Tuesday, October 19, 2021

जब तक सियासी पावर नहीं तब तक मुसलमानों का वक़ार नहीं, हमारे रहनुमा मुर्दा हो चुके. ?

 


*जब तक सियासी पावर नहीं तब तक,मुसलमानों का वकार नहीं,

ईद मिलादुन्नबी पर अज्म लें की हम अपनी कयादत खडी करेंगे क्योंकि हमारे सियासीरहनुमा मुर्दा हो चुके है*


नौजवानों की लाख कोशिश, सरकार पर पिछले कुछ दिनों से बनाए दबाव के बावजूद भी ईद मिलादुन्नबी के जलसा निकालने की सरकार द्वारा स्वीकृति नहीं दी गई! ना ही कांग्रेस के मुस्लिम विधायक ओर अन्य ओहदेदारों ने जमीनी स्तर पर अपनी ही सरकार पर दबाव बनाने के लिए कोई प्रयास किया! वर्तमान में कांग्रेस सरकार की कुर्सी का एक पाया हिला हुआ है जिसके डगमगाने से सरकार गिर सकती हे और इसी का फायदा उठाकर विभिन्न समाजों ने अपनी मांगे सरकार से पुरी करवाई है!अगर हमारे मुस्लिम विधायक,पार्षद भी सरकार को चेतावनी देकर दबाव बनाते तो शायद ईद मिलादुन्नबी का जलसा भी निकल रहा होता


लेकिन मुस्लिम नेताओं द्वारा अपने स्वार्थ पुरा करने से ही फुरसत नहीं है और ना ही इनकी औकात है कि यह सरकार को कोई चेतावनी दे सके!चुनावों में मुसलमानों से झूठे वादे करके,बीजेपी के जीतने का डर दिखाकर मुसलमानों के वोटों से खुद की पैठ सरकार में जमाते है और अपने खानदान और रिश्तेदारों की ख्वाहिशों को पुरा करते है

*एक ख्वाब पिछले चुनावों में मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने का किया गया लेकिन आज 3 साल भी वो नियमित होने के लिए आन्दोलन करने को मजबूर है*


सियासत में अपनी हिस्सेदारी चाहते हो, मांगने पर अपने हक ना मिले और उसे छिनना चाहते हो तो समाज में सियासत के प्रति बेदारी पैदा करो.. अपनी पार्टी अपनी कयादत पैदा करो!हो सकता है थोड़ा इसमें वक्त लगे मगर जब भी सियासत में अपनी जडे मजबूत कर लोगे... उस दिन हम पर जुल्म और ज्यादती बंद हो जाएगी! पार्टियां और सरकारें हमारे पैरों में झुकती नजर आएगी! इंशाअल्लाह इंकलाब पैदा होगा सरकार के हर विभाग में हमारी संख्या के अनुपात में शिक्षा,व्यापार,उद्योग में हिस्सेदारी होगी


*बोल के लब आज़ाद है तेरे*


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