Thursday, November 6, 2025

🕌 लखनऊ जोन पुलिस मुख्यालय की सख्ती — तबलीगी जमातों की हर गतिविधि पर रहेगी पैनी नज़र

✍️ विशेष रिपोर्ट: ज़मीर आलम
"मुल्तानी समाज" — देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित, मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी को समर्पित राष्ट्रीय पत्रिका।
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लखनऊ, 31 अक्टूबर 2025 —

लखनऊ ज़ोन के अपर पुलिस महानिदेशक कार्यालय से जारी एक महत्वपूर्ण आदेश के तहत, अब प्रदेश के सभी जिलों में आने-जाने वाली तबलीगी जमातों की हर गतिविधि पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। आदेश में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि हर ज़िला पुलिस प्रमुख (Senior Superintendent of Police / Superintendent of Police) प्रतिदिन सुबह 8 बजे तक अपने जिले में आने वाली तथा जिले से बाहर जाने वाली तबलीगी जमातों का पूरा विवरण लखनऊ जोन कार्यालय को प्रेषित करें।


📋 आदेश का सारांश:

अपर पुलिस महानिदेशक, लखनऊ ज़ोन की ओर से जारी इस पत्र (संख्या: एल.जे.-वाचक-866/2025, दिनांक 31.10.2025) में लिखा गया है कि—

“लखनऊ महानगर के साथ-साथ पूरे जोन में आने-जाने वाली तबलीगी जमातों का विवरण रोज़ाना प्राप्त किया जाए। प्रत्येक जिला प्रभारी यह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्र में ठहरने वाली तथा अन्य जिलों/राज्यों की ओर प्रस्थान करने वाली सभी जमातों की सूचना समय से उपलब्ध कराई जाए।”


📑 रिपोर्ट में मांगी गई जानकारी में शामिल बिंदु:

हर जिले से प्रतिदिन दो तरह की सूचनाएँ मांगी गई हैं —

  1. जिले में आने वाली तबलीगी जमात का विवरण:

    • आगमन की तारीख
    • किस जिले/राज्य से आई
    • कुल सदस्यों की संख्या
    • प्रस्थान की तारीख
    • वापस जाने वाले सदस्यों की संख्या
  2. जिले से बाहर जाने वाली तबलीगी जमात का विवरण:

    • प्रस्थान की तारीख
    • गंतव्य जिला या राज्य
    • कुल सदस्यों की संख्या
    • आगमन की संभावित तारीख
    • वापसी के सदस्यों की संख्या

👮‍♂️ पुलिस प्रशासन की मंशा:

इस निर्देश का उद्देश्य सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी बाहरी जमात की गतिविधि पर समय रहते निगरानी रखी जा सके, ताकि प्रदेश में शांति, कानून-व्यवस्था और साम्प्रदायिक सौहार्द प्रभावित न हो।

स्टाफ ऑफीसर/पुलिस उपमहानिरीक्षक सुरेन्द्र नाथ यादव द्वारा हस्ताक्षरित इस आदेश की प्रति पुलिस महानिरीक्षक, अयोध्या परिक्षेत्र को भी भेजी गई है ताकि एकीकृत निगरानी प्रणाली लागू की जा सके।


🕋 धार्मिक स्वतंत्रता बनाम सुरक्षा व्यवस्था:

भारत में तबलीगी जमात एक धार्मिक प्रचारक संगठन है, जो दुनियाभर में इस्लामी शिक्षाओं और नैतिक जीवनशैली को फैलाने के लिए काम करता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा कारणों और महामारी नियंत्रण जैसी स्थितियों में प्रशासन ने इनके आगमन-प्रस्थान पर नज़र रखना आवश्यक समझा है।


✨ मुल्तानी समाज की दृष्टि से:

मुस्लिम समाज में तबलीगी जमात को एक धार्मिक-आध्यात्मिक आंदोलन के रूप में सम्मान प्राप्त है, जो समाज में नमाज़, तालीम और नैतिकता के संदेश का प्रचार करता है।
हालांकि प्रशासनिक स्तर पर की जा रही यह निगरानी केवल सुरक्षा दृष्टिकोण से है, न कि धार्मिक प्रतिबंध के तौर पर।

"मुल्तानी समाज" पत्रिका यह अपील करती है कि सभी तबलीगी जिम्मेदार भाई प्रशासनिक निर्देशों का पूर्ण पालन करें और हर प्रकार से शांतिपूर्ण व अनुशासित तरीके से दीन की सेवाओं में लगे रहें।


