Wednesday, November 19, 2025

सच लिखने की सज़ा—मुझे चुप कराने के लिए धमकियों का सिलसिला जारी…

https://youtu.be/0USOXT_oBDs?si=tiNhUsALYuXKZMse

(एक पत्रकार की ख़ामोशियों के पीछे छिपी कड़वी हक़ीक़त)


कभी–कभी कलम उठाना आसान होता है, लेकिन उसे सच के साथ चलाना बेहद मुश्किल। आज मैं, ज़मीर आलम, उसी कड़वी सच्चाई का सामना कर रहा हूँ—जहाँ अपने ही बिरादरी के चंद लोग, जो खुद को खिदमतगार कहते हैं, मेरे सच से इतने बौखला गए कि अब वे मुझे धमकियों के सहारे चुप कराना चाहते हैं।

मुझे लगातार यह धमकी दी जा रही है कि “या तो चैन से पत्रकारिता छोड़ दो, वरना हम तुम्हें चैन से बैठने नहीं देंगे।”
सबसे अफ़सोस की बात यह है कि यह सब किसी गैर ने नहीं बल्कि हमारी ही बिरादरी की एक तंजीम के कुछ शोहदेदारों ने पूरी चालाकी और होशियारी के साथ किया।


📌 मामला शुरू कहाँ से हुआ?

कुछ दिन पहले, हमारे चैनल पर एक शादी का वीडियो—जो खुद बिरादरी के लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल किया था—समाचार के रूप में चलाया गया।
शीर्षक था:
“अब बिरादरी की शादियों में खिदमतगार नहीं, कैमरा और कुर्सी तलाशते ओहदेदार नज़र आते हैं।”

सच्चाई कड़वी थी—इसलिए चुभ गई।
यही वो चिंगारी थी, जिसके बाद मेरे ख़िलाफ़ एक सुनियोजित साज़िश शुरू कर दी गई।


⚠️ दबंग, बाहुबली और साहूकार हाजी जी का इस्तेमाल

इन्हीं शोहदेदारों ने मुज़फ्फरनगर के एक दबंग और बाहुबली हाजी जी को भड़का कर मेरे पीछे लगा दिया।
उनकी धमकी भरी ऑडियो में बार-बार मुझे टॉर्चर किया गया—
“तुमने मेरी शादी की वीडियो ख़बर में क्यों चलाई?”

जबकि मैं इस शादी में मौजूद तक नहीं था।
वीडियो तो उन्हीं शोहदेदारों ने बनाई, उन्हीं ने वायरल की, और उनकी आवाजें आज भी वीडियो में साफ़ सुनाई देती हैं।

जब वीडियो वायरल हुई, तब किसी दबंग हाजी जी को आपत्ति नहीं हुई।
आपत्ति तब हुई जब सच्चाई ख़बर बनकर सामने आई।


❗बार–बार सवाल, धमकियां और उकसावे

अब हालात यह हैं कि रोज़ाना धमकी भरी ऑडियो, वाट्सऐप कॉल और छींटाकशी की जाती है—
“16 गरीब लड़कियों की शादी कहाँ कराई? बच्चों के एडमिशन कहाँ कराए? सबूत दो!”

मैं पूछता हूँ—
क्या मैंने कभी किसी मंच, प्रेस नोट, पोस्ट या बयान में कहा कि मैंने ऐसा किया?
क्या किसी को इससे पहले कभी ऐसा दावा सुनाई दिया?

सवाल उन लोगों से होना चाहिए जिन्होंने वीडियो वायरल की…
लेकिन निशाना मैं हूँ—क्योंकि मैंने सच बोलने की हिम्मत की।


🙏 मेरी अपील (ग़म और अदब के साथ)

मेरी किसी से दुश्मनी नहीं।
ना ही मैं किसी के घर, शादी या इज़्ज़त को निशाना बनाता हूँ।

लेकिन मैं झूठ, ड्रामा, राजनीति और बिरादरी को बपौती समझने वाली मानसिकता के आगे झुकने वाला भी नहीं।

मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ—
मुझे धमकियाँ देना बंद करें।
यदि मानसिक दबाव, डिजिटल टॉर्चर और उकसावे का सिलसिला जारी रहा…
तो मुझे मजबूरन कानूनी कदम उठाने पड़ेंगे।


