क़ुरआन ना सिर्फ इंसान की हिदायत का सर चश्मा है बल्कि अल्लाह से गहरे ताल्लुक का ज़रिया भी और इस गहराई की कोई इंतिहां नही है। आप जितना गहरा गोता लगाएंगे उतना गहरा अपने रब से ताल्लुक जोड़ पाएंगे। मुख्तलिफ लोगों के मुख्तलिफ मिजाज़ होते हैं, मुख्तलिफ दिलचस्पी होती है, इस खज़ाने में हर एक के लिए अपना हिस्सा है।
क्या आप अपना हिस्सा हासिल कर रहे हैं???
इस रमज़ान आपका क़िरदार ये बताए की आप ने क़ुरआन को कितना पढ़ा, किसी भूखे को खाना खिलाएं, किसी नंगे को कपड़े पहनाएं, किसी यतीम पर रहम करें, जिसने आपके साथ ज़ुल्म किया है उसे माफ कर दें, अपने वालिद वालिदा का एहतराम करें, सबसे मुस्कुरा कर मिलें, इंसानियत तक इस्लाम को पहुंचाऐं, क़ुरआन के पैग़ाम को आम करें.........
हक़ीक़त में ये मायने नहीं रखता कि आप क़ुरआन में कितनी दूर तक पहुँचे, बल्कि यह मायने रखता है कि क़ुरआन आपके किरदार, अख्लाक़ और मुआमलात में कितनी गहराई तक पहुँचा है!!
*क़ुरआन के हुक़ूक़-*
क़ुरआन पर ईमान लाना..
क़ुरआन की तिलावत करना..
क़ुरआन को समझ कर पढ़ना..
क़ुरआन की तालीम पर अमल करना..
और क़ुरआन के पैग़ाम को आम करना..
#multanisamaj
8010884848
No comments:
Post a Comment