🕊️ निष्कर्ष:

यह आदेश कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक प्रशासनिक कदम है। ऐसे में धार्मिक गतिविधियों में संलग्न सभी संगठनों और जमातों को भी इस सहयोगी व्यवस्था का हिस्सा बनकर "कानून के साथ, ईमान के साथ" आगे बढ़ना चाहिए।


रिपोर्ट: ज़मीर आलम
प्रधान संपादक – मुल्तानी समाज
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार से पंजीकृत राष्ट्रीय पत्रिका
📍 दिल्ली से प्रकाशित | 📞 8010884848 | 🌐 www.msctindia.com
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🌙 इंतेकाल की खबर — एक गमगीन ऐलान 🌙

“इन्ना लिल्लाहि वा इन्ना इलैहि राजिऊन”

अहले मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी को बड़े ही रंज व अफसोस के साथ यह इत़्तला दी जाती है कि मोहल्ला लुहारी सराय, क़स्बा नगीना, ज़िला बिजनौर (उत्तर प्रदेश) के मुक़ीम जनाब अशरफ मुल्तानी वल्द जनाब अरशद मुल्तानी (गंजी वाले) साहब का आज दिन जुमेरात, तारीख़ 06 नवंबर 2025 को कज़ा-ए-इलाही से इंतेकाल हो गया है।

मरहूम अशरफ मुल्तानी साहब बिरादरी के एक सादगीपसंद, नेकदिल और मिलनसार इंसान थे। उनकी ज़िंदगी की हर झलक में खिदमत-ए-ख़ल्क़, मोहब्बत और इंसानियत की ख़ुशबू महसूस होती थी। उन्होंने अपने अमल और अख़लाक़ से न सिर्फ़ अपने घराने बल्कि पूरी बिरादरी का नाम रौशन किया।

अल्लाह तआला मरहूम को जन्नतुल फ़िरदौस में आला मुक़ाम अता फ़रमाए,
उनकी कब्र को नूर से मुनव्वर फरमाए,
और तमाम अहल-ए-ख़ाना, अज़ीज़-ओ-अक़रिबा को सब्रे-जमील अता फ़रमाए।
आमीन सुम्मा आमीन।

📞 मय्यत के सिलसिले में तफ़सीलात के लिए:
जनाब इरशाद अहमद मुल्तानी (एडवोकेट) साहब से मोबाइल नंबर 9412326745 पर राब्ता क़ायम करें।


🕋 एक ज़रूरी ऐलान – “मुल्तानी समाज” की तरफ़ से

अक्सर यह देखा गया है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर देर से या अधूरी जानकारी के साथ बिरादरी तक पहुंचती है, जिससे लोग जनाज़े या ताज़ियत में शरीक नहीं हो पाते।
इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से दरख़्वास्त करती है कि जब भी किसी मरहूम या मरहूमा के इंतकाल की खबर भेजें, तो नीचे दी गई बातें ज़रूर शामिल करें👇

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम और वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता — कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे।
3️⃣ दफ़न का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख़्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है, तो मरहूम का साफ़-सुथरा फोटो शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम — जैसे माँ-बाप, बीवी-बच्चे, भाई-बहन आदि।

इन तमाम मालूमात से खबर मुकम्मल बनती है और बिरादरी को सही और वक़्त पर जानकारी मिलती है।


🌹 खास पैग़ाम-ए-ताज़ियत 🌹

“मुल्तानी समाज” की तमाम टीम, संपादक मंडल और बिरादरी के जिम्मेदारान
जनाब अशरफ मुल्तानी साहब के इंतकाल पर गहरी रंज-ओ-ग़म का इज़हार करते हैं।

हम सब मरहूम के लिए दुआगो हैं कि —
अल्लाह तआला उनकी तमाम नेकियों को कबूल फरमाए,
उनकी मग़फ़िरत करे,
उनके दर्ज़ात बुलंद करे,
और जन्नतुल फ़िरदौस में उन्हें महरूम न रखे।
उनके पीछे रह जाने वालों को सब्र, हिम्मत और तसल्ली अता करे।

वो इस दुनिया से रुख़सत तो हो गए, मगर उनकी यादें, उनकी मोहब्बत और उनके नेक अमल बिरादरी के दिलों में हमेशा ज़िंदा रहेंगे।
“हर रूह को मौत का मज़ा चखना है, मगर नेक रूहें कभी मिटती नहीं।”


