Tuesday, December 2, 2025

🌙 हाजी शब्बीर (कबाड़ी) साहब के इंतकाल की गमगीन ख़बर — “मुल्तानी समाज” की खास रिपोर्ट

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन।

आज बुध — 03 दिसंबर 2025 को मुल्तानी बिरादरी के लिए बेहद अफ़सोस की खबर सामने आई है।
हाजी शब्बीर (कबाड़ी), निवासी नदीम कॉलोनी, सहारनपुर (उ.प्र.), जो भाई अब्दुल मलिक, मोहल्ला लोहारन (बेहट) के ससुर थे — आज इस दुनिया-ए-फ़ानी से रुख़्सत कर गए।

आप अपनी नेकदिली, मिलनसार तबीयत और खुश-खुलूस मिज़ाज की वजह से बिरादरी में खास पहचान रखते थे। आपके इंतकाल ने पूरी कौम को ग़मज़दा कर दिया है।


🕌 नमाज़-ए-जनाज़ा

मरहूम की नमाज़-ए-जनाज़ा ज़ोहर की नमाज़ के बाद, ठीक 1:00 बजे अदा की जाएगी।
तमाम अहले-ईमान से दरख़्वास्त है कि अधिक से अधिक तादाद में शरीक होकर दुआ-ए-मग़फ़िरत करें।


📞 राब्ता व मालूमात

मय्यत के बारे में तफ़सीलात जानने के लिए संपर्क करें:
मिर्ज़ा अबरार साहब (नेता जी)
📞 9719831623


📌 एक ज़रूरी ऐलान — इंतकाल की खबर भेजते समय इन बातों का ख़ास ख्याल रखें

अक्सर ऐसा देखा गया है कि अधूरी या देर से पहुंचने वाली खबर की वजह से लोग जनाज़े में शामिल नहीं हो पाते। इस समस्या को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करता है कि खबर भेजते वक़्त ये बातें ज़रूर शामिल हों:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम व वल्दियत/शौहर का नाम

2️⃣ पूरा पता — मूल निवास और वर्तमान पता

3️⃣ दफन का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम

4️⃣ घर के जिम्मेदार 1–2 शख्स के मोबाइल नंबर

5️⃣ अगर मरहूम मर्द हैं → फोटो ज़रूर भेजें

6️⃣ इंतकाल की वजह — (अगर बताना मुनासिब हो)

7️⃣ अहल-ए-ख़ाना — भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह

इन बातों के शामिल होने से खबर मुकम्मल बनती है और बिरादरी तक सही-सही जानकारी पहुँचती है।


📰 डिस्क्लेमर (Disclaimer)

पत्रिका में प्रकाशित किसी भी लेख, खबर, संपादकीय, टिप्पणी, प्रेस विज्ञप्ति या विज्ञापन की पूरी ज़िम्मेदारी लेखक/संवाददाता/विज्ञापनदाता की होगी।
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प्रकाशित सामग्री की सत्यता व दावों की ज़िम्मेदारी लेखक की होगी।
पत्रिका व प्रबंधन किसी भी कानूनी, सामाजिक या वित्तीय दायित्व से पूर्णतः मुक्त रहेंगे।

किसी विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र (Jurisdiction) — केवल दिल्ली रहेगा।


📰 “मुल्तानी समाज” — बिरादरी की एकमात्र राष्ट्रीय पत्रिका

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पंजीकृत,
दिल्ली से प्रकाशित,
मुल्तानी लोहार एवं बढ़ई बिरादरी की एकमात्र राष्ट्रीय पत्रिका —

“मुल्तानी समाज”

✍️ खास रिपोर्ट

ज़मीर आलम

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🌷 इत्तिला-ए-निकाह : स्वालेहा नूर बरकातिया व ज़हुरुल मुस्तफ़ा के मुबारक मिलन की तहरीर 🌷

بسم اللہ الرحمن الرحیم

भीलवाड़ा की सरज़मीन से एक निहायत रूहानी, पुरअदब और मोहब्बत भरी खुशखबरी तमाम बिरादराने अहले मुल्तानी की खिदमत में पेश है।

अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाही व बरकातुहु

अल्लाह तआला के फज़्लो करम, हुज़ूर ए अकरम ﷺ के सदक़े, पंजतन पाक, गौस-ए-आज़म, ख़्वाजा गरीब नवाज़ और तमाम औलिया किराम की रहमतों के तुफ़ैल, बड़ी खुशी और इज़्ज़त के साथ यह तहरीर इलान की जाती है कि हमारे छोटे भाई अब्दुल सईद साहब की पोती, मरहूम ईस्माइल साहब भट्टी टाल वाले (नीमच) की नातीन स्वालेहा नूर बरकातिया का निकाह आपसी रजामंदी से मुक़र्रर कर दिया गया है।

यह मुबारक निकाह बिरादरी की सनअती रिवायतों और मुल्तानी तहज़ीब के मुताबिक़, हस्बे ज़ेल प्रोग्राम के तहत अंजाम पाएगा।


🌸 नेक दुखतर

स्वालेहा नूर बरकातिया
बिन्ते — अब्दुल सईद भट्टी टाल वाले
नातीन — मरहूम मोहम्मद ईस्माइल (भट्टी टाल वाले), नीमच


🌸 नेक फरजंद

ज़हुरुल मुस्तफ़ा
इब्ने — जनाब हाजी मोहम्मद सलीम साहब मक्कड (समेती वाले)
पोते — मरहूम मोहम्मद हुसैन साहब मक्कड (समेती वाले), उदयपुर


🌷 निकाह का दिन व मुकाम

📅 12 जमादिल आखिर 1447 हिजरी
📅 4 दिसंबर 2025 — बरोज़ जुमेरात
सुबह 11:30 बजे
📍 अब्दुल कलाम कम्युनिटी हॉल, शास्त्री नगर, भीलवाड़ा


🌹 मुअदबाना गुज़ारिश

तमाम अहले मुल्तानी बिरादरी से पुरख़ुलूस इल्तिज़ा है कि इस तकरीब-ए-निकाह में शिरकत फरमाएँ,
जश्न-ए-शादी की रौनक बढ़ाएँ
और दुल्हा-दुल्हन को अपनी दुआओं, रहमतों और मोहब्बत से नवाज़ें।


🕊️ मरहूमीन को ख़िराज-ए-अक़ीदत

इस खुशी के मौके पर हम अपने उन तमाम मरहूमीन को भी याद करते हैं जिनकी दुआएं आज भी हमारी राहों की रौशनियाँ हैं:

मरहूम अब्दुल रहमान, हाजी अब्दुल रहीम बक्स, हाजी मोहम्मद दाऊद, मोहम्मद सुलेमान, मोहम्मद इब्राहिम, मोहम्मद हसन, मोहम्मद ईस्माइल, हाजी शमशुद्दीन, हाजी कमरुद्दीन, अब्दुल हमीद, अब्दुल गनी, मोहम्मद शफी (भट्टी टाल वाले, नीमच), मोहम्मद हुसैन, साबिर हुसैन, अब्दुल रहमान, नुसरत हुसैन, मोहम्मद वसीम… वग़ैरह।


🌿 अद्दाईयान

हाजी अब्दुल रशीद, मोहम्मद सादिक, हाजी मोहम्मद उस्मान, हाजी मोहम्मद हनीफ, अब्दुल रऊफ, अब्दुल मजीद, मोहम्मद उमर, मोहम्मद अय्यूब, अब्दुल गफूर (शाकाल), अब्दुल सलाम, हाजी अब्दुल सत्तार, अब्दुल सईद, मोहम्मद रफीक, मोहम्मद फारूक, अब्दुल जब्बार, अब्दुल शकूर, मोहम्मद सलीम, मोहम्मद फिरोज, हाजी जुल्फिकार हुसैन, मोहम्मद अशरफ (बाबू)


🌿 अल-मुकलिल्फ़ीन

हाजी अब्दुल गफूर, हाजी मेहमूद हसन, अनवर हुसैन, मुनव्वर हुसैन, ग़ुलाम हुसैन, जाकिर हुसैन, ऊबेदुर रहमान, मुज़फ्फर हुसैन, मक़बूल हुसैन, मुज़फ्फर हुसैन, शौकत अली, ग़ुलाम मुस्तफ़ा, मोहम्मद इलियास, मोहम्मद अबरार, मोहम्मद अख़लाक, अब्दुल राजिक, मोहम्मद असरार, सरफ़राज अहमद, मोहम्मद शाहरुख, मोहम्मद अली (अलवीर), मोहम्मद सोहेल, मोहम्मद शहज़ाद, मोहम्मद अली, मोहम्मद आमिर, मोहम्मद जुनैद, मुसद्दीक अदनान, मोहम्मद उमैर, मोहम्मद अनस


