Friday, December 12, 2025

बेइंतिहा अफ़सोस और रंज–ओ–ग़म के साथ एक दुखद इत्तला

बेहद अफ़सोस और दिली रंज–ओ–ग़म के साथ तमाम अहल-ए-इमान और बिरादराने इस्लाम को यह दुखद इत्तिला दी जाती है कि

आज दिन शनिवार, 13 दिसंबर 2025 को रहमानी चौक, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) की एक मारूफ़ शख्सियत, मशहूर शायर जनाब साहिल फ़रीदी साहब (मरहूम) के भाई इमाम साहब का आज सुबह क़ज़ा-ए-इलाही से इंतकाल हो गया।

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन।
हम सब अल्लाह तआला के हैं और उसी की तरफ़ लौटकर जाना है।

मरहूम इमाम साहब की शादी ख़तौली में हुई थी। उनका इंतकाल उनके अहल-ए-ख़ाना, रिश्तेदारों और चाहने वालों के लिए एक न भरने वाला सदमा है। अल्लाह तआला मरहूम को मग़फ़िरत अता फ़रमाए, उनकी क़ब्र को जन्नत के बाग़ों में से एक बाग़ बनाए और पसमांदगान को सब्र-ए-जमील अता करे। आमीन।

नमाज़-ए-जनाज़ा व तदफ़ीन की जानकारी:
🕑 नमाज़-ए-जनाज़ा: आज दोपहर 2:00 बजे
📍 स्थान: मारूफुल कुरआन, राणा पैलेस के पास
⚰️ तदफ़ीन: क़ब्रिस्तान घोटटे शाह, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश

तमाम अज़ीज़ों, दोस्तों और बिरादरी के लोगों से गुज़ारिश है कि जनाज़े में शिरकत फ़रमाकर मरहूम के लिए दुआ-ए-मग़फ़िरत करें और अहल-ए-ख़ाना के ग़म में शरीक हों।


एक ज़रूरी ऐलान

इंतकाल की खबर भेजते समय अहम हिदायतें

अक्सर देखने में आता है कि इंतकाल की खबर देर से या अधूरी जानकारी के साथ पहुंचती है, जिसकी वजह से बहुत से लोग जनाज़े या तदफ़ीन में शामिल नहीं हो पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से अदब के साथ गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की सूचना भेजें, तो निम्न बातों का ख़ास ख़्याल रखें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (स्थायी निवास व वर्तमान पता)।
3️⃣ दफ़न का सही वक़्त और क़ब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के ज़िम्मेदार शख़्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ हो तो मरहूम की तस्वीर (अगर मुनासिब हो)।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब समझा जाए)।
7️⃣ अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, वालिदैन, औलाद आदि।

👉 इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होती है और बिरादरी के लोगों तक सही और वक़्त पर सूचना पहुंच पाती है।


📰 डिस्क्लेमर (Disclaimer)

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देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित,
पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार/बढ़ई बिरादरी को समर्पित
देश की एकमात्र पत्रिका “मुल्तानी समाज” के लिए

✍️ ज़मीर आलम की ख़ास रिपोर्ट

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अल्लाह तआला मरहूम इमाम साहब को जन्नत-उल-फ़िरदौस में आला मक़ाम अता फ़रमाए और तमाम पसमांदगान को सब्र-ए-जमील अता करे। आमीन।

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