🤲 दुआनामा (روح کے ایصال ثواب کے لئے دعا)

“ऐ अल्लाह!
हमारे भाई अशरफ मुल्तानी को अपनी रहमतों में जगह दे,
उनकी कब्र को जन्नत का बाग बना दे,
उनके गुनाहों को माफ़ कर दे,
और क़ियामत के दिन उन्हें नबी ﷺ की शफ़ाअत नसीब फरमा।
या रब! उनके घरवालों को सब्र-ए-जमील और अज्र-ए-अज़ीम अता कर,
और हमें भी मौत की हक़ीक़त को समझने और नेक अमल की तौफ़ीक़ दे।”
आमीन या रब्बल आलमीन।


📜 डिस्क्लेमर (Disclaimer):

पत्रिका में प्रकाशित किसी भी समाचार, लेख, संपादकीय, विचार, टिप्पणी, विज्ञापन या प्रेस विज्ञप्ति लेखक, संवाददाता या विज्ञापनदाता के स्वयं के विचार हैं।
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पत्रिका एवं प्रबंधन किसी भी कानूनी, सामाजिक या वित्तीय जिम्मेदारी से पूर्णतः मुक्त रहेंगे।

🕌 न्यायिक क्षेत्र (Jurisdiction): केवल दिल्ली रहेगा।


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खास रिपोर्ट: ज़मीर आलम
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Tuesday, November 4, 2025

🌙 इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैहि राजिऊन, जनाब हनीफ़ साहब गांव काठा (ज़िला बागपत) की अहलिया जनाबा अनीसा बी अब हमारे दरम्यान नहीं रहीं

निहायत अफ़सोस और ग़म के साथ अहले मुस्लिम मुल्तानी लोहार, बढ़ई बिरादराना हज़रात को यह इत्तला दी जाती है कि जनाब हनीफ़ साहब (गांव काठा, ज़िला बागपत, उत्तर प्रदेश) की अहलिया जनाबा अनीसा बी का दिन बुधवार, तारीख़ 05 नवंबर 2025 की रात तक़रीबन 2 बजे क़ज़ा-ए-इलाही से इंतेक़ाल हो गया।

मरहूमा का मायका गांव बुढ़पुर, ज़िला बागपत, उत्तर प्रदेश में है।
मय्यत को क़स्बा व तहसील बड़ौत, ज़िला बागपत में उनके मकान (20 फुटा रोड, मोहल्ला पठानकोट) से आज बाद नमाज़-ए-जुहर वक़्त 1:30 बजे हिरोज़ कॉलेज के सामने वाले कब्रिस्तान में सपुर्दे-ख़ाक किया जाएगा।

बिरादराना हज़रात से गुज़ारिश है कि मरहूमा के हक़ में दुआएं मग़फ़िरत फरमाएं —
अल्लाह तआला मरहूमा को जन्नतुल फिरदौस में आला मुक़ाम अता फरमाए, उनकी मग़फ़िरत करे, उनके दरजात बुलंद करे और उनके घरवालों को सब्र-ए-जमील अता फरमाए।
आमीन सुम्मा आमीन।


📞 ज़रूरी इत्तला:

मय्यत के सिलसिले में ज़्यादा मालूमात के लिए नीचे दिए गए नंबरों पर राब्ता किया जा सकता है:
📱 9582039359 / 7817012541


📢 एक अहम एलान बराए तमाम बिरादराना हज़रात:

अक्सर ऐसा होता है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर देर से पहुंचती है या अधूरी जानकारी के चलते लोग नमाज़-ए-जनाज़ा तक शामिल नहीं हो पाते।
इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम अहल-ए-बिरादरी से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें, तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम व वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ मुकम्मल पता (असली और मौजूदा दोनों)।
3️⃣ दफन का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स के एक-दो नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हो तो मरहूम का फोटो शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के अहल-ए-ख़ाना के नाम — भाई, बहन, माँ, बाप, औलाद वग़ैरह।

इन तमाम मालूमात के साथ खबर मुकम्मल और भरोसेमंद होगी ताकि बिरादरी के लोगों को सही जानकारी समय पर मिल सके।


📰 डिस्क्लेमर:

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किसी विवाद या शिकायत की स्थिति में न्याय क्षेत्र (Jurisdiction) केवल दिल्ली रहेगा।


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✍️ ज़मीर आलम की ख़ास रिपोर्ट