📰 डिस्क्लेमर (Disclaimer):

पत्रिका में प्रकाशित किसी भी प्रकार की खबर, विचार, विज्ञापन, संपादकीय या सामग्री लेखक या संवाददाता के स्वयं के विचार हैं।
इनसे पत्रिका, संपादक, प्रकाशक या प्रबंधन का समर्थन आवश्यक रूप से अभिप्रेत नहीं है।

सत्यता, विश्वसनीयता और दावों की जिम्मेदारी लेखक या विज्ञापनदाता की होगी।
किसी विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र केवल दिल्ली रहेगा।


✍️ “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए

मुज़फ्फरनगर, उत्तर प्रदेश से
नवेद मिर्ज़ा की ख़ास रिपोर्ट

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इंतेकाल की गमगीन खबर — बिरादरी में सदमे की लहर ,मरहूम मिस्त्री मोहम्मद शफीक (55) का इंतकाल — अल्लाह तआला दर्जात बुलंद फरमाए

✍️ ज़मीर आलम | “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका

अहले मुस्लिम मुल्तानी लोहार–बढ़ई बिरादरी को बड़े ही रंज‐ओ‐ग़म के साथ यह इत्तला दी जाती है कि आज दिन बुध, 19 नवंबर 2025, को हमारे बिरादरी के बुज़ुर्ग और मुहतरम शख्स मिस्त्री जनाब मोहम्मद शफीक (55 साल) वल्द मिस्त्री चमन साहब, निवासी गांव खेड़ा हटाना, जिला बागपत, उत्तर प्रदेश तथा हाल मुक़ीम राशिद कॉलोनी, दिल्ली रोड, बागपत शहर का तकरीबन शाम 5 बजे क़ज़ा‐ए‐इलाही से इंतकाल हो गया।

मरहूम काफी अरसे से बीमारी में मुब्तिला थे।
इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिउन।


🌼 मगफिरत की दुआ

हम दुआगो हैं कि
अल्लाह तआला मरहूम की मगफिरत फरमाए, उनकी क़ब्र को रोशन फरमाए और दर्जात को बुलंद से बुलंदतर फरमाए।
अल्लाह उनके तमाम घरवालों को सब्र‐ए‐जमील अता फरमाए। आमीन।


⚰️ तदफ़ीन की जानकारी

मरहूम की तदफ़ीन कल दिन जुमेरात, 20 नवंबर 2025, सुबह 10 बजे, बागपत में की जाएगी, इंशाअल्लाह।


📢 एक जरूरी ऐलान — इंतेकाल की खबर भेजने वालों के लिए अहम हिदायतें

अक्सर देखा गया है कि इंतकाल की खबर देर से पहुँचने या अधूरी जानकारी होने के कारण अहबाब जनाज़े में शामिल नहीं हो पाते।
“मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुजारिश करती है कि खबर भेजते समय इन बातों का खास ख्याल रखें—

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम
2️⃣ वल्दियत या शौहर का नाम
3️⃣ स्थायी पता व वर्तमान निवास
4️⃣ तदफ़ीन का सही वक़्त व कब्रिस्तान का नाम
5️⃣ घर के जिम्मेदार व्यक्तियों के फोन नंबर
6️⃣ मरहूम (मर्द) का फोटो
7️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)
8️⃣ अहल-ए-ख़ाना के नाम — माता-पिता, भाई-बहन, औलाद आदि

इन जानकारियों से खबर मुकम्मल बनती है और बिरादरी तक सही जानकारी पहुंचती है।


📰 डिस्क्लेमर

पत्रिका में प्रकाशित किसी भी लेख, समाचार, विचार, विज्ञापन आदि का उत्तरदायित्व लेखक या विज्ञापनदाता का स्वयं का होगा।
पत्रिका एवं प्रबंधन किसी भी कानूनी, सामाजिक या वित्तीय जवाबदेही से पूर्णतः मुक्त रहेंगे।
किसी भी विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र केवल दिल्ली रहेगा।


✍️ “मुल्तानी समाज” — बिरादरी की आवाज़
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार से पंजीकृत
देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित
मुस्लिम मुल्तानी लोहार–बढ़ई बिरादरी को समर्पित एकमात्र राष्ट्रीय पत्रिका

