Sunday, July 9, 2023

अजमेर,अंदर कोट क्षेत्र में 11000 के.वी की लाइन टूट कर गिरी , कार हुई जलकर राख, कुछ मकानों के जले मीटर


 अन्दर कोट झरनेश्वर रोड पर कार में लगी भीषण आग,11हज़ार के.वी लाइन टूट कर गिरने से हुआ हादसा, नहीं हुई कोई जनहानि

अब्दुल क़ादिर मुलतानी 

अजमेर,विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह से सटे अंदरकोट मोहल्ले के झरनेश्वर रोड पर आज सुबह 11हज़ार के.वी की लाइन नीचे खड़ी गाड़ियों पर टूट कर गिर गई,जिस से नीचे खड़ी गाड़ियों में से एक स्विफ्ट कार जिस का नंबर RJ33CA2055 था ने आग पकड़ ली,जिस ने देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया,

क्षेत्र वासी क़ाज़ी मुनव्वर अली ने बताया की हादसे के वक़्त ज़ोरदार आवाज़ के साथ धुँवा उठता देख सभी घटना स्थल की तरफ दौड़े तो देखा की 11हज़ार के.वी लाइन के तार टूट कर गाड़ियों पर गिरे हुए हैं व स्पार्किंग हो रही तब तत्तपर्ता से टाटा पॉवर को सूचना दे कर लाइट बंद करवाई व वहाँ लाइन से कई कारें खड़ी हुई थीं जिन में कई कार गैस से चलने वाली भी थीं,

जिन्हें सभी क्षेत्रवासीयों ने सूझबूझ से फ़ौरन हटाया व जिस स्विफ्ट कार ने आग पकड़ ली थी उस से दूर करवाई जिस से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ

व क्षेत्र वासियों क़ाज़ी मुनव्वर अली व अब्दुल अज़ीज़ मुलतानी ने अपने स्तर से ही काफ़ी मशक्कत से आग को बुझाया एवं घटना के काफ़ी देर बाद मौके पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची,जिस का पहुँचने के भी काफ़ी देर बाद तक पम्प चालू नहीं हो पाया,

जिस से क्षेत्रवासियों ने फायर ब्रिगेड की कार्य प्रणाली पर नाराज़गी जताई,व मौके पर अजमेर उत्तर विधान सभा अध्यक्ष वाहिद मोहम्मद भी मौजूद रहे एवं पुलिस प्रशासन का कोई भी आला अधिकारी व टाटा पावर का कोई आला अधिकारी मौके पर घटना की जानकारी लेने नहीं पहुंचा जिस के प्रति भी क्षेत्रवासी नाराज़ दिखे

व क़ाज़ी मुनव्वर अली ने बताया की अभी कुछ ही दिनों बाद मिनी उर्स चालू होने वाला है एवं टाटा पॉवर के कर्मचारी क्षेत्र में सिर्फ लीपापोती का कार्य कर रहे हैं, कई जगह तार लटके हुए हैं जिस और कोई ध्यान नहीं देते हैं व दुर्घटना व लाइट के शार्ट सर्किट की सूचना का इंतज़ार करते हैं की ज़ब कहीं फॉल्ट होगा तभी जाकर सही करेंगे व टाटा पॉवर की कार्य प्रणाली बेहद ख़राब हो गई है,

व क्षेत्र वासियों ने 11हज़ार के.वी की लाइन शहर के अन्य स्थानों की भांति यहाँ भी अंडर ग्राउंड करने की मांग की जिस से भविष्य में इस तरह की कोई भी घटना की पुनरावृति ना हो!

एवं झरनेश्वर रोड शहरी स्वास्थ्य केंद्र के समीप रहने वाले दिलनिसार खान ने बताया की लाइट के तार टूट कर गिरने से हुए शार्ट सर्किट के कारण उन के घर का लाइट का मीटर जल गया है जिस पर उन्होंने इसे चेंज कराने व भविष्य में ऐसी किसी भी घटना ना हो ऐसी रोकथाम की मांग की

Saturday, July 8, 2023

शादी के बाद SDM बनीं,पति के लिए IPS की नौकरी भी छोड़ी, Jyoti Maurya मैटर पर क्‍या बोलीं एसडीएम डॉ0 बुशरा बानो


