आपके पास कुरान ए मजीद है तो फिर आप क्यों किसी के चक्कर में पड़े हो कि जकात किस को दें या नहीं दें!
*कुरान शरीफ ,सुरह न - 9 ,सुरह तौबा आयत न. 60 तर्जुमा सहित तफ्शीर पढ़ें*
इस आयत में जो आठ मद बताएं गए हैं उन्हें अपनी जकात अदा करें!
*1 - फकीर/बहुत गरीब*
फकीर उस शख्स को कहा जाता है जिसके पास अपनी बुनियादी जरूरते पूरा करने का इंतजाम न हो जो कोई कोई काम करने लायक न सकता हो या ऐसा शख्स जो बहुत कम कमाता हो व उससे उसकी बुनयादी जरूरते पूरी न हो पा रही हों व इसके लिए मदद मांगे लेकिन जिस्मानी तौर पर तंदरुस्त पर काम न करने वाले पेशेवर मांगने वाले इस मद मे नहीं आते
*2- मिसकीन*
ऐसा शख्स जो मांगता न हो या अपनी ज़रूरत किसी को बताता न हो व मेहनत मजदूरी करने के बाद भी परिवार कि बुनियादी जरूरते पूरी न कर पाये तो ऐसा शख्स ज़कात का हकदार है ऐसे लोग चूंकि मांगते नहीं इसलिए इनकी तलाश करके इन्हे ज़कात दी जानी चाहिए बुनियादी जरूरतों का मतलब सिर्फ खाने से नहीं है अगर किसी के पास बच्चे को पढ़ाने के पैसे का इंतजाम न हो तो भी आप अपनी ज़कात उसे दे सकते हैं
*3- ज़कात जमा करने वाले*
ज़कात चुकी इज्तिमाई अमल है व इसके लिए बेतुलमाल का निज़ाम है तो जो शख्स बेतुलमाल के लिए ज़कात जमा करता है वह ज़कात का हकदार है लेकिन कमीशन पर या शर्तो पर ज़कात जमा करना गलत है
*4- गैर मुस्लिम को जो इस्लाम में दाखिल हो*
*5- गर्दन छुड़ाने के लिए - बेगुनाह जो जेलों में कैद है*
जेल मे कैद बेकसूर शख्स को छुड़ाने के लिए भी ज़कात का इस्तेमाल किया जा सकता है
*6- कर्जदार को*
अगर किसी शख्स ने कर्ज़ लिया है व वह उस कर्ज़ को चुका न पा रहा हो तो आप उसे कर्ज़ चुकाने के लिए ज़कात दे सकते हैं
*7- फी-सबिलिल्लाह/ अल्लाह के रास्ते मे*
अल्लाह के रास्ते मे भी आप ज़कात का पैसा दे सकते हैं
*8- मुसाफिर को*
अगर कोई शख्स सफर मे हैं ओर उसके पास किसी भी वजह से वापस जाने का इंतजाम न हो तो आप उस शख्स को ज़कात दे सकते हैं।
#multani_samaj
8010884848
7599250450
No comments:
Post a Comment