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Monday, November 17, 2025

🌙 साया-ए-ग़म में डूबी मुल्तानी बिरादरी — एक दर्दनाक ख़बर 🌙

— अल्लाह मरहूम पर अपनी राहतें और मग़फिरत नाज़िल फ़रमाए —

निहायत ही अफ़सोस और रंजो-ग़म के साथ तमाम मुस्लिम मुल्तानी लोहार–बढ़ई बिरादराना हज़रात की सेवा में यह इत्तिला पेश की जा रही है कि मोहल्ला लुहारी सराय, क़स्बा नगीना, जिला बिजनौर (उ.प्र.) आज सुबह एक दर्दनाक ख़बर से ग़मगीन हो गया।
बिरादरी पर जवान मौत का पहाड़ टूट पड़ा और हर तरफ़ सन्नाटा-सा छा गया।


🌑 इंतेकाल की दर्दभरी इत्तिला

आज बरोज़ मंगल, 18 नवंबर 2025, सुबह 9 बजे,
हमारे मुल्तानी बिरादरी के प्यारे नौजवान

जनाब अब्दुल ख़ालिक मुल्तानी

वल्द मरहूम अब्दुल वासे मुल्तानी
क़ज़ा-ए-इिलाही से इस दुनिया-ए-फ़ानी से रुख़्सत कर गए।

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन

उनके इंतकाल की यह खबर सिर्फ़ घर वालों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी बिरादरी के लिए सदमे और गहरे ग़म का सबब बनी है।


🤲 अल्लाह से दुआ

अल्लाह तआला मरहूम की
मग़फिरत फ़रमाए,
उनकी तन्हाइयों को नूर से भर दे,
क़ब्र को जन्नत की वादी बना दे,
और घर वालों—अज़ीज़ों—रिश्तेदारों को
सब्र-ए-जमील अता फ़रमाए।
आमीन या रब्बुल आलमीन।


📌 नोट (Important Update)

मरहूम के दफ़न व जनाज़े की तारीख व वक़्त जल्द अपडेट कर दिया जाएगा।
मरहूम के क़रीबी या घर के ज़िम्मेदार शख़्स कृपया "मुल्तानी समाज" न्यूज़ नंबर
📞 8010884848
पर संपर्क करें ताकि जानकारी मुकम्मल और सही तरीक़े से बिरादरी तक पहुँचाई जा सके।


📢 एक ज़रूरी एलान — इंतेकाल की खबर भेजने के लिए अहम् हिदायतें

अक्सर देखा गया है कि अधूरी या देर से मिली खबर की वजह से कई लोग जनाज़े में शरीक नहीं हो पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादरी से गुज़ारिश करती है कि इत्तिला भेजते समय निम्न बिंदुओं का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम व वल्दियत/शौहर का नाम
2️⃣ पूरा पता — कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रहते थे
3️⃣ दफ़न का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम
4️⃣ घर के ज़िम्मेदार 1–2 लोगों के फ़ोन नंबर
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल है तो मरहूम की तस्वीर
6️⃣ इंतेकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)
7️⃣ बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम — माता-पिता, भाई, बहन, औलाद वगैरह

📌 इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी को सही-सही इत्तिला मिलेगी।


📰 डिस्क्लेमर (Disclaimer)

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पत्रिका, संपादक व प्रबंधन इन सामग्री की सत्यता या विश्वसनीयता के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।
किसी भी विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र (Jurisdiction) सिर्फ़ दिल्ली रहेगा।


✒️ “मुल्तानी समाज” के लिए ज़मीर आलम की ख़ास रिपोर्ट

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार से पंजीकृत
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🌺 रौशन मुकद्दस रस्म-ए-निकाह की प्यारी इत्तिला 🌺

🌸 बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम 🌸
🌸 बिस्मिल्लाह वस्सलातु वस्सलाम अला रसूलिल्लाह ﷺ 🌸


🌺 रौशन मुकद्दस रस्म-ए-निकाह की प्यारी इत्तिला 🌺

— मुल्तानी समाज के लिए एक खुशनुमा, पाक और मोहब्बत भरी खबर —

मुल्तानी बिरादरी के सम्मानित अहल-ए-खानदान को السلام علیکم ورحمۃ اللہ و برکاتہ

अल्लाह तआला के फजल व करम और सरवरे दो आलम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा ﷺ के सदके में, बड़ी ख़ुशी और मोहब्बत के साथ यह पाक तहरीर पेश की जा रही है कि:

