंबे समय तक पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर आंदोलन किया था, तब वे खुद धरना स्थल पर आए थे और पत्रकारों का धरना यह कहकर खत्म करवाया था कि अगर उनकी सरकार आई तो वे इस एक्ट को जरूर लागू करेंगे। अब साढ़े चार साल से उनकी सरकार है, लेकिन एक्ट लागू नहीं किया जा रहा।

इस शांति मार्च की अगुवाई करने वालों में पिंकसिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष मुकेश मीणा, राजस्थान श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष हरीश गुप्ता, पीपीआई के प्रदेशाध्यक्ष सन्नी आत्रेय और आईएफडब्ल्यूजे के उपेन्द्र सिंह राठौड़ व दीपक सैनी समेत सैकड़ों पत्रकार शामिल रहे।

Saturday, March 18, 2023

मुलतानी बिरादरी के पंच गए उमरे पर, मुलतानी बिरादरी की और से किया स्वागत!

 


अजमेर, दी मुस्लिम मुलतानी आहँग्रान पंचायत समिति की

अजमेर बिरादरी के पँच मौहम्मद निसार क़ाज़ी उमरे के सफऱ

 पर रवाना हुए,


इस मौके पर दी मुस्लिम मुलतानी आहँग्रान पंचायत समिति

अजमेर के सदर शरफुद्दीन मुल्तानी पूर्व उप सदर अब्दुल

 जब्बार मुल्तानी सेक्रेटरी अब्दुल कादिर मुल्तानी, अहमद अली

मुल्तानी व मुलतानी बिरादरी के मेंबरान,तमाम बुज़ुर्ग व

नवजवान, तमाम लोग इस मौके पर मौजूद रहे एवं मोहम्मद

निसार का हार पहनाकर स्वागत किया व सभी ने कअबतुल्लाह

में व मदीना तुल मुनव्वरा में दुआओं की दरखास्त की!

Wednesday, March 15, 2023

जबरदस्त मिसाल है।


हम, "तरबूज" खरीदते हैं.

मसलन 5 किलो  का एक नग

जब हम इसे खाते हैं

तो पहले इस का मोटा छिलका  उतारते  हैं.

5 किलो में से कम से कम 1किलो

छिलका  निकलता है.

यानी तकरीबन 20%

क्या इस तरह 20% छिलका

जाया होने का हमे अफसोस होता है?


क्या हम परेशान होते हैं. क्या हम सोचते हैं के हम  तरबूज को

ऐसे ही छिलके के साथ खालें. 

नही बिलकूल नाही!

यही हाल केले, अनार, पपीता और

दीगर फलों का है. हम खुशीसे

छिलका उतार कर खाते हैं, 

हालांके हम ने इन फलों को छिलकों समेत

खरीदा होता है.

मगर छिलका  फेंकते  वक्त हमे


बिल्कुल  तकलीफ  नाही  होती.

इसी तरह मुरगी बकरा साबीत

खरीदते हैं. मगर जब खाते हैं, तो

इस के बाल,खाल वगैरे निकाल कर

फेंक देतें हैं.

क्या इस पर  हमें कुछ दुःख  होता है ?

नही और हरगीज नही।

तो फिर 40 हजार मे से 1 हजार देने पर

1लाख मे से 2500/-रूपये  देने पर

क्यो हमें बहुत तकलीफ होती है ?

हालांके ये सिर्फ  2.5% बनता है यानी 100/- रूपये में से सिर्फ  (ढाई) 2.50/-रूपये ।

ये तरबूज, आम, अनार वगैरे के छिलके और गुठली से कितना कम है,

इसे शरीयत मे *जकात* फरमाया गया है,

इसे देने से


माल भी पाक, इमान भी पाक,

दिल और जिस्म भी पाक

और माशरा भी खुशहाल, 

इतनी  मामूली रकम यानी 40/-रूपये मे से सिर्फ 1 रूपया

और  फायदे कितने ज्यादा,

अल्लाह पाक हमे दीन को समझने की तौफ़ीक़ अता फरमाए

@Multani Samaj News

8010884848

7599250450

Monday, March 13, 2023

गंगोह में आसिफ़ मिर्ज़ा का आज सुबह हुआ इंतकाल

 


मोहम्मद आसिफ़ उम्र लगभग 35 साल का आज सुबह गंगोह, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में इंतेकाल की खबर मिली सुनकर बहुत दुःख पहूंचा अल्लाह इनकी मगफिरत फरमाएं अमीन सुम्मा आमीन 

