Monday, January 17, 2022

कंडक्टर को किराया देने के लिए मैंने जैसे ही जेब में हाथ डाला तो साथ बैठे अजनबी ने मेरा हाथ पकड़ते हुए कहा:-


नहीं भाई साहब, आपका किराया मैं दूंगा। मैने कहा:- आप क्यों❓ मैं अपना किराया खुद ही दूंगा, लेकिन अजनबी मेहरबान था और उसने मेरा किराया दे दिया...अगले स्टाप पर अजनबी बस से उतरा और मैं अपनी जेब से कुछ निकालने लगा तो सर थाम कर बैठ गया क्योंकि उस ने मेरी जेब काट ली थी.... दूसरे दिन  मैने उस अजनबी को बाजार में जा पकड़ा ......वो मुझे गले लगाकर रोने लगा, और बोला:- साहब जी, मुझे माफ कर दीजिए, आपसे चोरी करने के बाद मेरी बेटी मर गई .....मैने दिल बड़ा करते हुए चोर को माफ कर दिया।

चोर चला गया लेकिन उसने गले मिलते समय मेरी सोने की चैन साफ कर दी , कुछ दिनों बाद मै अपनी मोटरसाइकिल से कहीं जा रहा था कि रास्ते में फिर उसी चोर ने रोक लिया....उस ने रोते हुए माफी मांगी और चोरी किए हुए सारे पैसे भी लौटा दिये। फिर वो मुझे पास के रेस्टोरेंट में ले गया, उसने मुझे चाय नाश्ता करावाया और चला गया पर जब मै अपनी मोटरसाइकिल के पास आया तो देखा चोर इस बार मेरी मोटरसाइकिल पे ही हाथ साफ कर गया था..........बिल्कुल यही हाल हमारे देश की मुफ्त में बाटने वाली राजनीतिक पार्टियों का है। भोली भाली जनता इन पर विश्वास करती हैं और ये नेता हर बार जनता को नये नये तरीकों से लूटते हैं। फ्री का लालच न करें। सावधान रहें - सतर्क रहें।

@Multani Samaj News

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