Sunday, October 16, 2022

बरेली (यूपी) निकाह पढ़ाने गए सज्जादनशीन गैर शरई काम देख लौटे, अब शादी में ग़ैर शरई काम होने पर निकाह नहीं पढ़ाएंगे इमाम,

 


*📍"निकाह पढ़ाने गए सज्जादानशीन, गैर शरई काम देख लौटे*


*15 अक्टूबर 2022*


*🌷सुन्नी बरेलवी मसलक की सबसे बड़ी दरगाह में से एक आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां एक शादी में गैर शरई काम देख निकाह पढ़ाए बिना वापस लौट आए। सज्जादानशीन ने देश के तमाम सुन्नी बरेलवी मसलक से जुड़े मौलवी, काजी से कहा कि जिस शादी में बैंड-बाजा, डीजे व आतिशबाजी हो या मर्द औरत एक साथ और खड़े होकर खाना खाते हों वहां निकाह न पढ़ाएं।*



*दरगाह आला हजरत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि सज्जादानशीन गुरुवार को कैंट स्थित गांव कांधरपुर में निकाह पढ़ाने गए थे। शादी में दाखिल होने से पहले ही उन्होंने देखा कि वहां औरत, मर्द साथ खाना खा रहे हैं। खाना भी खड़े होकर खिलाया जा रहा था। इससे नाराज होकर वे लौट आए। नासिर ने बताया कि सज्जादानशीन देश भर में हो रहे गैर शरई कार्यों को लेकर मुहिम चला रहे हैं। देश भर के सभी काजी व मौलवियों से अपील भी की जा चुकी है कि जिन शादियों में बैंड-बाजा, डीजे व आतिशबाजी हो उनके निकाह हरगिज न पढ़ाएं।*


*सज्जादानशीन ने कहा कि देखा जा रहा है कि शादी के नाम पर गैर शरई कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। लड़की वालों से दहेज की मांग की जा रही है। इसे किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता। सज्जादानशीन ने कहा कि दहेज की मांग का चलन बढ़ रहा है। इसको रोकना होगा। डीजे, ढोल-बाजे और आतिशबाजी इस्लाम में नाजायज और हराम है।*


*सोशल मीडिया के जरिये हो रही अपील*


*नासिर ने बताया कि सज्जादानशीन की अपील को सोशल मीडिया के जरिए देश भर के उलेमा को भेजा जा रहा है। इस मसले पर काजी और मौलवियों की एक बैठक दरगाह पर बुलाई जाएगी, जिसमें अपील की जाएगी। उलेमा, काजी और मौलवी देश भर में सज्जादानशीन का पैगाम उर्स की महफिल, जलसों व जुमे की नमाज में आम लोगों तक पहुंचाएं।*

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