आज के समाजसेवियों का ये परिचय असली है।
इनके चेहरे तो नकली हैं,लेकिन अभिनय असली है।।
खुद के बारे में ना किसी पीर से पूछो,ना फकीर से पूछो।
एक बार अपनी आंखे बन्द करके,अपने जमीर से पूछो।।
जब "जमीर" गुलामी का आदि हो जाए तब ताकत कोई मायने नहीं रखती है......
*मुझे पसंद हैं वो लोग जो मुझे पसंद नही करते।*
*कम से कम अपना होने का दिखावा तो नही करते हैं।।*
*"हेमन्त जैमन "दबंग"*
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