मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के शामली जिले के क़स्बा झिंझाना निवासी मरहूम हाजी मुश्ताक साहब ( बढई) के 4 लड़के और 5 लडकियां हुई जिनमें जनाब हाजी इश्तियाक साहब, जनाब शमशाद अहमद साहब, जनाब इरशाद अहमद साहब है जनाब निसार अहमद साहब हुए। हाजी मुश्ताक साहब के सबसे बड़े बेटे हाजी इश्तियाक साहब की लगभग एक साल पहले सड़क दुर्घटना से मौत हो गईं थीं। हाजी मुश्ताक साहब की तीसरी औलाद हाफिज इरशाद अहमद काफी सालों पहले अपना कस्बा झिंझाना छोड़कर, अपनी ससुराल के शहर, जनपद बागपत, बस स्टैंड के नजदीक नई बस्ती में जाकर बस गए थे। इनकी उम्र लगभग 65 साल थी। आज रात तकरीबन 12 बजे अचानक इनकी तबियत बिगड़ी और लगभग रात एक बजे के करीब इन्होंने इस फानी दुनियां को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कह दिया और अल्लाह को प्यारे हो गए । अल्लाह इनकी मगफिरत फरमाएं हाफिज इरशाद साहब अपने पीछे अपनी अहलिया सहित एक बेटे नौशाद, एक बेटी नूर- - ए- सबा सहित पूरे परिवार, खानदान, रिश्तेदारों को रोता बिलखता छोड़कर हमेशा हमेशा के लिए इस फानी दुनियां से विदा हो गए अल्लाह इन सबको सब्र ए जमील अता फरमाएं और मरहूम को जन्नत उल फिरदोश में आला मकाम अता फरमाए आमीन, बाद नमाज़ जोहर पांडव रोड, मुगलपुरा स्थित कब्रिस्तान में ही जनाजे की नमाज़ होगी और बाद नमाज़ इनको इसी कब्रिस्तान में किया जायगा सुपुर्दे खाक, मुल्तानी समाज न्यूज आप सभी हजरात से इल्तजा करता है कि दुःख की कोई भी खबर हो उनको ज्यादा से ज्यादा बिरादरी के ग्रुप और एक दूसरो के व्हाट्सएप पर जरूर भेजे , ताकि सभी को बिरादरी की दुःख और सुख की खबरें पहुंचती रहे।
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