अल्लाह की यही मर्ज़ी थी।
इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन।
मरहूम जनाब जाकिर साहब अपने पीछे तीन बेटे — नाजिम, समीर और सुहेल — को छोड़ गए हैं। परिवार, रिश्तेदारों और पूरी बिरादरी में इस अचानक हुए इंतेकाल से गहरा शोक व्याप्त है।
मिली जानकारी के मुताबिक आज ही जुमा की नमाज़ के बाद, गांव बरवाला के कब्रिस्तान में मरहूम को सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा।
हम तमाम अहले-बिरादरी अल्लाह तआला की बारगाह में हाथ उठाकर दुआ करते हैं कि
अल्लाह तआला मरहूम की मग़फिरत फरमाए, उनके दर्जात बुलंद करे और जन्नत-उल-फिरदौस में आला मुक़ाम अता फरमाए।
आमीन। सुम्मा आमीन।
📞 ज़्यादा मालूमात के लिए संपर्क:
- मुहम्मद इलियास (वालिद) – 9837826728, बरवाला
- कल्लू – 9837289866, बरवाला/बड़ौत
- जमील – 9896753786, बरवाला/सोनीपत
- मास्टर जी इक़बाल – 9784606290, बरवाला/दिल्ली
मय्यत के बारे में और जानकारी के लिए ऊपर दिए गए नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है।
🛑 एक ज़रूरी ऐलान
इंतेकाल की खबर भेजने के लिए अहम हिदायतें
अक्सर देखने में आता है कि किसी अज़ीज़ के इंतेकाल की सूचना देर से या अधूरी पहुंचने के कारण बिरादरी के लोग जनाज़े में शरीक नहीं हो पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से अदब के साथ गुज़ारिश करती है कि इंतेकाल की खबर भेजते वक्त निम्न बातों का ख़ास ख़याल रखें:
1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम और वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (स्थायी व वर्तमान निवास)।
3️⃣ दफ़्न का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के ज़िम्मेदार शख़्स (एक-दो) के मोबाइल नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतेकाल हुआ हो तो मरहूम की फोटो (अगर मुनासिब हो)।
6️⃣ इंतेकाल की वजह (अगर बताना उचित समझें)।
7️⃣ अहल-ए-ख़ाना के नाम — जैसे वालिदैन, भाई-बहन, औलाद वग़ैरह।
👉 इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी तक सही वक़्त पर सही सूचना पहुंचेगी।
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मुस्लिम मुल्तानी लोहार, बढ़ई बिरादरी को समर्पित
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अलीहसन मुल्तानी की ख़ास रिपोर्ट
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अल्लाह तआला मरहूम को रहमतों से नवाज़े और अहले-ख़ाना को सब्र-ए-जमील अता फरमाए।
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