Friday, May 22, 2020

*रिजर्व बैंक ने बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती का ऐलान किया * *ईएमआई होल्ड करने की अवधि बढ़ी* *ब्याज दरों में कटौती* *जीडीपी ग्रोथ रेट नेगेटिव* *महंगाई बढ़ने की आशंका* *रेपो रेट अब 4.4 से घटक 4.0 फीसद हुआ*

 22 मई 2020*रिजर्व बैंक ने बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है*                      इससे आम लोगों की EMI कम हो सकती है। साथ ही, RBI ने रिवर्स रेपो रेट घटाकर 3.35 फीसदी कर दिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकरंत दास ने प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि महंगाई दर अभी भी 4 फीसदी के नीचे रहने की संभावना है, लेकिन लॉकडाउन के वजह से यह बढ़ सकती है।

*ईएमआई होल्ड करने की अवधि बढ़ी*
RBI ने टर्म लोन मोरटोरियम 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है। पहले यह 31 मई तक के लिए था। तीन महीने और बढ़ने से अब 6 महीने के मोरटोरियम की सुविधा हो गई है। यानी इन 6 महीने अगर आप अपनी EMI नहीं चुकाते हैं तो आपका लोन डिफॉल्ट या NPA कैटेगरी में नहीं माना जाएगा।

*ब्याज दरों में कटौती*
गवर्नर ने बताया कि MPC की बैठक में 6-5 सदस्यों ने ब्याज दरें घटाने के पक्ष में सहमति जताई। इस फैसले से होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन सहित सभी तरह के कर्ज पर ईएमआई सस्ती होगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी ने पिछली बार 27 मार्च को रेपो दर (जिस दर पर केंद्रीय बैंक बैंकों को उधार देता है) में 0.75 प्रतिशत की कमी करते हुए इसे 4.14 प्रतिशत कर दिया था।
*जीडीपी ग्रोथ रेट नेगेटिव*                                 
वहीं शक्तिकांत दास ने आशंका जताई है कि चालू वित्तीय वर्ष की जीडीपी ग्रोथ रेट नेगेटिव रह सकता है। सिडबी को 15000 करोड़ रुपये के इस्तेमाल के लिए 90 दिनों का अतिरिक्त समय मिलेगा. एक्सपोर्ट क्रेडिट समय 12 महीने से बढाकर 15 माह किया जा रहा है।

*महंगाई बढ़ने की आशंका*                             
गवर्नर ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से महंगाई बढ़ने की आशंका है। अनाजों की आपूर्ति एफसीआई से बढ़ानी चाहिए। देश में रबी की फसल अच्छी हुई है। जबकि बेहतर मॉनसून और कृषि से काफी उम्मीदे है। मांग और आपूर्ति का अनुपात गड़बड़ाने से देश की अर्थव्यवस्था थमी हुई है। सरकारी प्रयासों और रिजर्व बैंक की तरफ से उठाए गए कदमों का असर भी सितंबर के बाद दिखना शुरू होगा।

*रेपो रेट अब 4.4 से घटक 4.0 फीसद हुआ*        
रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। रेपो रेट अब 4.4 से घटक अब 4.0 फीसद हुआ। वहीं आरबीआई ने रिवर्स रेपो दर को घटाकर 3.35% कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने बैंक ब्याज दरों में 0.4 फीसद की कटौती की है।
*बिजली व पेट्रोलियम उत्पाद की खपत में गिरावट*                             
RBI गवर्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू करते हुए कहा कि हमें यह भरोसा रखना होगा कि भारत इस मुश्किल वक्त से उबर जाएगा। कोरोना की वजह से आर्थिक नुकसान हुआ है। वहीं भारत में बिजली व पेट्रोलियम उत्पाद की खपत में गिरावट हुई है। आरबीआई ने कहा कि 6 बड़े प्रदेशों में औद्योगिक उत्पादन गिरा है। कोरोना की वजह से आर्थिक नुकसान हुआ है। मार्च में सीमेंट का उत्पादन गिरा है।आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास पिछले दो महीनों में की यह तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस है। कोरोनावायरस संबंधी उपायों से निपटने के लिएआरबीआई गवर्नर ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस 27 मार्च और दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस 17 अप्रैल को की थी। इन दोनों प्रेस कॉन्फ्रेंस में गवर्नर ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए कई उपायों की घोषणा की थी।बता दें भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार सरकार से कॉरपोरेट लोन पर बैंकों को गारंटी देने की मांग कर चुके हैं। पिछले दिनों एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि कोरोना के संकट से निपटने में बैंकों की ओर से दिए जाने वाले कर्ज की भूमिका अहम हो सकती है। देश के सबसे बड़े बैंक के चेयरमैन कुमार ने कहा कि मौजूदा लोन पर ईएमआई छूट की सीमा को छह महीने करने की जरूरत है।बता दें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 27 मार्च को बैंकों व वित्तीय संस्थानों को 1 मार्च 2020 तक बकाया सभी टर्म लोन्स लेने वालों को EMI के भुगतान पर 3 माह का मोरेटोरियम उपलब्ध कराने को कहा था। इस विकल्प में ग्राहक मार्च, अप्रैल और मई माह की अपनी EMI चाहें तो होल्ड कर सकते हैं। हालांकि EMI स्थगन के इन तीन महीनों की अवधि के दौरान ब्याज लगता रहेगा, जो बाद में एक्स्ट्रा EMI के तौर पर देना होगा। जो ग्राहक अपनी EMI होल्ड नहीं करना चाहते, उन्हें कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। उनकी EMI वैसे ही कटती रहेगी, जैसे कट रही थी।

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