मरहूम मोहम्मद इब्राहीम साहब डडियाल के नेक कुल से ताल्लुक रखने वाले
हाजी मोहम्मद फ़ारूक साहब डडियाल के फ़रजंद

🌟 मोहम्मद फ़ुरकान साहब

का निकाह आपसी रज़ामंदी और ख़ुशनुमा माहौल में तय पाया है — हस्ब-ए-प्रोग्राम खाना-आबादी की तमाम रसूमात अल्लाह तआला के करम से अमन व सुख़ूनत के साथ मुकम्मल होंगी, इंशा अल्लाह।

🌸 दुल्हन-ए-शरीफ़ा

सना कौसर साहिबा
बिन्ते हाजी मोहम्मद आरिफ भुट्टो साहब


🌹 रस्म-ए-निकाह

चाँद की तारीख: 23 शव्वाल 1447 हिजरी
अंग्रेज़ी तारीख: 12 अप्रैल 2026, बरोज़ इतवार
वक़्त: नमाज़-ए-मगरिब के बाद
मक़ाम: हस्ब-ए-जेल प्रोग्राम, बड़ा अदब व सकून


🌿 सरपरस्त

  • हाजी अब्दुल रशीद साहब भट्टी (मामाजी)

🌿 अद्दाईयान

  • मोहम्मद सिद्दीक डडियाल
  • हाजी मोहम्मद फारूक डडियाल
  • मोहम्मद इस्माइल डडियाल

🌿 चश्मे-बराह

मोहम्मद इरफान — मोहम्मद फैजान — मोहम्मद अली — मोहम्मद हसनैन — अंसार अली


🌺 دعوتِ ولیمہ (वलीमे की दावत)

13 अप्रैल 2026 | बरोज़ पीर | नमाज़-ए-मगरिब के बाद
मेज़बान: हाजी मोहम्मद फ़ारूक साहब
मोबाइल: 9414472133, 8696897638, 8005858128
पता: 37 लोहार कॉलोनी, आयड, उदयपुर — राजस्थान


✒️ मुल्तानी समाज के लिए ख़ास रिपोर्ट

अब्दुल कादिर मुल्तानी
(सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पंजीकृत—दिल्ली से प्रकाशित,
मुल्तानी लोहार/बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका “मुल्तानी समाज” की विशेष रिपोर्ट)

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दुआ

अल्लाह तआला इस पाक रिश्ता-ए-निकाह को रहमत, बरकत, मोहब्बत और सकून का ज़रिया बनाए।
दोनों घरानों को ख़ुशियों, राहतों और कामयाबी से नवाज़े।
आमीन या रब्ब-उल-आलमीन।


🌙 ग़मज़दा इत्तला — अख़्तरी बी का इंतकाल, अल्लाह अपनी रहमतों से ढाँप ले 🌙

निहायत ही अफ़सोस और रंज के साथ तमाम बिरादराने इस्लाम को यह इत्तला दी जाती है कि बरोज़ पीर, 17 नवंबर 2025 को कस्बा नजीबाबाद, ज़िला बिजनौर (उ.प्र.) की मक़बूल-ओ-मुहतरमा अख़्तरी बी (90 साल) अहलिया मरहूम हकीम रोशन मुल्तानी, मुक़ाम मोहल्ला सेवाराम, कस्बा नाज़ीबाबाद का क़ज़ा-ए-इलाही से इंतेकाल हो गया।

इन्ना लिल्लाहि वा इन्ना इलैहि राजिऊन।

अल्लाह तआला मरहूमा की मग़फ़िरत फ़रमाए, उनकी तन्हाइयों को अपनी नूरानी रहमतों से भर दे, और अहल-ए-ख़ाना को सब्र-ए-जमील अता फ़रमाए — आमीन।

मरहूमा अपने पीछे 4 बेटे
मोहम्मद राशिद मुल्तानी, मोहम्मद आसिफ़ मुल्तानी, मोहम्मद आमिर मुल्तानी, मोहम्मद आसिम मुल्तानी,
और एक बेटी क़मर जहाँ,
इसके अलावा पूरा कुनबा, खानदान, रिश्तेदार और अज़ीज़-ओ-क़रीब को ग़मजदा छोड़कर इस फ़ानी दुनिया से हमेशा के लिए रुख़्सत कर गईं।

