जब ये खुद चलने के काबिल हो जाते है तब तक इनकी माँ भी म'र जाती है यानी की ये अपने बच्चो को पालते पालते अपनी जान दे देती है और फिर बच्चे इसे छोड़ कर चले जाते है।😐
बिल्कुल इसी तरह आजकल के इंसान हो गए है 😥
आज कल के बच्चो के लिए उनकी माँ अपनी सारी ज़िंदगी उनके साथ ख़्वारी करती है। फिर जब बच्चे बड़े हो जाते है ,जब उनकी माँ कमज़ोर हो चुकी होती है और फिर यही बच्चे अपनी माँ से कहते है की तुमने हमारे लिए किया ही क्या है?😢 और उसे बे यार व मददगार छोड़ देते है।😭😭
ज़िंदगी में कुछ बनो या ना बनो लेकिन बुढ़ापे में माँ बाप का सहारा ज़रूर बनो अपने वालेदेन का बहोत बहोत ख़्याल रखे।माँ-बाप सलामत है तो खुशियां हैं ज़िंदगी मे।
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