Sunday, August 31, 2025

🌹 इत्तिला-ए-इन्तेकाल : जनाब मोहम्मद यामीन साहब का दुखद इंतकाल 🌹

निहायत ही अफ़सोस और रंज व ग़म के साथ यह इत्तिला दी जाती है कि कल दिन इतवार, 31 अगस्त 2025 को बिरादरी के अज़ीज़ और मोअज्ज़िज़ शख्सियत जनाब मोहम्मद यामीन साहब (उम्र तक़रीबन 50–55 साल) वल्द मरहूम जनाब हकीमुद्दीन साहब का इंतकाल हो गया।

मरहूम का ताल्लुक जसद, सरधना (ज़िला मेरठ, उत्तर प्रदेश) से था और आप पिछले अरसे से कर्दमपुरी, दिल्ली में बसर कर रहे थे। लम्बे वक़्त से गले के कैंसर की बीमारी से जूझते हुए, ईलाज के दौरान आप इस फ़ानी दुनिया को अलविदा कह गए।

🕊️ परिवार और अहल-ए-ख़ाना

मरहूम अपने पीछे बुज़ुर्ग वाल्दा, मोहतरमा अहलिया, बेटा-बेटियाँ, पौते-पोतियाँ, नाते-नातिनें और पूरा कुनबा-खानदान छोड़कर रुख़्सत हुए हैं। इस अचानक जुदाई से पूरा घराना, बिरादरी और अज़ीज़-ओ-अक़ारिब गहरे सदमे और ग़म में डूब गए हैं।

🕌 नमाज़-ए-जनाज़ा और दफन

मिली जानकारी के मुताबिक मरहूम का जनाज़ा आज दिन पीर, 01 सितम्बर 2025 को सुबह 10 बजे अदा किया जाएगा और उसके बाद सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा। लिहाज़ा तमाम हजरात से दरख़्वास्त है कि ज़्यादा से ज़्यादा तादाद में शरीक होकर दुआएं करें और सवाबे दारेन हासिल करें।

🤲 दुआ-ए-मग़फ़िरत

हम अल्लाह तआला की बारगाह में दुआ करते हैं कि वह मरहूम की मग़फ़िरत फरमाए, उनकी ग़ुना-ओं को माफ़ करे और जन्नत-उल-फिरदौस में आला मक़ाम अता फरमाए। साथ ही उनके घराने को सब्र-ए-जमील और हिम्मत बख़्शे। आमीन या रब्बुल आलमीन।

📞 मालूमात के लिए

मय्यत के सिलसिले में तफ़सीलात हासिल करने के लिए आप मोहम्मद इक़बाल साहब (सुंदर नगरी, दिल्ली) से उनके मोबाइल नंबर — 9810307851 पर राब्ता कर सकते हैं।

📢 इल्तिज़ा-ए-बिरादरी

बिरादरी के लिए बनाई गईं तमाम व्हाट्सएप ग्रुप्स में ऐसी खबरें ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें, ताकि सब तक सही इत्तिला पहुंच सके।

यदि आप कोई खबर, इत्तिला या इंतकाल की जानकारी सीधे हम तक पहुंचाना चाहते हैं, तो कृपया हमें व्हाट्सएप/ईमेल के ज़रिये भेजें।

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✒️ दुआनुमा अशआर

इक रोज सबको छोड़ के जाना है इस जहाँ,  
किसी को नहीं मिला है अमर का मक़ाम।  

रहमत तेरी बरसे ऐ ख़ुदा उस पर हर घड़ी,  
जन्नत में बसा दे तू यामीन को सदा के लिए।  

ग़म की घड़ी है सब्र का आसरा मिले,  
रहमत का साया घराने पर सदा रहे।  

💐 जनाब मोहम्मद यामीन साहब की यादें, उनकी नेक सिफ़ात और अच्छे अख़लाक बिरादरी में हमेशा ज़िंदा रहेंगे।
उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा।

एक ज़रूरी ऐलान – इंतेकाल की खबर भेजने के लिये अहम् हिदायतें

अक्सर ऐसा होता है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुंचती है या अधूरी जानकारी होने की वजह से लोग जनाज़े तक नहीं पहुँच पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे)।
3️⃣ दफीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।

👉 इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों को सही-सही जानकारी मिलने से आसानी होगी।


मशहूर कार मैकेनिक जनाब मोहम्मद नौशाद साहब का दर्दनाक सड़क हादसे में इंतकाल

बड़ौत (जिला बागपत), 31 अगस्त 2025:

निहायत ही रंज व ग़म के साथ यह इत्तिला दी जाती है कि बड़ौत की पहचान बन चुके मशहूर कार मैकेनिक जनाब मोहम्मद नौशाद साहब (उम्र तक़रीबन 50 वर्ष), वल्द मरहूम हाजी शब्बीर साहब (बड़का वाले) का एक दर्दनाक सड़क हादसे में इंतकाल हो गया। उनके इंतकाल की खबर से न सिर्फ बड़ौत बल्कि पूरे इलाक़े की मुल्तानी समाज बिरादरी में गहरा मातम पसरा हुआ है।

हादसे की पूरी तफसील

बीते रोज़ शनिवार, 30 अगस्त 2025 की शाम तक़रीबन साढ़े 7 बजे, जनाब नौशाद साहब बागपत शहर में अपनी ससुराल के पास गाड़ी पार्क करके रोड पार कर रहे थे। अचानक तेज़ रफ़्तार से आ रही एक बाइक ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसा इतना भयंकर था कि टक्कर लगते ही नौशाद साहब सड़क पर ही बेहोश होकर गिर पड़े।

मौके पर मौजूद रिश्तेदारों और राहगीरों ने फ़ौरन उन्हें बागपत के नज़दीकी हॉस्पिटल पहुँचाया। हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उन्हें दिल्ली के बालाजी अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन अफ़सोस, तमाम कोशिशों और इलाज के बावजूद रविवार 31 अगस्त की सुबह तक़रीबन साढ़े 6 बजे उनका इंतकाल हो गया।

बिरादरी में मातम

मरहूम नौशाद साहब अपनी मिलनसार और खिदमतगार शख्सियत की वजह से इलाके में बेहद मक़बूल थे। वह बड़ौत के बावली रोड पर रहते थे और पेशे से कार मैकेनिक थे। उनके इंतकाल की खबर मिलते ही इलाके में ग़म का माहौल छा गया और घर पर तअज़ियत के लिए लोगों का तांता लग गया।

दफीना और परिजन

मरहूम का दफिना बड़ौत के बड़का रोड कब्रिस्तान में किया जाएगा। चूंकि अस्पताल की औपचारिकताओं (फॉर्मेलिटीज़) में कुछ वक्त लग रहा है, लिहाज़ा दफीने का सही वक़्त बाद में इत्तला किया जाएगा।

मरहूम अपने पीछे

  • वालिदा,
  • दो चाचा: हाजी इस्लाम साहब व मोहम्मद यामीन साहब (प्रधानाचार्य),
  • तीन भाई: जनाब अनीस साहब, मोहम्मद फ़ारुख साहब और फरियाद साहब,
  • अहलिया: शईदा बी,
  • दो बेटियाँ: नसरा और इकरा,
  • एक बेटा: अमन,