अफसर ज्‍योति मौर्य की शादी, सक्‍सेस और लव स्‍टोरी सुर्खियों में है। सोशल मीडिया पर पत्‍नी को शादी के बाद पढ़ा-लिखाकर अफसर बनाने को लेकर खूब मीम्‍स और वीडियो भी शेयर हो रहे हैं।एसडीएम पत्‍नी ज्‍योति मौर्य, सफाईकर्मी पति आलोक मौर्य और कथित प्रेमी होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के मामले को लेकर ऐसा कहने वालों की भी कमी नहीं कि 'शादी के बाद अफसर बनने वालीं हर महिला ज्‍योति मौर्य जैसी नहीं होतीं'


इस बात का एक उदाहरण उत्‍तर प्रदेश में SDM Dr. Bushara Bano भी हैं। इन्‍होंने तो शादी के बाद पति की मदद से न केवल पीसीएस बल्कि यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा तक क्रैक कर डाली थी। वो भी दो बार। डॉ. बुशरा बानो की मिसाल तो इस बात पर भी दी जा सकती है कि इन्‍होंने यूपीएससी पास करने के बाद पति व बच्‍चों के लिए भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) की नौकरी तक ठुकरा दी थी।


ज्‍योति मौर्य पर क्‍या बोलीं एसडीएम बुशरा बानो*



एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्‍यू में एसडीएम बुशरा बानो अपनी सक्‍सेस स्‍टोरी के साथ-साथ ज्‍योति मौर्य के मामले पर भी बोलीं। कहा कि यह पूरी तरह से एक निजी मामला है। ज्‍योति मौर्य साल 2016 की पीसीएस अफसर हैं। उन पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए कमेटी बनी हुई है। मीडिया उनके पारिवारिक मसले पर ज्‍यादा ही दखल दे रहा है, जो उचित नहीं है।

पीसीएस अफसर ज्‍योति मौर्य मैटर के बाद सोशल मीडिया पर पढ़ने को मिला कि 35 पतियों ने पीसीएस की तैयारी कर रही अपनी पत्नियों को घर वापस बुलाया। ज्‍योति मौर्य का केस सही है या गलत है। यह तो जांच में ही पता चलेगा, मगर उस एक मामले को लेकर *सभी महिलाओं को टारगेट करना सही नहीं। पति-पत्‍नी का रिश्‍ता भरोसे पर टीका है।

ऐसा कोई पहला मामला नहीं है। ऐसे भी कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें पुरुष अफसर ने अपनी पत्‍नी के साथ इस तरह का व्‍यवहार किया है। ज्‍योति मौर्य के मामले के आधार पर 'बेटी बचाओ-बेटी पढाओ' के नारे का भी गलत अर्थ निकालना मुर्खतापूर्ण है।

बेटी बचाओ-बेटी पढाओ, लेकिन बहू को मत पढ़ाओ' जैसा मीम्‍स सोशल मीडिया पर शेयर व लाइक करने वाली बात शर्मनाक है। ऐसे लोगों को पढा-लिखा नहीं कहा जा सकता।

किसी की निजी जिंदगी को सार्वजनिक करना बहुत बड़ा सामाजिक अपराध है। ऐसा नहीं करना चाहिए। उस मसले का उनके घर तक रहने दो। इस तरह का माहौल मत बनाओ जिससे भविष्‍य में अन्‍य बेटियों के भी पढ़ने में भी दिक्‍कत आए।

#कौन हैं एसडीएम बुशरा बानो

बुशरा बानो उत्‍तर प्रदेश के कन्नौज जिले के सोर्क कस्वा की रहने वाली हैं।

वर्तमान में यूपी के फिरोजाबाद जिले के टुंडला में एसडीएम पद पर सेवाएं दे रही हैं।

बुशरा बानो ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दो बार पास की।

पहली बार 2018 में IRTS और दूसरी बार में 2020 में IPS सर्विस कैडर अलॉट हुआ।


बुशरा बानो ने यूपीएससी 2020 में 234वीं और 2018 में 277वीं रैंक हासिल की थी।

SDM बुशरा बानो क्‍यों नहीं बनीं IPS?


