—अब्दुल मालिक मिर्ज़ा, अब्दुल बासित मिर्ज़ा और सभासद नूरजहां बी की काबिले–तारीफ़ कोशिशें**
रिपोर्ट: ज़मीर आलम
(सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पंजीकृत, दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार–बढ़ई बिरादरी को समर्पित एकमात्र पत्रिका “मुल्तानी समाज” के लिए खास रिपोर्ट)
वक़्फ़ की अमानत हमेशा से हमारी मिल्ली विरासत का हिस्सा रही है—मसाजिद, मदरसों, क़ब्रिस्तानों और समाजी भलाई के उन तमाम इदारों की नींव, जिन्हें हमारे बुज़ुर्गों ने अल्लाह की राह में वक़्फ़ किया था।
समय के साथ इन अमानतों की हिफ़ाज़त और दस्तावेज़ीकरण एक बड़ी जिम्मेदारी बन चुकी थी। ऐसे में भारत सरकार के अल्संख्यक कार्य मंत्रालय ने जब वक़्फ़ संपत्तियों को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म “उम्मीद पोर्टल” पर दर्ज़ करने का अहम क़दम उठाया, तो यह पूरी क़ौम के लिए राहत और भरोसे की एक नई किरण साबित हुआ।
बेहट (जिला सहारनपुर) की वक़्फ़ संपत्तियाँ: तीन शख्सियतों की खामोश लेकिन ऐतिहासिक सेवा
कस्बा बेहट, वार्ड नंबर 11 में मौजूद वक़्फ़ संपत्तियों का रिकॉर्ड तैयार करना आसान काम न था।
इस मिशन में तीन नाम सबसे आगे नज़र आते हैं:
1. अब्दुल मालिक मिर्ज़ा
वक़्फ़ दस्तावेज़ों की तहक़ीक़, पुराने रिकॉर्ड की तलाश और उसकी तस्दीक़ में इनकी लगन काबिले–तारीफ़ रही। हर कदम पर इमानदारी और सब्र के साथ इन्होंने जिम्मेदारी निभाई।
2. अब्दुल बासित मिर्ज़ा
तकनीकी प्रक्रिया, डिजिटाइजेशन और पोर्टल पर अपलोडिंग जैसे कामों में बासित मिर्ज़ा की मेहनत किसी नींव के पत्थर से कम नहीं। वक़्फ़ की एक-एक जानकारी को दुरुस्त ढंग से दर्ज़ कराने में इन्होंने अपनी पूरी काबिलियत झोंक दी।
3. नूरजहां बी (सभासद, वार्ड–11)
एक ख़ातून होने के बावजूद नूरजहां बी का जज़्बा और समाजी सेवा की भावना खुलकर सामने आई।
वक़्फ़ से जुड़ी जमीनों की सही पहचान, दस्तावेज़ी पुष्टि और पोर्टल तक पहुंचाने में इन्होंने बेहद अहम भूमिका अदा की।
इन तीनों ने मिलकर वह काम कर दिखाया, जो न सिर्फ़ क़ौम की सेवा है बल्कि आने वाली नस्लों के लिए दीया भी।
उम्मीद पोर्टल: एक नई राह, एक नई ज़िम्मेदारी
“उम्मीद पोर्टल” का मकसद सिर्फ़ डेटा अपलोड करना नहीं—
बल्कि वक़्फ़ की अमानत को
सुरक्षित,
पारदर्शी,
और कानूनी हिफ़ाज़त के दायरे में लाना है।
बेहट की वक़्फ़ संपत्तियों का इस पोर्टल पर दर्ज़ होना, यह साबित करता है कि क़ौम के भीतर जागरूक लोग आज भी मौजूद हैं जो अपनी मिल्ली विरासत को भरोसे के साथ आगे बढ़ाना चाहते हैं।
क़ौम के लिए एक पैग़ाम
ऐसी कोशिशें तभी कामयाब होती हैं जब समाज अपने वक़्फ़ की अहमियत को समझे।
आज बेहट की यह कोशिश बाकी इलाक़ों के लिए मिसाल बन सकती है।
क्योंकि वक़्फ़ सिर्फ़ ज़मीन या इमारत नहीं—
बल्कि हमारी पहचान, हमारी तहज़ीब और हमारी दीनी विरासत का हिस्सा है।
अख़्तर–ए–अंदाज़ (नतीजा)
अब्दुल मालिक मिर्ज़ा, अब्दुल बासित मिर्ज़ा और नूरजहां बी ने बेहट की वक़्फ़ संपत्तियों को “उम्मीद पोर्टल” पर दर्ज़ कराके जो खिदमत अंजाम दी है, वह क़ौम में एक नई उम्मीद जगाती है।
ऐसी कोशिशें आने वाले वक़्त में वक़्फ़ की हिफ़ाज़त को मज़बूती देंगी और समाजी तरक्की की नई राहें खोलेंगी।
#multanisamaj
📞 8010884848
🌐 www.multanisamaj.com
🌐 www.msctindia.com
✉️ multanisamaj@gmail.com