Sunday, May 30, 2021

एक मुसलमान दूसरे मुसलमान से : भाई जान एक बात पूछूं ? दूसरा: पूछो भाई।


पहला: अल्लाह ना करें कि अगर आपको कोरोना हो जाए तो आप क्या करोगे? 

दूसरा: भाई मै अपने आप को एक कमरे में क्वारेंटाइन कर लूंगा और फिर किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लेकर अपना इलाज करूंगा।

पहला: अगर आपकी तबियत ठीक ना हुई और हालत और बिगड़ गई तो क्या करोगे?

दूसरा: फिर मैं किसी अच्छे प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट हो जाऊंगा और वहा अपना इलाज करवाऊंगा। 

पहला: अगर फिर भी हालत में सुधार नहीं हुआ तो आप क्या करोगे?

दूसरा: फिर तो बस अल्लाह से दुआ ही कर सकता हूं।

पहला: और क्या करोगे?

दूसरा: अपने गुनाहों से तौबा करूंगा, नमाज़ पढूंगा, तस्बीह पढूंगा, अल्लाह से रो रो कर दुआ मंगुगा अपने लिए भी और दूसरे बीमारों के लिए भी। 

पहला: अगर इस वक्त आप कोई आखरी तमन्ना मांगना चाहो तो क्या मांगोगे?

दूसरा: मैं अल्लाह से कहूंगा की मुझे एक मौका और दे दें की अब मैं कोई गुनाह ना करु और सिर्फ नेक अमाल करु।

पहला: मेरे भाई वो ही मौका तो अब है तुम्हारे पास, अभी देर नहीं हुई है।

लाखो लोग मर चुके हैं इस कोरोना की बीमारी से अगर आप अभी तक जिंदा हो और बीमार भी नही हुए हो तो अल्लाह का शुक्र अदा करो और इस मौके को आखरी मौका समझ कर लोट आओ अल्लाह की तरफ।


मैं दुआ करता हूं या अल्लाह इस मैसेज को लिखने वाले को, और पढ़ने वाले को, और इसे शेयर करने वाले को और इनके खानदान वालो को और तमाम आलम के मुसलमानो को इस वबा से महफूज फरमाए। और नबी करीम हजरत मुहम्मद सल लल लाहू अलैहि वसल्लम के बताए हुए दीन के रास्ते पर चलने की तौफीक अता फरमाए। आमीन।🤲🤲

नोट :- *ख़बर में का फोटो जानबूझकर डाला गया ताकि आप मैसेज को ध्यान से पढ़े*

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