बुशरा बानो दो बच्‍चों की मां हैं। दोनों बच्‍चों का जन्‍म सिजेरियन सर्जरी से हुआ है। इसके अलावा बुशरा की दो और बड़ी सर्जरी हुईं।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2020 पास करने के बाद बुशरा बानो को सर्विस कैडर तो आईपीएस मिला, मगर होम कैडर यूपी अलॉट नहीं हुआ।


दो छोटे बच्‍चे और पति के साथ रहने के लिए बुशरा बानो ने आईपीएस जैसी प्रतिष्ठित नौकरी को ज्‍वाइन ही नहीं किया।

गर्भवती थीं तब PCS-UPSC एक साथ पास की

जून 2018 में बुशरा बानो PCS और UPSC के इंटरव्‍यू के दौरान दूसरे बच्‍चे की मां बनने वाली थीं।

पहले यूपीएससी की रिजल्‍ट आया। AIR 277 पाकर IRTS के लिए चुनी गईं। फिर पीसीएस के रिजल्‍ट में 6वीं रैंक हासिल कर SDM बनीं।


साल 2020 में उत्‍तर प्रदेश के फिरोजाबाद सदर में बतौर एसडीएम ज्‍वाइन किया।

साल 2020 में फिर यूपीएससी पास की। इस बार आईपीएस बनीं।

आईपीएस के लिए चुने जाने के बावजूद घरेलू परिस्थितियों को देखते हुए बुशरा बानो ने एसडीएम बनकर यूपी में ही सेवाएं देते रहना ज्‍यादा उचित समझा।

 पत्‍नी को अफसर बनाने के लिए पत्‍नी ने छोड़ी विदेश की नौकरी


बुशरा बानो स्‍कूल-कॉलेज में टॉपर रहीं। बीएसससी व एमबीए की डिग्री भी हासिल की।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि ली। एएमयू में शोध के दौरान आगरा में हिंदुस्तान और आनंद इंस्टीट्यूट में पढ़ाना शुरू किया।


उसी दौरान बुशरा बानो की शादी सउदी अरब के जाज़ान विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर असमेर हुसैन से हुई।

शादी के बाद बुशरा बानो भी पति के साथ सउदी अरब चली गईं और पति के साथ विश्‍वविद्यालय में बतौर सहायक प्रोफेसर पढ़ाने लगीं।

सउदी अरब में मन नहीं लगा तो असफर बनने का ख्‍वाब लेकर इंडिया लौट आई। पत्‍नी को अफसर बनाने के लिए पति भी सउदी अरब की नौकरी छोड़ भारत आ गए।


 


*गिरफ्तार हो सकते हैं आलोक मौर्य, ज्योति मौर्य के चक्रव्यूह में बुरी तरह फंसने की संभावना*


एसडीएम ज्योति मौर्य का विवाद गहराता ही जा रहा है। सोशल मीडिया पर तो लोगों ने एसडीएम ज्योति मौर्य के खिलाफ मोर्चा ही खोल दिया है। कई लोग उनकी जांच की मांग कर रहे हैं तो कुछ लोग पद से हटाने की बात कर रहे हैं।

लेकिन इन सब के बीच ज्योति मौर्य भी अब बेहद सख्त हो गई हैं। उन्होंने थाने में अपने पति आलोक मौर्य के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया है। अब कई लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि शादी के 13 साल हो गए तो क्या ऐसे में ज्योति मौर्य द्वारा लगाए गए दहेज केस में वह फंस सकते हैं।



*ज्योति मौर्य के गंभीर आरोप*


ज्योति मौर्य ने आलोक मौर्य के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराया है। ज्योति मौर्य ने 50 लाख रुपए के लिए दहेज उत्पीड़न करने का भी आरोप लगाया है। दहेह का केस पूरे परिवार पर लगाया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुछ दिन में आलोक मौर्य को पूछताछ के लिए बुला सकती है। इस दौरान अगर उनके खिलाफ कोई भी सबूत पाए जाते हैं तो आलोक मौर्य गिरफ्तार हो सकते हैं।


 


