Sunday, February 16, 2025

अंजुमन की कमेटियों के लिये नाईगिरी व मुझाम का काम कर रहे हैं, हाजी मुहम्मद यूसुफ साहब महनवा वाले : अलीहसन मुल्तानी


आज दिनांक 16 फरवरी 2025 को अलीहसन मुल्तानी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि हालांकि आज में बहुत लंबा लेख लिख रहा हूं फिर भी इसे पढ़ना समझना और एक दूसरे को बताना, सुनाना या समझाना बे-हद जरूरी है । मैं अलीहसन मुल्तानी वल्द जनाब हबीब अहमद साहब मुल्तानी पैतृक गाँव किशनपुर बिराल हाल बाशिंदा अंजुमन के पास मुल्तानी वाली गली बड़का रोड बड़ौत जिला बाग़पत उ0प्र0 का हूँ। और तमाम बिरादरान हजरात को सलाम अर्ज़ करने के बाद कहना चाहता हूं कि - जब हमारी नज़र बिरादरी में फैली रही कुरितियों पर पडी, जब हमारी नजर बिरादरी   के युवा बे-रोजगारों पर पड़ी, जब हमारी नजर बिरादरी में रोजाना कई-कई टूटते, बिगड़ते और बिखरते रिश्तों पर पड़ी, जब हमारी नजर बिरादरी की फित्रा, जकात मांगती हुई अपनी बिरादरी की मां, बहन, बेटियों और बेवाओं पर पड़ी, जब हमारी और भी अनेकों मामलों पर नजर पड़ी तब हमारी नजर बड़ौत में बिरादरी द्वारा बनाई गई रजिस्टर्ड तंजीम अंजुमन मुल्तानी मुग़ल आह्नग्रान रजिस्टर्ड संस्था बड़का रोड बड़ौत की तरफ गई । हमने   सोचा कि बिरादरी की ये इतनी बडी इतनी विशालकाय, इतनी पुरानी, बहुत कीमती और इतनी बड़ी अंजुमन पड़ी तो हमने सोचा कि अखीर ये अंजुमन किसलिए बनी है ?                                                     बहुत इज्जत अदब और अहतराम के क़ाबिल मोहतरम जनाब मुस्लिम मुल्तानी लोहार बढ़ई बिरादरान अस्सलामु अ़लैईकुम जी । हमने बिरादरी हित में बिरादरी के हक़ में बंद पड़ी अंजुमन की आवाज बुलंद करने की कोशिश की  सबसे पहले हमने अंजुमन को खुलवाने, अंजुमन में साफ सफाई कराने, अंजुमन में दीवा-बत्ती कराने, अंजुमन में बिरादरी का खादिम बैठाने, अंजुमन में बिरादरी के पांच भाइयों के बैठने उठने की आवाज़ बिरादरी हित में बुलंद की और हमने इस मुआमले को लेकर अंजुमन  के कनवीनर जनाब अय्यूब साहब बिजरौल वाले से बात की तो अय्यूब साहब ने बताया कि अंजुमन बिरादरी के लिये नहीं खुलेगी ! अंजुमन सिर्फ अंजुमन की कमेटियों के एजेंडे पर ही खुलेगी !! अंजुमन की दोनों कमेटीयों ने अनैतिक रूप से  प्रस्ताव पास कर अंजुमन में से हमारी वोट नंबर 2563  अलीहसन मुल्तानी वल्द हबीब अहमद बड़का रोड बड़ौत को वोटर लिस्ट से काट कर हमें बिना नोटिस/बिना इत्तला अंजुमन की कमेटी से बाहर कर दिया । अब अलीहसन मुल्तानी को बिरादरी और अंजुमन की बात करने का कोई हक नहीं रहा । अंजुमन की कमेटियों ने थाना पुलिस चौकी जाकर भी बताया कि अलीहसन मुल्तानी की वोट अंजुमन में नहीं है इसलिए अलीहसन मुल्तानी का अंजुमन में जाना वर्जित हो गया यानि अवैध है । हमें लगा कि अंजुमन की कमेटियों ने बिरादरी के बीच हक़ और इंसाफ की आवाज को दबाने की कोशिश की है । तत्पश्चात हमने अपने बिरादराना साथियों, परिवार वालों, रिश्तेदारों और बिरादरी के लोगों से विचार-विमर्श कर 13 अगस्त 2024 को बड़ौत में मुस्लिम मुल्तानी लोहार बढ़ई बिरादरी की एक मिटिंग की । मिटिंग में भूलवश या गलती से कुछ ना-अहल लोगों को जो अंजुमन कमेटियों के समर्थक या खास छिपे हुए समर्थक 