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Sunday, November 2, 2025

🕊️ इंतेकाल की ताज़ा खबर : मुल्तानी बिरादरी का एक अहम चिराग बुझ गया 🕊️

बड़े ही रंज व ग़म के साथ यह इत्तिला दी जाती है कि अहले मुस्लिम मुल्तानी लोहार, बढ़ई बिरादरी की नामचीन हस्ती जनाब यूसुफ साहब (उम्र लगभग 70 वर्ष) वल्द मरहूम मैनुद्दीन साहब, निवासी गांव सिक्का इदरीशपुर, तहसील बड़ौत, ज़िला बागपत (उत्तर प्रदेश) का क़ज़ा-ए-इलाही से इंतकाल बीती रात दिन इतवार, तारीख़ 2 नवंबर 2025 को हो गया।

إِنَّا لِلّهِ وَإِنَّا إِلَيْهِ رَاجِعُونَ
(“हम सब अल्लाह के हैं और हमें उसी की तरफ़ लौटकर जाना है।”)

अल्लाह तआला मरहूम की मग़फ़िरत फ़रमाए, उनकी कब्र को रोशन करे, और उनके दरजात को जन्नतुल फिरदौस में बुलंद मक़ाम अता फरमाए। साथ ही, अहल-ए-ख़ाना को सब्र-ए-जमील और हिम्मत बख़्शे — आमीन सुम्मा आमीन।

मरहूम यूसुफ साहब बिरादरी में अपनी ख़ास पहचान रखते थे। वह हमेशा बिरादरी के कामों में पेश-पेश रहते, कौमी एकता और भाईचारे के पुजारी थे। लोगों के बीच उनकी सादगी, मिलनसार मिज़ाज और ख़िदमतगारी के किस्से आज भी जुबान-ए-ख़ास व आम पर हैं। उनकी शख़्सियत ने जो मोहब्बत के रिश्ते कायम किए, वह आज भी दिलों में ज़िंदा रहेंगे।

मरहूम की मय्यत को आज दिन पीर, 3 नवंबर 2025 को सुबह 10 बजे, उनके आबाई क़स्बे गांव सिक्का इदरीशपुर में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा। तमाम बिरादराने इस्लाम से दरख़्वास्त है कि ज़्यादा से ज़्यादा तादाद में शिरकत करें और मरहूम के लिए दुआए मग़फ़िरत करें।

नोट :
मरहूम यूसुफ साहब के बारे में तफ़सीलात मालूम करने के लिए जनाब अली हसन साहब से राब्ता किया जा सकता है —
📞 मोबाइल नंबर : 9027475784


🕌 ज़रूरी ऐलान — इंतेकाल की खबर भेजने की अहम हिदायतें :

अक्सर यह देखा गया है कि किसी अज़ीज़ के इंतेकाल की खबर बिरादरी तक देर से या अधूरी पहुंचती है, जिससे बहुत से लोग जनाज़े या दफन तक नहीं पहुंच पाते।
इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि खबर भेजते वक्त इन बातों का ख़ास ख़्याल रखें :

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम और वल्दियत/शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता — कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रहते थे।
3️⃣ दफनाने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के ज़िम्मेदार अफ़राद (1–2) के मोबाइल नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतेकाल हुआ हो तो मरहूम की तस्वीर भी शामिल करें।
6️⃣ इंतेकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना — जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वग़ैरह।

इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के अफ़राद को सही वक़्त पर राहत और मालूमात दोनों हासिल होंगी।


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के लिए यह रिपोर्ट पेश की गई है :

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रुड़की में मुल्तानी बिरादरी के नौजवानों की पुरअसर महफ़िल — एहतराम, मोहब्बत और मेहमाननवाज़ी का खूबसूरत मंज़र

रुड़की में आज ( कल  ) दिन इतवार, तारीख़ 2 नवंबर 2025 को मुस्लिम मुल्तानी लोहार, बढ़ई बिरादरी के ज़िम्मेदार और जज़्बाती नौजवान खुर्रम साहब के यहाँ एक पुरअसर और दिलनशीं प्रोग्राम मुनक़्क़ीद किया गया।

यह प्रोग्राम बिरादरी के आपसी मेल-जोल, मोहब्बत और एहतराम को मज़बूत करने के मक़सद से रखा गया था।

