Saturday, October 18, 2025

कम उम्र में बुझ गया एक और चिराग़ — बिरादरी में पसरा सन्नाटा

🕊️ इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन 🕊️

निहायत ही अफ़सोस और ग़म के साथ अहले मुस्लिम मुल्तानी, लोहार और बढ़ई बिरादरी को यह इत्तिला दी जाती है कि आज दिन इतवार, 19 अक्टूबर 2025 को तक़रीबन रात 1 बजे हमारे बिरादरी के नौजवान, नेकदिल और मेहनती शख्स मोहम्मद अमजद साहब वल्द जनाब मिस्त्री यूनूस साहब, उम्र लगभग 24 साल, गाँव कुरड़ी नांगल, तहसील बड़ौत, जिला बागपत (उत्तर प्रदेश) वालों का इंतकाल हो गया।

मोहम्मद अमजद साहब पिछले तक़रीबन दो महीनों से दिल्ली ट्रॉमा सेंटर अस्पताल में इलाजरत थे। बताया गया कि राजस्थान की एक फैक्ट्री में काम करते हुए ऊँचाई से गिर जाने के कारण उनकी गर्दन की हड्डी टूट गई थी, और ऑपरेशन के बाद से ही तबियत नाज़ुक चल रही थी।

इनकी ससुराल गाँव शेरपुर लुहारा, जिला बागपत में है, और हाल बाशिंदे बिजलीघर के पीछे, बड़ौत शहर (उत्तर प्रदेश) में रह रहे थे।

मिली जानकारी के मुताबिक तक़रीबन डेढ़ साल पहले उनके मरहूम भाई आरिफ साहब का इंतकाल हो गया था। उसके बाद मोहम्मद अमजद साहब का निकाह अपने मरहूम भाई की अहलिया से पिछले साल ही कर दिया गया था।

मोहम्मद अमजद अपने पीछे वालिद, वालिदा, अहलिया, तीन भाई, दो बहनों सहित छोटे-छोटे बच्चों और पूरे खानदान को रोता-बिलखता छोड़कर इस फ़ानी दुनिया से हमेशा के लिए रुख़्सत हो गए।

मय्यत आज बड़ौत शहर, जिला बागपत में गोल मस्जिद के पास स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-ख़ाक की जाएगी।
लिहाज़ा तमाम अहबाब, अज़ीज़-ओ-अक़रिबा से दरख्वास्त है कि जनाज़े में शरीक होकर सवाबे दारेन हासिल करें और मोहम्मद अमजद साहब की मग़फ़िरत की दुआ करें।

अल्लाह रब्बुल आलमीन मोहम्मद अमजद साहब की मग़फ़िरत फरमाए, उनकी कब्र को नूर से भर दे, और उन्हें जन्नतुल फ़िरदौस में आला मुक़ाम अता फरमाए।
साथ ही तमाम अहले-ख़ाना को सब्र-ए-जमील से नवाज़े — आमीन सुम्मा आमीन।


📞 नोट:

मरहूम के सिलसिले में और ज्यादा मालूमात के लिए जनाब शाहिद मुल्तानी साहब से मोबाईल नंबर 8218367002 पर संपर्क किया जा सकता है।
कृपया मय्यत की यह खबर बिरादरी के तमाम व्हाट्सएप ग्रुप्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कॉपी-पेस्ट जरूर करें, ताकि इंतेकाल की यह खबर ज्यादा से ज्यादा अफ़राद तक पहुँचे और सब लोग जनाज़े व दुआ में शरीक हो सकें।


🕋 एक ज़रूरी ऐलान – इंतेकाल की खबर भेजने के लिये अहम् हिदायतें

अक्सर ऐसा होता है कि किसी अज़ीज़ के इंतकाल की खबर बिरादरी तक देर से पहुँचती है या अधूरी जानकारी की वजह से लोग जनाज़े में शरीक नहीं हो पाते।
इस कमी को दूर करने के लिए “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका तमाम बिरादराने इस्लाम से गुज़ारिश करती है कि जब भी किसी के इंतकाल की खबर भेजें तो इन बातों का ख़ास ख्याल रखें 👇

1️⃣ मरहूम/मरहूमा का नाम और उनकी वल्दियत या शौहर का नाम।
2️⃣ पूरा पता — (कहाँ के रहने वाले थे और फिलहाल कहाँ रह रहे थे)।
3️⃣ दफनाने का सही वक़्त और कब्रिस्तान का नाम।
4️⃣ घर के जिम्मेदार शख्स (एक-दो) के मोबाइल नंबर।
5️⃣ अगर मर्द का इंतकाल हुआ है तो मरहूम का फोटो शामिल करें।
6️⃣ इंतकाल की वजह (अगर बताना मुनासिब हो)।
7️⃣ घर के बाकी अहल-ए-ख़ाना के नाम — जैसे भाई, बहन, माँ-बाप, औलाद वगैरह।

👉 इन तमाम जानकारियों से खबर मुकम्मल होगी और बिरादरी के लोगों को सही-सही जानकारी मिलने में आसानी होगी।


📖 सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पंजीकृत
देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित, पैदायशी इंजीनियर और बिरादरी की आवाज़ —
🌙 “मुल्तानी समाज” राष्ट्रीय समाचार पत्रिका 🌙
की ओर से — ज़मीर आलम की ख़ास रिपोर्ट।

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