@MULTANI SAMAJ News

8010884848

7599250450

Saturday, March 11, 2023

गैर अधिस्वीकृत पत्रकारों को भी राज्य सरकार की सुविधाएं और आरटीडीसी होटल में रियायत दिए जाने की मांग

 


अजमेर । अखिल भारतीय पत्रकार महासभा संगठन की अजमेर जिला इकाई ने राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपकर गैर अधिस्वीकृत और वरिष्ठ पत्रकारों को भी चिकित्सा, पेंशन, रियायत दर पर भूखंड,आवास, परिवहन सुविधाएं दिए जाने की मांग की है। पत्रकार मौहम्मद नजीर कादरी ने बताया कि संगठन ने धर्मेन्द्र राठौड़ से भी गैर स्वीकृत और दस या दस वर्ष से अधिक पत्रकारिता में सक्रिय पत्रकारों को आरटीडीसी की होटल में ठहरने और भोजन करने पर पचास प्रतिशत रियायत दिए जाने की मांग की है।



ज्ञापन में मुख्यमंत्री गहलोत और आरटीडीसी चैयरमेन धर्मेन्द्र राठौड़ को बताया गया है कि राज्यभर में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में गैर स्वीकृत पत्रकार पूर्णरुप से सक्रिय है और उनकी आजीविका भी पत्रकारिता है जिनको भी वो सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए जो अधिस्वीकृत पत्रकारों को दी जाती हैं। 

इस मौके पर अखिल भारतीय पत्रकार संगठन के अजमेर जिलाध्यक्ष शमशुद दुहा, महासचिव मौहम्मद नज़ीर कादरी, उपाध्यक्ष मुजफ़्फर अली, पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़, बालकिशन शर्मा, सचिव रेखा जैन, दिनेश गोस्वामी सहित अनेक पत्रकार उपस्थित थे।

GST का डर ... और हम मुस्लिम क़ौम।


जी हाॅं तिजारतदां भाईयों / बहनों। किसी भी लीगल बिज़नस की पहचान होती है उसका जीएसटी रजिस्ट्रेशन। क्यूॅंकि अब कोरोना महामारी के लाॅकडाउन के बाद से  ओफलाईन बिज़नस लगभग ठप से हो गये हैं लेकिन ओनलाइन बिज़नस ने बहुत ऊंचाईयां छुई है और आने वाले वक़्त में ओनलाइन खरीद - फरोख्त अपने उरूज़ पर पहुॅंचेगी। लेकिन ओनलाइन खरीदी करने से कस्टमर को फ्राॅड होने का डर रहता है। और यह सही भी है कि फेसबुक /व्हाट्सएप और रेडीमेड छोटी-छोटी वेबसाइट से प्रोडक्ट्स खरीदने में कस्टमर के साथ फ्राॅड भी होते हैं। अपने रुपये की सुरक्षा के लिए कस्टमर प्रोडक्ट्स बेचने वाले सेलर का नाम, एड्रेस प्रुफ के लिए आधार कार्ड वगैरह मांगते हैं। वरना खरीददारी करने से हिचकिचाते हैं और बड़ी ईकामर्स वेबसाइट्स का रुख करते हैं। दूसरा पहलू यह भी है कि सेलर को अपना आधार कार्ड देने में डर लगता है क्यूंकि कस्टमर ही फ्राॅड निकला तो? आधार कार्ड में नाम पता जन्म दिनांक और मोबाइल नम्बर हासिल करने के बाद फेक / फ्राॅड कस्टमर भी हेकिंग के जरिये सेलर के अकाउंट को या किसी और तरीके से नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए आधार का लेन-देन कस्टमर और सेलर दोनों के लिए रिस्की है। 

अब आते हैं जीएटी के टाॅपिक पर। तो नये सेलर/वेंडर/कारोबार शुरुआत करने वाले भाईयों के दिमाग़ में ऐसा डर क्यूं रहता है कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवा लेंगे तो सरकार इंकम टैक्स का रेड करवा देगी? कुछ कारोबारी ये सोचकर रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते कि एक साल के 40 लाख का लेन-देन तो बिजनस में होता नहीं फिर क्यूं जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाऐं? कुछ ये सोचकर रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते कि कौन हर महीने 500/- रुपये का फालतू CA पर खर्च करे? और कुछ तो रजिस्ट्रेशन करवाकर जीएसटी फाईल ही नहीं करते। ये ग़लतियां ही हम मुस्लिम कारोबारियों को ट्रस्टेड और सक्सेज होने से रोकती है। 

ये सच है कि अगर आपके कारोबार में लोकल स्टेट में एक साल का लेन-देन 40 लाख का नहीं हो तो जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जरुरत नहीं पड़ती। लेकिन ?

