Friday, January 29, 2021

शैतान का हमला ओरतो पर ही क्यू ?


अक्सर देखने में आता है कि शैतानी हमले ओर रूहानी बीमारी अक्सर खवातीन पर ही क्यू होती है 

इसकी बहुत सी वजूहात हे 

1 *खवातीन* में अक्सर अकीदे कि कमज़ोर होती है बहुत जलद अपने *ईमान* को गवा देती है ओर यही वजह हे की अल्लाह के नबी saw ने फ़रमाया  *दज्जाल के पीछे सब से ज़्यादा ओरते भागेगी* हत्ता की उनके मर्द उन्हे *रस्सियों* से बांध देगे लेकिन वह रस्सियां तोड कर दजजाल से जा मिलेगी ,महफुम 

ओर जिसका *अल्लाह* के ताल्लुक से जितना कम  होगा *जिसकी तौहीद मुकम्मल नहीं होगी* शैतान जिन्न उस पर बहुत जलद हमला कर देता है 

2 *औरत का बनाव सिंगार* 

औरत बहुत ज़्यादा बनव सिंगार करती है ओर परदे का एहतमाम नहीं करती  जिससे शैतान ऊन पर फिदा हो जाते है 

3 *गुस्ल खाने में ज़्यादा वक्त बिताना* 

अक्सर खवातीन गुसल खाने में ज़्यादा वक्त बिताती हे अपने जिस्म को खूबसूरत बनाने के लिए पता नहीं कोन कोन से शेंपु ओर क्रीम वगेरह का इस्तेमाल करती है जिससे बाथरूम में वक्त ज़्यादा लगता है ओर *सब से ज़्यादा शायतीन बाथरूम मे ही रहते है* तो वह उन्हें चिमट लेते है 

*4 /ख़्वातीन का आइने में अपने आप को ब्रहिना देखना* 

अक्सर खवातीन अपने जिस्म को आइने में देखती है जिससे बहुत शिद्दत से शेतान उन्हे अपने लपेटे में ले लेता है 

*5 खवातीन का अल्लाह का नाम लिए बिना कपड़े बदलना* 

अक्सर खवातीन जब दिन भर काम काज से निमट कर रात में अपने कमरे में आती है तो दरवाज़ा बन्द कर के कपड़े बदलने लग जाती है ये सोच कर कि दरवाज़ा तो बन्द हे  

लेकिन अल्लाह का फरमान हे *शैतान तुम्हे ऊन जगहों से देखते हे कि तुम नहीं देख पाते* वही शैतान बरहेना जिस्म को देख कर फिदा हो जाते है 

इसलिए हुक्म हे कि *जब कपड़े बदले तो बिस्मिल्लाह पढ़ ले* ताकि अल्लाह तुम्हारे ओर ऊन शैतानों के बीच एक परदा डाल दे फिर वह तुम्हे नहीं देख सके 

,6 *खवातीन का ज़्यादा डरना*

खबरदार डर ओर खोफ के आलम में शैतान बहुत जलद मुसल्ल्ट हो जाते 

एक बार एक सहबी जंगल में जा रहे थे कि उन्होंने अपने पीछे पत्तो पर चलने कि आवाज़ सुनी  तो वह डर गए जब नबी saw को पता चला तो आपने कहा अगर *वह अल्लाहु अकबर कह देते तो डर ख़तम हो जाता* 

शैतानों से हम जितना डरते है वह इतना ही हमे डराते हे सुर जिन्न के तरजुमा से हम पता चलता है इसलिए हम सिर्फ अल्लाह से डरे शैतान से नहीं

7 *खवातीन का बात बात पर गुस्सा ओर झगड़ा करना* 

याद रहे गुस्सा शैतान कि तरफ से होता है ओर गुस्से कि हालत में शैतान का जिस्म में घुस जाना बहुत आसान है इसलिए अल्लाह ने गुस्से को पीने का हुक्म दिया है

गुस्सा आए तो खड़े हो तो बैठ जाए 👍 बैठे हो तो लेट जाए👍 वुजू बना ले दो रक आत नमाज़ पड़ ले 

8 *ज़्यादा हस्ना* 

खवातीन जब महफ़िल सजाती है तो खूब हंसी ठि टठा होता है  ओर *शैतान मुंह के रास्ते जिस्म में समा जाता है* 

याद रहे ज़्यादा हसने वाले का दिल मुरदर हो जाता है हमारे नबी जब हसते थे दो दांत नहीं दिखते थे सिर्फ मुस्कुराया करते थे 