*आलोक मौर्य के खिलाफ आईटी एक्ट में भी FIR दर्ज*


एसडीएम ज्योति मौर्य ने कहा कि मैं पहले से ही अपने पति के खिलाफ IT एक्ट में FIR दर्ज करा चुकी हूं। ये चैट मई महीने का ही है। उसमें पुलिस जो भी तथ्य इकट्ठा करना चाहेगी करेगी। आलोक मौर्य आईटी एक्ट के तहत भी फंस सकते हैं।



*क्या कहता है दहेज का कानून*


दहेज उत्पीड़ का केस धारा 498-ए के तहत होता और इसके तहत अगर लड़का या उसका परिवार दहेज मांगने का दोषी पाया जाता है तो उसके अंतर्गत 3 साल की कैद और जुर्माना लग सकता है।


*दहेज केस शादी के कितने साल तक लगता है*


कई लोग सोचते हैं कि शादी के सात साल बाद कोई दहेज केस नहीं लगता है। तो जान लें यह गलतफहमी है। दहेज केस किसी भी समय लग सकता है। इसके लिए कोई निर्धारित सीमा नहीं है। हां मृत्यु के मामले में सात साल वाला सिस्टम अप्लाई होता है। यानी कि महिला की मृत्यु शादी के 7 साल बाद होती है तो दहेज हत्या का केस नहीं चलेगा।



*दहेज हत्या क्या है*


यदि किसी महिला की मृत्यु शादी के 7 साल के भीतर हो जाती है और अगर लड़की वालों की तरफ से दहेज या उत्पीड़न केस लगाया जाता है तो इसे दहेज हत्या माना जाता है। इसमें आईपीसी की धारा 304B भारतीय दंड संहिता की, 1860 के तहत सजा होती है। दहेज हत्या के लिए सजा सात साल के कारावास की न्यूनतम सजा या आजीवन कारावास की अधिकतम सजा है।

Tuesday, July 4, 2023

एक विशाल जहाज का इंजन खराब हो गया और कोई भी उसकी मरम्मत नहीं कर सका, इसलिए उन्होंने 30 से अधिक वर्षों के अनुभव वाले एक मैकेनिकल इंजीनियर को इस काम के लिए बुलाया।


 उन्होंने इंजन का ऊपर से नीचे तक बहुत ध्यान से निरीक्षण किया। सब कुछ देखने के बाद, इंजीनियर ने अपना बैग उतारा और एक छोटा हथौड़ा निकाला।



 उसने धीरे से कुछ खटखटाया। जल्द ही, इंजन फिर से चालू हो गया। इंजन ठीक कर दिया गया है!



एक सप्ताह बाद इंजीनियर ने जहाज मालिक को बताया कि विशाल जहाज की मरम्मत की कुल लागत 20 लाख रुपए थी। कृपया भुगतान कर दें।



"क्या?!" मालिक ने कहा.

"आपने लगभग कुछ नहीं किया। हमें एक विस्तृत बिल दीजिए, काम के डिटेल के साथ।"



उत्तर सीधा है:


1. हथौड़े से ठोंकने का: 200

2. कहां खटखटाना है और कितना खटखटाना है ये जानने का : 19.99800 लाख 



किसी की विशेषज्ञता और अनुभव के महत्व को समझिए.. क्योंकि वे संघर्षों, प्रयोगों और यहां तक ​​कि आंसुओं के परिणाम हैं।



अगर मैं कोई काम 30 मिनट में करता हूं तो इसका कारण यह है कि मैंने उसे 30 मिनट में कैसे करना है यह सीखने में 20 साल लगा दिए।

आप मुझे पर मिनटों का नहीं बल्कि उन वर्षों का भुगतान कर रहे हैं। 

#motivation 


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Monday, July 3, 2023

एक बढ़ई किसी गांव में काम करने गया, लेकिन वह अपना हथौड़ा साथ ले जाना भूल गया। उसने गांव के लोहार के पास जाकर कहा, 'मेरे लिए एक अच्छा सा हथौड़ा बना दो।



मेरा हथौड़ा घर पर ही छूट गया है।' लोहार ने कहा, 'बना दूंगा पर तुम्हें दो दिन इंतजार करना पड़ेगा।


हथौड़े के लिए मुझे अच्छा लोहा चाहिए। वह कल मिलेगा।'



