Tuesday, May 30, 2023

गंँगा के घाट पर मैडल बहाने गईं देश की बेटियां......?

 


अब्दुल क़ादिर मुलतानी,

गंगा के घाट पर अपने मेडल बहाने के लिए बैठी हिंदुस्तान की सबसे होनहार बेटियाँ - आँखों में आँसू और टूटे सपने लिए - वो इस देश की मृत आत्मा से कह रही हैं “इस देश में हमारा कुछ नहीं बचा”


एक मुर्दा समाज, सड़ा हुआ तंत्र और बेहया सरकार - ने आज इस देश की लड़कियों के साथ वो गुनाह किया है जिसको इतिहास कभी माफ़ नहीं करेगा.


आने वाला वक़्त अपराध और पाप की इस सियाह कहानी के बारे में यह ज़रूर पूछेगा - कि जब देश की बेटियों के ऊपर यह अत्याचार हो रहा था तब आपने क्या किया? क्या कहा? क्यों चुप रहे? क्योंकि जो आज चुप हैं वो ज़िंदा लाशें हैं.


इस देश के लिए गौरव और मान जीतने वाली बेटियाँ जो बड़े बड़ों को चारों खाने चित्त कर देती हैं - वो प्रधानमंत्री की चुप्पी और अपराधी के संरक्षण के आगे हार गयीं, सरकार की असंवेदनशीलता ने उनका हौसला तोड़ दिया, न्याय की उनकी आशा को धराशायी कर दिया.


जिन बेटियों को PM मोदी अपने घर की बुलाते थे - उनकी पुलिस ने उन्हीं बेटियों को मुजरिम बना कर केस दर्ज किया - वो पूरे दिन पहले पिटती रहीं, सड़कों पर घसीटी जाती रहीं, बूटों के नीचे रौंदी जाती रहीं - उनका सम्मान तहस नहस कर दिया, पीड़ित बेटियाँ पुलिस से छिपती छुपाती रहीं. 


और उनका आरोपी नई सदन में फोटो खिंचाता रहा - मानो उनके घाव को कुरेद कर कह रहा हो “देखी मेरी ताक़त, ख़ास हूँ, कोई छू नहीं सकता. बिलबिलाती रहो तुम लोग”.


तो अब इन बेटियों ने यह निर्णय लिया है कि वह अपना मेडल गंगा में बहा देंगी. वही गंगा जो हर पुण्य और पाप को अपने में समा लेती है - पुण्य इन बेटियों का, पाप बलात्कारी का और अन्याय मोदी सरकार का. 


लेकिन अति सर्वत्र वर्जयते - इतिहास और धर्म साक्षी है कि जब जब एक औरत को अपमानित किया जाएगा तब तब क़ीमत चुकानी पड़ी है. महाभारत में द्रौपदी को घसीटने की क़ीमत ना सिर्फ़ आँख पर पट्टी बांधे हुए राजा ने बल्कि उस सदी ने चुकायी थी. 


आज भी महिला की अस्मिता का मुद्दा है - आज भी आरोपी को संरक्षण है - आज भी राजा ने आँखों पर पट्टी बांधी हुई है और आज भी बेटियों को सड़कों पर रौंदा गया है. 


अंततोगत्वा तो न्याय होगा - यह प्रकृति का नियम है - लेकिन आज भक्ति में लिप्त हो कर कुछ लोग इन बेटियों को ही भला बुरा कह रहे हैं, इनके सम्मान, इनकी वतनपरस्ती पर सवाल उठा रहे हैं - साथी खिलाड़ी, बड़े नाम वाले लोग और मीडिया ने मौन धारण किया हुआ है.


याद रखना आज इन खिलाड़ियों के साथ हो रहे अत्याचार और इनकी बेबसी पर चुप रहने वालों जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनके भी अपराध


दुखद बहुत दुखद

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