दिन जुमा, 03 अक्टूबर 2025 की अलसुबह तक़रीबन सवा 3 बजे जनाब यासीन साहब वल्द जनाब नजीर साहब उम्र लगभग 60 साल का बीमारी के चलते इंतकाल हो गया।
मरहूम असल वतन गांव बसी खेड़ा, जिला बागपत (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले थे और हाल बाशिंदा विकास नगर, पानीपत (हरियाणा) में रह रहे थे।
मरहूम अपने पीछे अपनी अहलिया श्रीमती नूरजहां, 7 बेटियां, 5 बेटे, पूरा कुनबा और तमाम रिश्तेदारों को रोता-बिलखता छोड़कर हमेशा-हमेशा के लिए इस फ़ानी दुनिया से विदा हो गए।
अल्लाह तआला मरहूम की मग़फ़िरत फ़रमाए और अहल-ए-ख़ाना को सब्र-ए-जमील अता फ़रमाए। आमीन।
मरहूम का जनाज़ा बाद नमाज़े ज़ोहर, पानीपत में उठाया जाएगा और वहीँ सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा।
लिहाज़ा तमाम अहबाब और बिरादरान से गुज़ारिश है कि जनाज़े में शरीक होकर सवाबे दारेन हासिल करें।
📞 मय्यत के बारे में तफसीलात के लिए मरहूम के बेटे जनाब जफर साहब से इस नंबर पर राब्ता करें: 8053646034
एक ज़रूरी ऐलान – इंतकाल की खबर भेजने के लिये अहम् हिदायतें
अक़्सर देखा गया है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुँचती है या अधूरी जानकारी के कारण लोग जनाज़े तक नहीं पहुँच पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी इंतकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें:
1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता (कहाँ के रहने वाले थे और फिलहाल कहाँ रह रहे थे)।
3️⃣ दफीने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख़्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फ़ोटो भी शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वग़ैरह।
👉 इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों को सही-सही जानकारी मिलने से आसानी होगी।
📰 सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार से पंजीकृत, दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार-बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका “मुल्तानी समाज” के लिए
✍️ ज़मीर आलम की ख़ास रिपोर्ट
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