सहित पूरे कुनबे, खानदान और अज़ीज़ो-अक़ारिब को रोता-बिलखता छोड़कर इस फ़ानी दुनिया से हमेशा-हमेशा के लिए रुख़्सत हो गए।

दुआ-ए-मग़फ़िरत

“मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका की तरफ़ से हम दुआ करते हैं कि अल्लाह तआला मरहूम की मग़फिरत फ़रमाए, उन्हें जन्नतुल फ़िरदौस में आला मुक़ाम अता करे और घर वालों को सब्र-ए-जमील अता फरमाए। आमीन।


एक ज़रूरी ऐलान – इंतेकाल की खबर भेजने के लिये अहम् हिदायतें

अक्सर ऐसा होता है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुंचती है या अधूरी जानकारी होने की वजह से लोग जनाज़े तक नहीं पहुँच पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे)।
3️⃣ दफीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।

👉 इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों को सही-सही जानकारी मिलने से आसानी होगी।


📢 “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका की तरफ़ से आप सभी से गुज़ारिश है कि इंतेकाल की खबर भेजते वक्त इन हिदायतों का ख़ास ख्याल रखें।
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Saturday, August 30, 2025

إِنَّا لِلّهِ وَإِنَّـا إِلَيْهِ رَاجِعونَ बड़ौत (जिला बागपत, उत्तर प्रदेश) से दो अफराद के इंतकाल की इत्तेला

✍️ खास रिपोर्ट: वरिष्ठ समाजसेवी अलीहसन मुल्तानी, बड़ौत (जिला बागपत, उत्तर प्रदेश)

अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातहु।

निहायत ही अफसोस और रंजो-ग़म के साथ आप सभी बिरादराने हजरात को यह इत्तेला दी जाती है कि आज दिन इतवार, 31 अगस्त 2025 को बड़ौत तहसील, जिला बागपत से दो अफराद के इंतकाल की ख़बरें प्राप्त हुई हैं।

पहला इंतकाल – दर्दनाक हादसे से

बेहद दुखद और अफसोसनाक इत्तेला है कि —
मिस्त्री नौशाद साहब, वल्द मरहूम शब्बीर (बड़के वाले), हाल मुक़ीम बावली रोड, बड़ौत का एक दर्दनाक हादसे में इंतकाल हो गया।

कल रात उनका सड़क हादसा हुआ था, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एक्शन बालाजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहाँ ऑपरेशन भी हुआ, लेकिन अफसोस! कि अब वे हमारे बीच नहीं रहे। अल्लाह की ऐसी मर्जी थी।

🕋 अल्लाह तआला मरहूम की मग़फ़िरत फरमाए।
🕋 अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त उन्हें जन्नतुल फ़िरदौस में आला मुक़ाम अता करे।
🕋 अल्लाह उनके अहल-ए-ख़ानदान को सब्र-ए-जमील अता फरमाए।
आमीन।

दूसरा इंतकाल

आज सुबह तकरीबन सुबह 6:30 बजे दूसरी इत्तेला मिली कि —
इस्लाम साहब (बिजरोल वाले), हाल मुक़ीम बड़ौत पठानकोट, की अहलिया का इंतकाल हो गया।

🕋 अल्लाह तआला मरहूमा की मग़फ़िरत फरमाए और उन्हें जन्नत में आला से आला मुक़ाम अता करे।
🕋 अहल-ए-ख़ानदान को इस ग़म को बर्दाश्त करने का सब्र और हिम्मत अता फरमाए।
आमीन।

बिरादरी से गुज़ारिश

“मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका की ओर से तमाम बिरादरी से दरख़्वास्त है कि इस इत्तेला-ए-इंतेकाल को अपने-अपने कस्बों, शहरों, जिलों और राज्यों के व्हाट्सएप ग्रुप्स में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, ताकि मरहूम और मरहूमा के लिए दुआएं आम हो सकें।

बिरादरी की हर खुशी और ग़मी की खबरें “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के मोबाइल नंबर 8010884848 पर भेजें। आपके नाम और मोबाइल नंबर के साथ आपकी खबर प्रकाशित की जाएगी।


📌 विशेष रिपोर्ट: वरिष्ठ समाजसेवी अलीहसन मुल्तानी, बड़ौत (जिला बागपत, उत्तर प्रदेश)
#MultaniSamaj #इत्तेला_ए_इंतेकाल #Baghpat #Baraut

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إِنَّا لِلّهِ وَإِنَّـا إِلَيْهِ رَاجِعونَ चंदन नगर, इंदौर (मध्य प्रदेश) से इत्तेला-ए-इंतेकाल


✍️ खास रिपोर्ट: मोहम्मद यूसुफ़ मुल्तानी, इंदौर (म.प्र.)

अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातहु।

बेहद अफसोस और रंजो-ग़म के साथ यह इत्तेला दी जाती है कि —

मरहूमा हाजी मोहम्मद क़ासम साहब खेड़ी वाले भुट्टे की बहू,
मरहूम मोहम्मद हुसैन साहब खेड़ी वाले भुट्टे की अहलिया (जोजा),
मोहम्मद यूनुस और मोहम्मद यूसुफ़ उर्फ़ बाबू भाई की वालिदा

का क़ज़ा-ए-इलाही से इंतकाल हो गया है।

दुआएं और ताज़ियत

🕋 अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त मरहूमा के सारे गुनाह माफ़ फरमाए।
🕋 अल्लाह सुब्हानहु व तआला उनकी क़ब्र को नूर से भर दे।
🕋 अल्लाह तआला उन्हें क़ब्र के अज़ाब से महफ़ूज़ रखे।
🕋 अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त मरहूमा को जन्नतुल फ़िरदौस में आला से आला मुक़ाम अता करे।
🕋 अल्लाह तआला मरहूमा के अहल-ए-ख़ानदान को सब्र-ए-जमील अता फरमाए।
🕋 अल्लाह तआला सवाल-जवाब और हिसाब-किताब में आसानी पैदा करे।
आमीन।

मिट्टी देने की दुआएं

पहली मर्तबा: مِنْهَا خَلَقْنَاكُمْ
दूसरी मर्तबा: وَفِيهَا نُعِيدُكُمْ
तीसरी मर्तबा: وَمِنْهَا نُخْرِجُكُمْ تَارَةً أُخْرَى

ताज़ा मालूमात

मरहूमा के इंतकाल और जनाज़े से संबंधित तफ़सीलात के लिए मोहम्मद यूसुफ़ मुल्तानी साहब से उनके मोबाइल नंबर 7223858600 पर राब्ता कायम किया जा सकता है।

बिरादरी से अपील

“मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका की ओर से तमाम बिरादरी से गुज़ारिश है कि इस इत्तेला-ए-इंतेकाल को अपने-अपने व्हाट्सऐप ग्रुप और रिश्तेदारों तक ज़रूर पहुंचाएं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग मरहूमा के लिए मग़फ़िरत की दुआ कर सकें।

