इस की सब से बड़ी वजह नज़र आती है कि अल्लाह ने दुनिया में हर जगह मौक़े ही मौक़े रखें है " This World is Full of Opportunity "... एक रास्ता बंद होता है तो दूसरा रास्ता अपने आप खुल जाता है...।
क़ायनात की हर चीज इंसान की मदद में लगी हुई है... सूरज, चांद, समुद्र, हवा पानी, ज़मीन सब कुछ जो बुनियादी चीज़ें ज़िन्दगी के लिए...। बिना अल्लाह की नेमतों के ज़मीन-ओ-आसमान पर एक पल बिताना नामुमकिन है...।
जहां इतनी नेमतें, इतनी Opportunity और Hope हों वहां मायूस होने का कोई हक़ नहीं बनता...।
जैसे किसी को नदी के किनारे प्यासा मरने का हक़ नहीं होता...।
जब हालात मन मुताबिक़ न हों और कोई उम्मीद नज़र न आए तो मायूसी छा जाती है... इसकी वजह है कि बिना सभी पहलुओं को समझे एक नकारात्मक राय बना ली जाती है...।
इतनी नेमतों 1और मोक़ों को देखने के बजाय उस का ध्यान सिर्फ़ एक चुनिंदा ख़्वाहिश को पाने में लग जाता है... जिस को पाने में वह नाकाम हो जाता है...।
इंसान ऐसी चाहत रखता है जो दुनिया के नियम के ख़िलाफ़ होती है...। जैसे मन मुताबिक़ हालात का मिलना या ख़्वाहिश के मुताबिक़ चीज़ों को पाना...। यह दोनों बातें ख़ुदा के तख़्लिक़ी प्लान के ख़िलाफ़ हैं... क्योंकि उसने यह दुनिया इम्तिहान के लिए बनाई है... ना कि सारी ख़्वाहिश पूरी करने के लिए... उस के लिए जन्नत है...।
मायूसी कड़वी सच्चाई से भागने और बिना सारे पहलुओं को जाने राय बनाने से और ऐसी चीज़ की तमन्ना करने से जो उसके लिए बनी ही ना हो या कोई चीज़ मिलना मुमकिन ना हो तब मायूसी आती है...। जबकि दूसरे दरवाज़े हमेशा खुले रहते हैं...। जहां अल्लाह तआला की बेशुमार नेमतें को भूलकर सिर्फ़ एक चीज़ पर इंसान अटक जाता है...। यह ख़ुदा के नेमतों की नाशुक्री जैसा है... जिस का इंसान को कोई हक़ नहीं...।
मिसाल के तौर पर कोई बाग़ हो जिस में हर दरख़्त पर आम ही आम लगे हों, नीचे खीरा ककड़ी से भरी बेल लटकी हों, अनार के वजन से उसका दरख़्त झुका हुआ हो... लेकिन आपकी नज़र सिर्फ़ खजूर पर अटकी हो जहां आपका हाथ नहीं जा रहा... और वह ज़िद पर अड़ा हो कि खाएगा तो खजूर ही वरना भूख़ा मर जाएगा...। ऐसे शख़्स को कोई भी बेवकूफ़ कहेगा...।
ठीक यही हाल उस इंसान का है जो मायूस होता है वह किसी एक चीज़ पर नज़रें गड़ा कर ख़ुदा की तमाम नेमतों को नज़र अंदाज़ कर देता है...।
قالَ وَمَن يَقنَطُ مِن رَحمَةِ رَبِّهِ إِلَّا الضّالّونَ
इब्राहिम ने कहा अपने रब तआला की रहमत से नाउम्मीद तो सिर्फ़ गुमराह और बहके हुए लोग ही होते हैं...।
(क़ुरआन मजीद 15:56)
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लड़की का फोटो सिर्फ़ ख़बर ध्यान से पढ़ने के लिये लगाया गया है।
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