इस महफ़िल में बिरादरी के कई ज़िम्मेदार दोस्त-अहबाब और बुज़ुर्गान-ए-क़ौम शिरकत फ़रमा हुए। महफ़िल का माहौल आपसी एकजुटता, अदब और भाईचारे से सरशार रहा।
इस मौके पर बिरादरी के रहनुमा की जानिब से तमाम साथियों को शॉल भेंट कर उनकी हौसला-अफ़ज़ाई की गई, जिससे सभी के चेहरों पर खुशी और फ़ख़्र के जज़्बात नज़र आए।

खुर्रम भाई ने इस मौके पर अपने तमाम मेहमानों की ख़िदमत में शानदार दावत का इंतज़ाम किया, जिसमें लज़ीज़ पकवानों और गर्मजोशी भरे इस्तक़बाल ने हर दिल जीत लिया।
महफ़िल में इल्म, तहज़ीब और बिरादरी की मज़बूती पर बातचीत हुई और इस बात पर ज़ोर दिया गया कि नौजवान तबक़ा बिरादरी की तरक़्क़ी में अपना किरदार निभाए।

यह प्रोग्राम मुल्तानी बिरादरी की वह मिसाल बन गया जिसमें मोहब्बत, एहतराम और एकता का सुबूत हर लम्हे में झलकता रहा।


🖋 रिपोर्ट:


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पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार, बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका — “मुल्तानी समाज”
के लिए पत्रकार हफीजुर्रहमान की ख़ास रिपोर्ट।

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🕊️ इंना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन 🕊️एक ग़मगीन ख़बर — मरहूमा रिजवाना बी का इंतेक़ाल

(मुल्तानी समाज की ओर से मग़फ़िरत की दुआ के साथ)


निहायत ही अफ़सोस और ग़म के साथ अहले मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादराना हज़रात को यह इत्तला दी जाती है कि जनाब मोहम्मद फारुख साहब निवासी गांव शिकोहपुर, तहसील बड़ौत, जिला बागपत (उत्तर प्रदेश) की अहलिया मरहूमा रिजवाना बी (उम्र 33 वर्ष) का इंतेक़ाल बीती रात दिन इतवार, 02 नवंबर 2025 को रात 12 बजकर 55 मिनट पर क़ज़ा-ए-इलाही से हो गया।

मिली जानकारी के मुताबिक मरहूमा पिछले दो साल से एक गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं। उनका इलाज चंडीगढ़ के पी.जी.आई. हॉस्पिटल में चल रहा था, मगर जब बीमारी ने आख़िरी हद पार कर दी, तो डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर दिये और उन्हें घर भेज दिया गया। चंद दिन पहले ही मरहूमा अपने ख़ालिक़-ए-हक़ीक़ी से जा मिलीं।

मरहूमा का मायका कस्बा गढ़ी पुख्ता, जिला शामली (उत्तर प्रदेश) का था। 33 साल की कमसिन उम्र में वो अपने पीछे शौहर मोहम्मद फारुख साहब सहित चार मासूम औलादें — जिनकी उम्रें क्रमशः 14, 12, 09 और 06 साल हैं — को रोता-बिलखता छोड़कर इस फ़ानी दुनिया से हमेशा के लिए रुख़्सत कर गईं।

आज सुबह मरहूमा का जनाज़ा बड़े ही ग़मगीन माहौल में अदा किया गया और सुबह साढ़े 9 बजे गांव के क़ब्रिस्तान में सुपुर्दे ख़ाक कर दिया गया। मरहूमा की जवान मौत की ख़बर सुनते ही पूरा इलाक़ा ग़म में डूब गया, और कोई भी शख्स अपने आप को जनाज़े में शरीक होने से रोक न सका।


🤲 बिरादरी से इल्तिज़ा:

अहले बिरादरी से गुज़ारिश है कि मरहूमा की मग़फ़िरत और बख़्शिश के लिए ख़ास दुआ करें —
"अल्लाह तआला मरहूमा रिजवाना बी की मग़फ़िरत फ़रमाए, उनकी कब्र को नूर से भर दे, जन्नतुल फिरदौस में ऊँचा मक़ाम अता करे, और अहले खानदान को सब्र-ए-जमील दे। आमीन।"


📞 रिश्तेदारों और अहबाब के लिए जानकारी:
मरहूमा के सिलसिले में तफ़्सीलात हासिल करने हेतु आप जनाब सलीम अहमद साहब (नगला चौक वाले) से संपर्क कर सकते हैं —
📱 मोबाइल नंबर: 9991182123


📢 एक ज़रूरी ऐलान – इंतिक़ाल की खबर भेजने के लिये अहम हिदायतें:

