Friday, November 28, 2025

इन्तेकाल की तीन दर्दनाक ख़बरें — मुल्तानी समाज की गहरी हमदर्दी के साथ

आज का दिन मुल्तानी बिरादरी के लिए बेहद भारी और ग़मगीन साबित हुआ। तीन अलग–अलग जगहों से लगातार ऐसी खबरें आईं जिन्होंने पूरे समाज को रंजो–ग़म में डुबो दिया। “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका, पूरी बिरादरी की तरफ़ से मरहूमीन की मग़फ़िरत और उनके लवाहित की सब्र–ए–जमील के लिये दुआगो है।


1️⃣ दिल्ली से ख़बर — हाजी मोहम्मद इक़बाल खान (सूजरा वाले) का इ़न्तेकाल

निहायत ही दुःख और अफ़सोस के साथ यह इत्तिला दी जा रही है कि
हाजी मोहम्मद इक़बाल खान (सूजरा वाले)
हाल निवासी भजनपुरा, जिला उत्तर पूर्वी दिल्ली – 53
का कल दिन जुमेरात, 27 नवंबर 2025 को इंतकाल हो गया।

अल्लाह तआ’ला मरहूम की मग़फ़िरत फरमाए और उनके तमाम घर वालों को सब्र–ए–जमील अता फरमाए… आमीन।

मरहूम की नमाज़–ए–जनाज़ा आज दिन जुमा, 28 नवंबर 2025 को दोपहर 1:50 बजे,
अजीज़िया मस्जिद, गामड़ी में अदा की गई।
इसके बाद मय्यत को कच्ची खजूरी कब्रिस्तान में सुपुर्दे ख़ाक किया गया।


2️⃣ शामली, उत्तर प्रदेश से — जेबुन्निसा बी (70 साल) का इंतकाल

एक और बेहद अफ़सोसनाक ख़बर शामली से मिली।
आज दिन जुमा, 28 नवंबर 2025 को
जेबुन्निसा बी (उम्र 70 साल)
अहलिया जनाब हाजी अनीस साहब
का तक़रीबन सुबह 8:30 बजे कज़ा–ए–इलाही से इंतकाल हो गया।

मरहूमा अपने पीछे अपने शौहर, तीन बेटे —
मोहम्मद एहसान, मोहम्मद रिज़वान, मोहम्मद अरशद
और बड़े कुनबे को हमेशाहमेशा के लिए ग़मजदा छोड़कर इस फ़ानी दुनिया से पर्दा कर गईं।

इंतकाल दिल्ली में हुआ, लेकिन घर वाले मय्यत को उनके पुश्तैनी मकान शामली लेकर पहुंचे, और वहीं दफनाया जाएगा।

मरहूमा का मायका: कस्बा थानाभवन, जिला शामली
वे जनाब मोहम्मद इशाक साहब मरहूम (कुतुबगढ़ वाले) की सुशिगर्फ़्ता बेटी थीं।

मालूमात के लिए संपर्क:
मोहम्मद एहसान साहब — 9643463620


3️⃣ रुड़की, उत्तराखंड से — मोहम्मद सुहेल मिर्जा का इंतकाल

रुड़की से आने वाली खबर ने भी दिलों को हिला दिया।
आज मोहम्मद सुहेल मिर्जा, पुत्र अतीक मिर्जा,
निवासी — इमली रोड, पॉपुलर मोहल्ला, महीग्रान (रुड़की), जिला हरिद्वार,
का इंतकाल हो गया।

मरहूम कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती थे।
अल्लाह उन्हें जनन्नत–उल–फ़िरदौस में बुलंद मक़ाम अता फरमाए… आमीन।


एक ज़रूरी ऐलान — इंतकाल की खबर भेजने का सही तरीका

अक्सर अधूरी जानकारी आने की वजह से बिरादरी के लोग जनाज़े तक नहीं पहुँच पाते।
इसलिए “मुल्तानी समाज” पत्रिका तमाम अहबाब से गुज़ारिश करती है कि खबर भेजते वक़्त निम्न बातें ज़रूर शामिल करें:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम + वल्दियत/शौहर का नाम
2️⃣ स्थायी और मौजूदा पता
3️⃣ दफन का सही वक़्त और कब्रिस्तान
4️⃣ घर के जिम्मेदार दो लोगों के मोबाइल नंबर
5️⃣ अगर मरहूम मर्द हो तो फोटो (अगर मुनासिब हो)
6️⃣ इंतकाल की वजह (इख्तियारी)
7️⃣ घर वालों के नाम — औलाद, भाई, बहन, माता–पिता

इन जानकारियों से खबर मुकम्मल बनती है और बिरादरी को सही वक़्त पर सूचित करना आसान होता है।


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मुल्तानी समाज — ज़मीर आलम की स्पेशल रिपोर्ट

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