आज का दिन बिरादरी और खास तौर पर मोहम्मद इरशाद उर्फ़ इलू के घराने के लिए एक गहरा सदमा लेकर आया।
निहायत ही दुःख और रंज के साथ यह इत्तला दी जाती है कि जनाब हाजी मोहम्मद उमर साहब (बूढ़पुर वाले) के बहू और मोहम्मद इरशाद उर्फ़ इलू की अहलिया मरहूमा शबनम बी (उम्र 35 साल) आज तड़के क़ज़ा-ए-इलाही से इस फ़ानी दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गईं।
जुमे का मुबारक दिन, तारीख़ 21 नवंबर 2025—लेकिन इलू परिवार और बिरादरी के लिए यह दिन हमेशा एक गहरे ज़ख़्म की तरह याद रहेगा।
एक जवान, नेक-सिरत, खुश-मिज़ाज बहू… जिसकी मौजूदगी से घर में चहल-पहल रहती थी, आज उसी घर की चौखट पर सन्नाटा पसरा हुआ है।
🌿 अचानक मौत… और टूटते हुए सपने
ऐसे हादसे जब अचानक पेश आते हैं तो घर का हर कोना गवाही देता है कि किस तरह एक मुस्कुराती हुई ज़िंदगी पल भर में ख़ामोश हो जाती है।
मरहूमा शबनम बी की उम्र ही क्या थी—सिर्फ़ 35 साल।
जिंदगी तो जैसे अभी शुरू ही हुई थी…
लेकिन अल्लाह को कुछ और मंज़ूर था।
उनके छोटे-छोटे काम, उनका हंसना-बोलना, घरवालों का ख्याल रखना, रिश्तेदारों से बैठना… सब यादों के रूप में पीछे छूट गया।
खानदानी मोहब्बत और अदब से रहने वाली यह बहू आज अपने पीछे सवालों और सदमों से भरा माहौल छोड़ गई।
इलू परिवार के लिए यह सिर्फ़ एक मौत नहीं, बल्कि घर का उजाला बुझ जाने जैसा गम है।
🕌 नमाज़-ए-जनाज़ा और दफ़न
मरहूमा की मय्यत को बाद नमाज़ जुमा
बड़का रोड गोरे ग़रीबा कब्रिस्तान, बड़ौत, जिला बागपत
में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा।
बिरादरी के तमाम लोग से गुज़ारिश है कि जनाज़े में शरीक होकर सवाब-ए-दारेन हासिल करें और घरवालों के दुख को हल्का करने में अपना हिस्सा डालें।
🤲 दुआएं और ताज़ियत
अल्लाह तआला मरहूमा की मग़फ़िरत फरमाए,
उनकी कब्र को रोशन करे,
और घरवालों—खासकर उनके शौहर मोहम्मद इरशाद उर्फ़ इलू—को सब्र-ए-जमील अता फरमाए।
आमीन
📞 मालूमात के लिए संपर्क
मरहूमा से संबंधित किसी भी तफ्सील के लिए
मोहम्मद इलियास साहब (मोबाइल: 9911998311) से राब्ता करें।
📢 एक ज़रूरी ऐलान – इंतेकाल की खबर भेजने के लिये अहम हिदायतें
(जैसा कि “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका का बिरादरी से तआवुन की गुज़ारिश है)
1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम और वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता—असली और मौजूदा।
3️⃣ दफ़न का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार दो लोगों के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम की तस्वीर।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घरवालों के नाम—जैसे औलाद, माँ-बाप, भाई-बहन आदि।
यह हिदायतें इसलिए ताकि खबर मुकम्मल तरीके से बिरादरी तक पहुंचे और कोई जनाज़े से महरूम न रह जाए।
📰 डिस्क्लेमर
पत्रिका में प्रकाशित लेख, समाचार, विचार, टिप्पणी आदि लेखक या संवाददाता के अपने विचार होते हैं।
पत्रिका, संपादक, प्रकाशक या प्रबंधन इनके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।
किसी भी विवाद की सूरत में न्याय क्षेत्र केवल दिल्ली रहेगा।
**✍️ ज़मीर आलम
“मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका — दिल्ली
#multanisamaj
📞 8010884848
🌐 www.multanisamaj.com
🌐 www.msctindia.com
📩 multanisamaj@gmail.com
No comments:
Post a Comment