अक्सर ऐसा देखा गया है कि किसी अज़ीज़ के इंतिक़ाल की खबर बिरादरी तक देर से या अधूरी जानकारी के साथ पहुंचती है, जिससे लोग जनाज़े में शरीक नहीं हो पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका की तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश है कि खबर भेजते वक़्त इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम व वल्दियत या शौहर का नाम
2️⃣ मुकम्मल पता (कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे)
3️⃣ दफ़ीने का वक़्त और कब्रिस्तान का नाम
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर
5️⃣ अगर मर्द का इंतिक़ाल हुआ है तो मरहूम का फ़ोटो
6️⃣ इंतिक़ाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना — जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद इत्यादि

इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों तक सही-सही जानकारी पहुंचेगी।


📰 डिस्क्लेमर (Disclaimer):

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Saturday, November 1, 2025

🕊️ इंतेकाल की बेहद अफसोसनाक खबर 🕊️“अल्लाह तआला मरहूम तहजीब साहब को जन्नतुल फिरदौस में आला मुक़ाम अता फरमाए”

निहायत ही रंज व ग़म के साथ यह इत्तला दी जाती है कि मोहल्ला काजियान, क़स्बा खतौली (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले, मशहूर शायर सूफी हबीब साहब के फ़रज़ंद जनाब तहजीब साहब का आज दिन इतवार, 02 नवम्बर 2025 को क़ज़ा-ए-इलाही से इंतकाल हो गया है।

मरहूम कुछ रोज़ से बीमारी में मुबतला थे और आज रूह-ए-पाक अपने ख़ालिक़-ए-हक़ीक़ी से जा मिली।

إِنَّا لِلّٰهِ وَإِنَّا إِلَيْهِ رَاجِعُونَ
निस्संदेह हम अल्लाह के हैं और उसी की ओर लौटकर जाने वाले हैं।

अल्लाह तआला मरहूम की मग़फ़िरत फरमाए, उनके दरजात बुलंद करे और जन्नतुल फिरदौस में आला मक़ाम अता फरमाए।
घराने पर आई इस सख़्त घड़ी में अल्लाह तआला तमाम अहल-ए-ख़ाना को सब्र-ए-जमील अता करे — आमीन सुम्मा आमीन।


🕌 जनाज़े का ऐलान:

मरहूम का जनाज़ा बसंत सिनेमा, नई आबादी के मोड़ पर जनाब हसीब साहब के घर से उठेगा।
नमाज़े जनाज़ा इंशा-अल्लाह ज़ोहर 2 बजे मोहल्ला काजियान चौक में अदा की जाएगी।
तमाम बिरादराना हजरात से दरख़्वास्त है कि ज़्यादा से ज़्यादा तादाद में शरीक होकर सवाब-ए-दारेन हासिल करें और मरहूम के लिए दुआएं फरमाएं।


☪️ मग़फ़िरत की दुआ:

“ऐ अल्लाह! मरहूम तहजीब साहब की तमाम मग़फ़िरत फरमा, उनकी क़ब्र को जन्नत के बाग़ों में से एक बाग़ बना दे, उनके नूर को कायम रख, और उनके सारे गुनाह माफ़ फरमा।
उन्हें जन्नतुल फिरदौस में सूफी हबीब साहब के साथ आला मक़ाम अता कर — आमीन।”


📞 नोट (ज़रूरी जानकारी):
मरहूम के बारे में और ज़्यादा मालूमात के लिए आप मिर्ज़ा तुफैल साहब से राब्ता कायम कर सकते हैं।
📱 मोबाइल नंबर: 9837155180


📜 एक ज़रूरी ऐलान – इंतेकाल की खबर भेजने के लिये अहम् हिदायतें

अक्सर देखा गया है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर बिरादरी तक देर से या अधूरी पहुंचती है, जिसकी वजह से लोग जनाज़े तक नहीं पहुँच पाते।
इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें, तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें 👇

1️⃣ मरहूम / मरहूमा का पूरा नाम व वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ मुकम्मल पता (कहां के रहने वाले थे और इस वक़्त कहां रह रहे थे)।
3️⃣ दफीने (दफ़न) का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के मोबाइल नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का हालिया फोटो शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।

इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों को सही जानकारी मिलने से आसानी होगी।


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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पंजीकृत
देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका —
"मुल्तानी समाज"

के लिए
✍️ ज़मीर आलम की खास रिपोर्ट

📞 8010884848
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