दो दिनों में लोहार ने बढ़ई को हथौड़ा बना कर दे दिया। हथौड़ा सचमुच अच्छा था। बढ़ई को उससे काम करने में काफी सहूलियत महसूस हुई। बढ़ई की सिफारिश पर एक दिन एक ठेकेदार लोहार के पास पहुंचा।



उसने हथौड़ों का बड़ा ऑर्डर देते हुए यह भी कहा कि 'पहले बनाए हथौड़ों से अच्छा बनाना।' लोहार बोला, 'उनसे अच्छा नहीं बन सकता। जब मैं कोई चीज बनाता हूं तो उसमें अपनी तरफ से कोई कमी नहीं रखता, चाहे कोई भी बनवाए।'


धीरे-धीरे लोहार की शोहरत चारों तरफ फैल गई। एक दिन शहर से एक बड़ा व्यापारी आया और लोहार से बोला, 'मैं तुम्हें डेढ़ गुना दाम दूंगा, शर्त यह होगी कि भविष्य में तुम सारे हथौड़े केवल मेरे लिए ही बनाओगे। हथौड़ा बनाकर दूसरों को नहीं बेचोगे।'



लोहार ने इनकार कर दिया और कहा, 'मुझे अपने इसी दाम में पूर्ण संतुष्टि है। अपनी मेहनत का मूल्य मैं खुद निर्धारित करना चाहता हूं। आपने फायदे के लिए मैं किसी दूसरे के शोषण का माध्यम नहीं बन सकता।



आप मुझे जितने अधिक पैसे देंगे, उसका दोगुना गरीब खरीदारों से वसूलेंगे। मेरे लालच का बोझ गरीबों पर पड़ेगा, जबकि मैं चाहता हूं कि उन्हें मेरे कौशल का लाभ मिले। मैं आपका प्रस्ताव स्वीकार नहीं कर सकता।'



सेठ समझ गया कि सच्चाई और ईमानदारी महान शक्तियां हैं। जिस व्यक्ति में ये दोनों शक्तियां मौजूद हैं, उसे किसी प्रकार का प्रलोभन अपने सिद्धांतों से नहीं डिगा सकता.....!!

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नगीना हैंडीक्राफ्ट उद्यमियों को ज्योग्राफिकल इंडिकेशन का प्रमाण पत्र देते प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

 


इरशाद मुल्तानी व मतलूब मुल्तानी को ज्योग्राफिकल इंडिकेशन का दिया प्रमाण पत्र नगीना प्रदेश के मुख्यमंत्री ने लोक भवन में आयोजित लघु एवं मध्यम उद्योग सम्मान समारोह में नगीना हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष इरशाद मुल्तानी और मतलूब मुल्तानी को ज्योग्राफिकल इंडिकेशन का प्रमाण पत्र दिया यह प्रमाण पत्र अब तक देश के लगभग 350 प्रोडक्टों को मिल चुका है नगर का हैंडीक्राफ्ट उद्योग विश्व भर में अपनी अलग पहचान रखता है तथा नगीना से बना हैंडीक्राफ्ट का सामान लगभग 20 से 25 देशों को निर्यात किया जाता है हैंडीक्राफ्ट के सामान को विदेशों तक पहुंचाने और उसकी अपनी अलग पहचान बनाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व एम0एस0एम0ई0 मिनिस्टर राकेश सचान ने सोमवार को लोक भवन में आयोजित लघु एवं मध्यम उद्योग सम्मान समारोह में नगीना हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष इरशाद मुल्तानी मतलूब अहमद को ज्योग्राफिकल इंडिकेशन का प्रमाण पत्र दिया गया है यह प्रमाण पत्र अब तक देश के लगभग 325 प्रोडक्टों को मिल चुका है लोकल फॉर वोकल और स्थानीय प्रोडक्ट में जी आई टैग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष इरशाद मुल्तानी ने बताया कि इस प्रमाण पत्र पर जी आई टैग एक विशेष प्रकार का लेवल होता है जिससे लोकल फॉर वोकल प्रोडक्टों को विशेष भौगोलिक पहचान दी जाती है जी आई टैग से स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हैंडीक्राफ्ट के बने प्रोडक्टों की पहचान और अधिक बढ़ जाएगी तथा निर्यात करने में भी सुविधाएं मिलेंगी