आज में जिन सख्सियत के बारे में लिखने जा रहा हूँ। वो तआरुफ़ के मोहताज नही हैं । जी हाँ में हज़रत मौलाना आरिफ उल हक साहब , शाही इमाम मरकज़ ए मस्ज़िद फुस वाली के इमाम की बात कर रहा हूँ। मैने अपनी ज़िंदगी मे हज़रत के जैसा हर दिल अज़ीज़ इंसान नही देखा बड़ौत ही नही आस पास के इलाकों में भी हज़रत लोगो के दिलो में बसे हैं। उनके मशवरे काबिल ए गोर होते हैं । देवबन्द से फारिग होने के साथ साथ हज़रत ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी से भी इल्म हासिल किया । हम लोगो को फक्र हैं कि मौलान आरिफ उल हक साहब की सरपरस्ती में उत्तर भारत हज वेलफेयर सोसायटी काम कर रही हैं । उनका साथ होना हमारे ज़ज़्बे और हिम्मत को और बढ़ाता है। हज़रत का बात करने का अंदाज़ बात कहने का अंदाज़ लाजवाब हैं। उनके लिए कोई छोटा या बड़ा नही है। हजरत शाही इमाम होने के साथ साथ उत्तर-प्रदेश हज वेलफेयर सोसायटी बागपत के साथ हर वक़्त कंधे से कंधा मिला कर हर खिदमत को भी अंजाम देते है । हज़रत का बयान करने का अंदाज़ हो या बात करने का लाज़वाब हैं। आज उत्तर प्रदेश हज वेलफेयर सोसायटी बागपत हज़रत की सरपरस्ती में खिदमत को अंजाम दे रही हैं। और इन्शाअल्लाह आगे भी देगी। अल्लाह सुभान व ताला हज़रत की उम्र में बरकत अता फरमाये ।
अल्लाह हमेशा हज़रत को शिफा के साथ रख्खे। अल्लाह हज़रत को और सभी घर वालो को हमेशा महफूज रखें। में दुआ करता हूँ । हजरत का साथ और उनकी सरपरस्ती हमेशा हमारे साथ रहे । वो ऐसी शख्सियत जो दो दिलो को भी दो पल में मिला दे । और अल्लाह ने वादा किया हैं। दो दिलो को मिलने वाले इंसान को में लाज़िम जन्नत दूँगा । हज़रत की शान में अगर कुछ गलत लिखा गया हो तो अल्लाह के वास्ते माफ् कर दीजियेगा । अल्लाह हज़रत की सरपरस्ती में उत्तर प्रदेश हज वेलफेयर सोसाइटी को खूब खिदमत की तौफीक अता फरमाये।
नदीम समीर अहमद (सचिव)
उत्तर प्रदेश हज वेलफेयर सोसायटी बड़ौत
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