बिरादरी की हर खुशी और ग़मी की खबरें “मुल्तानी समाज” के मोबाइल नंबर 8010884848 पर भेजी जा सकती हैं। आपके नाम और मोबाइल नंबर के साथ समाचार प्रकाशित किया जाएगा।


📌 विशेष रिपोर्ट: मोहम्मद यूसुफ़ मुल्तानी, इंदौर (मध्य प्रदेश)
#MultaniSamaj #इत्तेला_ए_इंतेकाल #Indore

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सरधना सड़क हादसे में हसीना बी का इंतिक़ाल, बिरादरी में ग़म की लहर

निहायत ही अफ़सोस और रंज के साथ यह इत्तिला दी जा रही है कि गांव रासना, तहसील सरधना, जिला मेरठ (उत्तर प्रदेश) के मूल निवासी जनाब मोहम्मद यूसुफ साहब की अहलिया हसीना बी का एक सड़क हादसे में इंतिक़ाल हो गया।

हादसे की तफ़सील

मिली जानकारी के मुताबिक, जनाब मोहम्मद यूसुफ साहब कारोबारी सिलसिले में कई बरस पहले अपने अहल-ओ-ऐयाल सहित भरतपुर (राजस्थान) जाकर आबाद हो गए थे। हाल ही में वह अपनी अहलिया हसीना बी के साथ अपने पैतृक गांव और रिश्तेदारों से मुलाक़ात की ग़रज़ से सरधना आए हुए थे।

शनिवार 30 अगस्त 2025 की दोपहर तक़रीबन 2 बजे, दौराला क्षेत्र में सड़क पार करते वक़्त एक नामालूम गाड़ी ने टक्कर मार दी और फरार हो गई। शदीद चोट लगने पर जनाब यूसुफ साहब उन्हें फ़ौरन मेरठ मेडिकल कॉलेज लेकर पहुँचे, लेकिन अफ़सोस कि शाम तक़रीबन 5 बजे मरहूमा हसीना बी ने लगभग 60 बरस की उम्र में अंतिम सांस ली।

सदमा और सोग

मरहूमा अपने पीछे अपने शौहर जनाब मोहम्मद यूसुफ साहब के अलावा दो फ़र्ज़ंद (लड़के) और दो फ़र्ज़ंदियाँ (लड़कियाँ), तमाम अहल-ए-ख़ाना और बिरादरी को ग़मज़दा छोड़कर इस फ़ानी दुनिया से हमेशा-हमेशा के लिए रुख़्सत कर गईं।
यह वाक़िआ पूरे ख़ानदान और बिरादरी के लिए निहायत ही सदमा-अंगेज़ और अपूरणीय नुक़सान है।

नमाज़े जनाज़ा और तदफ़ीन

मरहूमा की मय्यत को सिटी प्वाइंट के सामने, मेरठ रोड, सरधना स्थित जनाब कामिल साहब/महताब साहब के मकान पर लाया गया है।
मरहूमा, जनाब महबूब साहब और जनाब अब्बास साहब (रासना वाले, हाल मुक़ीम सरधना, जिला मेरठ) की चाची थीं।

इनशा-अल्लाह, जनाज़ा कल इतवार 31 अगस्त 2025 को सुबह 9 बजे उठेगा और सरधना (मेरठ) ही में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा।
तमाम अहबाब से गुज़ारिश है कि जनाज़े में शिरकत फरमा कर सवाबे दारेन हासिल करें।

राबिता

ज़्यादा मालूमात के लिए जनाब महताब साहब (वरिष्ठ समाजसेवी) से राब्ता करें: 📞 8534021401


मुल्तानी समाज की गुज़ारिश

मुल्तानी समाज” आप तमाम हज़रात से दरख़्वास्त करता है कि बिरादरी में पेश आने वाली हर ख़ुशी और ग़मी की ख़बरें हमारी न्यूज मैगज़ीन, न्यूज पोर्टल और यूट्यूब चैनल पर ज़रूर साझा कराएं।

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Friday, August 29, 2025

जागो दानवीर जागो! अब समय है समाज को बदलने का… 🙏

अस्सलामु अलैकुम / आदाब, मुल्तानी समाज के जागरूक दानवीरों को एक करुण आह्वान... 

यह सिर्फ एक संदेश नहीं, बल्कि हमारी रूह की पुकार है...

✍️ आपने मस्जिदें सजाईं, दरगाहें बनाई, हज़ारों-लाखों रुपये खर्च किए...
लेकिन क्या आपने उन आँखों को देखा है जो रोज़ उम्मीद से आपकी तरफ़ देखती हैं?
🌾 क्या आपने उन हाथों की थकान महसूस की है जो दिन-रात मेहनत करके अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं?
🚫 यह वक़्त है — सजग होने का, सोच बदलने का।
🧠 जागो मुल्तानी दानवीरों, अब और देर मत करो...

👉 आपने ₹1000 से लेकर ₹10 करोड़ तक दान किया — अगर यही पैसा बिना ब्याज के मुल्तानी नौजवानों को क़रज़-ए-हसन (interest-free loan) के रूप में दिया जाए, तो न जाने कितने घरों की तक़दीर बदल सकती है।
👉 कोई ड्राइवर बन जाएगा, कोई इंजीनियर... कोई बहन बुटीक खोल लेगी, कोई भाई कारोबार शुरू कर देगा।
एक परिवार नहीं, पूरी नस्ल बदल सकती है।


🏠 क्यों न हम बनाएं:

  • मुल्तानी कॉलोनी — जहां हर परिवार को छत मिले।
  • मुल्तानी हॉस्पिटल — जहां ग़रीब भी इलाज करवा सके।
  • मुल्तानी स्कूल और कॉलेज — जहां हर बच्चा पढ़ सके।
  • मुल्तानी सेवा केंद्र — जहां से उठेगी सच्ची समाजी क्रांति!

🙏 क्या अल्लाह राज़ी नहीं होंगे जब एक भूखा पेट भर जाएगा?
क्या वो सवाब नहीं होगा, जब कोई नौजवान आत्महत्या के बजाय आत्मनिर्भर बनेगा?
क्या अल्लाह की रहमत मुस्कुराएगी या वो माँ जिसके बेटे को आपने सहारा दे दिया?


🚨 क्यों भूल जाते हैं हम...
40,000 दरगाहों और मस्जिदों में सजदा करने वाले अल्लाह को आपकी बोली की ज़रूरत नहीं है —
लेकिन आपका पड़ोसी मुल्तानी भाई, जो रोज़ संघर्ष कर रहा है — उसे आपकी मदद की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।

💔 क्या मुल्तानी समाज अब सिर्फ अमीरों का समाज बनकर रह गया है?
पहली नज़राना, कुरआनख़्वानी, मजलिसें... सब पैसों पर बिक रही हैं।
जिसे मस्जिद या मजलिस तक में जगह नहीं मिलती — सिर्फ इसलिए कि उसके पास पैसे नहीं हैं।
क्या यही हमारा दीन है?


