Thursday, December 25, 2025

ग़मगीन ख़बर: गांव बरवाला (बागपत) में जनाब जाकिर साहब का इंतेकाल, बिरादरी में शोक की लहर

अहले मुस्लिम मुल्तानी लोहार बढ़ई बिरादरी को बड़े ही रंज-ओ-ग़म के साथ यह इत्तिला दी जाती है कि गांव बरवाला, जिला बागपत (उत्तर प्रदेश) निवासी मिस्त्री इलियास साहब के बड़े बेटे जनाब जाकिर साहब (उम्र तक़रीबन 50 वर्ष) का आज दिन जुमा, 26 दिसंबर 2025 को क़ज़ा-ए-इलाही से इंतेकाल हो गया है।

अल्लाह की यही मर्ज़ी थी।
इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन।

मरहूम जनाब जाकिर साहब अपने पीछे तीन बेटे — नाजिम, समीर और सुहेल — को छोड़ गए हैं। परिवार, रिश्तेदारों और पूरी बिरादरी में इस अचानक हुए इंतेकाल से गहरा शोक व्याप्त है।

मिली जानकारी के मुताबिक आज ही जुमा की नमाज़ के बाद, गांव बरवाला के कब्रिस्तान में मरहूम को सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा।

हम तमाम अहले-बिरादरी अल्लाह तआला की बारगाह में हाथ उठाकर दुआ करते हैं कि
अल्लाह तआला मरहूम की मग़फिरत फरमाए, उनके दर्जात बुलंद करे और जन्नत-उल-फिरदौस में आला मुक़ाम अता फरमाए।
आमीन। सुम्मा आमीन।

📞 ज़्यादा मालूमात के लिए संपर्क:

  • मुहम्मद इलियास (वालिद) – 9837826728, बरवाला
  • कल्लू – 9837289866, बरवाला/बड़ौत
  • जमील – 9896753786, बरवाला/सोनीपत
  • मास्टर जी इक़बाल – 9784606290, बरवाला/दिल्ली

मय्यत के बारे में और जानकारी के लिए ऊपर दिए गए नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है।


🛑 एक ज़रूरी ऐलान

इंतेकाल की खबर भेजने के लिए अहम हिदायतें

अक्सर देखने में आता है कि किसी अज़ीज़ के इंतेकाल की सूचना देर से या अधूरी पहुंचने के कारण बिरादरी के लोग जनाज़े में शरीक नहीं हो पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से अदब के साथ गुज़ारिश करती है कि इंतेकाल की खबर भेजते वक्त निम्न बातों का ख़ास ख़याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम और वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (स्थायी व वर्तमान निवास)।
3️⃣ दफ़्न का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के ज़िम्मेदार शख़्स (एक-दो) के मोबाइल नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतेकाल हुआ हो तो मरहूम की फोटो (अगर मुनासिब हो)।
6️⃣ इंतेकाल की वजह (अगर बताना उचित समझें)।
7️⃣ अहल-ए-ख़ाना के नाम — जैसे वालिदैन, भाई-बहन, औलाद वग़ैरह।

👉 इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी तक सही वक़्त पर सही सूचना पहुंचेगी।


📰 डिस्क्लेमर

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किसी भी विवाद या न्यायिक प्रक्रिया की स्थिति में न्याय क्षेत्र (Jurisdiction) केवल दिल्ली रहेगा।


सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पंजीकृत
देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित
मुस्लिम मुल्तानी लोहार, बढ़ई बिरादरी को समर्पित
देश की एकमात्र पत्रिका “मुल्तानी समाज” के लिए
अलीहसन मुल्तानी की ख़ास रिपोर्ट

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अल्लाह तआला मरहूम को रहमतों से नवाज़े और अहले-ख़ाना को सब्र-ए-जमील अता फरमाए।

