Friday, July 24, 2020

भीलवाड़ा।लगातार कोरोना संक्रमित मिलने से जिला हॉट स्पॉट बनता जा रहा है। इसका असर राखी बाजार पर भी है। बहनें भाइयों को राखी भेजने से कतरा रही हैं। उनका मानना है कि राखियां कई हाथों से गुजरेंगी। एेसे में संक्रमण का खतरा हो सकता है। बहुत से भाइयों ने बहनों से राखियां नहीं भेजने का आग्रह किया कि वे बाजार से खरीद कर बंधवा लेंगे। रक्षा बंधन पर्व 3 अगस्त को मनाया जाएगा।थोक विक्रेता पीयूष सोडानी ने बताया कि हरियाली तीज राखियां खरीदने के लिए अन्तिम कार्य दिवस माना जाता है। इस दिन से खुदरा बिक्री बढ़ जाती थी। इस बार ऐसे हालात नहीं हैं। हरियाली तीज पर ठाकुरजी े लिए राखी खरीदने का प्रचलन था, लेकिन मंदिर बंद है। अब आखिरी तीन-चार दिन में सेल निकलने की संभावना है। राखियों के थोक विक्रेता 10 से ज्यादा है। करीब एक करोड़ रुपए का व्यापार होता है।चाइनीज राखियां नदारदबाजार में चाइना के बायकॉट का असर दिख रहा है। इसका फायदा भारत के अन्य राज्यों में राखी बनाने वाले कारीगरों को मिला है। बाजार में बच्चों के लिए चाइनीज लाइटिंग फैंसी राखियां न के बराबर हैं। सीमा पर संकट के कारण विक्रेताओं का मालूम था कि बाजार में चीन के खिलाफ आक्रोश है। इसलिए सभी ने ग्राहकों के मूड को भांपते हुए चाइनीज राखियों का स्टाक नहीं किया। उसकी जगह मेटल, छोटा भीम और ग्रीटिंग वाली राखियां उपलब्ध हैं। व्यापारियों का कहना है कि हर साल 20 प्रतिशत चाइनीज राखियों की बिक्री होती थी। चाइनीज राखियों की क्वाालिटी इतनी अच्छी नहीं होती है। स्थानीय राखियों की क्वालिटी अच्छी होती है और उनके दाम भी कम हैं। देसी राखियों में चूड़ा और लूंबा राखी की ज्यादा मांग है।डाक विभाग में भी नहीं आ रही राखियांडाक अधीक्षक का कहना है कि इस बार बाहर भेजने के लिए राखियों के लिफाफे भी नहीं आ रहे हैं। इस दौरान डाक विभाग में राखियों की रजिस्ट्री कराने वलों की कांउंटर पर भीड़ रहती है।

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