जनाज़ा नमाज़-ए-ईशा के बाद किया जाएगा और तदफ़ीन जायज़ तरीक़े से संपन्न होगी।
तमाम हजरात से दरख्वास्त है कि जनाज़े में शरीक होकर सवाब-ए-दारेन हासिल करें।

नोट:
मय्यत के बारे में तफ़सीली जानकारी के लिए
जनाब ताबिश मुल्तानी — 9762258518 पर राब्ता करें।


📢 एक ज़रूरी ऐलान — इंतेकाल की खबर भेजने के लिए अहम हिदायतें

अकसर देखा गया है कि किसी मरहूम/मरहूमा के इंतेकाल की खबर देर से या अधूरी मिलती है, जिससे कई लोग जनाज़े में शरीक नहीं हो पाते।
इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि खबर भेजते समय इन बातों को ज़रूर शामिल करें—

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और वल्दियत/शौहर का नाम
2️⃣ पूरा पता और निवास
3️⃣ दफन का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम
4️⃣ घर के 1–2 जिम्मेदार लोगों के मोबाइल नंबर
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल है तो फोटो
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर मुनासिब हो)
7️⃣ अहल-ए-ख़ाना के नाम — औलाद, भाई, बहन, माँ-बाप वगैरह

इन जानकारी से खबर मुकम्मल बनती है और बिरादरी तक सही-सही जानकारी पहुँचती है।


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सत्यता और दावों के लिए लेखक स्वयं जवाबदेह होंगे।
किसी भी विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र सिर्फ दिल्ली होगा।


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अल्लाह मरहूमा अख़्तरी बी को जन्नतुल फ़िरदौस में आला मुक़ाम अता फ़रमाए — आमीन।

Sunday, November 16, 2025

🌙 ग़मगीन अहसास के साथ — गढ़ी पुख़्ता के एक प्यारे रफ़ीक़-ए-हयात का इंतकाल, बिरादरी शोकज़दा 🌙


निहायत ही रंज व अलम के साथ तमाम बिरादराना हजरात को यह इत्तला दी जाती है कि जनाब मोहम्मद शफीक़ साहब (उम्र 58 साल) वल्द जनाब सलीमुद्दीन साहब मरहूम (गढ़ी पुख़्ता वाले), मुक़ाम मोहल्ला आज़ाद चौक शामली—हाल मुक़ीम गांव खेड़ी करमू, जिला शामली—का कल दिन इतवार, 16 नवंबर को तक़रीबन शाम 4 बजे क़ज़ा-ए-इलाही से इंतकाल हो गया।

अल्लाह तआला मरहूम की मग़फ़िरत फ़रमाए, उनकी तन्हाईयों को नूर से भर दे और घरवालों को सब्र-ए-जमील अता फ़रमाए। आमीन।

मरहूम कई सालों से बिस्तर पर थे और अनेकों बीमारियों में मुब्तिला रहे। अपने पीछे वह अपनी अहलिया, दो बेटों, एक बेटी सहित पूरा कुनबा, खानदान और अज़ीज़-ओ-अक़ारिब को रोता-बिलखता छोड़कर इस फ़ानी दुनिया से रुख़्सत हो गए।

उनके पाँच भाइयों में—नफ़ीस अहमद मरहूम, मुशर्रफ़ साहब, सनव्वर साहब (पानीपत), असलम साहब, और दो बहनें—नफ़ीसा बी मरहूमा (गंगोह) तथा रोशन बी (लखनौती) शामिल हैं।


📿 दफ़िने का वक़्त व मुक़ाम

मरहूम की मय्यत को आज दिन पीर, 17 नवंबर 2025 को सुबह 10 बजे
मोहल्ला गुलशन नगर, टायर मार्किट, शामली स्थित कब्रिस्तान
में सपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा।
तमाम हजरात से गुज़ारिश है कि जनाज़े में शिरकत फ़रमाकर सवाब-ए-दारेन हासिल करें।


📞 ज़रूरी मालूमात के लिए संपर्क

मय्यत से संबंधित जानकारी के लिए
मरहूम के भतीजे — मोहम्मद एहसान साहब
मोबाइल: 9756156658
से संपर्क किया जा सकता है।