मुल्तानी लजवान खानदान में निकाह की मुबारक इत्तिला, दुआओं और अदब के साथ आम दावत

भीलवाड़ा / उदयपुर (राजस्थान)। तमाम अहले-मुल्तानी बिरादरान को अदब और तहज़ीब के साथ यह मुबारक इत्तिला दी जाती है कि अल्लाह तआला के फ़ज़्ल-ओ-करम, हुज़ूर पाक हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा ﷺ के सद्क़े-तुफ़ैल और पीर-ओ-मुर्शिद की नज़र-ए-करम से मरहूम अलाबक्स लजवान के पड़पोते, मरहूम हाजी अब्दुल रशीद साहब लजवान के पोते तथा हमारे अज़ीज़ भाई हाजी मोहम्मद रफीक लजवान के फरज़ंद मोहम्मद अली का निकाह तय पाया है। यह मुबारक रिश्ता जनाब अब्दुल सत्तार साहब भुट्टो की नेक दुख्तर सना कौसर के साथ तय हुआ है, जो मरहूम हाजी अब्दुल रहीम साहब भुट्टो की पोती हैं।

यह खुशख़बरी न सिर्फ़ दो घरानों का मेल है, बल्कि खानदानी रिवायत, आपसी मोहब्बत और सामाजिक भाईचारे की मज़बूती का पैग़ाम भी है। अहले-ख़ानदान ने दुआ की अपील करते हुए कहा कि अल्लाह तआला इस रिश्ते को सकून, बरकत और दायमी ख़ुशियों से मालामाल फ़रमाए। आमीन।


💫 प्रोग्राम (इंशाअल्लाह)

  • हल्दी रस्म: 1 अप्रैल 2026, बुधवार
  • दाल-बाटी, हार-फूल, निकासी व बारात रवानगी: 2 अप्रैल 2026, गुरुवार
  • निकाह: 14 शव्वाल 1447 हिजरी, मुताबिक 3 अप्रैल 2026 (जुम्मा)
    दरमियान असर-मगरिब,
  • दावत-ए-वलीमा: 5 अप्रैल 2026, इतवार, बाद नमाज़-ए-मगरिब

🤲 अहले-ख़ानदान की मौजूदगी और दुआओं का एहतमाम

इस मुबारक मौके पर लजवान खानदान के अलमुकल्लिफ़ीन, चश्म-ए-बराह और अलमुन्तज़िरीन की शिरकत से महफ़िल रौनक़ अफ़रोज़ होगी। बुज़ुर्गों की दुआ, नौजवानों का जोश और बच्चों की मासूम इल्तिज़ा इस निकाह को यादगार बनाएगी।

मासूम इल्तिज़ा:
“मेरे चाचू-मामू-भैय्या की शादी में ज़रूर-ज़रूर आना।”


📍 पता

मस्जिद वाली गली, ग़रीब नवाज़ कॉलोनी, भवानी नगर, , राजस्थान


📲 रابطा (नाम व मोबाइल नंबर)

  • अब्दुल गनी लजवान: 9928777786, 9509777786
  • हाजी मोहम्मद रफीक लजवान: 9887057045
  • मोहम्मद इमरान लजवान: 9829047786
  • मोहम्मद इरफान: 9928454000
  • मोहम्मद अली: 7240231895
  • मोहम्मद रजा: 9887057046
  • मोहम्मद सूफियान: 9829170499

अहले-लजवान खानदान तमाम अहले-मुल्तानी बिरादरान, अज़ीज़-ओ-अक़ारिब और दोस्तों से गुज़ारिश करता है कि इस मुबारक मौके पर अपनी मौजूदगी से महफ़िल को रौनक़ बख़्शें और नवविवाहित जोड़े को दुआओं से नवाज़ें।


पत्रकारिता नोट:
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मुल्तानी लजवान खानदान में निकाह की खुशखबरी, इमान-अफरोज माहौल में होगा विवाह आयोजन