🌿 चश्मे-बराह

अज़हर हुसैन, मोहम्मद जैद, मक़सूद आलम अमान, मोहम्मद रेहान, मोहम्मद फरहान, मोहम्मद फ़ैज़ान, मोहम्मद अलफेज, मोहम्मद आमिश, ऊमैद रज़ा, हसनैन हैदर, मोहम्मद हाशिम, अबूबकर


🌹 जवाई जी व नवासे

जवाई जी — मोहम्मद शाहरुख साहब मक्कड (समेती वाले)
नवासे — मोहम्मद हसन मक्कड, मोहम्मद हम्माद मक्कड


💖 नन्हीं इल्तिज़ा

“हमारी भुआ की शादी में ज़रूर ज़रूर आना…”
जीनत फ़ातिमा, हसनैन हैदर, मोहम्मद हाशिम


📍 पता

जीनत-हसनैन आशियाना,
गली नंबर 2, गुलज़ार नगर,
भीलवाड़ा (राजस्थान)

📞 अब्दुल सईद (नीमच वाले) – 9407450786
📞 मोहम्मद अख़लाक (नीमच वाले) – 9407450666


🕌 अख़्तिताम

यह निकाह दो दिलों को जोड़ने का मुबारक सफ़र ही नहीं,
बल्कि दो खानदानों, दो शहरों और पूरी मुल्तानी बिरादरी के बीच मोहब्बत, एकता और रूहानी रिश्ता मजबूत करने की एक खूबसूरत मिसाल भी है।
अल्लाह तआला इस बंधन को सलामत, मुबारक और बरकतों से भरपूर रखे — आमीन।


✍️ ज़मीर आलम की ख़ास रिपोर्ट

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मुल्तानी लोहार–बढ़ई बिरादरी को समर्पित
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नए मतदाताओं के लिए सुनहरा मौका — लोकतंत्र में आपकी पहली दस्तक


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देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित,
पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार–बढ़ई बिरादरी को समर्पित
देश की एकमात्र पत्रिका “मुल्तानी समाज” के लिए
ज़मीर आलम की ख़ास रिपोर्ट


लोकतंत्र की असली रौनक तब नज़र आती है जब युवा पहली बार वोट डालने के लिए आगे बढ़ते हैं। नए मतदाताओं के लिए यह सिर्फ़ एक फ़ॉर्म भरने का काम नहीं, बल्कि देश की तक़दीर लिखने की पहली क़दमगाह है।

आज देशभर में पहली बार वोटर बनने वाले नौजवानों को यह संदेश दिया जा रहा है कि वे न सिर्फ़ अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करें, बल्कि अपने अधिकार को समझें, अपनाएं और गर्व के साथ लोकतंत्र की इस महान प्रक्रिया में शामिल हों।

नया मतदाता फ़ॉर्म: क्या है ज़रूरी?

नए वोटरों को निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित फ़ॉर्म भरकर अपना पंजीकरण कराना होता है। इसमें

  • बुनियादी व्यक्तिगत जानकारी
  • निवास प्रमाण
  • आयु संबंधी सत्यापन
  • और संपर्क विवरण शामिल होते हैं।

युवाओं को सलाह दी जाती है कि वे सही दस्तावेज़ों के साथ यह प्रक्रिया समय रहते पूरी करें ताकि उनका नाम आगामी चुनाव से पहले मतदाता सूची में दर्ज हो सके।

क्यों अहम है युवा की भागीदारी?

क्योंकि लोकतंत्र तब सबसे ज़्यादा मजबूत होता है जब उसके युवा

  • जागरूक हों,
  • ज़िम्मेदार हों,
  • और अपनी आवाज़ का इस्तेमाल करना जानते हों।

पहली बार वोट डालना केवल मतदान नहीं—यह भविष्य गढ़ने का मौक़ा है।


“मुल्तानी समाज” की अपील

हमारी मुल्तानी बिरादरी का हर नौजवान आगे आए, अपनी पहचान दर्ज करे और वोट डालकर देश की तरक़्क़ी में अपना हिस्सा डाले। यही वक़्त है दिखाने का कि हमारी बिरादरी न सिर्फ़ मेहनतकश और हुनरमंद है, बल्कि जागरूक और ज़िम्मेदार भी है।


संपर्क एवं जानकारी

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साजिद वल्द हाजी कालू बावली वाले का अचानक इंतकाल — मुल्तानी समाज में गम की लहर