🌟 अब वक़्त है...
बोलियों पर खर्च करने के बजाय बुनियादी ज़रूरतों में निवेश करने का।
ईंट-पत्थर की इमारतें नहीं, बल्कि इंसानियत के मंदिर यानी स्कूल, अस्पताल और रोज़गार केंद्र बनाने का।

💬 एक सवाल ख़ुद से पूछिए:
क्या हम अल्लाह के सामने ऐसा समाज लेकर जा सकते हैं — जहां मस्जिदें तो जगमगा रही हों, लेकिन इंसान भूखे और बे-सहारा हों?

📣 🙏 यह संदेश ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचाएँ। इसे शेयर करें, फैलाएँ, और हर मुल्तानी भाई-बहन को जागरूक करें।

सच्चा दान — वो होता है जो किसी की ज़िंदगी बदल दे।


🔁 यह आंदोलन है — "बोली नहीं, बदलाव चाहिए!"

अगर आप इस सोच से सहमत हैं — तो आज से ही किसी एक मुल्तानी नौजवान को आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी लीजिए।
मिलकर समाज को फिर से मज़बूत और सशक्त बनाईए 

एक दुखभरी खबर – मोहल्ला बंदूकचियांन, धामपुर से

आज का दिन (29 अगस्त 2025, दिन जुमे) मुल्तानी समाज के लिए बेहद दुख और अफसोस की खबर लेकर आया।

जनाब मोहम्मद इमरान साहब वल्द मरहूम जनाब अब्दुल रज्ज़ाक साहब हाल बाशिंदे मोहल्ला बंदूकचियांन, क़स्बा व तहसील धामपुर, जिला बिजनौर का तक़रीबन शाम 6 बजे मुरादाबाद के एक निजी हॉस्पिटल में इंतिक़ाल हो गया।

मरहूम लगभग 55 साल के थे और पिछले कुछ दिनों से दिल की बीमारी में मुब्तिला थे। खबर लिखे जाने तक मय्यत को मुरादाबाद से बिजनौर लाने की तैयारी जारी थी।

मरहूम अपने पीछे अपनी अहलिया और चार बेटों समेत पूरा कुनबा, खानदान और रिश्तेदारों को ग़मगीन छोड़कर इस फ़ानी दुनिया से हमेशा-हमेशा के लिए रुख़सत हो गए। अल्लाह तआला मरहूम को जन्नत-उल-फिरदौस में आला मुक़ाम अता फ़रमाए और घर वालों को सब्र-ए-जमील अता फ़रमाए, आमीन।

मय्यत को कल दिन शनिचर, 30 अगस्त 2025 को सुबह 10 बजे सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा। लिहाज़ा तमाम अहबाब और बिरादरी से अपील है कि जनाज़े में शरीक होकर सवाब-ए-दारेन हासिल करें।

📌 नोट : मय्यत के बारे में तफ़सील से मालूमात हासिल करने के लिए आप ताजदार आलम साहब से उनके मोबाइल नंबर – 9412568293 पर राब्ता कर सकते हैं।


बिरादरी के लिए पैग़ाम

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📍रिपोर्टर: ज़मीर आलम, धामपुर (उत्तर प्रदेश)
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Thursday, August 28, 2025

🎯 कैरम: सिर्फ़ खेल नहीं, दिमाग़ और धैर्य की कला भी

✍️ ब्लॉग रिपोर्ट – शौकीन सिद्दीकी, जिला ब्यूरो-चीफ, समझो भारत (शामली, उत्तर प्रदेश)


आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ऐसे खेल बेहद ज़रूरी हो जाते हैं, जो न केवल हमें मनोरंजन दें, बल्कि हमारे धैर्य, ध्यान और दिमाग़ को भी मज़बूत करें। ऐसा ही खेल है कैरम, जिसे बच्चे, युवा और बुज़ुर्ग – हर कोई खेलना पसंद करता है। इसकी खासियत यह है कि इसे खेलने के लिए बड़े मैदान या भारी तैयारी की जरूरत नहीं होती, बस एक बोर्ड, कुछ गोटियाँ और स्ट्राइकर… और फिर शुरू हो जाता है दिमाग़ व ध्यान का मुकाबला।

28 अगस्त 2025 को राम रहीम बारात घर, दिल्ली रोड, शामली में जनपद कैरम चेम्पियन ट्रॉफी 2025 का शानदार आगाज़ हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ नगर पालिका परिषद् शामली के चेयरमैन श्री अरविन्द संगल ने फीता काटकर किया। यह आयोजन क्रीड़ा भारती और जिला खेल विभाग शामली द्वारा राष्ट्रीय खेल दिवस के उपलक्ष्य में चल रहे सात दिवसीय क्रीड़ा उत्सव का हिस्सा था।


🏆 आयोजन की झलकियाँ

  • प्रतियोगिता सुबह 10 बजे शुरू होकर रात 10 बजे तक चली।
  • इसमें चार जिलों (मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली) के 32 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।
  • विजेता खिलाड़ियों को क्रीड़ा भारती द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
  • कार्यक्रम का संचालन मुकेश चौधरी और आज़म खां (सचिव, जिला शामली कैरम एसोसिएशन) ने किया।

🗣️ क्या बोले अतिथि और अधिकारी?

  • चेयरमैन अरविन्द संगल ने कहा – “कैरम सिर्फ़ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करके उसे हासिल करने की कला भी सिखाता है।”
  • क्रीड़ा भारती जिलाध्यक्ष संदीप पंवार ने बताया कि – “कैरम दिमाग़ का खेल है, इसमें धैर्य, एकाग्रता और रणनीति की अहम भूमिका होती है।”
  • जिला उपक्रीड़ा अधिकारी अश्वनी त्यागी ने कहा – “क्रीड़ा भारती का मुख्य उद्देश्य हर खेल को बढ़ावा देना और खिलाड़ियों को जिला स्तर पर मंच देना है।”

🤝 मौजूद हस्तियां

इस अवसर पर जिले के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे, जिनमें संदीप पंवार, नितिन वर्मा, जितेंद्र सिंह, तपन मलिक, जाहिद ठेकेदार, मौ. फरीद, आरिफ हसन, शाहजमां, जुनैद, फतेह हसन, नाजिम हसन, तसलीम खान, नूर मोहम्मद, शादाब, महफूज अहमद, तौफीक अहमद, इसरार अहमद, डॉ. मुजीब अहमद आदि प्रमुख थे।


🎲 कैरम: क्यों है खास?