भीलवाड़ा/उदयपुर। अल्लाह तआला के फ़ज़्ल-ओ-करम और हुज़ूर पाक हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा ﷺ के सद्क़े-तुफ़ैल से मुल्तानी लजवान खानदान में एक मुबारक और खुशी से भरा अवसर आने जा रहा है। मरहूम अलाबक्स लजवान के पड़पोते, मरहूम हाजी अब्दुल रशीद साहब लजवान के पोते तथा हाजी मोहम्मद रफीक लजवान के फरज़ंद मोहम्मद अली का निकाह नेक दुख्तर सना कौसर के साथ तय पाया है। यह मुबारक रिश्ता पूरे खानदान और बिरादरी के लिए खुशियों का पैग़ाम लेकर आया है।

परिवार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, निकाह से जुड़े कार्यक्रम इंशाअल्लाह तयशुदा तारीख़ों के अनुसार आयोजित किए जाएंगे। 1 अप्रैल 2026, बुधवार को हल्दी रस्म होगी, जबकि 2 अप्रैल 2026, गुरुवार को दाल-बाटी, हार-फूल, निकासी और बारात की रवानगी संपन्न होगी।
मुख्य निकाह कार्यक्रम 3 अप्रैल 2026, जुम्मा, 14 शव्वाल 1447 हिजरी को असर-मगरिब के दरमियान में अदा किया जाएगा। इसके बाद 5 अप्रैल 2026, इतवार को नमाज़-ए-मगरिब के बाद दावत-ए-वलीमा का आयोजन किया जाएगा।

इस खुशी के मौके पर लजवान खानदान के तमाम बुज़ुर्गों, अलमुकल्लिफ़ीन, चश्म-ए-बराह और अलमुन्तज़िरीन की मौजूदगी से कार्यक्रम और भी रौनक़ पाएगा। परिवार के सदस्यों ने बताया कि यह निकाह न सिर्फ़ दो परिवारों के बीच रिश्ता जोड़ेगा, बल्कि आपसी भाईचारे, मोहब्बत और सामाजिक एकता को भी मज़बूत करेगा।

खास बात यह है कि इस खुशी के मौके पर मासूम बच्चों की दिल से निकली इल्तिज़ा भी सबके दिलों को छू रही है—“मेरे चाचू-मामू-भैय्या की शादी में ज़रूर-ज़रूर आना।” यह मासूम अपील इस आयोजन को और भी यादगार बना देती है।

अहले लजवान खानदान ने तमाम अहले-मुल्तानी बिरादरान, रिश्तेदारों और दोस्तों से इस मुबारक मौके पर शरीक होकर दुआओं से नवविवाहित जोड़े को नवाज़ने की गुज़ारिश की है। आयोजन स्थल भीलवाड़ा, राजस्थान में तय किया गया है, जहां मेहमानों के स्वागत की मुकम्मल तैयारियां की जा रही हैं।

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Wednesday, December 24, 2025

🕯️ इंना लिल्लाही व इन्ना इलैहि राजिऊनमुल्तानी लोहार बढ़ई बिरादरी में ग़म की लहर, सुबरा बी का इंतक़ाल

अहले मुस्लिम मुल्तानी लोहार बढ़ई बिरादरी को यह बेहद रंज-ओ-ग़म के साथ इत्तला दी जाती है कि

आज दिन जुमेरात, 25 दिसंबर 2025 को मरहूम जनाब सादिक साहब (क़ुतुबगढ़ वाले) हाल बाशिंदा मेन रोड, कस्बा थानाभवन, ज़िला शामली (उत्तर प्रदेश) की अहलिया और मरहूम खालिद की वालिदा सुबरा बी का क़ज़ा-ए-इलाही से इंतक़ाल हो गया है।

मरहूमा का दफ़ीना ज़ोहर की नमाज़ के वक़्त अदा किया जाएगा।
इस दुखद घड़ी में पूरी बिरादरी की हमदर्दियां और तअज़ियत घरवालों के साथ हैं।
अल्लाह तआला से दुआ है कि वह मरहूमा की मग़फ़िरत फ़रमाए, उनकी क़ब्र को जन्नत के बाग़ीचों में से एक बाग़ बनाए और घरवालों को सब्र-ए-जमील अता फ़रमाए। आमीन।


