नासिक के एक इदारे की क़ाबिले तारीफ़ कामयाबी: रमज़ान की ज़कात के ज़रिए, उन्होंने 45 नादार तलबा को चार्टर्ड अकाउंटेंट, 25 को डॉक्टर, 55 को पैरामेडिक्स, 65 को टैक्स कंसल्टेंट, 45 से ज़्यादा को सरकारी अफसर, 210 को बहुराष्ट्रीय कंपनियों में आला ओहदों पर, 170 को उस्ताद, और 355 को मुख़्तलिफ़ दीगर शोबों में कामयाब बनाया। इसके अलावा, 45 से ज़्यादा अफराद सरकारी अफसर बने।
और सब से ख़ुशी की बात यह है कि इन ज़कात हासिल करने वालों में से 350 अब ख़ुद ज़कात देने वाले बन चुके हैं! बाक़ी तलबा भी इंशा अल्लाह आने वाले वक़्त में ज़कात देने वाले बनेंगे।
इस निज़ाम को हर जगह नाफ़िज़ किया जा सकता है। ज़कात को बहुत से नेक मक़ासिद के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
अगर कोई मुनज़्ज़म निज़ाम क़ायम किया जाए, तो ज़कात को मदरसों, स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले हक़दार तलबा की तालीम के लिए इस्तिमाल किया जा सकता है।
जब ज़कात को मुनज़्ज़म तरीक़े से तक़सीम किया जाता है, तो लेने वाले देने वाले में तब्दील हो सकते हैं। लेकिन अगर कोई मुनासिब निज़ाम न हो, तो वो ताउम्र ज़कात पर इनहिसार कर सकते हैं और कभी ख़ुद ज़कात देने के क़ाबिल नहीं बन पाते।
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