  • खेलने में आसान, सीखने में मज़ेदार
  • उम्र, लिंग या फिटनेस से परे – सबके लिए खेल
  • दिमाग़ की एकाग्रता और निर्णय क्षमता को मजबूत करता है
  • घर पर ही छोटे से स्थान में खेला जा सकता है

👉 कहा जा सकता है कि शामली में आयोजित यह चैंपियनशिप सिर्फ़ एक प्रतियोगिता नहीं थी, बल्कि समाज को खेलों के महत्व का एहसास कराने वाली प्रेरणादायक पहल थी।
कैरम जैसे पारंपरिक खेल हमें जोड़ते हैं, सिखाते हैं और यह बताते हैं कि खेल केवल जीत-हार नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और संतुलन का आईना हैं।


📌 “समझो भारत” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए
शामली से – शौकीन सिद्दीकी (जिला ब्यूरो-चीफ)
कैमरामैन – रामकुमार चौहान


गुड़गांव में हाजी मोहम्मद अलीन साहब का इंतिक़ाल, मुल्तानी समाज में ग़म का माहौल

बड़ौत/गुड़गांव (हरियाणा): अहले मुस्लिम मुल्तानी लोहार बिरादरी को यह निहायत ही अफसोस और ग़म के साथ इत्तला दी जाती है कि आज दिन जुमेरात, 28 अगस्त 2025 को शीतला कॉलोनी, गुड़गांव (हरियाणा) में बिरादरी के बुज़ुर्ग और मोहतरम शख्सियत हाजी मोहम्मद अलीन साहब पुत्र जनाब हाजी रसीद साहब (मूल निवासी गाँव जोनमाना, बड़ौत, बागपत, उत्तर प्रदेश) का इंतिक़ाल हो गया। 

 मरहूम करीब 64 साल की उम्र में इस फ़ानी दुनिया को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह गए। वह तीन भाइयों में बड़े थे – हाजी जनाब अलीन साहब, जनाब अब्दुल कय्यूम साहब और मोहम्मद सलीम साहब। मरहूम अपने पीछे एक अहलिया, दो बेटे (मोहम्मद अमीर और मोहम्मद इमरान) तथा एक बेटी (शाइस्ता) सहित पूरा कुनबा, खानदान और रिश्तेदारों को रोता-बिलखता छोड़कर रुख़्सत हुए।

 हाजी मोहम्मद अलीन साहब मूलतः उत्तर प्रदेश के ज़िला बागपत की तहसील बड़ौत के गाँव जोनमाना के रहने वाले थे, लेकिन लंबे अरसे से उनका परिवार शीतला कॉलोनी, गुड़गांव में रह रहा था। मरहूम का जनाज़ा कल जुमा सुबह 10 बजे गुड़गांव में ही उठाया जाएगा और वहीं सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा। लिहाज़ा तमाम अज़ीज़ो-अक़ारिब और बिरादरी के अहबाब से गुज़ारिश है कि जनाज़े में शरीक होकर सवाब-ए-दारेन हासिल करें। 

 👉 अल्लाह तआला मरहूम को जन्नत-उल-फ़िरदौस में आला मुक़ाम अता फ़रमाए और घरवालों को सब्र-ए-जमील बख़्शे। आमीन या रब्बुल आलमीन। 

 📌 नोट: मय्यत के बारे में और जानकारी के लिए मरहूम के बेटे से मोबाईल नंबर 9873441235 पर राब्ता किया जा सकता है। 

 ✍️ “मुल्तानी समाज” न्यूज़ के लिए बड़ौत (जिला बागपत, उत्तर प्रदेश) से अलीहसन मुल्तानी की खास रिपोर्ट

 📞मुल्तानी बिरादरी की हर खुशी और ग़मी की खबरें हमें मोबाईल नंबर 8010884848 पर भेजें। 

आपके जरिए भेजी गई खबर आपके नाम और मोबाइल नंबर के साथ प्रकाशित की जाएगी। 
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सहारनपुर के भाई शाहिद साहब की शानदार कामयाबी, राइफल शूटिंग में जीते तीन मेडल

सहारनपुर (उत्तर प्रदेश):
माशा अल्लाह! यह पल पूरी बिरादरी के लिए फख्र और इज्ज़त का है। राइफल शूटिंग के मुकाबलों में सहारनपुर के भाई शाहिद साहब ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाते हुए उत्तराखंड में आयोजित प्रतियोगिता में कुल तीन मेडल हासिल किए। इनमें एक गोल्ड, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं।

उनकी इस शानदार सफलता ने न सिर्फ परिवार बल्कि पूरी बिरादरी का सर ऊँचा कर दिया है। “मुल्तानी समाज” न्यूज़ के तमाम साथी उन्हें तहे दिल से मुबारकबाद पेश करते हैं और अल्लाह तआला से दुआ करते हैं कि कामयाबी का यह सिलसिला हमेशा बरकरार रहे।

👉 अल्लाह तआला उन्हें और तरक्की व इज़्ज़त अता फ़रमाए।
आमीन या रब्बुल आलमीन।

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“मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका के लिए सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) से पत्रकार कलीम अहमद की खास रिपोर्ट

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Wednesday, August 27, 2025

मिर्ज़ा मुल्तानी वेलफेयर सोसाइटी (MMWS) बेहट के नए सदर जनाब अबरार मिर्ज़ा साहब

तालीम, इस्लाह और समाजी ख़िदमत को देंगे तरजीह

रिपोर्ट: हफ़ीज़ुर्रहमान, “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका

बेहट (ज़िला सहारनपुर)।
अल्लाह तआला का फ़ज़्ल और करम है कि मिर्ज़ा मुल्तानी वेलफेयर सोसाइटी (MMWS) के लिए एक नया सदर मुंतख़िब हुआ। इस इजलास में सर्वसम्मति से जनाब अबरार मिर्ज़ा साहब को सदर क़रार दिया गया। सोसाइटी के अहले-समाज और बुज़ुर्गान ने उन्हें फूलों की माला पहनाकर इस्तक़बाल किया और दिल से दुआएँ दीं।

दुआओं का सिलसिला

बुज़ुर्गान-ए-बिरादरी ने फ़रमाया—
“अल्लाह तआला जनाब अबरार मिर्ज़ा साहब को दीनी, तालीमी और समाजी ख़िदमत की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए। उनके ज़रिये बिरादरी में मोहब्बत, भाईचारा और तालीम की रूह को आम करे।”

तालीम और इस्लाह पर जोर

नवनिर्वाचित सदर ने अपनी तक़रीर में कहा:
“हमारी असली कामयाबी तालीम और इस्लाह में है। अगर हमारी नई नस्ल तालीम हासिल करेगी, अच्छे अख़लाक़ अपनाएगी और मेहनत करेगी, तो बिरादरी और मुल्क दोनों तरक़्क़ी करेंगे। हमें अपने नौजवानों को किताब और क़लम से जोड़ना है, ताकि वो कल का उज्ज्वल भविष्य बन सकें।”

शिरक़त करने वाले अहले-समाज

इस इजलास में बड़ी तादाद में बिरादरी के लोग मौजूद रहे। इनमें जनाब सदर सुबहान मिर्ज़ा, अब्दुल मालिक मिर्ज़ा, फ़ज़लुर्रहमान मिर्ज़ा, अतीक़ मिर्ज़ा, मास्टर जमील मिर्ज़ा, हाजी इंतज़ार मिर्ज़ा, तनवीर मिर्ज़ा, हबीबुर्रहमान मिर्ज़ा, शहज़ाद मिर्ज़ा, इमरान मिर्ज़ा, अब्दुल बासित मिर्ज़ा, शोएब मिर्ज़ा, शाने आलम मिर्ज़ा, अमजद मिर्ज़ा, अयाज़ मिर्ज़ा वग़ैरह शामिल रहे।

पैग़ाम

इस इजलास का पैग़ाम साफ़ है—
👉 तालीम को तरजीह दो
👉 समाजी ख़िदमत को अपनी ज़िम्मेदारी समझो
👉 मोहब्बत और भाईचारा क़ायम रखो


