मिली जानकारी के अनुसार पूर्व राज्यसभा सांसद ज़नाब अमीर आलम साहब के सगे भांजे और पूर्व विधायक नवाज़िश आलम साहब के ( फूफी जाद भाई ) ख़ालिद मियां का कल बा तारिख़ 28 मार्च 2021 दिन इतवार को एस्कोर्ट अस्पताल में सुबह इंतेकाल हो गया था। वो कुछ दिनों से बीमार थे। बताया जा रहा है कि 20-22 दिन पहले उनको हार्ट में तकलीफ़ हुई थी तो उनको स्थानीय डॉक्टरों ने दिल्ली के लिये रेफर कर दिया था ।
मोहल्ला बिलोचियांन कस्बा गढ़ी पुख्ता निवासी मतलूब अली खां ( प्रधान जी ) के 2 बेटे और 3 बेटियों में मरहूम ख़ालिद खान दूसरे नंबर पर थे। ख़ालिद खाँ बहुत ही मिलनसार और खुशमिजाजी के लिये मशहूर थे। यही कारण था कि हर कोई उनकी आखिरी बार शक्ल देखने के लिये बेचैन था भीड़ ज्यादा हो जाने पर अंतिम दर्शन के लिये उनके जनाज़े को प्रधान जी के घर से पूर्व मंत्री जी ( मृतक के मामा ) की कोठी पर रखा गया गम के कहर से टूटे पड़े सांसद अमीर आलम अपना गम छिपाने के लिये और परिजनों का साहस बनाने के उद्देश्य से अपने ग़म को छुपाने का प्रयास करते रहे। जबकि उनके चेहरे से भांजे के चले जाने का दुःख साफ झलक रहा था। बार बार भांजे की शक्ल देखने का अरमान उनके दिल में था तो वो हर आने जाने वालों को खुद जाकर अंतिम दर्शन कराते रहे ( ताकि इस बहाने वो खुद भी अंतिम दर्शन करते रहे ) अपने कलेजे पर पत्थर रखकर वो परिजनो सहित रिश्तेदारों और नगरवासियों सहित सभी का साहस बढ़ाते दिखाई दिये कोरोना कॉल के चलते ज्यादा भीड़ न इकट्ठी हो पाए इसके लिये पूर्व मंत्री अमीर आलम साहब ने परिजनों से सिर्फ़ नजदीकी रिश्तेदारों को ही इंतेकाल की खबर देने का हुक्म दिया हुआ था। इसलिये जो तादाद लाखों में पहुँच जाती उसको सिर्फ हज़ारों में रखा गया । कम से कम लोगो इंतेकाल की खबर देने के बावजूद उनके चाहने वालो की संख्या इतनी हो गयी कि जनाने के पीछे चलने वालों को जनाज़ा दिखाई नही दे रहा था।
इनके जनाज़े के पीछे सिर्फ रिश्तेदार ही नही सभी समुदायों के लोग पहले ही कब्रिस्तान के लिये रवाना हो चुके थे और जनाजे के पहुँचने का इंतेज़ार कर रहे थे। ख़ालिद मियां के इंतेकाल से पूरे कस्बे में गम का माहौल है। हर तरफ़ इनके इंतेकाल की ही चर्चे है। महमानों का अभी भी आना जाना लगा हुआ है। बड़े भाई ज़नाब गुलाम रसूल खां ( नवाब मियां ) और ज़नाब अमीर आलम (मंत्री जी ) परिजनों , खानदान वालो, रिश्तेदारों और हर उनके चाहने वालों को दुःख की इस घड़ी में साहस और हिम्मत बढ़ाने में लगे हुए है।
No comments:
Post a Comment