लेकिन जीएसटी रजिस्ट्रेशन हो तो आपको शाॅप ओपन करने की जरुरत ही नहीं। शाॅप का 3-4 हजार रु महिने का किराया भुगतने से बच सकते हैं। आप किसी भी ईकामर्स वेबसाइट पर अपने घर से ही प्रोडक्ट्स बेच सकते हैं। आप कस्टमर को जीएसटी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट बताकर कह सकते हैं कि हम बिज़नस के रजिस्टर्ड इज्जतदार खानदान से हैं। सरकार/CA को हर महीने 500/- रुपये (NiL) जीएसटी जमा करवा कर व्यापार जगत में अपनी साख /GoodWill / लीगल इज्जत बना सकते हैं। 

इसलिए मेरे भाईयों और बहनों। अगर आपने ठान ही लिया कि आपको तिजारत करनी है तो जीएसटी रजिस्ट्रेशन जरूर करवाएं और हर महीने GST File जरुर करवाऐं। चाहे आपका बिज़नस छोटा सा ही हो। क्यूंकि यही रेगुलर जीएसटी फाइलिंग आपके बिजनस को ट्रस्टेड बनाती है।

ये GST का जो डर है उसे दिल और दिमाग़ से खत्म करें। शुरु में 1000/- रु. में जीएसटी रजिस्ट्रेशन हो जाता है और हर महीने 500/- रु. में GST NiL File हो हो जाता है। यह समझिए कि आप 500/- रुपये महीना खर्च करके अपने कस्टमर्स का यकीन खरीद रहे हैं। आप अपनी लीगल इज्जत और पहचान खरीद रहे हैं। इसलिए सोच बदलिए। अपने आप को बदलिये और ट्रस्टेड सेलर बनिये। शुक्रिया।

@MULTANI SAMAJ News 

8010884848

7599250450

Monday, March 6, 2023

सभी मुस्लिम भाइयों से मोहब्बतना गुज़ारिश


👉 *अब कुछ नहीं,*

👉 *कोई उर्स नही,* 

👉 *कोई क़व्वाली नही,* 


★ *सबसे पहले मुस्लिम समाज  का बडा चॅरिटेबल हॉस्पिटल बनाना चाहीये हर जिले मे...!!*


★ *जलसे जुलूस, उर्स, क़व्वाली ,इज्तेमा के लिये लाखो रुपये जमा हो सकते, तो डिलीवरी लेडी डॉक्टर द्वारा हॉस्पिटल मैं क्यू नहीं?*


★ *हमारे पास वक्फ की जमीने है,कितनी देर लगेगी एक नायाब हॉस्पिटल बनाने मे...*


★ *जिसमे जिले के सभी को फ्री मे इलाज (कुछ मामुली पैसो मे) मिलेंगा।*


*क्या कोई मुस्लिम मालदार ईमानदार आगे आएंगे...*


★ *हम हर घर से 500-1000 ₹ निकालेंगे..*


★ *मुस्लिम पॉप्युलेशन हर जिले मे 3 लाख है,*

*3 लाख × 100 = 3 करोड रुपये...*


★ *मतलब हर बंदा सिर्फ 100 रुपये दे तो 3 करोड रुपये जमा हो सकते हे..!!*

 *मुस्लिम समाज में निकाह को आसान करें दहेज प्रथा बंद करें* 

★ *हर जिले मे होस्टल हो*


★ *हर जिले मे KG से PG तक बेहतरीन स्कूल, मेडिकल, इंजीनियरिंग ओर दीगर पढाई के लिए सेपरेट गर्ल्स कॉलेज और बाकी सारे इंतजाम जैसे खेल, लायब्ररी, रहना, खाना, स्पेशल कोचिंग*


★ *हर जिले की है तहसील मे टेक्निकल, पॉलिटेक्निक, इंजिनियरिंग, मेडिकल की कोचिंग का इंतजाम*


