दहेज नहीं शिक्षा_हैं_बेटी_का_अधिकार
सामाजिक_जागरूकता_अभियान
मुबारक हो मुबारक हो बदलते समाज की तस्वीर
समाज के लिए आदर्श निक़ाह सुन्नत तरीको से भी हो सकता है समाज से हटकर कुछ काम करें शुरू में कुछ परेशानी उठानी पड़ती है मगर बाद में ऐसे लोग कौम को बदलने के लिए आदर्श साबित होते हैं आज हम बात करने जा रहे हैं जनाब नासिर भाई साहब लुहार जो बूंदी के रहने वाले हैं जिनकी बच्ची का निकाह आएशा हमराह मोहम्मद आदिल वल्द हाजी उमर चाकसू के साथ 4 फरवरी 2021 को किया गया था बहुत-बहुत शुक्रिया समाज के लिए यह शानदार संदेश दिया है ऐसे लोग ही है जो समाज को बदलने में अहम भूमिका निभा रहे हैं जो निकाह सुन्नत है उनको सुन्नत तरीके से अदा करवा रहे हैं ऐसे लोग किसी मुहिम से मुतासिर होकर नहीं बल्कि मुहिम इन जैसों से मुतासिर होती है दीन इस्लाम के करीब होना इंसान खुद में एक मुहिम है जिस बच्ची का निकाह हुआ है वह बच्ची माशाअल्लाह #आलिमा है जहां तालीम है दीन के करीब है वहां पर फिजूलखर्ची गैरजरूरी रस्म दहेज वीडियोग्राफी फोटोग्राफी डीजे इन सब चीजो का क्या काम ऐसे निक़ाह यह साबित करता है कि दुनियावी तालीम के साथ-साथ दीन की तालीम बेहद जरूरी है जिससे आप कर्ज परेशानियां और सबसे बड़ी चीज गुनाह से बच सकते हैं ।
अल्लाह हम सब को दीन पर चलने की तौफ़ीक़ दे और जो हुकुम अल्लाह ने दिया और रसूल ने सिखाया उस पर अमल कर सके ।
आमीन
नासिर साहब ( लड़की वाले ) और हाजी उमर चाकसू वालो को इस नेक काम करने और बिरादरी के लिये मिसाल कायम की इनको और इनकी फैमिली को मुलतानी समाज चैरिटेबल ट्रस्ट ( रजि0 ) संस्था की और से दिली मुबारकबाद और लाख लाख बधाईयां अल्लाह इनके बच्चों की जोड़ी सलामत रखे और इनकी सभी जायज़ दुवाये के कबूल फरमाएं।
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