थे को सरपंच चुन लिया गया । इन सरपंचों ने हमें दरकिनार कर अपनी फर्ज़ी चौधराहट चलाने के लिये अंजुमन की कमेटियों की चम्चा गिरी शुरू कर दी । नतीजा ये निकला कि अंजुमन कमेटी के लोग जो चाहते थे अंजुमन में उन कामों को बल मिल गया है जो बिरादर हित में नुकसान दायक हैं ।  50 और 100 रु की मेंबरशिप को बिना बिरादरी की इजाजत व मर्ज़ी के बढ़ाकर 500 रु कर दिया गया । अंजुमन का चुनाव लडने वालों की जमानत राशि को बिना बिरादरी की इजाजत व मर्ज़ी के दोगुना कर दिया गया, अंजुमन को तालाबंदी के हवाले कर दिया गया, पूर्व के 4 सदर की भांति अंजुमन का 5 वां निर्विरोध अनुचित सदर बनाने की फिर परिक्रिया शुरू की गई । हमने इन सब बातों का बिरादरी हित में विरोध किया तो अंजुमन की कमेटीयां थाने में हमारे खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने गई । 15 अगस्त 2024 की हमारी वीडियो आप सबने जरूर देखी होगी ।अल्लाह का शुक्र है कि हम पुलिस थाने की कार्यवाही से बच गये । हमने सोचा कि ये सब  क्या हर क्यों हो रहा है हमने इन सब कारणों की छानबीन की तो पाया कि अंजुमन में जो लैंटर अभी हाल ही में बना है उसकी सैटरिंग /ढूले का किराया कुल 45 रु फुट की बजाय 120 रु फुट अंजुमन के हिसाब में अंजुमन के सदर साहब ने लिख रखा है ।  7000 फुट के लैंटर का किराया साढ़े 8 लाख रु लिख रखा है इस महा घोटाले का हमें पता चला तो हमें अंजुमन की कमेटियों की ग़लतियों की बडी गड़बड़ नजर आई । गौरतलब हो कि हाजी मौजूदीन साहब की सदारत में 4 दुकानें और 1 बड़ी गैलरी का निर्माण हुआ था तथा 1 कमरे का कंप्लीट निर्माण मुल्तान साहब सोनीपत ने कराया था । तथा  हाजी अय्यूब  साहब की सदारत में अंजुमन का नव निर्माण कराते समय रोड़ी सीमेंट का मसाला बनाने के लिए बिल्कुल नई 1 मिक्सचर मशीन भी खरीदी गई थी । छानबीन करते समय हमे कुछ भी सामान नहीं मिला तो हमने अंजुमन के कंवीनर जनाब अय्यूब साहब से अंजुमन के सामान के बारे में पूछा तो वो स्पष्ट जवाब नहीं दे पाये । कुछ दिनों बाद हमने दोबारा से पूछा तो हमें बताया गया कि वो सामान तो अंजुमन कमेटी ने बेच दिया था । गौर तलब हो कि बिना बिरादरी की इजाजत, बिना जानकारी,  बिना बिरादरी  की मर्जी, और बिना आम  नीलामी के अंजुमन का सामान बेचना अंजुमन के सामान की चोरी ही कहलाती है । अब हमने सोचा कि अंजुमन की कमेटियों ने पिछले 33 वर्षों से हिसाब नहीं दिया अंजुमन में पिछले 33 वर्षों से तालाबंदी