Thursday, October 7, 2021

एक दफ़ा एक घोड़ा गहरे गड्ढे में जा गिरा और ज़ोर ज़ोर से आवाज़ लगाने लगा ..


घोड़े का मालिक उसे बचाने की कोशिश करने लगा और जब उसको बचाने में कामयाब न हुआ  तो हार मान कर दिल को बहलाने लगा और कहने लगा घोड़ा ऐसे भी अब बूढ़ा हो चुका है अब मेरे काम का भी नहीं अब क्या करें इसे यहीँ छोड़ देते है और गड्ढे को भर देते हैं ..यह विचार आते ही उसने लोगों की मदद से गढ्ढा को भरने लगा .... सब मिल कर गढ्ढे में मिट्टी कूड़ा करकट डालने लगे ....घोड़ा इस सूरत-ए -हाल से बहुत परेशान हुआ वो ज़ोर जोर से चिल्लाने लगा और कुछ देर बाद घोड़ा ख़ामोश हो गया ....जब किसान ने गढ्ढे में झांक कर देखा तो हैरान रह गया के जब जब घोड़े के उपर मिट्टी और कचरा फेंका जाता है तब तब घोड़ा उसे झटक कर अपने जिस्म से नीचे गिरा देता है और गिरी हुई मिट्टी के ऊपर चढ़ जाता है ....यह सिलसिला लगातार चलता रहा सब मिलकर घोड़े के ऊपर मिट्टी , कचड़ा फेंकते रहे और घोड़ा अपने बदन से छाड़ कर ऊपर चढ़ता गया और देखते ही देखते ऊपर तक पहुँच गया और बाहर निकल गया .....ज़िन्दगी में हमारे साथ भी ऐसे वाक़्यात पेश आते हैं के हमारे ऊपर कचरा उछाला जाता है ...

हमारी क़िरदार-कशी की जाती है ..हमारे दामन को दाग़दार किया जाता है ....हमें चारो तरफ़ से घेर कर बेइज़्ज़त किया जाता है ...हमें कमज़ोर समझ कर निशाना बनाया जाता है ....लेकिन !! गंदगी के इस गढ्ढे से बचने का तरीका यह नहीं के हम उस ग़लतियों के तह में दफ़्न होकर रह जाएं !!बल्कि हमें भी उन कचरो का मुक़ाबला करते हुए ऊपर की तरफ़ और आगे की तरफ़ बढ़ते रहना चाहिये ....ज़िन्दगी में हमें जो भी मुश्किलात पेश आती हैं वो पत्थरों की तरह होती है मगर यह हमारे अक़्ल पर मुनहसिर हे के हम हार मान कर उनके नीचे दब जाएं !! या ऊपर चढ़ कर मुश्किल के कुओं से बाहर आने की हिम्मत और तरकीब करें ...ख़ाक डालने वाले डालते रहें मगर पुर अज़्म इंसान अपना रास्ता कभी नहीं बदलता

@Multani Samaj News
8010884848
7599250450

No comments:

Post a Comment