खास रिपोर्ट: अलीहसन मुल्तानी

मुस्लिम मुल्तानी लोहार–बढ़ई बिरादरी आज गहरे रंज व ग़म में डूबी हुई है।
साजिद वल्द हाजी कालू बावली वाले, उम्र लगभग 53 वर्ष, हाल मुक़ीम दिल्ली–सहारनपुर रोड, कटियार अस्पताल के सामने, बड़ौत (जिला बागपत, उप्र) का 2 दिसंबर 2025, शाम करीब 6 बजे दिल का दौरा पड़ने से इंतकाल हो गया।

इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैहि राजिऊन।

परिवार का हाल

हाजी कालू बावली वालों के पाँच बेटे—
मुहम्मद अय्यूब, मुहम्मद उमर, मुहम्मद यूनुस, मुहम्मद अनवर और साजिद,
और इनमें मरहूम साजिद सबसे छोटे थे।

अभी कुछ ही दिन पहले उन्होंने अपनी बेटी की शादी बागपत के हाजी कासिम बाग्घू वाले खानदान के पोते, गुड़गाँव में रहने वाले खालिद के बेटे से की थी।
अब बेटा अरमान और पूरा घराना गम से टूट चुका है।

अल्लाह सबको सब्र-ए-कामिल अता करे।
आमीन।

दफन का वक़्त व जगह

मरहूम का जनाज़ा
3 दिसंबर 2025, बुधवार, सुबह 10:30 बजे
बड़ौत के छपरौली चुंगी / चौराहे के पास स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा।

अल्लाह मरहूम की मग़फिरत फ़रमाए।
आमीन।


⬛ दूसरी खबर — इमरान पुत्र गुलाब (गोहाना) की अहलिया का इंतकाल

मुल्तानी बिरादरी को एक और गहरा सदमा—

इमरान पुत्र गुलाब, गोहाना, की अहलिया का आज बीती रात 2:30 बजे इंतकाल हो गया।
अल्लाह मरहूमा को जन्नतुल फ़िरदौस में बुलंद मुक़ाम अता करे और घरवालों को सब्र-ए-जमील दे।
आमीन।

मय्यत को बाद नमाज़ जोहर किया गया सपुर्दे ख़ाक 


इन मोबाईल नंबरों पर कॉल करके मरहूम के बारे में और ज्यादा मालूमात की जा सकती है।

📞 9997129924
📞 9411675600
📞 9058647438


मुल्तानी समाज — बिरादरी की आवाज़

खास रिपोर्ट: अलीहसन मुल्तानी
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Monday, December 1, 2025

✨ मिर्जा मुल्तानी लोहार बिरादरी ने 30 नवंबर को लिखी कामयाबी की नई इबारत ✨

30 नवंबर 2025…

यकीन मानिए, यह दिन मिर्जा मुल्तानी लोहार बिरादरी के लिए किसी इतिहास से कम नहीं रहा। कामयाबी, एकजुटता और तालीम के जज़्बे से भरा हुआ—दो अलग-अलग जगहों पर हुए दो शानदार कार्यक्रमों ने समाज की सकारात्मक पहचान में एक और सुनहरा पन्ना जोड़ दिया।


📍 यूनिक इंटर कॉलेज में “टीम एजुकेशन” का शानदार प्रोग्राम

दोपहर तक यूनिक इंटर कॉलेज में इदरीसी समाज की “टीम एजुकेशन” द्वारा बच्चों के सामान्य ज्ञान कार्यक्रम में हमारी बिरादरी की भी सक्रिय और बेहतरीन मौजूदगी रही।
यह सिर्फ़ एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि उन बच्चों की तालीमी उड़ान को आगे बढ़ाने का एक खूबसूरत कदम था, जिनके सपने अभी पंख मांग रहे हैं।


📍 गढ़ी दौलत (कैराना) में GK टेस्ट — बच्चों का आत्मविश्वास आसमान पर

दोपहर के बाद कैराना, जिला शामली के गांव गढ़ी दौलत में बच्चों का सामान्य ज्ञान टेस्ट बेहद सफल रहा।
मदरसा बदरुल इस्लाम के सहयोग से न सिर्फ़ टेस्ट कराया गया, बल्कि बच्चों की हौसला-अफ़ज़ाई करते हुए उन्हें सर्टिफिकेट और इनामी राशि भी दी गई।
चेहरों पर चमक और दिलों में खुशियाँ… यही असली इनाम था।


