भारतीय जेवेलीन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक के जैवलिन थ्रो में बेस्ट थ्रो फेंककर फाइनल में इतिहास रच दिया है। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल को हासिल किया है। नीरज ने 87.58 की सर्वश्रेष्ठ दूरी तय करते हुए गोल्ड मेडल पर अपना कब्जा किया है। उन्होंने दूसरे प्रयास में ये उपलब्धि हासिल की।
आपको बता दे, नीरज क्वालिफिकेशन राउंड में भी टॉप रहे है। इससे पहले साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक के बाद यह भारत देश का पहला गोल्ड मेडल हासिल किया है। नीरज ने पहली कोशिश में 87.03 मीटर की दूरी को तय किया है। बता दे कि नीरज चोपड़ा ने पंचकूला के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में एथलीट्स कोच नसीम अहमद से छह साल तक कोचिंग भी ली है।
ऐसे में नीरज के कोच ट्रेनिग देने वाले बहुत ही ज्यादा खुश भी है। नीरज चोपडा के कोच नसीम अहमद ने बताया है कि इसी साल मार्च के महीने में नीरज चोपड़ा ने पटियाला में आयोजित सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी किया था। नसीम ने कहा है कि उन्होंने यहाँ एक कीर्तिमान को स्थापित भी कर दिया है।इसके अलावा भी नसीम अहमद ने बताया है कि नीरज चोपड़ा आज बड़े एथलीट है। लेकिन इसके बावजूद भी वो मेरे सामने कुर्सी पर नही बैठते है। वो ज्यादा बात भी नही करते है। जब भी कोई बड़ी प्रतियोगिता खेंलने के लिए जाते है तो आशीर्वाद जरूर लेते है।
नसीम बताते है कि मैं नीरज का हर मैच देखता हूँ। यह पल हजारो खिलाड़ियों को तराशने के बाद एक कोच को नसीब होता है। मैं बहुत ही ज्यादा खुश नसीब हूँ कि मैं देश को नीरज चोपड़ा जैसा एथलीट दे पाया हूँ।
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