Wednesday, December 23, 2020

ख़ुदा_की_कुदरत_की_अजीब_निशानी


गोल्डन प्लावर एक परिंदा है जो अपनी हिजरत की वजह से मशहूर है ,ये हर साल अमरीकी रियासत अलास्का से हवाई के जज़ीरे तक 4000 किलोमीटर की परवाज़ करके हिजरत करता है ,इसकी ये उड़ान 88 घण्टो की होती है ,जिसमे वो कही नही रुकता ,रास्ते मे कोई जज़ीरे नही जिसमे ये ठहर सके ,न ही इसको तैरना आता है कि ये समुन्द्र में तैर सके ,रुक कर आराम करना मुमकिन नही ,जब साइंसदानों ने इस परिंदे पर तहक़ीक़ की तो उनको ये पता चला कि इस परिंदे को ये सफर तय करने के लिए 88 ग्राम चिकनाई (Fat) की ज़रूरत है ,जबकि हक़ीक़त में इस परिंदे के पास परवाज़ का ईंधन के तौर पर तक़रीबन 77 ग्राम चिकनाई मौजूद होती है ,अब होना तो ये चाहिए कि ये परिंदा 800 किलोमीटर पहले समन्द्र में मर कर खत्म हो जाता ,लेकिन कैसे पहुँचता है ,इस का जवाब हैरान कर देने वाला है ,👇


असल मे ये परिंदा गरोह की शक्ल में 7 के शेप बनाकर उड़ता है और अपनी पोज़िशन चेंज करता रहता है ,जिसकी वजह से उन्हें हवा की रगड़ का कम सामना होता है ,ब निस्बत अकेले सफर करने के ,

ओर उनकी 23 % एनर्जी सेव हो जाती है ,जो उनको हुवाई के जज़ीरे तक पहुँचा देती है । 6 या 7 ग्राम चिकनाई इनके पास रिज़र्व फ्यूल की सूरत में भी मौजूद होती है ,जो हवाओ को रुख मुखालिफ होने की सूरत में इनके काम आती है ,


अब हम पूछते है कि कोन #अल्लाह के इनकार की जुर्रत कर सकता है ?


एक परिंदा ये कैसे जान सकता है की उसको सफर करने के लिए कितनी चिकनाई दरकार है ,रास्ता उसे कोन बताता है ,इतना लम्बे सफर की उसको हिम्मत कैसे हो जाती है ,उसको चिकनाई इस्तेमाल का अंदाज़ा कैसे है और उसको ये किसने बताया के 7 के शेप में सफर करने से एनर्जी बचाई जा सकती है ?

#बेशक_मेरे_अल्लाह_ने

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