1- पढ़ लिख कर क्या करोगे? मुसलमानों को कहां नौकरी मिलती है?
इस एक वाक्य ने मुसलमानों को शिक्षा से दूर कर दिया।
2- कांग्रेस के अलावा विकल्प बताइए?
इस वाक्य ने राजनीतिक रूप से मुसलमानों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया। आम मुस्लिम राजनीति करना भूल गया वह सिर्फ वोट बैंक बन कर रह गया।
3- फलां को वोट दो नहीं तो बीजेपी आ जाएगी।
इस वाक्य ने यादवों और दलितों के बड़े बड़े नेता पैदा कर दिए, मुलायम, लालू, पासवान, नीतीश कुमार, मायावती, अखिलेश यादव जैसे नेता सत्ता के शिखर तक पहुंच गए और बीजेपी भी आ गई बस मुसलमानों की राजनीतिक हत्या हो गई।
4- हम जन्नती हैं।
इस वाक्य ने मुसलमानों का सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है।
शराब ये पिएं, जुआ ये खेलें, चोरी ये करें, स्मगलिंग ये करें हतता की हर गैर इस्लामिक काम करते हैं और भरोसा पूरा रखते हैं कि जन्नत में तो हम ही जाएंगे। हमारे सिवा जन्नत में किसी को जगह नहीं बस यूं समझिए जन्नत में हमारा बैनामा है।
5- दुआ करिएगा।
हमें ऐसी ऐसी छोटी-छोटी दुआंए याद करा दी गई कि ये दुआ पढ़ने से इतने सालों के गुनाह माफ कर दिए जाएंगे ये दुआ पढ़ने से इतने हजार फरिश्ते इतने सालों तक नेकियां लिखते रहेंगे और फिर हम अपाहिज हो गये।
इस्लाम का सिखाया अखलाक भूल गए, कर्म करना भूल गए, जद्दोजहद भूल गए, हम ये भूल गए कि हमारे रसूल और सहाबा ने दिन में जद्दोजहद किया है रात में दुआएं मांगी हैं।
कहते हैं इंसान गलतियों से सबक सीखता है और उसमें सुधार करता है हमारे अंदर वो खूबी भी नहीं है कि हम सबक सीखें और सुधरें।
आपका भाई
*ज़मीर आलम मुल्तानी*
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