★ *ऍग्रीकल्चर, बिज़नेस मॅनेजमेंट, नर्सिंग, मेडिकल कॉलेज*


★ *छोटे, बड़े बिज़नेस द्वारा किराना पूरी मुस्लिम कौम को बेचने का व्यापार का इंतजाम*


★ *सभी पढे लिखे जिम्मेदार, बिज़नेस'मेंन, किसान और हर जिले मे हर लाईन से जिम्मेदार एक होकर मशवरा कर इन बातों पर गौर करे।*


★ *हमे हमारा सालाना इमदाद ज़कात, खैरात  कहा खर्च करना चाहिए..अब इस पर सोचने का वक्त आया है।*


★ *हमारे एक से ज्यादा बार हज और उमरा करने वाले भाई बहन इसाले सबाब हासिल करने दोबारा जाने के बजाये वही खर्चा ऐसे नेक कामो मे करने के बारे मे गहराई से सोचने का वक्त आया है।*


★ *बराई मेहरबानी इस मेसेज को हर मुस्लिम ग्रुप के मे send कीजिए।*

@Multani Samaj

8010884848

7599250450

Friday, March 3, 2023

बिरादरी की सुगरा बी का पाकिस्तान के लाहौर शहर में हुआ इंतेकाल दफिना जोहर की नमाज़ के बाद...

 


ग्राम अबदारनगर, थाना झिंझाना तहसील ऊन जिला शामली, उत्तर प्रदेश भारत के रहने वाले मरहूम अब्दुल हमीद साहब हिंदुस्तान पाकिस्तान का बटवारा होने से पहले से ही पाकिस्तान के लाहौर शहर में साईकिल बनाने का काम करते थे । बटवारे के बाद यह भारत में अपनी पैतृक संपत्ति छोड़कर हमेशा हमेशा के लिए लाहौर चले गए । जब तक हिंदुस्तान पाकिस्तान आना जाना आसान रहा तब जब इनका मन होता तो यह अपने परिवार से मिलने जुलने अक्सर हिंदुस्तान आते और अपनो से मिलजुलकर वापस लौट जाते । मरहूम अब्दुल हमीद साहब का लगभग 15 साल पहले इंतेकाल हो चुका है। वो अपने पीछे अपनी बीवी सुगरा बी और 4 लड़के और एक लड़की छोड़ गए थे , इनके एक लड़के का भी कुछ साल पहले इंतकाल हो गया कल बा तारीख़ 3 मार्च की रात लगभग 2 बजे मरहूम अब्दुल हमीद साहब की अहलिया सुगरा बी का भी इंतेकाल हो गया वो काफी दिनों से बीमार थी। सुगरा बी की ससुराल अबदारनगर और मायका कैराना का था । इनको आज बाद नमाज जोहर सुपुर्दे खाक किया जाएगा । अल्लाह इनकी मगफिरत फरमाएं और जन्नत - उल - फिरदोश में आला मकाम अता फरमाएं आमीन

#Multani Samaj News

8010884848

7599250450

Wednesday, March 1, 2023

एडिशनल एसपी मदन दान सिंह चारण का विदाई समारोह, पुलिस सेवा से ली विदाई,


अजमेर, राजस्थान 

हाडा रानी के ऑफिस में समारोह आयोजित हुआ जिसमें

एडिशनल एसपी के पद पर रहे मदन दान सिंह चारण जी ने

पुलिस सेवा से विदाई ली,



मदन दान सिंह चारण जी ने अपने अखलाक से बहुत अच्छा

वक्त गुजारा और आपने पुलिस की शान बढ़ाई और अपने

कार्यकाल को खूबसूरत जिम्मेदारी से निभाया,आप ने पुलिस

की जिम्मेदारी को मुकम्मल करके बड़ी शान के साथ पुलिस

सेवा से विदाई ली, ज्ञात हो कि मदन दान सिंह चारण दरगाह

 थाने में भी पदस्थ रह चुके हैं!


इस मौके पर दरगाह हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के

ख़ादिम अंजुमन मेंबर सैय्यद मुनव्व्वर चिश्ती ने विदाई समारोह

 मैं दस्तारबंदी की व खादिम अहमद पीर साहब ने शॉल उढ़ाया

व खालिद खान समाजसेवी ने हार पहनाकर स्वागत किया,



इस अवसर पर डीआईजी प्रदीप मोहन जी एवं जय सिंह राठौर

जी सुरेंद्र सिंह भाटी जी एवं हर्षित जी ने भी शिरकत की,