Friday, October 17, 2025

❀ मुल्तानी बिरादरी के लिए शोक एवं सूचना ❀

निहायत ही दुःख और गहरे रंज ओ ग़म के साथ आप सभी अहले मुस्लिम मुल्तानी लोहार और बढ़ई बिरादरी को यह इत्तिला दी जाती है कि

सोरगरो के बाड़े के पास, चमन चौराहा, भीलवाड़ा में
जनाब हाजी अब्दुल रहीम साहब उस्ता मुल्तानी के भाई अब्दुल मजीद साहब उस्ता की जोजा शाहिदा (जुलैखा बी) का कजा ए इलाही से इंतकाल हो गया है।

📿 दफ़न की जानकारी

मरहूमा का दफ़न आज, दिन जुमा, बा तारीख़ 17 अक्टूबर 2025, नमाज़ ए ईशा के बाद सुफ़ियान कब्रिस्तान में किया जाएगा।
सुपुर्दे खाक में शरीक होकर आप सभी हजरात सवाबे दारेन हासिल करें।

🤲 दुआएं

अल्लाह तआला मरहूमा की मगफिरत फरमाए, उन्हें जन्नतुल फिरदौस में आला मक़ाम अता फरमाए और मरहूमा के घर वालों को सब्र-ए-जमील अता फरमाए। आमीन।


⚠️ अहम ऐलान: इंतकाल की खबर भेजते समय बरती जाने वाली हिदायतें

अक्सर ऐसा होता है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुंचती है या अधूरी जानकारी होने के कारण लोग जनाज़े में शरीक नहीं हो पाते। इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से यह गुज़ारिश करती है कि खबर भेजते समय इन बातों का ख़ास ख्याल रखा जाए:

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का पूरा नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता – कहां के रहने वाले थे और फिलहाल कहां रह रहे थे।
3️⃣ दफीन का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के फ़ोन नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो भी शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाक़ी अहल-ए-ख़ाना के नाम – जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।

इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों को सही-सही जानकारी मिलने से शरीकत आसान होगी।


📰 मुल्तानी समाज की भूमिका

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पंजीकृत, देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित,
पैदायशी इंजीनियर मुस्लिम मुल्तानी लोहार, बढ़ई बिरादरी को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका “मुल्तानी समाज”
के लिए अबदुल कादिर मुल्तानी की खास रिपोर्ट।

📞 संपर्क: 8010884848
🌐 वेबसाइट: www.multanisamaj.com | www.msctindia.com
✉️ ईमेल: multanisamaj@gmail.com


अदब, तहजीब और दफीने की दुआओं के साथ
हर पाठक और बिरादरी के सदस्य से निवेदन है कि अपने अहल-ए-ख़ाना और बिरादरी की जानकारी समय से साझा करें ताकि कोई भी सवाब या दुआ अधूरी न रहे।



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