के बावजूद अंजुमन का चोरी से सामान बेच दिया गया, अंजुमन आज तक बिरादरी के किसी काम नहीं आई, अंजुमन के खजांची हाजी हनीफ साहब इमानदार का कहना है कि अंजुमन फिलवक्त 6 लाख रु के कर्जे में है जबकि अंजुमन का लेंटर 6 महीने में अपने खर्चे पर बनवाने की जिम्मेदारी फिल्वक्त के सदर हाजी दिलशाद साहब ने ले रखी है जिसमें लगभग 10 लाख रुपए का सरिया हाजी यूसुफ साहब मेहनवा भी दे चुके हैं । गौरतलब हो कि  अंजुमन के बायलॉज के मुताबिक 500 रु से ज्यादा धन राशि खर्च करने के लिये अंजुमन की कमेटियों को बिरादरी की आम मिटिंग करके बिरादरी की संवैधानिक इजाजत लेनी पड़ेगी । सारा माजरा समझ में आने के बाद समझ में आया कि अंजुमन में धोखाधड़ी और चोरियां खुले रूप से धड़ल्ले से हो रही हैं । अब हमने अंजुमन की कमेटियों से अंजुमन में ताला बंदी का हिसाब, अंजुमन  की कमेटियों द्वारा बिरादरी का 33 साल बर्बाद करने का हिसाब,  अंजुमन में 33 वर्षों का आय-व्यय का हिसाब, अंजुमन में बेचे गये तमाम सामान का हिसाब, अंजुमन में अंजुमन के बायलॉज पर अमल ना करने का हिसाब, अंजुमन द्वारा बिरादरी की खिदमत ना करने और बिरादरी  को नजर अंदाज करने का हिसाब मांगा है तो अंजुमन की अनैतिक कमेटियों ने अपने सबसे बडे समर्थक सबसे बड़े दानवीनर शान ए बिरादर जनाब हाजी मुहम्मद यूसुफ साहब महनवा वालों को नाईगिरी और मुझाम का काम सौंप दिया है । अब शाने बिरादर जनाब हाजी यूसुफ साहब अंजुमन की कमेटियों के नाई बनकर अंजुमन की कमेटियों से हिसाब मांगने की बजाय बिरादर से ये पूछते फिर रहे हैं कि तूने अंजुमन में क्या दिया है । और तुझे अंजुमन का हिसाब मांगने का क्या अधिकार है । गौरतलब हो कि हर एक सामाजिक रजिस्टर्ड संस्था का रजिस्ट्रेशन होते ही हिसाब का लेखा-जोखा तैयार किया जाता है । और संबंधित संस्थाओं में सालाना ऑडिट और बजट पेश किया जाता है । कोई भी व्यक्ति अथवा शासन प्रशासन जब चाहे जिस दिन का, जिस महीने का,  या जिस वर्ष का हिसाब चाहे देख समझ व लिखित रूप में भी मांग सकता है । अब थोड़ा और समझ कर पढ़ियेगा कि महान दानवीर,शान ए बिरादर, जनाब मुहम्मद यूसुफ साहब मेहनवा की बिरादर के लिये ये बातें कितनी ग़ैर जिम्मेदाराना हैं कि हाजी यूसुफ किसी से पूछें कि तू कौन है अंजुमन कमेटी से हिसाब मांगने वाला ? हाजी यूसुफ साहब बिरादर के किसी आदमी से ये पूछें कि तूने अंजुमन में दिया ही क्या है जो अंजुमन का हिसाब मांग रहा है ? कितनी हैरत की बात है कि हाजी यूसुफ साहब ये कहें कि बिरादरी अंजुमन में देती ही क्या है ? हाजी मुहम्मद यूसुफ साहब शान ए बिरादर का कहना है अंजुमन के गेट पर बैठने वाले चौकीदार की 10000 रु महीना की तनख्वाह कौन देगा ?? हाजी यूसुफ साहब का कहना है कि बिरादरी से अंजुमन की बिजली का बिल तो दिया नहीं जाता ! अब खुद ही सवाल बन गया है कि क्या करोड़ों रु की ये अंजुमन हाजी यूसुफ साहब के पिता श्री ने अकेले अपने दम पर बनवाई है क्या ?. अंजुमन बनवाने में बिरादरी ने पैसा नहीं दिया हैं क्या ?.