📌 एक ज़रूरी ऐलान — इंतक़ाल की ख़बर भेजने से पहले इन बातों का रखें ख़ास ख़्याल

अक्सर देखने में आता है कि किसी अज़ीज़ के इंतक़ाल की ख़बर या तो देर से पहुँचती है या अधूरी होती है, जिसकी वजह से कई लोग जनाज़े में शरीक नहीं हो पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी इंतक़ाल की ख़बर भेजें, तो निम्न जानकारी ज़रूर शामिल करें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम, वल्दियत या शौहर का नाम
2️⃣ पूरा पता (स्थायी व वर्तमान निवास)
3️⃣ दफ़ीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम
4️⃣ घर के ज़िम्मेदार शख़्स के 1–2 संपर्क नंबर
5️⃣ अगर मर्द का इंतक़ाल हुआ हो तो मरहूम की फोटो
6️⃣ इंतक़ाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)
7️⃣ अहल-ए-ख़ाना के नाम — माँ-बाप, भाई-बहन, औलाद आदि

👉 इन तमाम जानकारियों से ख़बर मुकम्मल होती है और बिरादरी तक सही वक़्त पर सही सूचना पहुँचती है।


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किसी भी विवाद या न्यायिक कार्यवाही की स्थिति में न्याय क्षेत्र (Jurisdiction) केवल दिल्ली रहेगा।


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अल्लाह तआला मरहूमा को जन्नतुल फ़िरदौस में आला मुक़ाम अता फ़रमाए। आमीन सुम्मा आमीन।

Thursday, December 18, 2025

🕊️ इंतेकाल की दुखद ख़बर स्वरूप नगर दिल्ली में मरहूमा मोमीना का इंतकाल, 19 दिसंबर को सुपुर्द-ए-ख़ाक

स्वरूप नगर, दिल्ली। मुस्लिम मुल्तानी लोहार एवं बढ़ई बिरादरी के लिए अत्यंत दुःख और अफसोस के साथ यह खबर दी जा रही है कि जनाब मंजूर हसन कुर्डी वाले (हाल बाशिंदा लोनी, जनपद गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश), जो दिल्ली पुलिस में सेवारत हैं, की अहेलिया तथा मीर हसन बावली वाले की बहन मरहूमा मोमीना का स्वरूप नगर, दिल्ली में इंतकाल हो गया है।

इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैहि राजिऊन।
अल्लाह तआला की यही मर्ज़ी थी।

मिली जानकारी के मुताबिक मरहूमा को कल ( आज ) दिनांक 19 दिसंबर 2025, दिन जुमा को सुबह 10:00 बजे स्वरूप नगर, दिल्ली स्थित कब्रिस्तान में मय्यत को सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा।

इस गमगीन मौके पर तमाम बिरादराने इस्लाम मरहूमा के लिए दुआगो हैं कि अल्लाह तआला उनकी मग़फिरत फरमाए, उनके दरजात बुलंद करे और उन्हें जन्नतुल फ़िरदौस में आला मुकाम अता फरमाए। साथ ही अल्लाह तआला अहल-ए-ख़ाना को इस भारी सदमे को सहन करने की ताक़त और सब्र-ए-जमील अता फरमाए।
आमीन सुम्मा आमीन।

📞 अधिक जानकारी हेतु संपर्क करें:

  • जहूर हसन कुर्डी: 9350576755
  • मीर हसन बावली: 9760425055 / 9412505529

🕯️ बिरादरी से अहम गुज़ारिश

तमाम अहबाब से गुज़ारिश है कि दुःख की इस घड़ी में मय्यत वालों के घर जाकर इस्लामी तहज़ीब और शरई आदाब का पूरा ख्याल रखें—

  • दुनियावी बातचीत और हंसी-मज़ाक से परहेज़ करें
  • खाने-पीने का बोझ न बनें
  • गले मिलने, लंबा मुसाफ़ा करने से बचें
  • पान, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा या किसी भी नशे का प्रयोग न करें
  • गमगीन माहौल, सादा लिबास और संजीदा रवैया अख़्तियार करें
  • धीमी आवाज़ में कलमा-ए-तैय्यबा पढ़ते हुए चलें
  • तफ़रीह या दिखावे से पूरी तरह परहेज़ करें

