Sunday, January 24, 2021

देहातो में एक कीड़ा पाया जाता है , जिसे गोबर का कीड़ा कहा जाता है उसे गाय , भैंसों के गोबर की बू बहुत पसंद होती है !


 वह सुबह उठ कर गोबर की तलाश में निकल पड़ता है और सारा दिन उसे जहां से गोबर मिले उसको गोला बनाता रहता है ! शाम तक अच्छा खासा गोला बन जाता है , फिर उस गोले को धक्का देते हुए अपनी बिल तक ले जाता है ,लेकिन बिल पर पहुंच कर उसे एहसास होता है की गोला तो बड़ा बना और बिल का सुराख छोटा है , बहुत कोशिशों के बावजूद भी गोला बिल में नही जा सकता,और वो उसे वही पर छोड़ कर बिल में चला जाता है! यही हाल कुछ इंसानों का है सारी ज़िन्दगी हलाल व हराम की तमीज के बगैर दुनिया का माल-ओ-मोताअ जमा करने में लगे रहते है, और जब आखरी वक्त करीब आता है तो पता चलता है की ये सब तो कब्र में साथ नही ले जा सकते और हम उस ज़िन्दगी भर की कमाई को हसरत से देखते ही रह जाते है !

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