Tuesday, January 10, 2023

अंजुमन में किसी भी प्रकार के प्रोग्राम या कार्यक्रम में निष्पक्ष होकर बिरादरी के लोगों को नहीं बुलाया जाता है ।

 


मुस्लिम मुल्तानी मुगल आह्नग्रान (अंजुमन) सदर हाजी दिलशाद साहब बडका रोड बडौत जिला  बागपत उ0प्र0 अस्सलामु अलैईकुम जी दिगर अह्वाल साफ तौर पर अर्ज करना चाहता हूं कि उपरोक्त अंजुमन हिन्दोस्तान के मुस्लिम मुल्तानी लौहार बढई बिरादरी की चाहे किसी ने इसमें चन्दा दिया है या चन्दा नहीं दिया है, चन्दा कम दिया है या चन्दा ज्यादा दिया है,

बिरादरी का आदमी अभी तक अंजुमन का मेम्बर बना है या नहीं बना है । अभी बालिग है या ना-बालिग है औरत है या मर्द है । हिन्दोस्तान में पैदा होने के बाद मुस्लिम मुलतानी लौहार बढई बिरादरी का आदमी हिन्दोस्तान में रहता है या बाहर मुल्कों में काम करता है उपरोक्त अंजुमन मुल्तानी मुगल आह्नग्रान बिरादरी के हर एक आदमी बूढा-बच्चा जवान, औरत व मर्द सभी की सम्मानित  संस्था है ।

अक्सर देखा गया है कि बिरादरी की इस संस्था अंजुमन में किसी भी प्रकार के प्रोग्राम या कार्यक्रम में निष्पक्ष होकर बिरादरी के लोगों को नहीं बुलाया जाता है । वक्त के सदर और कमेटी के लोग सिर्फ अपने ग्रुप के और अपने चाहने वाले लोगों को ही अंजुमन में बुलाते हैं । ये तरीका बेहद गलत ही नहीं बिरादरी की एकता के लिये और भाई-चारे के लिये नुकसान दायक भी है । बाग में सभी तरह के पेड व फल होते हैं कुछ फल मीठे होते हैं तो कुछ फल खट्टे भी होते हैं, कुछ फल विषैले होते हैं  तो कुछ फल दवा का काम भी करते हैं ।

बाजार में सभी की अपनी-अपनी कीमत व पहचान होती है । बाग का माली सब की देखभाल बराबर करता है । इसी तरह बिरादरी और समाज में भी सभी तरह का और सभी मिजाज का आदमी होता है । संस्था का काम सभी को साथ लेकर चलना होता है । सबको साथ लेकर चलना अच्छा और खूबसूरत मेनेजमेंट करना ही संस्था का और संस्था के सदर का काम होता है । लिहाजा आपसे गुजारिश है कि बिना भेद-भाव (और बिना किसी के  दबाव को मानते हुए) ध्यान में रखकर  बिरादरी को इज्जत के साथ अंजुमन में बुलाओ और बिरादरी का कोई भी आदमी अपनी बात कहना चाहता हो तो बिरादरी के हर आदमी का अंजुमन पर हक़ है कि बिना डरे आज़ादगी के साथ बिरादरी की अंजुमन में अपनी बात कह सकता है ।

मैं बहुत-बहुत  जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं और कह सकता हूं कि अभी तक होता ये आया है कि अंजुमन में एक ही ग्रुप के कुछ आदमी अंजुमन के माईक व स्टेज पर मुसल्लत (काबिज) हो जाते हैं और अपनी बात बिरादरी को जबरदस्ती सुनाते है । ये रवैया बेहद गलत है । इसे बदलना होगा । अंजुमन किसी की निजी संस्था नहीं है सबको अंजुमन में सबको अपनी बात कहने और रखने की आजादी और हक़ है । मैं चाहता हूं कि मेरे इस लेख को बहुत संजीदगी और गंभीरता से समझा और लिया जाये ।

मैं चाहता हूं कि आने वाली यौमे जम्हूरियत (26 जनवरी 2023 को) ध्वजा रोहण (झण्डा फहराने के कार्यक्रम में सब की इज्जत  सबका सबका मान-सम्मान सबका बडप्पन प्यार मुहब्बत और सब कुछ अच्छा ही होना चाहिये । कार्यक्रम में बारादरी के हर आदमी को बुलाना चाहिये । बिरादरी के हर आदमी की अपनी बात कहने का मौका मिलना चाहिये ।

प्रेषक  - अलीहसन मुल्तानी किशनपुर-बिराल (किशनपुर)  वाले अंजुमन के पास बडौत जिला बागपत उप्र  90 27 00 46 84 , 99 17 86 65 61 , 830 730 87 50 । मेरे द्वारा लिखे उपरोक लेख को मैं  मोबाइल फोन व्हाट्सएप के जरिये मुस्लिम मुल्तानी लौहार-बढई बिरादरी के हर आदमी तक पहुंचाने की कोशिश करूंगा । अस्सलामु अलैईकुम जी । प्रेस विज्ञप्ति और सोशल मीडिया ग्रुप्स से कॉपी पेस्ट खबर

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