👥 बिरादरी की मजबूत नुमाइंदगी

इस पूरे कार्यक्रम में कई जिम्मेदार और सम्मानित लोगों ने अपनी मौजूदगी से समाज का सर फ़ख़्र से ऊँचा कर दिया।
इनमें शामिल रहे—
सनव्वर खान साहब, गफ्फार साहब, अय्यूब साहब, हाजी नजीर साहब, हाजी अब्दुल हमीद साहब, हाजी नौशाद साहब, हाजी इस्लाम साहब, भाई सलीम साहब, मिर्जा आबिद अली एडवोकेट साहब, हाजी जाकिर साहब, और अन्य सम्मानित साथी।

मदरसा बदरुल इस्लाम के मोहतमिम जनाब मौलाना आकिल साहब और उनकी पूरी टीम इस मुहिम में बराबर साथ खड़ी रही।


🌱 समाज, तालीम और तर्जुमा-ए-वक़्त

तालीम वह ताक़त है, जो समाज को आगे ले जाती है—और 30 नवंबर का यह दिन इस बात की गवाही देता है कि मिर्जा मुल्तानी लोहार बिरादरी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर कितनी संजीदा और संगठित है।
ऐसे कार्यक्रम आने वाली पीढ़ियों के लिए उम्मीद की नई रोशनी लेकर आते हैं।


✍️ "मुल्तानी समाज" पत्रिका के लिए ज़मीर आलम की ख़ास रिपोर्ट

(सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पंजीकृत—दिल्ली से प्रकाशित, मुल्तानी लोहार और बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका)

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Sunday, November 30, 2025

रहमतुल्लाह अलैह — शफी साहब की आख़िरी सफ़र की इत्तिला

आज दिन इतवार, 30 नवंबर 2025 को मगरिब के वक़्त मुल्तानी बिरादरी के मोक़द्दस बुज़ुर्ग जनाब शफी साहब (उम्र 70 वर्ष) वल्द जनाब मोजू साहब, निवासी ग्राम टयोढी, जिला बागपत (उ.प्र.), क़ज़ा-ए-इलाही से इस फानी दुनिया से हमेशा के लिए रुख़्सत हो गए।

मरहूम अपने पीछे अपनी अहलिया, दो फरज़ंद—जनाब मोहम्मद इरफान साहब और जनाब हाजी शकील साहब—सहित पूरे खानदान, अज़ीज़ो-अक़ारिब और बिरादरी को ग़मगीन छोड़कर अपने रब के हुक्म पर हाज़िर हो गए।

दुआ है कि अल्लाह तआला मरहूम की मग़फिरत फरमाए, उनकी मंज़िल-ए-आख़िर को आसान करे और उनके घराने को सब्र-ए-जमील अता फरमाए। आमीन।


दफन का ऐलान

मरहूम की मय्यत को कल, सोमवार 1 दिसंबर 2025 की सुबह 9 बजे सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा।
तमाम अहबाब, अज़ीज़ो-अक़ारिब और बिरादरी से गुज़ारिश है कि जनाज़े में शिरकत कर सवाब-ए-दारेन हासिल करें।


रابطा (Contact)

मय्यत से संबंधित तमाम मालूमात के लिए राबिता करें:
📞 जनाब जावेद साहब – 9350005425
📞 हाजी शकील साहब – 8445807565


एक ज़रूरी ऐलान — इंतकाल की खबर भेजने के लिए अहम् हिदायतें

अक्सर ऐसा देखा जाता है कि किसी अपने की इंतकाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुँचती है या अधूरी रहती है, जिसकी वजह से लोग जनाज़े तक नहीं पहुँच पाते।
इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि इंतकाल की खबर भेजते वक़्त इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम और वल्दियत/शौहर का नाम
2️⃣ मुकम्मल पता (असली और मौजूदा)
3️⃣ दफन का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स के 1–2 फ़ोन नंबर
5️⃣ अगर मरहूम मर्द हैं तो उनकी तस्वीर
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)
7️⃣ बाकी अहल-ए-ख़ाना—मां-बाप, भाई-बहन, औलाद वगैरह

इन तमाम जानकारियों की मौजूदगी से खबर मुकम्मल, साफ़ और भरोसेमंद बनती है, जिससे बिरादरी के लोगों के लिए आसानी होती है।


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मुल्तानी समाज — एक खिदमत, एक मिशन

