बड़ौत (जिला बागपत), 31 अगस्त 2025:
निहायत ही रंज व ग़म के साथ यह इत्तिला दी जाती है कि बड़ौत की पहचान बन चुके मशहूर कार मैकेनिक जनाब मोहम्मद नौशाद साहब (उम्र तक़रीबन 50 वर्ष), वल्द मरहूम हाजी शब्बीर साहब (बड़का वाले) का एक दर्दनाक सड़क हादसे में इंतकाल हो गया। उनके इंतकाल की खबर से न सिर्फ बड़ौत बल्कि पूरे इलाक़े की मुल्तानी समाज बिरादरी में गहरा मातम पसरा हुआ है।
हादसे की पूरी तफसील
बीते रोज़ शनिवार, 30 अगस्त 2025 की शाम तक़रीबन साढ़े 7 बजे, जनाब नौशाद साहब बागपत शहर में अपनी ससुराल के पास गाड़ी पार्क करके रोड पार कर रहे थे। अचानक तेज़ रफ़्तार से आ रही एक बाइक ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसा इतना भयंकर था कि टक्कर लगते ही नौशाद साहब सड़क पर ही बेहोश होकर गिर पड़े।मौके पर मौजूद रिश्तेदारों और राहगीरों ने फ़ौरन उन्हें बागपत के नज़दीकी हॉस्पिटल पहुँचाया। हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उन्हें दिल्ली के बालाजी अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन अफ़सोस, तमाम कोशिशों और इलाज के बावजूद रविवार 31 अगस्त की सुबह तक़रीबन साढ़े 6 बजे उनका इंतकाल हो गया।
बिरादरी में मातम
मरहूम नौशाद साहब अपनी मिलनसार और खिदमतगार शख्सियत की वजह से इलाके में बेहद मक़बूल थे। वह बड़ौत के बावली रोड पर रहते थे और पेशे से कार मैकेनिक थे। उनके इंतकाल की खबर मिलते ही इलाके में ग़म का माहौल छा गया और घर पर तअज़ियत के लिए लोगों का तांता लग गया।
दफीना और परिजन
मरहूम का दफिना बड़ौत के बड़का रोड कब्रिस्तान में किया जाएगा। चूंकि अस्पताल की औपचारिकताओं (फॉर्मेलिटीज़) में कुछ वक्त लग रहा है, लिहाज़ा दफीने का सही वक़्त बाद में इत्तला किया जाएगा।
मरहूम अपने पीछे
- वालिदा,
- दो चाचा: हाजी इस्लाम साहब व मोहम्मद यामीन साहब (प्रधानाचार्य),
- तीन भाई: जनाब अनीस साहब, मोहम्मद फ़ारुख साहब और फरियाद साहब,
- अहलिया: शईदा बी,
- दो बेटियाँ: नसरा और इकरा,
- एक बेटा: अमन,
सहित पूरे कुनबे, खानदान और अज़ीज़ो-अक़ारिब को रोता-बिलखता छोड़कर इस फ़ानी दुनिया से हमेशा-हमेशा के लिए रुख़्सत हो गए।
दुआ-ए-मग़फ़िरत
“मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका की तरफ़ से हम दुआ करते हैं कि अल्लाह तआला मरहूम की मग़फिरत फ़रमाए, उन्हें जन्नतुल फ़िरदौस में आला मुक़ाम अता करे और घर वालों को सब्र-ए-जमील अता फरमाए। आमीन।
एक ज़रूरी ऐलान – इंतेकाल की खबर भेजने के लिये अहम् हिदायतें
अक्सर ऐसा होता है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुंचती है या अधूरी जानकारी होने की वजह से लोग जनाज़े तक नहीं पहुँच पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:
1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे)।
3️⃣ दफीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।
👉 इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों को सही-सही जानकारी मिलने से आसानी होगी।
📢 “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका की तरफ़ से आप सभी से गुज़ारिश है कि इंतेकाल की खबर भेजते वक्त इन हिदायतों का ख़ास ख्याल रखें।
📞 8010884848
🌐 www.multanisamaj.com | www.msctindia.com
📩 multanisamaj@gmail.com
No comments:
Post a Comment