बिरादरी अंजुमन में पैसा नहीं दे रही है ? अपनी बिरादरी की संस्थाओं में दो पैसे कम या ज्यादा हर आदमी देता है और देने की कोशिश भी करता है । अगर संस्थाएं अच्छा काम करती हैं तो बिरादरी का हर आदमी अपने बजट से ज्यादा देने की भी कोशिश करता है । लेकिन जहां संस्थाओं में ताला ठुका हुआ हो, जहां संस्थाओं में ताला जड़ा हुए हो, जहां  संस्थाओं में ताला लगा हुआ हो । वहां कौन किसे और क्यों पैसा देगा । बहरहाल हाजी यूसुफ मेहनवा की बातों में बनावट के सिवा बिरादरी के लिये सच्ची हमदर्दी नजर नहीं आई ।  अब आगे छोटी सी बात ये है कि बार-बार मांग करने पर भी अंजुमन की कमेटियां अंजुमन का गेट नहीं खोल रही हैं  ! बार-बार मांगने पर भी अंजुमन की कमेटियां अंजुमन का पिछले 33 वर्षों का हिसाब नहीं दे रही हैं । अंजुमन के बायलॉज पर अंजुमन की कमेटियां अमली काम नहीं कर रही हैं । अंजुमन की कमेटियां बिरादरी को जब कुछ भी मान व समझ नहीं रही हैं । तो ऐसे हालात में बिरादरी की पंचायत करने का भी कोई लाभ नहीं हैं । बिरादरी की पंचायत करने का फायदा भी तो तभी फायदा है जब अंजुमन की कमेटियां बिरादरी को कुछ समझ व मानती हों । ऐसे विकट और अजीब हालात में सरकारी कोर्ट कचहरी का सहारा लेना कैसा रहेगा ???  कल बीते शनिवार 15-2-2025 तक का समय अंजुमन कमेंटी को अंजुमन का हिसाब देने के ऐलान करने का वक्त दिया गया था । आज इतवार की छुट्टी है। कल 17-2-2025 को अंजुमन की कमेटियों द्वारा हिसाब ना देने की बिना पर हम अंजुमन की कमेटियों पर अंजुमन का पिछले 33 वर्षों का हिसाब ना देने का का कोर्ट में दावा दायर करें तो इसमें हर्ज ही क्या है ??? बिरादरान हजरात खुलकर या सांकेतिक जवाब जरूर दें, मेहरबानी होगी ।
माफी नामा - बहुत इज्जत अदब और अहतराम के क़ाबिल मोहतरम जनाब मुस्लिम मुल्तानी लौहार बढ़ई बिरादरन अस्सलामु अ़लैईकुम जी । जैसे-जैसे शाबान का महीना पूरा होने की ओर बढ रहा है वैसे-वैसे ही रमज़ान का महीना करीब आ रहा है । तमाम बिरादरान हजरात से गुजारिश है कि  हमारे किसी लेख से, हमारी किसी पोस्ट से, हमारी किसी बात से, हमारे किसी अमल से बिरादरी के किसी हजरात को दुःख पहुंचा हो या किसी आदमी की ग़लत बात पर गुस्से में हमारे मुंह से कोई अपशब्द निकल गया हो तो हम तमाम बिरादरान हजरात से अल्लाह के वास्ते माफी चाहते हैं । प्रेषक - अलीहसन मुल्तानी बड़ौत जिला बाग़पत, उत्तर प्रदेश फोन नंबर 9027004684 
नोट 🚫 बात अभी अधूरी है 26 जनवरी और जनाब हाजी इकरा मुल्ला जी के इंतेकाल के दिन का जिक्र अभी बाकी है ।
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8010884848

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