मोहम्मद अदीब अली खान
लॉकडाउन के चलते लोग घर में रहकर ही तरावीह नमाज पड़ रहें हैं। मुअज्ज़िन और दीगर उलेमा-ए-किराम जिनकी इस मुक़ददस माहे-रमज़ान में नमाज़े-तरावीह में क़ुरआन सुनाने पर हदिया की शक्ल में, या किसी और सूरत में जो मदद हो जाती थी, वो बिल्कुल बंद है इसीलिये हम इनको भि याद रखें ।ये ख़ुद्दार और इज्ज़तदार तबक़ा तो किसी से मदद की फ़रियाद भी नहीं कर सकता, किसी के आगे हाथ नहीं फैला सकता। ग़रीबों को आज चावल दाल और दीगर राशन देने वाले, माशाअल्लाह काफ़ी लोग और तंज़ीमें हैं, लेकिन इस तबक़े की तरफ़ बहुत कम लोगों का ध्यान है। और ये तबक़ा हमारी रीढ़ की हड्डी की तरह है। इसका ख़याल रखना हम सब की इनफ़रादी ज़िम्मेदारी है इनकी इमदाद भी अपनी ज़िम्मेदारी समझ कर करनी चाहिए,महामारी से लाखो लोग परेशान हैं कितनी मौतें हो गायीं,ऎसे मे ईद मनाना शॉपिंग करने से बेहतर है उस खर्च से इन सब कि मदद करना चाहिये।*
*भवदीय*
*मोहम्मद अदीब अली खान*..........
*इलाहाबाद महानगर मीडिया प्रभारी*.........
*AIMIM पार्टी (उत्तर प्रदेश)*..........
No comments:
Post a Comment