✍️ रिपोर्ट: हफ़ीज़ुर्रहमान, “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
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Tuesday, August 26, 2025

🕊️ अफसोसनाक इत्तला – जनाब शफीक अहमद साहब का इंतिक़ाल

निहायत ही अफ़सोस और ग़म के साथ आप तमाम बिरादराना हज़रात को यह इत्तला दी जाती है कि मोहल्ला तलाही, क़स्बा झिंझाना, ज़िला शामली (उत्तर प्रदेश) में आज दिन मंगल – 26 अगस्त 2025 की अल सुबह तक़रीबन 4 बजे, जनाब शफीक अहमद वल्द जनाब अब्दुल मजीद साहब का तक़रीबन 55 साल की उम्र में इंतिक़ाल हो गया।

मरहूम अपने पीछे अपनी अहलिया, 3 लड़के, 3 लड़कियाँ, पौते-पोतियाँ और नाते-नातिन सहित पूरा कुनबा, ख़ानदान और अज़ीज़-ओ-अक़ारिब को रोता-बिलखता छोड़कर इस फ़ानी दुनिया से हमेशा के लिए पर्दा कर गए।

🌿 जनाज़े की नमाज़ का ऐलान

मिली जानकारी के मुताबिक़, मरहूम शफीक साहब की जनाज़े की नमाज़ मोहल्ला तलाही स्थित मदरसे में अदा की जाएगी।
वक़्त: नमाज़-ए-ज़ोहर के बाद (लगभग 3 बजे)
📍 मक़ाम: इमामसाहब वाला कब्रिस्तान, जहाँ मरहूम को सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा।

📞 मालूमात के लिए

मरहूम शफीक साहब से मुताल्लिक़ और तफ़सीलात के लिए उनके भाई मोहम्मद हाशिम साहब से इस नंबर पर राब्ता किया जा सकता है:
☎️ 7906309363


📝 मुल्तानी समाज का पैग़ाम

“मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका हमेशा बिरादरी के अफ़राद की कॉल या मैसेज पर इंतेकाल की ख़बरें तसदीक़ के साथ प्रकाशित करती है। मगर कभी-कभी जल्दबाज़ी या अफ़वाह की वजह से कुछ बातें ग़लत या बढ़ा-चढ़ाकर बताई जाती हैं, जोकि मुनासिब नहीं।

हमारी दरख़्वास्त है कि इंतिक़ाल की खबर नोट कराने से पहले सीधे उस घराने या परिवार से पूरी जानकारी हासिल करें। बेहतर होगा कि गांव, कस्बे या शहर के किसी ज़िम्मेदार शख़्स का मोबाइल नंबर भी साथ में ज़रूर दें, ताकि खबर पूरी सच्चाई और अदब के साथ पहुँच सके।

📌 ख़ास रिपोर्ट: मोहम्मद हाशिम, झिंझाना, ज़िला शामली (उत्तर प्रदेश)
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Monday, August 25, 2025

जनाब इक़बाल साहब का इंतिक़ाल – मुल्तानियों के लिए ग़म का दिन

बड़े ही अफ़सोस और ग़म के साथ यह इत्तला दी जाती है कि खतौली, ज़िला मुज़फ़्फ़रनगर (उ.प्र.) के मोहल्ला शराफ़त कॉलोनी में रहने वाले जनाब इक़बाल साहब (गाँव बड़सू वालों) का आज दिन मंगल, 26 अगस्त 2025 को तड़के सुबह 6 बजे इंतिक़ाल हो गया।

मरहूम पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे और आखिरकार आज सुबह अपने मालिक-ए-हक़ीक़ी से जा मिले। उनका जाना न सिर्फ़ उनके घर-परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए एक बड़ी कमी है।

इक़बाल साहब एक नेकदिल इंसान, मिलनसार और समाज-सेवा में हमेशा आगे रहने वाले शख़्सियत थे। मोहल्ले में उन्हें हर कोई मोहब्बत और इज़्ज़त से याद करता था।

हम सब अल्लाह तआला से दुआ करते हैं कि:
🕊️ अल्लाह पाक मरहूम की मग़फ़िरत फ़रमाए।
🕊️ उन्हें जन्नतुल फिरदौस में आला मक़ाम अता फ़रमाए।
🕊️ घर-परिवार और अहबाब को सब्र-ए-जमील अता फ़रमाए। आमीन।


🕊️ जनाज़े की नमाज़ का ऐलान


इन्हीं ग़मगीन लम्हों के बीच आपको सूचित किया जाता है कि मरहूम की जनाज़े की नमाज़ मस्जिद एक मीनारा, बुढ़ाना रोड पर अदा की जाएगी।

⏰ समय: 1:15 बजे (ज़ोहर की नमाज़ के बाद) इंशाअल्लाह।

हम तमाम अज़ीज़ो-अक़ारिब और समाज के सम्मानित हज़रात से दरख़्वास्त करते हैं कि आप सब इस जनाज़े में शरीक होकर सवाबे दारेन हासिल करें।

📌 मुल्तानी समाज परिवार
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बड़ौत की सरज़मीं पर उठते सवाल: मरहूम डॉ. परवेज़ आलम साहब की संदिग्ध मौत का रहस्य

बागपत जनपद के क़स्बा बड़ौत में 23 अगस्त 2025 को घटित हुई मरहूम डॉ. परवेज़ आलम साहब (MBBS, MD) की संदिग्ध मौत ने पूरे क्षेत्र को गहरे सदमे में डाल दिया है।

डॉ. साहब का जाना सिर्फ़ एक घर का ग़म नहीं, बल्कि पूरे समाज का नुक़सान है।

इंसानियत के रहनुमा

मरहूम डॉ. परवेज़ आलम साहब न सिर्फ़ एक काबिल डॉक्टर थे बल्कि एक नेकदिल इंसान भी थे।
उन्होंने हमेशा अपने मरीज़ों को इंसानियत की नज़र से देखा। ग़रीब और मज़लूम मरीज़ों का मुफ़्त इलाज करना, तालीमी हलक़ों में नौजवानों की रहनुमाई करना, और समाजी कामों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना उनका शौक़ नहीं बल्कि मिशन था।
हर मरीज़ उनकी दुआओं और मुस्कुराहट को याद करता है।

इंसाफ़ की तलाश में समाज की पुकार

जब इस नेकदिल इंसान की संदिग्ध मौत की ख़बर फैली तो हर शख़्स का दिल दहल उठा। आज सैकड़ों लोग ग़म और ग़ुस्से से भरे हुए थाना प्रभारी बड़ौत से मिले।
थाना प्रभारी ने भरोसा दिलाया कि CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं, टीम लगी हुई है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी जल्द सामने आएगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह सब डॉक्टर साहब की मौत का असली राज़ खोल पाएगा?