📢 इंतेकाल की ख़बर भेजने के लिए जरूरी हिदायतें

“मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका की गुज़ारिश है कि खबर भेजते समय इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम व वल्दियत
2️⃣ पूरा पता — असली और मौजूदा
3️⃣ दफ़ीने का वक़्त व कब्रिस्तान
4️⃣ जिम्मेदार शख़्स के फ़ोन नंबर
5️⃣ (मर्द के इंतकाल पर) फोटो
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)
7️⃣ अहल-ए-ख़ाना के नाम


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संस्थान किसी भी दावे या सत्यता के लिए ज़िम्मेदार नहीं है।
किसी भी विवाद की स्थिति में न्यायिक क्षेत्र केवल दिल्ली रहेगा।


✍️ ख़ास रिपोर्ट

मोहम्मद एहसान
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Friday, November 14, 2025

“जनाब इज़हार अहमद साहब के इंतेकाल की दुखद इत्तिला — बिरादरी ग़म में डूबी”

सहारनपुर, उत्तर प्रदेश से — ज़मीर आलम की खास रिपोर्ट

अहले मुस्लिम मुल्तानी लोहार–बढ़ई बिरादरी को निहायत ही दुःख और रंजीदा दिल के साथ यह इत्तिला दी जाती है कि आज दिन जुमा, 14 नवंबर 2025 को सहारनपुर (62 फ़ुटा, गोल्डन पैलेस के बराबर वाली गली) में रहने वाले जनाब इज़हार अहमद साहब वल्द जनाब जहीर अहमद (मरहूम) का क़ज़ा-ए-इलाही से इंतकाल हो गया।
मरहूम की उम्र लगभग 57 साल थी।

अल्लाह तआला मरहूम की मग़फिरत फ़रमाए, उनकी क़ब्र को नूर से भर दे और जन्नत-उल-फिरदौस में आला से आला मक़ाम अता फ़रमाए।
अल्लाह उनके घर वालों को सब्र-ए-जमील अता फ़रमाए।
आमीन सुम्मा आमीन।


📌 जनाज़े की तफ़सील

मिली जानकारी के मुताबिक, मरहूम को कल (शनिवार) 15 नवंबर 2025, सुबह 11 बजे सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा।
तमाम अहबाब-ए-बिरादरी से गुज़ारिश है कि ज्यादा से ज्यादा तादाद में शरीक होकर सवाबे दारेन हासिल करें।


ℹ️ ज़रूरी मालूमात के लिए संपर्क करें:

📞 मोहम्मद नौशाद साहब – 8077249223


📢 एक अहम ऐलान — इंतेकाल की खबर भेजने के लिए ज़रूरी हिदायतें

अक्सर देखा गया है कि इंतकाल की खबर देर से मिलने या अधूरी जानकारी होने की वजह से कई लोग जनाज़े तक नहीं पहुंच पाते।
इसलिए मुल्तानी समाज राष्ट्रीय समाचार पत्रिका पूरी बिरादरी से गुज़ारिश करती है कि इंतेकाल की खबर भेजते समय निम्न बातों का खास ख़याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम और वल्दियत/शौहर का नाम
2️⃣ पूरा पता — इससे लोग सही जगह पहुंच पाते हैं
3️⃣ दफन का वक़्त और कब्रिस्तान का नाम
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स के एक-दो फोन नंबर
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ हो तो मरहूम की तस्वीर
6️⃣ इंतकाल की वजह — अगर बताना मुनासिब हो
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना जैसे भाई, बहन, औलाद, वालिदैन के नाम

इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल बनती है और बिरादरी को वक्त पर सही-सही इत्तिला पहुँचती है।


📰 डिस्क्लेमर

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इनका पत्रिका, संपादक, प्रकाशक या प्रबंधन से आवश्यक रूप से कोई सहमति अभिप्रेत नहीं है।

प्रकाशित सामग्री की सत्यता, विश्वसनीयता और किसी भी प्रकार के दावे के लिए लेखक/विज्ञापनदाता स्वयं जिम्मेदार होंगे।
पत्रिका एवं प्रबंधन किसी भी कानूनी, सामाजिक या वित्तीय जिम्मेदारी से पूर्णतः मुक्त रहेंगे।

किसी भी विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र (Jurisdiction) केवल दिल्ली ही माना जाएगा।


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