सुन्नी दावते इस्लामी अजमेर शरीफ और उम्मत फ़ाउन्डेशन की और से दरगाह कमेटी को मय्यत गाड़ी डोनेट की गई,
यह मय्यित गाड़ी ई रिक्शा पर बनवाई गई, अजमेर की तंग गलियों में बङी गाड़ी पहूंचना दुशवार होता है इस लिए ई रिक्शा पर बनवाई गई, ताकी लावारिस मय्यतों को लाने में भी तकलीफ ना हो, व इनसान मरने के बाद अपने आखिरी घर जाऐ तो एहतराम और अदब के साथ जाऐ,और खिदमते ख़ल्क यह बहूत बङी नैकी है, इस से पहले सुन्नी दावते इस्लामी अजमेर शरीफ ने जनाना अस्पताल में एक वार्ड गोद लिया हुवा है,और उम्मत फाउंडेशन अंदर कोट स्थित 9वीं क्लास से 12वीं तक फ्री कोचिंग सेंटर चला रही है, जहाँ से इन्सानों की ख़िदमत होती है अल्लाह के नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम ने फरमाया "सारी मख़्लूक़ अल्लाह का कुन्बा है, इस लिए अल्लाह तआला के नज़दीक तमाम मख़्लूक़ में सब से ज़्यादा पसन्दीदा वोह आदमी है जो उस की मख़्लूक़ के साथ नैकी करे,इसी निय्यत से यह कार्य किया गया है,
इस मय्यत गाड़ी की चाबी अशफाक हुसैन नाज़िम दरगाह कमेटी, दरगाह ख़्वाजा साहब के हाथों दी गई, इस मोक़े पर असिस्टेंट नाज़िम मोहम्मद आदिल, ख़्वाजा माॅडल स्कूल के प्रिंसिपल अरोड़ा जी और संस्था के मेम्बारान मौलाना मुईनुद्दीन रज़वी, अलीमुद्दीन, शेख़ मुस्तक़ीम, सफदर अली मोजूद थे
No comments:
Post a Comment