Saturday, March 11, 2023

GST का डर ... और हम मुस्लिम क़ौम।


जी हाॅं तिजारतदां भाईयों / बहनों। किसी भी लीगल बिज़नस की पहचान होती है उसका जीएसटी रजिस्ट्रेशन। क्यूॅंकि अब कोरोना महामारी के लाॅकडाउन के बाद से  ओफलाईन बिज़नस लगभग ठप से हो गये हैं लेकिन ओनलाइन बिज़नस ने बहुत ऊंचाईयां छुई है और आने वाले वक़्त में ओनलाइन खरीद - फरोख्त अपने उरूज़ पर पहुॅंचेगी। लेकिन ओनलाइन खरीदी करने से कस्टमर को फ्राॅड होने का डर रहता है। और यह सही भी है कि फेसबुक /व्हाट्सएप और रेडीमेड छोटी-छोटी वेबसाइट से प्रोडक्ट्स खरीदने में कस्टमर के साथ फ्राॅड भी होते हैं। अपने रुपये की सुरक्षा के लिए कस्टमर प्रोडक्ट्स बेचने वाले सेलर का नाम, एड्रेस प्रुफ के लिए आधार कार्ड वगैरह मांगते हैं। वरना खरीददारी करने से हिचकिचाते हैं और बड़ी ईकामर्स वेबसाइट्स का रुख करते हैं। दूसरा पहलू यह भी है कि सेलर को अपना आधार कार्ड देने में डर लगता है क्यूंकि कस्टमर ही फ्राॅड निकला तो? आधार कार्ड में नाम पता जन्म दिनांक और मोबाइल नम्बर हासिल करने के बाद फेक / फ्राॅड कस्टमर भी हेकिंग के जरिये सेलर के अकाउंट को या किसी और तरीके से नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए आधार का लेन-देन कस्टमर और सेलर दोनों के लिए रिस्की है। 

अब आते हैं जीएटी के टाॅपिक पर। तो नये सेलर/वेंडर/कारोबार शुरुआत करने वाले भाईयों के दिमाग़ में ऐसा डर क्यूं रहता है कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवा लेंगे तो सरकार इंकम टैक्स का रेड करवा देगी? कुछ कारोबारी ये सोचकर रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते कि एक साल के 40 लाख का लेन-देन तो बिजनस में होता नहीं फिर क्यूं जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाऐं? कुछ ये सोचकर रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते कि कौन हर महीने 500/- रुपये का फालतू CA पर खर्च करे? और कुछ तो रजिस्ट्रेशन करवाकर जीएसटी फाईल ही नहीं करते। ये ग़लतियां ही हम मुस्लिम कारोबारियों को ट्रस्टेड और सक्सेज होने से रोकती है। 

ये सच है कि अगर आपके कारोबार में लोकल स्टेट में एक साल का लेन-देन 40 लाख का नहीं हो तो जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जरुरत नहीं पड़ती। लेकिन ?

लेकिन जीएसटी रजिस्ट्रेशन हो तो आपको शाॅप ओपन करने की जरुरत ही नहीं। शाॅप का 3-4 हजार रु महिने का किराया भुगतने से बच सकते हैं। आप किसी भी ईकामर्स वेबसाइट पर अपने घर से ही प्रोडक्ट्स बेच सकते हैं। आप कस्टमर को जीएसटी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट बताकर कह सकते हैं कि हम बिज़नस के रजिस्टर्ड इज्जतदार खानदान से हैं। सरकार/CA को हर महीने 500/- रुपये (NiL) जीएसटी जमा करवा कर व्यापार जगत में अपनी साख /GoodWill / लीगल इज्जत बना सकते हैं। 

इसलिए मेरे भाईयों और बहनों। अगर आपने ठान ही लिया कि आपको तिजारत करनी है तो जीएसटी रजिस्ट्रेशन जरूर करवाएं और हर महीने GST File जरुर करवाऐं। चाहे आपका बिज़नस छोटा सा ही हो। क्यूंकि यही रेगुलर जीएसटी फाइलिंग आपके बिजनस को ट्रस्टेड बनाती है।

ये GST का जो डर है उसे दिल और दिमाग़ से खत्म करें। शुरु में 1000/- रु. में जीएसटी रजिस्ट्रेशन हो जाता है और हर महीने 500/- रु. में GST NiL File हो हो जाता है। यह समझिए कि आप 500/- रुपये महीना खर्च करके अपने कस्टमर्स का यकीन खरीद रहे हैं। आप अपनी लीगल इज्जत और पहचान खरीद रहे हैं। इसलिए सोच बदलिए। अपने आप को बदलिये और ट्रस्टेड सेलर बनिये। शुक्रिया।

@MULTANI SAMAJ News 

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