Friday, June 19, 2020

कर्ज़_वाली_लड़की

एक 15 साल के भाई ने अपने वालिद से कहा "अब्बूजान बाजी के होने वाले ससुर और सास कल आ रहे है" अभी जीजा जी ने फोन पर बताया।

उसकी बड़ी बहन की सगाई कुछ दिन पहले एक अच्छे घर में तय हुई थी।

दीनमोहम्मद जी पहले से ही उदास बैठे थे धीरे से बोले...

हां बेटा.. उनका कल ही फोन आया था कि वो एक दो दिन में *दहेज* की  बात करने आ रहे हैं.. बोले... *दहेज* के बारे में आप से ज़रूरी बात करनी है.. 

बड़ी मुश्किल से यह अच्छा लड़का मिला था.. कल को उनकी *दहेज* की मांग इतनी ज़्यादा हो कि मैं पूरी नही कर पाया तो ?" 

कहते कहते उनकी आँखें भर आइ..

घर के हर एक शख्स के मन व चेहरे पर फिक्र की लकीरें साफ दिखाई दे रही थी...लड़की भी उदास हो गयी... 

खैर.. 

अगले दिन समधी समधन आए.. उनकी बखूबी इस्तक़बाल किया गया.. 

कुछ देर बैठने के बाद लड़के के वालिद ने लड़की के वालिद से कहा" दीनमोहम्मद जी अब काम की बात हो जाए.. 

दीनमोहम्मद जी की धड़कन बढ़ गयी.. बोले.. हां हां.. समधी जी.. ज़रूर.. 

लड़के के वालिद ने धीरे से अपनी कुर्सी दीनमोहम्मद जी कि और खिसकाई ओर धीरे से उनके कान में बोले. दीनमोहम्मद जी मुझे *दहेज* के बारे बात करनी है!...

दीनमोहम्मद जी हाथ जोड़ते हुये आँखों में पानी लिए हुए बोले बताईए समधी जी....जो आप को अच्छा लगे.. मैं पूरी कोशिश करूंगा..

समधी जी ने धीरे से दीनमोहम्मद जी का हाथ अपने हाथों से दबाते हुये बस इतना ही कहा.....

आप लडकि कि बिदाई में कुछ भी देगें या ना भी देंगे... थोड़ा देंगे या ज़्यादा देंगे.. मुझे सब कबूल है... पर *कर्ज लेकर* आप एक रुपया भी *दहेज मत देना.* वो मुझे कुबूल नहीं.. 

क्योकि जो बेटी अपने बाप को कर्ज में डुबो दे वैसी *"कर्ज वाली लडकि"* मुझे कुबूल नही...

मुझे बिना कर्ज वाली बहू ही चाहिए.. जो मेरे यहाँ आकर मेरे घर को बरकतों से भर देगी.. 

दीनमोहम्मद जी हैरान हो गए.. उनसे गले मिलकर बोले.. समधी जी बिल्कुल ऐसा ही होगा...!

*सबक :-  कर्ज वाली लड़की ना कोई बिदा करें न ही कोई कबुल करे.*

*आज के दिनो मे बहुत सारे मां बाप परेशान है लोग दहेज मांग रहे है, बहुत सारी लडकिया बिना शादी के घरो मे बैठी है, क्यों के उनके पास पैसा नही, 👉गरीबो से निकाह करो,अामीरो के लिए तो लाईन लगी है...!*

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