9 *ज़्यादा रोना* 

हमारे  मुआशरे में अक्सर होता है कि फ्लां औरत फलां कि मय्यट में गई थी ओर बेहोश हो गई थी 

तब से बीमार हे इसलिए बहुत से मुआलीज जो गेर शरई इलाज करते है वह खवातीन को मैय्यत में जाने से रोकते हे 

वजह ये कि ज़्यादा रोने से भी शैतान गालिब आ सकता है ओर  खवातीन अक्सर म्ययत में बयान कर कर के रोटी हे यानी *नोहा करती है* ओर *नोहा करने वाली पर अल्लाह ने लानत फरमा ई हे* जब अल्लाह ने लानत फरमा दी तो जो फ़रिश्ते हमारी हिफाज़त पर मुक्कर है वह भी साथ छोड़ देते है तो शैतान काबिज हो जाता है 

इसलिए अल्लाह के नबी saw ने हमे खुशी ओर गम के भी आदाब बताए हे 

10 *अय्यामे महवारी*

खवातीन के लिए कुछ दिन महावारी के होते है जिसमे वह पाक नहीं रहती ओर उस वक्त नमाज़ रोज़े से भी रोका गया हे  

तो नमाज़ मुआफ हो गई तो खवातीन बेफिक्र हो जाती है ओर जबकि नापकी कि हालत में शैतान बहुत आसानी से जिस्म में दाखिल हो सकता है 

नमाज़ ज़रूर मुअफ़ है लेकिन अज़कार ओर सुबह शाम को दुआए लाज़िमन पड़े क्यू की मोमिन कि ज़ुबान हमेशा पाक रहती है नापाकी कि हालत में कुरआन को छूना मना हे ज़ुबानी पढ़ सकते है 

इसलिए नापाक होने कि हालत में कसरत से अज्का र करना चाहिए 


11 *खवातीन का अपने बालो का गुच्छा बना कर फेक देना ओर गंदे कपड़ों को बिना अल्लाह का नाम लिए फेक देना* 

याद रहे सब से ज़्यादा जादू बालो पर ओर नाखूनों पर ओर जिस्म के गनदे कपड़ों पर होता है 

हा टूटे बालो पर जादू नहीं होता ओर अगर शैतान अगर जिस्म के ग्नदे कपड़ों को सूंघ ले तो भी खवातीन बीमारी में मुब्तिला हो सकती है 

इसलिए जब भी बाल फेंके तो उसे काट दे ओर जब भी गन्दे कपड़े फेके तो अल्लाह का नाम लेकर फेका करे इंशा अल्लाह अल्लाह कि हिफजो अमान में रहेगी 

12 *खवातीन का गुसल में देरी करना* 

कुछ खवातीन जिन्होंने अपने शोहरो से कुरबत हासिल कि होती है  वह गूसल करने में देरी करती है घर का काम करने के बाद या सारे घर के कपड़े धोने के बाद गूस्ल करती है ओर इस बीच शैतान गालिब हो जाता है क्यू की इंसान जब नापाक होता है तो फ़रिश्ते उसके पास से चले जाते है तो शैतान बहुत आसानी से काबिज हो जाते है 

13 *खवातीन का दरगाहो पर जाना*

दरगाहो ओर मजारो पर अक्सर शिरक ओर खुराफात होती है दूसरी चीज़ वहा आग का इस्तेमाल बहुत होता है खवाह वह लोबान की शक्ल में हो जा अगरबत्ती कि शक्ल में ओर कई दरगाहो पर तो चुल जलती है ओर शैतान आग को पसंद करता है इसलिए *शैतानों का दरगाहो पर जमावड़ा रहता है* 

मेने अल्हम्दु लिल्लाह अल्लाह कि तोफिक दरगाहो के जिन्न निकाले हे जिन्होंने बकायदा कहा कि फलां दरगाह से लगे थे ।ओर कुछ दरगाह ओर बुर्राख मेने अल्लाह कि तोफिक से टुट वाई तो छूपे हुए जिन्न उसमे से निकल कर आए ओर मरीज़ के जिस्म में आकर हाज़िर हुए 

इसलिए खवातीन को दरगाहो ओर कबरो पर जाने से बचना चाहिए 

ये चंद वजूहात जो कुछ मेरे इल्म में थी वह मेने बताई ज़रूरी नहीं को मेरी सारी बाते सही हो 

क्यू कि सारा का सारा इल्म सिर्फ अल्लाह को हे 

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