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Saturday, November 29, 2025

सच लिखने की सज़ा—मुझे चुप कराने के लिए धमकियों का सिलसिला जारी…

https://youtu.be/0USOXT_oBDs?si=tiNhUsALYuXKZMse

(एक पत्रकार की ख़ामोशियों के पीछे छिपी कड़वी हक़ीक़त)


कभी–कभी कलम उठाना आसान होता है, लेकिन उसे सच के साथ चलाना बेहद मुश्किल। आज मैं, ज़मीर आलम, उसी कड़वी सच्चाई का सामना कर रहा हूँ—जहाँ अपने ही बिरादरी के चंद लोग, जो खुद को खिदमतगार कहते हैं, मेरे सच से इतने बौखला गए कि अब वे मुझे धमकियों के सहारे चुप कराना चाहते हैं।

मुझे लगातार यह धमकी दी जा रही है कि “या तो चैन से पत्रकारिता छोड़ दो, वरना हम तुम्हें चैन से बैठने नहीं देंगे।”
सबसे अफ़सोस की बात यह है कि यह सब किसी गैर ने नहीं बल्कि हमारी ही बिरादरी की एक तंजीम के कुछ शोहदेदारों ने पूरी चालाकी और होशियारी के साथ किया।


📌 मामला शुरू कहाँ से हुआ?

कुछ दिन पहले, हमारे चैनल पर एक शादी का वीडियो—जो खुद बिरादरी के लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल किया था—समाचार के रूप में चलाया गया।
शीर्षक था:
“अब बिरादरी की शादियों में खिदमतगार नहीं, कैमरा और कुर्सी तलाशते ओहदेदार नज़र आते हैं।”

सच्चाई कड़वी थी—इसलिए चुभ गई।
यही वो चिंगारी थी, जिसके बाद मेरे ख़िलाफ़ एक सुनियोजित साज़िश शुरू कर दी गई।


⚠️ दबंग, बाहुबली और साहूकार हाजी जी का इस्तेमाल

इन्हीं शोहदेदारों ने मुज़फ्फरनगर के एक दबंग और बाहुबली हाजी जी को भड़का कर मेरे पीछे लगा दिया।
उनकी धमकी भरी ऑडियो में बार-बार मुझे टॉर्चर किया गया—
“तुमने मेरी शादी की वीडियो ख़बर में क्यों चलाई?”

जबकि मैं इस शादी में मौजूद तक नहीं था।
वीडियो तो उन्हीं शोहदेदारों ने बनाई, उन्हीं ने वायरल की, और उनकी आवाजें आज भी वीडियो में साफ़ सुनाई देती हैं।

जब वीडियो वायरल हुई, तब किसी दबंग हाजी जी को आपत्ति नहीं हुई।
आपत्ति तब हुई जब सच्चाई ख़बर बनकर सामने आई।


❗बार–बार सवाल, धमकियां और उकसावे

अब हालात यह हैं कि रोज़ाना धमकी भरी ऑडियो, वाट्सऐप कॉल और छींटाकशी की जाती है—
“16 गरीब लड़कियों की शादी कहाँ कराई? बच्चों के एडमिशन कहाँ कराए? सबूत दो!”

मैं पूछता हूँ—
क्या मैंने कभी किसी मंच, प्रेस नोट, पोस्ट या बयान में कहा कि मैंने ऐसा किया?
क्या किसी को इससे पहले कभी ऐसा दावा सुनाई दिया?

सवाल उन लोगों से होना चाहिए जिन्होंने वीडियो वायरल की…
लेकिन निशाना मैं हूँ—क्योंकि मैंने सच बोलने की हिम्मत की।


🙏 मेरी अपील (ग़म और अदब के साथ)

मेरी किसी से दुश्मनी नहीं।
ना ही मैं किसी के घर, शादी या इज़्ज़त को निशाना बनाता हूँ।

लेकिन मैं झूठ, ड्रामा, राजनीति और बिरादरी को बपौती समझने वाली मानसिकता के आगे झुकने वाला भी नहीं।

मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ—
मुझे धमकियाँ देना बंद करें।
यदि मानसिक दबाव, डिजिटल टॉर्चर और उकसावे का सिलसिला जारी रहा…
तो मुझे मजबूरन कानूनी कदम उठाने पड़ेंगे।


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✍️ “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए

मुज़फ्फरनगर, उत्तर प्रदेश से
नवेद मिर्ज़ा की ख़ास रिपोर्ट

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