यह सब बातें न सिर्फ इंसानी बल्कि इस्लामी तालीम का भी अहम हिस्सा हैं।


📢 ज़रूरी ऐलान: इंतेकाल की खबर भेजने से जुड़ी हिदायतें

अक्सर देखा गया है कि इंतेकाल की खबर अधूरी या देर से पहुंचने के कारण बिरादरी के लोग जनाज़े तक नहीं पहुंच पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि इंतेकाल की खबर भेजते समय निम्न जानकारियां अवश्य दें—

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम, वल्दियत या शौहर का नाम
2️⃣ स्थायी व वर्तमान पता
3️⃣ दफन का सही समय व कब्रिस्तान का नाम
4️⃣ घर के जिम्मेदार व्यक्तियों के संपर्क नंबर
5️⃣ (यदि मर्द हों) मरहूम की फोटो
6️⃣ इंतकाल की वजह (यदि मुनासिब हो)
7️⃣ अहल-ए-ख़ाना के नाम (भाई, बहन, औलाद आदि)

👉 इससे खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी को सही व समय पर जानकारी मिल सकेगी।


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🌙 कम उम्र में हिफ़्ज़-ए-क़ुरआन की अज़ीम सआदत

✨ हाफ़िज़ मोहम्मद ज़ियान भट्टी बने क़ुरआन के अमीन, इंदौर में दावत-ए-दस्तारबंदी का ऐलान

इंदौर (मध्य प्रदेश) में कम उम्र में क़ुरआन-ए-पाक हिफ़्ज़ करने की अज़ीम नेअमत हासिल करने वाले हाफ़िज़ मोहम्मद ज़ियान भट्टी की दस्तारबंदी 18 दिसंबर 2025 को मदरसा मुख़्तारुल उलूम में आयोजित की जाएगी। यह मौक़ा इल्म, तक़वा और रूहानियत का पैग़ाम लेकर आया है।

इंदौर (म.प्र.)

तमाम अहले-ईमान के लिए यह खबर दिली मसर्रत और रूहानी सुकून का सबब है कि अल्लाह तआला के फ़ज़्ल-ओ-करम और उसके हबीब हज़रत मुहम्मद ﷺ के सदक़े-तुफ़ैल, मरहूम अब्दुल वहाब साहब भट्टी के पोते और परिवार के चश्म-ओ-चराग़ हाफ़िज़ मोहम्मद ज़ियान भट्टी ने कम उम्र में क़ुरआन-ए-पाक हिफ़्ज़ करने की अज़ीम सआदत हासिल कर ली है।

क़ुरआन-ए-पाक का हाफ़िज़ बनना महज़ इल्मी मुक़ाम नहीं, बल्कि यह अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की वह खास अमानत है जो सब्र, तक़वा, परहेज़गारी और आला अख़लाक़ की बड़ी ज़िम्मेदारी अपने साथ लेकर आती है। अल्लाह तआला बहुत कम लोगों को अपने पाक कलाम का हामिल बनने का शरफ़ अता फरमाता है, और हाफ़िज़ मोहम्मद ज़ियान इस नेअमत से सरफ़राज़ हुए हैं।

इस मुबारक मौके पर दुआ है कि अल्लाह तआला हाफ़िज़ मोहम्मद ज़ियान को क़ुरआन पर अमल करने वाला बनाए, दीन व दुनिया दोनों में कामयाबी अता फरमाए, और उन्हें अपने वालिदैन व असातिज़ा के लिए सदा की ठंडक-ए-आँख बनाए। आमीन या रब्बुल आलमीन।

🌹 दावत-ए-दस्तारबंदी 🌹

तारीख़: 18 दिसंबर 2025 (जुमेरात)
वक़्त: सुबह 10:00 बजे
मक़ाम: मदरसा मुख़्तारुल उलूम, धार रोड, बांक, इंदौर