SP दफ़्तर तक पहुँची इंसाफ़ की सदा

बाद में यह कारवाँ-ए-ग़म और इंसाफ़ की तलब SP ऑफिस, बागपत तक जा पहुँचा।
परिजनों और समाज ने मांग रखी कि इस मामले की जांच सीबी, सीआईडी से हो, ताकि हर शक का दरवाज़ा बंद हो और सच्चाई बेनक़ाब हो।
परिजनों का यक़ीन है कि यह मौत महज़ हादसा नहीं बल्कि एक सोची-समझी साज़िश है।

SP बागपत ने सबको भरोसा दिलाया कि—
"इस केस की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होगी, और हक़ीक़त जल्द सामने लाकर इंसाफ़ किया जाएगा।"

समाज का कारवाँ

इस मौके पर समाज के कई गणमान्य लोग मौजूद थे, जिनमें इरफ़ान मालिक, एडवोकेट आकिब चौधरी, आज़ाद चौधरी, उस्मान मलिक, एडवोकेट सरफ़राज़ अहमद, इंजीनियर उज्जी समेत सैकड़ों लोग शामिल रहे।
हर शख़्स की आँखों में ग़म की नमी और इंसाफ़ की प्यास साफ़ झलक रही थी।

सवाल अब भी बाक़ी है…

मरहूम डॉ. परवेज़ आलम साहब की रहस्यमयी मौत आज पूरे समाज के लिए एक इम्तेहान बन चुकी है।
क्या उनकी शख़्सियत और इंसानियत की मेहनत को ये समाज कभी भूल पाएगा?
क्या इंसाफ़ वक़्त रहते मिलेगा?
या फिर सच्चाई एक बार फिर अंधेरों में दबकर रह जाएगी?

आज हर दिल यही दुआ कर रहा है कि इंसाफ़ की रौशनी इस ग़म के अंधेरे को चीरकर बाहर आए और डॉ. साहब की पाक रूह को चैन मिले।


✍️ ज़मीर आलम की ख़ास रिपोर्ट
मुल्तानी समाज राष्ट्रीय समाचार पत्रिका, बड़ौत (बागपत), उत्तर प्रदेश
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Sunday, August 24, 2025

इकबाल साहब के इंतिक़ाल पर ग़मगीन ख़िराजे अकीदत

शामली। ज़िंदगी और मौत अल्लाह तआला का तयशुदा निज़ाम है। हर ज़िंदा को एक दिन अपने रब के पास लौट कर जाना है। मगर जब कोई अपना हमें छोड़कर चला जाता है तो दिल का ग़म और आंखों का नम होना लाज़िमी है। इसी दर्दनाक हादिसे की ख़बर बीती रात इतवार 24 अगस्त 2025 को क़रीब 10 बजे हमें मिली, जब यह मालूम हुआ कि मोहल्ला नौ कुआं, शामली के रहने वाले इकबाल साहब, जो कि मास्टर रिज़वान (HSS Public School, मोहल्ला नौ कुआं, शामली) के वालिद और मरहूम अब्दुल ग़फ़ूर साहब के साहबज़ादे थे, अचानक तबियत बिगड़ने की वजह से इंतिक़ाल कर गए।

इकबाल साहब के इंतिक़ाल की ख़बर ने पूरे मोहल्ले और बिरादरी को ग़मगीन कर दिया। अल्लाह तआला से दुआ है कि वह मरहूम को अपने हज़ूर में बेहतरीन मक़ाम अता फरमाए, उनकी मग़फ़िरत फरमाए और उनके अहलेख़ाना को सब्रे जमी़ल अता करे। आमीन।

मरहूम का जनाज़ा आज दिन पीर 25 अगस्त 2025 को सुबह 10:30 बजे मोहल्ला गुलशन नगर, टायर मार्केट, शामली स्थित कब्रिस्तान में अदा किया गया और उन्हें सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया। जनाज़े में बड़ी तादाद में रिश्तेदार, अहबाब, बिरादरी के लोग और शहर के लोग शामिल हुए।

देरी से इत्तला देने के लिए हम माज़रतख़्वाह हैं, क्योंकि शहर से बाहर होने की वजह से यह दर्दनाक ख़बर देर से मिली। मगर जैसे ही मालूम हुआ, मुल्तानी बिरादरी को आगाह करना अपना फ़र्ज़ समझा।


मुल्तानी समाज की ओर से ख़िराज-ए-अकीदत

"मुल्तानी समाज" राष्ट्रीय समाचार पत्रिका और इसका पूरा ख़ानदान मरहूम इकबाल साहब के इंतिक़ाल पर गहरा रंजो-ग़म का इज़हार करता है। बिरादरी के बुज़ुर्ग और अज़ीज़ शख़्सियत का जाना एक बड़ा नुक़सान है। मगर यह अल्लाह की रज़ा है और हमें सब्र व तस्लीम का दामन थामना होगा।

मरहूम के लिए यही दुआ है कि:

"अल्लाह तआला उन्हें जन्नतुल फ़िरदौस में आला मुक़ाम अता फरमाए, उनके क़ब्र को रौशन करे और उनके वालिदैन के साथ हश्र में उन्हें अपने हज़ूर मक़बूल फरमाए।"


✒️ ज़मीर आलम
प्रधान संपादक – मुल्तानी समाज राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
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Saturday, August 23, 2025

🌟 मुल्तानी बिरादरी के होनहार आयान मिर्ज़ा को दिल्ली सरकार से 3.5 लाख का इनाम

दिल्ली/बागपत। रब्ब की मेहरबानी और मेहनत की रोशनी से चमकते हुए मुस्लिम मुल्तानी लोहार बिरादरी के नायाब हीरे आयान मिर्ज़ा ने अपनी काबिलियत से बिरादरी और इलाके का नाम रोशन कर दिया।

गांव बूढ़पुर (जिला बागपत, उत्तर प्रदेश) के बाशिंदे और मौजूदा समय में दिल्ली के नरेला में रह रहे आयान मिर्ज़ा, मोहतरम जनाब ताहिर मिर्ज़ा के सुपुत्र और मोहतरम जनाब हाजी शफी वाले के पोते हैं।

🏆 इनोवेशन का इनाम

दिल्ली सरकार के DSIIDC विभाग की जानिब से आयोजित औद्योगिक आइडियाथॉन (Industrial Ideathon) में आयान ने अपने ग्रुप के साथ मिलकर इंडस्ट्रियल ट्रांसपोर्टेशन के लिए एक सिक्योर वेबसाइट तैयार की।
इस वेबसाइट के फीचर्स और कामयाबी को देखकर दिल्ली की वज़ीर-ए-आला (मुख्यमंत्री) श्रीमती रेखा गुप्ता और दिल्ली के उद्योग मंत्री जनाब मनजिंदर सिंह सिरसा इतने मुतास्सिर हुए कि उन्होंने आयान मिर्ज़ा को ₹3,50,000/- का चेक देकर नवाज़ा।

🎓 पैदायशी इंजीनियर का जज़्बा

आयान मिर्ज़ा इस वक्त बी.सी.ए. (Bachelor of Computer Applications) के तलबा (विद्यार्थी) हैं।
उनकी यह कामयाबी साबित करती है कि हुनर और लगन हो तो रास्ते अपने आप बनते चले जाते हैं।