तमाम अहबाब से अदब के साथ गुज़ारिश है कि इस मुबारक और यादगार मौके पर तशरीफ़ लाकर अपनी मौजूदगी और दुआओं से इस रूहानी महफ़िल को रौनक़ बख़्शें।


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Monday, December 15, 2025

रिश्तों को जोड़ने और ज़रूरतमंदों की मदद की पाक मुहिम — खामोशी से, ख़ुलूस के साथ

मोहतरम हज़रात, समाज में टूटते रिश्तों को जोड़ने और ज़रूरतमंद परिवारों की मदद के लिए एक खामोश लेकिन असरदार मुहिम शुरू की गई है। इस मुहिम का मक़सद सिर्फ नए रिश्ते जोड़ना ही नहीं, बल्कि उन पुराने रिश्तों की दरारों को भी भरना है जिनमें वक्त या हालात की वजह से दूरी आ गई थी।

अलहम्दुलिल्लाह, इस नेक काम में हाजी तौकीर साहब, हाजी क़ासिम साहब, मिर्ज़ा नसीम साहब और अफ़ज़ाल मुगल साहब पूरी टीम के साथ तन, मन और धन से आगे बढ़कर रहबरी कर रहे हैं। आपसी मसलों को सुलझाना, भरोसे को फिर से कायम करना और समाज में मोहब्बत की फिज़ा बनाना — यही इस मुहिम की असल पहचान है।

बीते कुछ दिनों में टीम ने कई बच्चियों की शादियों में मदद की, जिससे समाज में उम्मीद की एक नई किरण जगी है। इसके बाद कई और ज़रूरतमंद लोगों ने संपर्क किया है। ज़िम्मेदारियां बढ़ रही हैं, और आगे भी बढ़ेंगी। इसी वजह से अब और ऐसे साथियों की ज़रूरत है जो इस कार-ए-ख़ैर में बिना नाम और शोहरत के शामिल होना चाहते हों।

यहां किसी नाम की नुमाइश नहीं, बल्कि ऊपर आसमान में देखने वाले रब पर यक़ीन है, जिसने नेक अमल पर इनाम का वादा किया है। मदद करने वालों के लिए एक अलग “इलीट पैनल / क्लब” बनाया जा रहा है, ताकि ज़रूरतमंदों की इमदाद पूरे एहतियात और इज़्ज़त के साथ की जा सके। इस पैनल में शामिल लोग आपसी मशवरे से मदद करेंगे, जबकि आम ग्रुप में सिर्फ सूचना दी जाएगी।

खास बात यह है कि इस मुहिम में कोई फंड, कोई कमीशन और कोई कटौती नहीं है। हम टारगेट तय करते हैं और 100 प्रतिशत इमदाद मुस्तहक तक पहुंचाई जाती है। छोटी-छोटी रक़में मिलकर बड़े मसले हल करती हैं — क्योंकि बूंद-बूंद से ही सागर बनता है।

जो लोग इस नेक काम में हिस्सा लेना चाहते हैं, वे फोन या व्हाट्सएप के ज़रिये संपर्क कर सकते हैं:
हाजी तौकीर साहब – सहारनपुर
हाजी क़ासिम साहब – सहारनपुर
अफ़ज़ाल मुगल – सहारनपुर
मुहम्मद वसीम – देवबंद
जनाब ताहिर – मुज़फ्फरनगर
हाजी नसीम – खतौली
रईस आज़म – खतौली
जनाब मोबीन साहब – दिल्ली

यह अपील किसी व्यक्तिगत मक़सद के लिए नहीं, बल्कि खुदा के बंदों की मदद के लिए है। किसी का नाम ज़बरदस्ती शामिल नहीं किया जा रहा — हर शख़्स खुद सोच-समझकर इस मुहिम का हिस्सा बने।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पंजीकृत, देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार/बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका “मुल्तानी समाज” के लिए
जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश से
पत्रकार मोहम्मद वसीम की खास रिपोर्ट।

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