🌺 बिरादरी की दुआएं और खुशियाँ

आयान मिर्ज़ा की इस सराहनीय कामयाबी पर पूरी मुस्लिम मुल्तानी लोहार बिरादरी ने उन्हें दिल से दुआएं दीं और कहा कि यह नौजवान आने वाली पीढ़ी के लिए एक रोशन मिसाल है।
बिरादरी के बुजुर्गों और दोस्तों ने आयान और उनके पूरे खानदान को ढेरों मुबारकबाद पेश की।

🖋️ “मेहनत की रोशनी जब दिल से निकलती है,
तो कामयाबी अपने कदमों में झुकती है।”

🖋️ “आयान का हुनर, बिरादरी का फख्र,
दिल्ली की सरज़मीन पर चमका नाम-ओ-निशान।”

🖋️ “ख़्वाब हक़ीक़त बनें तो दुनिया सलाम करती है,
जुनून सच्चा हो तो हर मंज़िल आसान होती है।”

🖋️ “जवानी का जज़्बा और इल्म की ताक़त,
आयान मिर्ज़ा बने मुल्तानी बिरादरी की इज़्ज़त।”

📌 खास रिपोर्ट: दिल्ली से प्रधान संपादक ज़मीर आलम

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बड़ौत में नामचीन डॉक्टर की संदिग्ध मौत, मगरिब के बाद होगा सुपुर्द-ए-ख़ाक

बड़ौत (जिला बागपत, उत्तर प्रदेश) – शहर के नामचीन और होनहार डॉक्टर की संदिग्ध हालात में मौत की खबर से पूरे इलाके में मातम पसर गया है। डॉक्टर की मौत को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं—कुछ लोग इसे हत्या मान रहे हैं, जबकि पुलिस जांच कर रही है।

रोना आता है इस दुखद हादसे पर। यह बच्चा बिरादरी का शरमाया था, मां-बाप ने बड़े शौक से पढ़ाया, बच्चे ने भी उनकी उम्मीदों को परवान चढ़ाया और एक कामयाब डॉक्टर बनकर परिवार का नाम रोशन किया। लेकिन अल्लाह ताला को कुछ और ही मंजूर था। इसी लिए आज अहले बिरादरी का सामना एक अनहोनी घटना से हुआ। वक्त से पहले यह होनहार बच्चा हमसे जुदा हो गया।

बिरादरी ने एक बेशकीमती हीरा खो दिया (बेशक अल्लाह की ऐसी ही मर्जी थी)।
आओ, इस दुख की घड़ी में हम सब इस बच्चे के घर और खानदान वालों के साथ खड़े हों।
अल्लाह ताला इस बच्चे की मग़फिरत फरमाए, जन्नत में आला मुकाम अता फरमाए और घर वालों को सब्र-ए-जमील अता फरमाए।

डॉक्टर साहब अपने पीछे अपने वालिद, वालिदा समेत एक बड़ा भाई मोहम्मद शफीक साहब और दो बहनें शबाना और साबरा सहित पूरे कुनबे और खानदान को रोता-बिलखता छोड़कर इस फ़ानी दुनियां से हमेशा-हमेशा के लिए विदा हो गए हैं।

परिवार और बिरादरी के सूत्रों के अनुसार, मय्यत को आज बाद नमाज़-ए-मगरिब कब्रिस्तान छपरौली चुंगी, बड़ौत में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा। बड़ी तादाद में लोगों के जनाजे में शरीक होने की उम्मीद है।


Friday, August 22, 2025

जवान डॉक्टर मोहम्मद परवेज़ की दर्दनाक हत्या से बिरादरी में मातम – बड़ौत में फैली सनसनी

निहायत ही अफसोस और रंज के साथ यह इत्तला दी जाती है कि आज शनिचर, 23 अगस्त 2025 का दिन हमारी बिरादरी के लिए ग़म और सदमे का पैग़ाम लेकर आया। इस दर्दनाक खबर को लिखते हुए हमारी टीम के हाथ काँप उठे और आंखें नम हो गईं, लेकिन बिरादरी को सच से आगाह करना हमारा फर्ज़ है।

कल दिन जुमा, 22 अगस्त की रात बड़ौत, जिला बागपत, उत्तर प्रदेश के होनहार MBBS, MD डॉक्टर मोहम्मद परवेज़ वल्द जनाब अली मोहम्मद साहब (सिलाना वाले) की अज्ञात बदमाशों ने साइंटिफिक (तकनीकी) तरीक़े से निर्मम हत्या कर दी।


🕯️ हादसे की पूरी दास्तान

मिली जानकारी के मुताबिक़ डॉक्टर मोहम्मद परवेज़ साहब, जो कि दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश हॉस्पिटल (एलएनजेपी) में सेवाएं दे रहे थे, 22 अगस्त की रात 11 बजे दिल्ली से अपने घर बड़ौत के लिए निकले थे। सुबह लगभग सवा 6 बजे पुलिस उनके घर पहुँची और परिजनों को सूचित किया कि उनके जवान बेटे की किसी ने हत्या कर दी गई है।

पुलिस जब परिजनों को लेकर बड़ी नहर, कोताना रोड के पास बाग में पहुँची तो वहां एक युवक की लाश मिली। शव की शिनाख्त डॉक्टर मोहम्मद परवेज़ साहब के रूप में हुई। सुबह-सुबह बिरादरी में यह खबर जंगल की आग की तरह फैली और इलाके में सनसनी फैल गई।


⚖️ गुस्सा और आक्रोश

पुलिस ने आनन-फानन में पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मगर परिजनों ने बिना पूरी जांच-पड़ताल के पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। फिलहाल शव पोस्टमार्टम हाउस, बागपत में रखा गया है।
इलाके के लोगों का गुस्सा और आक्रोश बड़ौत में देखने को मिला। भीड़ उमड़ पड़ी और माहौल ग़मगीन होने के साथ-साथ तनावपूर्ण भी हो गया।


👨‍⚕️ डॉक्टर परवेज़ की शख्सियत

सिर्फ़ 27 साल की उम्र में ही डॉक्टर मोहम्मद परवेज़ अपने पेशे में बेहद हुनरमंद और तेज़-तर्रार डॉक्टरों की गिनती में शुमार थे। वे दिल्ली के एलएनजेपी हॉस्पिटल के अलावा ज़रूरत पड़ने पर बड़े-बड़े अस्पतालों में ऑन-डिमांड बुलाए जाते थे।
उनकी अचानक हुई मौत ने पूरे इलाके और बिरादरी को हिलाकर रख दिया है।


🔎 पुलिस जांच जारी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम दिल्ली के एलएनजेपी हॉस्पिटल में जांच के लिए पहुँची हुई है। “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका की टीम घटना पर लगातार नज़र रखे हुए है और जैसे ही कोई नई अपडेट मिलेगी, तुरंत आप हज़रात तक पहुँचाई जाएगी।


📞 संपर्क व जानकारी

🚫 डॉक्टर मोहम्मद परवेज़ मरहूम की फैमिली की पूरी डिटेल के लिए जनाब सलीम मुल्तानी साहब से उनके मोबाईल नंबर – 9837731737 पर संपर्क किया जा सकता है।

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📌 नोट: इस बेहद दर्दनाक हादसे की पूरी अपडेटेड रिपोर्ट आज शाम “मुल्तानी समाज” में प्रकाशित की जाएगी।
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